एथेरोस्क्लेरोसिस: कारण, लक्षण और जोखिम कारक
Home >Blogs >एथेरोस्क्लेरोसिस: कारण, लक्षण और जोखिम कारक

एथेरोस्क्लेरोसिस: कारण, लक्षण और जोखिम कारक

Cardiology | by Dr. Anil Mishra on 02/06/2025

Table of Contents
  1. एथेरोस्क्लेरोसिस क्या है?
  2. एथेरोस्क्लेरोसिस के लक्षण क्या है?
  3. एथेरोस्क्लेरोसिस के कारण और जोखिम कारक क्या हैं?
  4. एथेरोस्क्लेरोसिस से जुड़ी जटिलताएं क्या हैं?
  5. एथेरोस्क्लेरोसिस का निदान कैसे किया जाता है?
  6. एथेरोस्क्लेरोसिस के उपचार (ऐथिरोस्क्लेरोसिस के उपचार)
  7. निष्कर्ष
  8. अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
    1. एथेरोस्क्लेरोसिस के लिए कौन सी दवा का उपयोग किया जाता है?
    2. एथेरोस्क्लेरोसिस होने पर आपको किन खाद्य पदार्थों से बचना चाहिए?
    3. एथेरोस्क्लेरोसिस के विकास में किस पदार्थ की सबसे बड़ी भूमिका है?
    4. एथेरोस्क्लेरोसिस के लिए कौन सा फल सबसे अच्छा है?
    5. क्या आहार और व्यायाम एथेरोस्क्लेरोसिस को उलट सकते हैं?
    6. एथेरोस्क्लेरोसिस के कारण कौन सी हृदय स्थिति हो सकती है?
    7. मुझे एथेरोस्क्लेरोसिस के बारे में कब चिंता करनी चाहिए?

Summary

एथेरोस्क्लेरोसिस में धमनियों में कोलेस्ट्रॉल और फैट जमने से रक्त प्रवाह बाधित होता है, जिससे हार्ट अटैक और स्ट्रोक जैसी गंभीर बीमारियां हो सकती हैं। समय पर निदान, स्वस्थ जीवनशैली और उचित इलाज से इसे नियंत्रित किया जा सकता है।

क्या आप या आपके कोई प्रियजन दिल की बीमारी की चपेट में हैं? एथेरोस्क्लेरोसिस एक खतरनाक स्थिति है, जिसमें आपकी धमनी (Artery) धीरे-धीरे सख्त और संकरी हो जाती हैं, जिससे दिल को जरूरी खून और ऑक्सीजन मिलने में बाधा आती है। यह सिर्फ दिल की बीमारी नहीं, बल्कि आपके पूरे शरीर की सेहत पर गहरा असर डालती है। 

इस रोग के कारण रक्त के प्रवाह में ब्लॉकेज आ जाती है और हृदय संबंधित बीमारियां जैसे हार्ट अटैक, स्ट्रोक और पेरिफेरल वैस्कुलर डिजीज (Peripheral Vascular disease) परेशान करती है। हाई कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड लेवल, हाई ब्लड प्रेशर, धूम्रपान, डायबिटीज, मोटापा, गतिहीन जीवनशैली और सैचुरेटेड फैट (Saturated Fat) का अधिक सेवन एथेरोस्क्लेरोसिस के मुख्य जोखिम कारक है। दिल की बीमारी में सही समय पर सही इलाज न मिलना बहुत ज्यादा जरूरी है। इसलिए किसी भी प्रकार के लक्षण दिखने पर तुरंत हमारे अनुभवी हृदय रोग विशेषज्ञ से मिलें और इलाज लें।

एथेरोस्क्लेरोसिस क्या है?

एथेरोस्क्लेरोसिस एक ऐसी बीमारी है, जिसमें आपकी धमनियों की दीवारों में फैट, कोलेस्ट्रॉल और अन्य पदार्थ जमा हो जाते हैं, जिन्हें प्लाक कहा जाता है। यह प्लाक धमनियों को कठोर और संकुचित कर देता है, जिससे रक्त का प्रवाह धीमा या बंद हो जाता है। परिणामस्वरूप, हृदय, मस्तिष्क और अन्य अंगों तक पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाता है, जिससे कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा हो सकती हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, दिल की बीमारियों में से लगभग 50% मामले इसी कारण से होते हैं।

एथेरोस्क्लेरोसिस के लक्षण क्या है?

शुरुआती दौर में एथेरोस्क्लेरोसिस के लक्षण सामान्यतः स्पष्ट नहीं होते हैं, लेकिन जैसे-जैसे बीमारी बढ़ती है, यह लक्षण दिखने लगते हैं - 

  • सीने में दर्द (एनजाइना): जब कोरोनरी धमनियां प्रभावित होती हैं।
  • सांस फूलना और कमजोरी: खासकर शारीरिक गतिविधि के दौरान।
  • सिर दर्द, चेहरे का सुन्न पन और कमजोरी: यदि कैरोटिड धमनी प्रभावित हो।
  • पैरों में ऐंठन और दर्द: परिधीय धमनी रोग के कारण।
  • सामान्य कमजोरी, थकान और भूख में कमी: इस समस्या के बाद भूख नहीं लगती है और पेशेंट को लगातार कमजोरी और थकान का अनुभव होता है।

शुरुआत में एथेरोस्क्लेरोसिस के लक्षण बहुत कम दिखते हैं। लेकिन मुख्य रूप से इस स्थिति के लक्षण तब दिखते हैं, जब व्यक्ति की उम्र 10-19 साल के बीच हो जाती है। जब धमनियों की जांच होती है, तो यह प्लाक सफ़ेद रंग का दिखता है। आमतौर पर धमनियों में प्लाक का निर्माण धीरे-धीरे होता है, जिसके कारण कई वर्षों के बाद ही इस स्थिति का निदान हो पाता है।

एथेरोस्क्लेरोसिस की स्थिति में कई लक्षण उत्पन्न होते हैं, लेकिन लक्षण प्रभावित हुई धमनियों के आधार पर निर्भर करते हैं जैसे कि - 

  • कैरोटिड धमनी (Carotid Arteries): जब कैरोटिड धमनी प्रभावित होती है, तो रोगी को स्ट्रोक का सामना करना पड़ता है। इसके साथ-साथ शरीर में कमजोरी, सांस लेने में तकलीफ, सिरदर्द, चेहरे का सुन्न होना, लकवा जैसे स्थिति का भी अनुभव होता है। 
  • कोरोनरी धमनियां (Coronary Arteries): इसके कारण व्यक्ति को एनजाइना (Angina) या सीने में दर्द और दिल के दौरे जैसी स्वास्थ्य समस्या का सामना करना पड़ सकता है। इसके कारण रोगी को सीने में दर्द, उल्टी, अत्यधिक चिंता, खांसी, बेहोशी जैसे लक्षणों का भी सामना करना पड़ता है।
  • गुर्दे की धमनी (Renal Artery): जब यह धमनी प्रभावित होती है, तो मरीज को भूख की कमी, हाथों और पैरों में सूजन और इसके साथ-साथ एक चीज पर फोकस करने में समस्या आती है। 
  • परिधीय (पेरीफेरल) धमनी रोग (Peripheral Artery Disease): इस धमनी के प्रभावित होने पर पैरों की मांसपेशियों में भारीपन के साथ ऐंठन की समस्या होती है। अधिकतर लोगों में इन लक्षणों के साथ दर्द भी होता है।

एथेरोस्क्लेरोसिस के कारण और जोखिम कारक क्या हैं?

एथेरोस्क्लेरोसिस धीरे-धीरे विकसित होते हैं और इसके मुख्य कारण निम्न हैं -

यह सभी कारक मिलकर धमनियों की दीवारों को नुकसान पहुंचाते हैं और प्लाक जमने का खतरा बढ़ाते हैं। भारत में, लगभग 20% वयस्कों में हाई कोलेस्ट्रॉल की समस्या देखी गई है, जो इस रोग की बढ़ती तीव्रता को दर्शाता है।

एथेरोस्क्लेरोसिस से जुड़ी जटिलताएं क्या हैं?

यदि समय रहते एथेरोस्क्लेरोसिस का उपचार न किया जाए, तो यह निम्न गंभीर स्थितियों को जन्म दे सकती हैं - 

इन जटिलताओं से बचने के लिए नियमित स्वास्थ्य जांच और उचित इलाज बेहद जरूरी है।

एथेरोस्क्लेरोसिस का निदान कैसे किया जाता है?

डॉक्टर निदान के लिए निम्न जांच करते हैं -

  • रक्त परीक्षण: कोलेस्ट्रॉल, ट्राइग्लिसराइड, और अन्य रक्त स्तर जांचने के लिए।
  • ईसीजी (ECG) और स्ट्रेस टेस्ट: दिल की धड़कन और दबाव का परीक्षण।
  • इकोकार्डियोग्राम और डॉपलर अल्ट्रासाउंड: रक्त प्रवाह और धमनी की स्थिति का पता लगाने के लिए।
  • कैथीटेराइजेशन और एंजियोग्राफी: जब गंभीर जांच की जरूरत हो।
  • कोरोनरी धमनी का कैल्शियम स्कैन: कोरोनरी धमनी का कैल्शियम स्कैन धमनियों में कैल्शियम जमा का पता लगाने और हृदय रोग के जोखिम का आकलन करने के लिए किया जाता है।

इन टेस्ट की मदद से डॉक्टर उपचार की सबसे उपयुक्त योजना बनाते हैं।

एथेरोस्क्लेरोसिस के उपचार (ऐथिरोस्क्लेरोसिस के उपचार)

इलाज में मुख्य रूप से तीन पहलुओं पर ध्यान दिया जाता है:

जीवनशैली में बदलाव:

  • संतुलित और कम कोलेस्ट्रॉल वाला आहार
  • नियमित व्यायाम और वजन नियंत्रण
  • धूम्रपान और शराब से परहेज
  • तनाव प्रबंधन

दवाओं का सेवन:

  • कोलेस्ट्रॉल कम करने वाली दवाएं (स्टेटिन्स)
  • बीटा ब्लॉकर्स और कैल्शियम चैनल ब्लॉकर्स
  • रक्त पतला करने वाली दवाएं (एंटीकोआगुलेंट्स)
  • ब्लड प्रेशर नियंत्रित करने वाली दवाएं

सर्जिकल उपचार:

निष्कर्ष

यदि स्थिति ज्यादा गंभीर हो जाए या फिर जान का खतरा लगातार बना रहे, तो सर्जरी की आवश्यकता पड़ती है। दिल की बीमारी के गंभीर मामलों में सर्जरी को ही प्राथमिकता दी जाती है। एथेरोस्क्लेरोसिस के इलाज के लिए बाईपास सर्जरी को सबसे उत्तम विकल्प माना जाता है। वहीं कुछ मामलों में थ्रांबोलिटिक थेरेपी का भी उपयोग हो सकता है। लक्षण दिखने पर तुरंत हमसे बात करें और इलाज के विकल्पों पर विचार करें।

समय पर सही उपचार से एथेरोस्क्लेरोसिस को नियंत्रित किया जा सकता है और जीवन की गुणवत्ता बेहतर बनायी जा सकती है।

अगर आपको एथेरोस्क्लेरोसिस के लक्षण महसूस हों या जोखिम कारक आपके जीवन में मौजूद हों, तो आज ही विशेषज्ञ से संपर्क करें और अपनी सेहत को सुरक्षित बनाएं।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

एथेरोस्क्लेरोसिस के लिए कौन सी दवा का उपयोग किया जाता है?

स्टेटिन्स, बीटा ब्लॉकर्स, कैल्शियम चैनल ब्लॉकर्स और रक्त पतला करने वाली दवाएं आमतौर पर दी जाती हैं। यह दवाएं कोलेस्ट्रॉल कम करके और रक्त प्रवाह सुधारकर मदद करती हैं।

एथेरोस्क्लेरोसिस होने पर आपको किन खाद्य पदार्थों से बचना चाहिए?

तला हुआ, सैचुरेटेड और ट्रांस फैट वाला खाना, ज्यादा नमक और प्रोसेस्ड फूड से बचना चाहिए। ये पदार्थ धमनियों में प्लाक बढ़ा सकते हैं।

एथेरोस्क्लेरोसिस के विकास में किस पदार्थ की सबसे बड़ी भूमिका है?

कोलेस्ट्रॉल, खासकर एलडीएल कोलेस्ट्रॉल, धमनी की दीवारों पर जमकर प्लाक बनाता है। यह स्थिति रक्त प्रवाह को बाधित करती है।

एथेरोस्क्लेरोसिस के लिए कौन सा फल सबसे अच्छा है?

एथेरोस्क्लेरोसिस की स्थिति में सेब, नींबू और बेरीज जैसे फल कोलेस्ट्रॉल कम करने में मदद करते हैं और हृदय को स्वस्थ रखते हैं।

क्या आहार और व्यायाम एथेरोस्क्लेरोसिस को उलट सकते हैं?

जीवन शैली सुधार से बीमारी की प्रगति धीमी हो सकती है और हृदय की सेहत बेहतर हो सकती है। यह उपचार के साथ सहायक होता है।

एथेरोस्क्लेरोसिस के कारण कौन सी हृदय स्थिति हो सकती है?

हार्ट अटैक, एंजाइना और हार्ट फेलियर जैसी गंभीर स्थितियां हो सकती हैं। यही कारण है कि इस स्थिति में सही इलाज जरूरी है।

मुझे एथेरोस्क्लेरोसिस के बारे में कब चिंता करनी चाहिए?

सीने में दर्द, सांस फूलना या कमजोरी जैसे लक्षण दिखें तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। जोखिम कारक मौजूद हों तो नियमित जांच कराएं।

Written and Verified by:

Dr. Anil Mishra

Dr. Anil Mishra

Director Exp: 33 Yr

Cardiology

Book an Appointment

Similar Blogs

Rheumatic Heart Disease: How Timely Treatment Can Save Your Heart

Rheumatic Heart Disease: How Timely Treatment Can Save Your Heart

read more
हृदय स्वास्थ्य में ओमेगा-3 फैटी एसिड की भूमिका: एक डॉक्टर का दृष्टिकोण

हृदय स्वास्थ्य में ओमेगा-3 फैटी एसिड की भूमिका: एक डॉक्टर का दृष्टिकोण

read more
लिपिड प्रोफाइल क्या है? कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स को जानें

लिपिड प्रोफाइल क्या है? कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स को जानें

read more
How Exercise Prevents Heart Disease: Your Essential Guide

How Exercise Prevents Heart Disease: Your Essential Guide

read more

View more

Book Your Appointment TODAY

Related Diseases & Treatments

Treatments in Kolkata

Cardiology Doctors in Kolkata

NavBook Appt.WhatsappWhatsappCall Now