एथेरोस्क्लेरोसिस वह स्थिति है, जिसमें शरीर की धमनी (Artery) प्लाक के जमने के कारण सख्त हो जाती हैं या सिकुड़ जाती हैं। इसके कारण रक्त के प्रवाह में ब्लॉकेज आ जाती है और हृदय संबंधित बीमारियां जैसे हार्ट अटैक, स्ट्रोक और पेरिफेरल वैस्कुलर डिजीज (Peripheral Vascular disease) परेशान करती है। हाई कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड लेवल, हाई ब्लड प्रेशर, धूम्रपान, डायबिटीज, मोटापा, गतिहीन जीवनशैली और सैचुरेटेड फैट (Saturated Fat) का अधिक सेवन एथेरोस्क्लेरोसिस के मुख्य जोखिम कारक है। इससे बचने के लिए एथेरोस्क्लेरोसिस के लक्षणों (Symptoms of Atherosclerosis) को पहचान कर तुरंत एक अच्छे कार्डियोलॉजी डॉक्टर से मिलना चाहिए और इलाज की योजना पर विचार करना चाहिए।
एथेरोस्क्लेरोसिस एक ऐसी स्थिति है, जिसमें शरीर की धमनियों या आर्टरी में फैट, कोलेस्ट्रॉल और अन्य रसायन जमा हो जाते हैं। इस रसायनों के जमाव को प्लाक (Plaque) कहा जाता है। इस जमे हुए प्लाक के कारण धमनियां पतली हो जाती हैं, जिससे रक्त प्रवाह में बाधा उत्पन्न होती है। एथेरोस्क्लेरोसिस हृदय से संबंधित रोग है, लेकिन इस रोग के कारण पूरे शरीर की धमनियां प्रभावित हो सकती हैं।
शुरुआत में एथेरोस्क्लेरोसिस के लक्षण बहुत कम दिखते हैं। लेकिन मुख्य रूप से इस स्थिति के लक्षण तब दिखते हैं, जब व्यक्ति की उम्र 10-19 साल के बीच हो जाती है। जब धमनियों की जांच होती है, तो यह प्लाक सफ़ेद रंग का दिखता है। आमतौर पर धमनियों में प्लाक का निर्माण धीरे-धीरे होता है, जिसके कारण कई वर्षों के बाद ही इस स्थिति का निदान हो पाता है।
एथेरोस्क्लेरोसिस की स्थिति में कई लक्षण उत्पन्न होते हैं, लेकिन लक्षण प्रभावित हुई धमनियों के आधार पर निर्भर करते हैं जैसे -
यह रोग एक व्यक्ति को धीरे-धीरे समय के साथ प्रभावित करती है। एथेरोस्क्लेरोसिस की समस्या के निम्न कारण हो सकते हैं -
एथेरोस्क्लेरोसिस स्वयं एक बड़ी स्वास्थ्य समस्या है। लेकिन कुछ जोखिम कारक हैं, जो इस स्थिति को और भी ज्यादा प्रभावित कर सकते हैं जैसे -
यदि किसी भी कारणवश एथेरोस्क्लेरोसिस का सही समय पर इलाज नहीं होता है, तो यह धमनियां सख्त हो जाती हैं और कुछ स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं जैसे -
यदि कोई भी इन स्थितियों से बचना चाहता है, तो हम आपको सलाह देंगे कि आप तुरंत इलाज के बारे में विचार करें और परामर्श लें।
इलाज से पहले कुछ टेस्ट किए जाते हैं, जिसकी वजह से इलाज की सटीक योजना पर विचार किया जा सकता है। इलाज से पहले निम्न परीक्षण करवाए जाते हैं -
इन टेस्ट के रिपोर्ट की मदद से इलाज की योजना बनाने में मदद मिलती है। शुरुआती मामलों में इलाज के लिए निम्न दवाओं का सुझाव दिया जाता है -
यदि स्थिति ज्यादा गंभीर हो जाए या फिर जान का खतरा लगातार बना रहे, तो सर्जरी की आवश्यकता पड़ती है। दिल की बीमारी के गंभीर मामलों में सर्जरी को ही प्राथमिकता दी जाती है। एथेरोस्क्लेरोसिस के इलाज के लिए बाईपास सर्जरी को सबसे उत्तम विकल्प माना जाता है। वहीं कुछ मामलों में थ्रांबोलिटिक थेरेपी का भी उपयोग हो सकता है। लक्षण दिखने पर तुरंत हमसे बात करें और इलाज के विकल्पों पर विचार करें।
एथेरोस्क्लेरोसिस का निदान फिजिकल एग्जामिनेशन, ब्लड टेस्ट और इमेजिंग टेस्ट के माध्यम से संभव है। सबसे पहले एक अनुभवी हृदय रोग विशेषज्ञ से परामर्श लें और इलाज की योजना पर विचार करें।
एथेरोस्क्लेरोसिस के इलाज के लिए कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना होगा जैसे -
एथेरोस्क्लेरोसिस को रोकने के लिए निम्न चीजों का पालन करना चाहिए -
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