कोरोनरी आर्टरी डिजीज के कारण और उपचार
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कोरोनरी आर्टरी डिजीज के कारण और उपचार

Summary

कोरोनरी धमनी रोग (सीएडी) या कोरोनरी हृदय रोग हृदय की वह स्थिति है, जिसमें ऑक्सीजन और पोषक तत्वों से भरपूर रक्त हृदय तक नहीं पहुंच पाता है। इसके पीछे का कारण है, रक्त की आपूर्ति करने वाली धमनियों में प्लाक का निर्माण होना है, जिससे धमनियां संकरी हो जाती है, जो अंततः रक्त प्रवाह में बाधा डाल सकती है। इसके कारण कई सारी समस्याएं भी उत्पन्न हो सकती हैं जैसे कि सीने में दर्द, सांस लेने में तकलीफ या दिल का दौरा पड़ना।

कोरोनरी धमनी रोग (सीएडी) या कोरोनरी हृदय रोग हृदय की वह स्थिति है, जिसमें ऑक्सीजन और पोषक तत्वों से भरपूर रक्त हृदय तक नहीं पहुंच पाता है। इसके पीछे का कारण है, रक्त की आपूर्ति करने वाली धमनियों में प्लाक का निर्माण होना है, जिससे धमनियां संकरी हो जाती है, जो अंततः रक्त प्रवाह में बाधा डाल सकती है। इसके कारण कई सारी समस्याएं भी उत्पन्न हो सकती हैं जैसे कि सीने में दर्द, सांस लेने में तकलीफ या दिल का दौरा पड़ना।

चलिए इस प्रश्न का उत्तर थोड़ा और सटीकता से जानते हैं - “कोरोनरी आर्टरी डिजीज क्या है?” सीएडी या कोरोनरी आर्टरी डिजीज एक धीरे-धीरे विकसित होने वाली स्वास्थ्य समस्या है, जिसके लक्षण तब तक नहीं दिखते हैं, जब तक स्थिति गंभीर न हो जाए। हालांकि इसके कारण की समय पर पुष्टि के बाद इस स्थिति का इलाज संभव हो सकता है। सीएडी के पीछे का एक मुख्य जोखिम कारक हाई कोलेस्ट्रॉल, उच्च रक्तचाप और मधुमेह है। लगभग 21% सीएडी के पेशेंट हाई ब्लड प्रेशर की समस्या का सामना करते हैं। इसलिए आज ही सही कदम उठाएं और हृदय स्वस्थ आदतों को अपनाएं। एक अनुभवी हृदय रोग विशेषज्ञ इस स्थिति में आपकी मदद कर सकते हैं।

कोरोनरी आर्टरी डिजीज के कारण

जैसा कि हमने आपको पहले भी बताया है कि जब हृदय तक रक्त को पहुंचाने वाली रक्त वाहिकाएं संकुचित (पतली) हो जाती हैं, तो कोरोनरी धमनी रोग (सीएडी) की समस्या तब होती है। यह स्वास्थ्य समस्या कई कारणों से एक व्यक्ति को परेशान कर सकती है जैसे कि - 

  • उम्र: बढ़ती उम्र के साथ, धमनियों में संकुचन भी बढ़ने लगती है और हृदय को होने वाली क्षति भी बढ़ने लगती है। उम्र के साथ धमनियां अपना लचीलापन भी खोने लगती है, जिससे अंत में यह स्वास्थ्य समस्या उत्पन्न हो सकती है। 
  • लिंग: कई लोगों के मन में यह धारणा भी है कि पुरुष कोरोनरी आर्टरी डिजीज का सामना अधिक करते हैं। असल जीवन में दोनों, पुरुष और महिलाएं इस रोग के जोखिम के दायरे में आते हैं, लेकिन मेनोपॉज के बाद महिलाएं इस रोग से अधिक प्रभावित हो सकती हैं। 
  • फैमिली मेडिकल हिस्ट्री: यदि घर परिवार में किसी को भी हृदय की समस्या रही है और उनकी उम्र 55 से कम है, तो इसका अर्थ यह है कि आप भी इस रोग के खतरे के दायरे में आते हैं। 
  • धूम्रपान: यदि आप भी धूम्रपान करते हैं, तो आप भी कोरोनरी धमनी रोग की चपेट में आ सकते हैं। यदि आप पैसिव स्मोकर हैं, तो यह भी आपके लिए खतरे का संकेत है और इससे आपको बचना चाहिए। 
  • हाई ब्लड प्रेशर: यह चिकित्सीय रूप से प्रमाणित है कि हाई ब्लड प्रेशर के कारण रक्त धमनियों को नुकसान पहुंचता है, जिससे वह मोटी और सख्त हो जाती हैं। इसके कारण हृदय रोग का खतरा भी कई गुना बढ़ जाता है। 
  • उच्च कोलेस्ट्रॉल:हाई कोलेस्ट्रॉल की स्थिति में प्लाक का निर्माण होता है, जिससे धमनियों में समस्या होती है, जिसे मेडिकल भाषा में एथेरोस्क्लेरोसिस कहा जाता है। इसमें गुड कोलेस्ट्रॉल (HDL) और बैड कोलेस्ट्रॉल (LDL) के स्तर की जांच होती है। 
  • मधुमेह: डायबिटीज हृदय रोग का एक मुख्य जोखिम कारक है। विशेष रूप से टाइप 2 मधुमेह वाले लोगों को अधिक सचेत रहने की आवश्यकता होती है। 
  • अधिक वजन या मोटापा: ऊपर बताए कारकों की वजह से भी मोटापे की समस्या उत्पन्न हो सकती है, जो की हृदय रोग का कारण बन सकती है।
  • शारीरिक निष्क्रियता: यदि आप सारा दिन कुछ भी नहीं करते हैं और सिर्फ आपका ध्यान खाने-पीने पर रहता है, तो इससे कई सारी स्वास्थ्य समस्याएं आपको घेर सकती हैं, जिसमें हृदय रोग मुख्य समस्या है। 
  • उच्च तनाव: हाई स्ट्रेस या तनाव आपके हृदय के लिए बहुत ज्यादा खतरनाक साबित हो सकता है क्योंकि इस दौरान हृदय की दर अनियमित रहती है, जिससे सीएडी का खतरा लगातार बना रहता है। 

कोरोनरी धमनी रोग का उपचार

कोरोनरी धमनी रोग के इलाज के लिए आपको अधिक सोचने समझने की आवश्यकता नहीं है। यदि आप अंजान है कि आपको क्या करना चाहिए और क्या नहीं, सबसे पहले अनुभवी हृदय रोग विशेषज्ञ से मिलें या फिर निम्न बातों का पालन करें - 

जीवनशैली में बदलाव

जीवनशैली में कुछ बदलाव की सहायता से सीएडी के लक्षणों से राहत मिल सकती है। चलिए कुछ हृदय स्वस्थ जीवनशैली कारकों के बारे में जानते हैं - 

  • धूम्रपान के कारण रक्त वाहिकाएं संकुचित हो जाती है, जिससे रक्त प्रवाह में समस्या उत्पन्न हो सकती है, लेकिन इसे छोड़ने मात्र से ही ब्लड प्रेशर भी कम होता है और हृदय रोग का खतरा भी कम होता है। 
  • नियमित व्यायाम हृदय को स्वस्थ रखने का कार्य करता है, जिससे शरीर का मेटाबॉलिज्म दुरुस्त रहता है और अन्य स्वास्थ्य समस्या व्यक्ति को परेशान नहीं करते हैं। हर व्यक्ति को रोजाना कम से कम 30 मिनट या सप्ताह में कम से कम 150 मिनट तक व्यायाम करना चाहिए। 
  • हृदय स्वस्थ आहार जैसे कि फल, सब्जियां, होल ग्रेन्स और लीन प्रोटीन हृदय को स्वस्थ रखने में मदद कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त अनहेल्दी फैट और सोडियम को अपने आहार से दूर ही रखें। 
  • तनाव को कम करने के लिए योग और मेडिटेशन आपकी मदद कर सकते हैं। स्ट्रेस को कम करने से बहुत सारी स्वास्थ्य समस्याएं खत्म हो सकती हैं। 

दवाएं

कुछ प्रकार की दवाएं हैं, जिससे हृदय रोग के खतरे को टाला जा सकता है, जैसे कि - 

  • स्टेटिन प्लाक के निर्माण को कम करके कोलेस्ट्रॉल को कम कर सकता है।
  • एस्पिरिन जैसी एंटीप्लेटलेट दवाएं रक्त के थक्के नहीं बनने देते हैं। 
  • बीटा-ब्लॉकर्स की सहायता से हृदय गति और रक्तचाप को कम करने में मदद मिल सकती है।

चिकित्सा प्रक्रिया

कुछ प्रकार की चिकित्सा प्रक्रियाएं है, जिनसे हृदय रोगियों को बहुत मदद मिल सकती है - 

नियमित जांच

यदि आप अनुभवी विशेषज्ञों से नियमित जांच कराते हैं, तो वह कुछ कारकों पर अपना ध्यान केंद्रित कर सकते हैं जैसे कि हाई कोलेस्ट्रॉल, और डायबिटीज के वर्तमान स्तर। यदि उन्हें कोई भी जोखिम लगता भी है, तो वह समय रहते चिकित्सा हस्तक्षेप कर सकते है जिससे कोरोनरी आर्टरी डिजीज से बचने में मदद मिल सकती है।

स्वस्थ जीवनशैली विकल्प, दवाइयां और कुछ मामलों में सर्जरी से कोरोनरी धमनी रोग का इलाज प्रभावी ढंग से हो सकता है। अधिक समस्या दिखने पर तुरंत अनुभवी कार्डियोलॉजिस्ट से मिलें और इलाज लें।

अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्न

 

कोरोनरी धमनी रोग के लक्षण क्या है?

कोरोनरी धमनी रोग के कारण कई सारे लक्षण उत्पन्न हो सकते हैं जैसे कि - 

  • सीने में दर्द होना
  • सांस की तकलीफ
  • थकान
  • चक्कर आना
  • दिल की धड़कन में उतार चढ़ाव

क्या कोरोनरी धमनी रोग दिल के दौरे का कारण बन सकता है?

हां, कई मामलों में कोरोनरी धमनी रोग के कारण रक्त प्रवाह बाधित हो सकती है, जिससे दिस का दौरा भी पड़ सकता है। 

क्या आपको बिना लक्षण के कोरोनरी धमनी रोग हो सकता है?

इस बात में पूर्ण सत्यता है कि कोरोनरी धमनी रोग के कई मामलों में लक्षण दिखते नहीं है। उन स्थितियों को "साइलेंट" रोग के नाम से भी जाना जाता है।

कोरोनरी धमनी रोग के दौरान क्या खाना चाहिए?

कोरोनरी धमनी रोग के दौरान कुछ खाद्य पदार्थों के सेवन की सलाह हमेशा दी जाती है जैसे कि - 

  • फल
  • सब्जियां 
  • ओमेगा-3 युक्त मछली
  • होल ग्रेन्स
  • कम वसा वाले खाद्य पदार्थ

Written and Verified by:

Dr. Ashok B Malpani

Dr. Ashok B Malpani

Senior Consultant Exp: 34 Yr

Cardiology

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