तनाव का सीधा संबंध हृदय स्वास्थ्य से होता है। यदि जीवन में तनाव अधिक है, तो इसके कारण कई सारी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। इसकी वजह से ब्लड प्रेशर और हृदय गति में वृद्धि देखी जाती है, जिससे हृदय रोग, स्ट्रोक और अन्य हृदय संबंधी समस्याओं का खतरा भी कई गुना बढ़ जाता है।
आप तनाव को इस भागदौड़ भरी जिंदगी का एक मुख्य विलेन मान सकते हैं। काम के बोझ के साथ घर परिवार की जिम्मेदारी और आर्थिक समस्या तनाव का प्रमुख कारण है। हालांकि इस व्यस्त जीवन का तनाव एक मुख्य भाग है, लेकिन जब यह आपके जीवन का अभिन्न अंग बन जाए तो यह आपके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करने लगता है। तनाव की स्थिति में सबसे बेहतर और सही विकल्प होता है एक अनुभवी हृदय रोग विशेषज्ञ से परामर्श करना।
तनाव का सीधा संबंध हृदय स्वास्थ्य से होता है। यदि जीवन में तनाव अधिक है, तो इसके कारण कई सारी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। इसकी वजह से ब्लड प्रेशर और हृदय गति में वृद्धि देखी जाती है, जिससे हृदय रोग, स्ट्रोक और अन्य हृदय संबंधी समस्याओं का खतरा भी कई गुना बढ़ जाता है। सरल शब्दों में कहा जाए तो तनाव मुख्य रूप से हृदय की मांसपेशियों को कमजोर कर देता है और रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचाता है जो रक्त प्रवाह में बाधा का कारण बनता है।
तनाव या स्ट्रेस कुछ लोगों के जीवन का एक ऐसा साथी बन जाता है, जो उसके शारीरिक और भावनात्मक दोनों स्वास्थ्य पर भारी प्रभाव डालता है। लंबे समय से परेशान करने वाले तनाव को क्रोनिक स्ट्रेस कहा जाता है, जिसकी वजह से ही कई लक्षण उत्पन्न होते हैं जैसे कि -
तनाव के कारण सबसे पहले हमारे चित्त या मनोभाव पर प्रभाव पड़ता है जैसे कि -
कुछ लोग क्रोनिक स्ट्रेस से निपटने के लिए कुछ ऐसी आदतें लगा देते हैं, जिसका प्रभाव स्वास्थ्य पर बहुत ज्यादा देखने को मिलता है जैसे कि -
तनाव का असर सिर्फ दिमाग पर ही नहीं, पूरे शरीर पर देखने को मिलता है। तनाव की स्थिति में निम्न लक्षण उत्पन्न हो सकते हैं -
आपकी तनाव के कारण त्वचा भी प्रभावित होती है, जिसके कारण चेहरे पर उभरे हुए दाने दिखने लगते हैं। यह सारे लक्षण दिखने पर हम आपको सलाह देंगे कि तनाव को कम करने के लिए किसी अच्छे कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर या हृदय रोग विशेषज्ञ से परामर्श लें। वह आपकी मदद कर सकते हैं।
कई कारणों से तनाव की स्थिति उत्पन्न हो सकती है जैसे -
तनाव का प्रबंधन बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह उस व्यक्ति के साथ पूरे परिवार को प्रभावित कर सकता है। यदि सही तरीके से तनाव का प्रबंधन होता है, तो मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार देखने को मिलता है। तनाव प्रबंधन कई तरीकों से किया जा सकता है, जैसे -
उच्च रक्तचाप या हाई ब्लड प्रेशर हृदय रोग और स्ट्रोक का एक प्रमुख जोखिम कारक है। तनाव के कारण ब्लड प्रेशर बढ़ता है। यही कारण है कि तनाव का प्रबंधन बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण होता है। निम्न तरीकों से आप तनाव का प्रबंधन कर सकते हैं, जिससे ब्लड प्रेशर भी कंट्रोल में रहता है -
तनाव को हमेशा के लिए खत्म नहीं किया जा सकता है, लेकिन इसे मैनेज करना आसान है। स्वस्थ जीवनशैली के साथ समय का प्रबंधन तनाव को कम करने में मदद कर सकता है। जीवन में कम तनाव हृदय के स्वास्थ्य की रक्षा कर सकता है और समग्र स्वास्थ्य में भी सुधार कर सकता है। तनाव या फिर हृदय संबंधित समस्या होने पर हम आपको सलाह देंगे कि हमारे या फिर किसी भी अनुभवी हृदय रोग विशेषज्ञ से परामर्श लें।
तनाव एक शारीरिक और मानसिक प्रतिक्रिया है, जो किसी न किसी कारण से उत्पन्न होती है। इसके कारण कई समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं, जैसे असामान्य हृदय गति, हाई ब्लड प्रेशर, सांस लेने की असमान्य दर, इत्यादि।
मानसिक तनाव को दूर करने के लिए आप निम्न उपायों का पालन कर सकते हैं जैसे -
मुख्य रूप से तनाव दो प्रकार के होते हैं जैसे -
तनाव से बाहर निकलने में कई चीजें आपकी मदद कर सकती हैं जैसे -
Written and Verified by:
Similar Blogs
How Exercise Prevents Heart Disease: Your Essential Guide
read moreदिल की बीमारी की फैमिली हिस्ट्री है तो इस तरह रखें अपने हार्ट का ख्याल
read moreMarfan Syndrome & Heart Health: Understanding the Cardiovascular Impact
read moreएथेरोस्क्लेरोसिस: कारण, लक्षण और जोखिम कारक
read moreBook Your Appointment TODAY
© 2024 BMB Kolkata. All Rights Reserved.