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तनाव का हृदय स्वास्थ्य पर प्रभाव और प्रबंधन के तरीके

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तनाव का हृदय स्वास्थ्य पर प्रभाव और प्रबंधन के तरीके

Cardiology | by Dr. Shuvo Dutta | Published on 17/07/2024


आप तनाव को इस भागदौड़ भरी जिंदगी का एक मुख्य विलेन मान सकते हैं। काम के बोझ के साथ घर परिवार की जिम्मेदारी और आर्थिक समस्या तनाव का प्रमुख कारण है। हालांकि इस व्यस्त जीवन का तनाव एक मुख्य भाग है, लेकिन जब यह आपके जीवन का अभिन्न अंग बन जाए तो यह आपके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करने लगता है। तनाव की स्थिति में सबसे बेहतर और सही विकल्प होता है एक अनुभवी हृदय रोग विशेषज्ञ से परामर्श करना।

तनाव का हृदय स्वास्थ्य पर प्रभाव

तनाव का सीधा संबंध हृदय स्वास्थ्य से होता है। यदि जीवन में तनाव अधिक है, तो इसके कारण कई सारी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। इसकी वजह से ब्लड प्रेशर और हृदय गति में वृद्धि देखी जाती है, जिससे हृदय रोग, स्ट्रोक और अन्य हृदय संबंधी समस्याओं का खतरा भी कई गुना बढ़ जाता है। सरल शब्दों में कहा जाए तो तनाव मुख्य रूप से हृदय की मांसपेशियों को कमजोर कर देता है और रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचाता है जो रक्त प्रवाह में बाधा का कारण बनता है।

तनाव के लक्षण

तनाव या स्ट्रेस कुछ लोगों के जीवन का एक ऐसा साथी बन जाता है, जो उसके शारीरिक और भावनात्मक दोनों स्वास्थ्य पर भारी प्रभाव डालता है। लंबे समय से परेशान करने वाले तनाव को क्रोनिक स्ट्रेस कहा जाता है, जिसकी वजह से ही कई लक्षण उत्पन्न होते हैं जैसे कि -

भावनात्मक और मानसिक (मनोवैज्ञानिक) लक्षण

तनाव के कारण सबसे पहले हमारे चित्त या मनोभाव पर प्रभाव पड़ता है जैसे कि - 

  • चिंता या चिड़चिड़ेपन की भावना बने रहना।
  • डिप्रेशन
  • घबराहट होना
  • अत्यधिक उदासी
  • कम आत्मसम्मान की भावना होना
  • व्यवहार में बदलाव

कुछ लोग क्रोनिक स्ट्रेस से निपटने के लिए कुछ ऐसी आदतें लगा देते हैं, जिसका प्रभाव स्वास्थ्य पर बहुत ज्यादा देखने को मिलता है जैसे कि - 

  • अत्यधिक शराब का सेवन
  • जुए की लत
  • खाना खाने की आदतों में बदलाव
  • बिना कारण शॉपिंग करना, जो फिर से आपको स्ट्रेस में डाल दे
  • धूम्रपान या अन्य हानिकारक पदार्थों का सेवन।

तनाव के शारीरिक लक्षण

तनाव का असर सिर्फ दिमाग पर ही नहीं, पूरे शरीर पर देखने को मिलता है। तनाव की स्थिति में निम्न लक्षण उत्पन्न हो सकते हैं - 

  • लगातार सिरदर्द, चक्कर आना या कांपना।
  • दस्त या उल्टी होना।
  • दिल की धड़कन तेज होना या सीने में दर्द होना।
  • पीरियड्स साइकिल में समस्या।
  • सोने में समस्या और लगातार थकान का अनुभव होना।
  • ब्लड प्रेशर में वृद्धि (हाइपरटेंशन)।
  • मांसपेशियों या जबड़े में जकड़न महसूस होना।
  • पेट खराब होना या पाचन संबंधी समस्याएं होना।
  • यौन स्वास्थ्य में समस्या।
  • शारीरिक संबंध बनाने में समस्या होना।
  • कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली।
  • अचानक वजन कम होना या बढ़ना।

आपकी तनाव के कारण त्वचा भी प्रभावित होती है, जिसके कारण चेहरे पर उभरे हुए दाने दिखने लगते हैं। यह सारे लक्षण दिखने पर हम आपको सलाह देंगे कि तनाव को कम करने के लिए किसी अच्छे कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर या हृदय रोग विशेषज्ञ से परामर्श लें। वह आपकी मदद कर सकते हैं।

तनाव के कारण और प्रभाव

कई कारणों से तनाव की स्थिति उत्पन्न हो सकती है जैसे -

  • काम का बोझ: ज्यादा काम या लंबे समय तक काम करना तनाव का मुख्य कारण बन सकता है। 
  • पारिवारिक जिम्मेदारियां: घर परिवार की जिम्मेदारियां तनाव के साथ आती है। 
  • आर्थिक चिंताएं: लौन, लगातार नौकरी और महंगाई का तनाव बना रहना। 
  • अन्य कारक: रिश्तों में समस्याएं, बीमारी, और प्राकृतिक आपदाएं।

तनाव प्रबंधन का महत्व और उपाय

तनाव का प्रबंधन बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह उस व्यक्ति के साथ पूरे परिवार को प्रभावित कर सकता है। यदि सही तरीके से तनाव का प्रबंधन होता है, तो मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार देखने को मिलता है। तनाव प्रबंधन कई तरीकों से किया जा सकता है, जैसे - 

  • नियमित व्यायाम करें: व्यायाम की मदद से तनाव वाले हार्मोन को कम करने में मदद मिलती है। इसके साथ-साथ एंडोर्फिन को बढ़ाने में भी मदद मिलती है, जिससे मूड भी अच्छा हो जाता है।
  • स्वस्थ आहार: स्वस्थ और स्वादिष्ट आहार से ऊर्जा भी मिलती है और तनाव से लड़ने की क्षमता में भी वृद्धि होती है। 
  • पर्याप्त नींद लें: नींद की कमी भी तनाव का एक मुख्य कारण है। हर रोज रात को 7-8 घंटे की नींद आपको स्वस्थ रखने में मददगार साबित हो सकती है। 
  • आराम करें: योग, ध्यान और मेडिटेशन से तनाव को कम किया जा सकता है और शरीर, मन और मस्तिष्क को भी आराम मिलता है। 
  • समय प्रबंधन: यदि आप अपने समय को सही तरीके से बांट लेते हैं और उसी समय सारणी का पालन करते हैं तो तनाव अपने आप कम हो जाएगा। 
  • सामाजिक समर्थन: दोस्त, परिवार और प्रियजनों से बात करने से तनाव की स्थिति से निपटने में बहुत मदद मिलती है। 
  • पेशेवर से मदद लें: तनाव को कम करने में मनोवैज्ञानिक या किसी पेशेवर से मदद ली जा सकती है।

उच्च रक्तचाप तनाव प्रबंधन

उच्च रक्तचाप या हाई ब्लड प्रेशर हृदय रोग और स्ट्रोक का एक प्रमुख जोखिम कारक है। तनाव के कारण ब्लड प्रेशर बढ़ता है। यही कारण है कि तनाव का प्रबंधन बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण होता है। निम्न तरीकों से आप तनाव का प्रबंधन कर सकते हैं, जिससे ब्लड प्रेशर भी कंट्रोल में रहता है - 

  • अतिरिक्त वजन घटाएं: अतिरिक्त वजन ब्लड प्रेशर को बढ़ाता है, जिससे नींद में भी समस्या होती है। लगभग 1 किलोग्राम वजन कम करने से ब्लड प्रेशर में 1 mm Hg तक की कमी आती है। यही कारण है कि ब्लड प्रेशर को प्रभावी ढंग से कम करने में वजन कम करना बहुत लाभकारी साबित हो सकता है।
  • नियमित रूप से व्यायाम करें: एरोबिक व्यायाम करने से ब्लड प्रेशर लगभग 5-8 mm Hg तक कम हो सकता है। प्रयास करें कि हर रोग कम से कम 30 मिनट तक व्यायाम करें। 
  • स्वस्थ आहार लें: ऐसे आहार का सेवन करें जिसमें होल ग्रेन्स, फल, सब्जियां और कम वसा वाले डेयरी उत्पाद हो। सैचुरेटेड फैट और कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को सीमित करने का प्रयास करें। DASH या मेडिटेरेनियन डाइट की मदद से बीपी 11 mm Hg तक कम कर सकते हैं। 
  • नमक (सोडियम) का सेवन कम करें: प्रयास करें कि रोजाना 1,500-2,300 मिलीग्राम तक सोडियम का ही सेवन करें। इसके अतिरिक्त प्रोसेस्ड फूड से भी दूरी बनाएं। 
  • शराब का सेवन सीमित करें: यदि आप रोजाना शराब पीते हैं, तो इसे सीमित करने का प्रयास करें, अन्यथा इसे पूर्ण रूप से छोड़ दें। यदि आप छोड़ नहीं पा रहे हैं, तो महिलाएं दिन में एक ड्रिंक और पुरुष दिन में दो ड्रिंक ही लें। 
  • धूम्रपान छोड़ें: धूम्रपान को जितना जल्दी आप छोड़ सकते हैं, छोड़ दें। इससे समग्र स्वास्थ्य में सुधार देखने को मिलेगा। 
  • गुणवत्तापूर्ण नींद लें: कम से कम सात घंटे की नींद ब्लड प्रेशर को सीमित करने में मदद कर सकता है। 
  • घर पर ब्लड प्रेशर की जांच करें: हर दो दिन में बीपी की जांच करें और उसे ट्रैक करें। यदि स्थिर है, तो अधिक प्रयास की आवश्यकता नहीं है। यदि स्थिर नहीं है, तो ऊपर बताए गए विकल्पों का सहयोग लें। 
  • वर्क लाइफ बैलेंस बनाएं: कुछ लोग काम को इतना महत्व दे देते हैं, जिसके कारण उनके ऑफिस का तनाव उनके निजी जीवन को भी प्रभावित करने लग जाता है। इसलिए इससे दूरी बनाएं। 
  • कोलेस्ट्रॉल और ग्लूकोज को नियंत्रित करें: यदि आप हाई कोलेस्ट्रॉल और हाई ग्लूकोज को नियंत्रित कर लेते हैं, तो इसके कारण कई सारी स्वास्थ्य समस्याएं कम हो जाएंगी, जिससे तनाव की स्थिति उत्पन्न ही नहीं होगी। 

निष्कर्ष

तनाव को हमेशा के लिए खत्म नहीं किया जा सकता है, लेकिन इसे मैनेज करना आसान है। स्वस्थ जीवनशैली के साथ समय का प्रबंधन तनाव को कम करने में मदद कर सकता है। जीवन में कम तनाव हृदय के स्वास्थ्य की रक्षा कर सकता है और समग्र स्वास्थ्य में भी सुधार कर सकता है। तनाव या फिर हृदय संबंधित समस्या होने पर हम आपको सलाह देंगे कि हमारे या फिर किसी भी अनुभवी हृदय रोग विशेषज्ञ से परामर्श लें। 

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न 


तनाव क्या है?

तनाव एक शारीरिक और मानसिक प्रतिक्रिया है, जो किसी न किसी कारण से उत्पन्न होती है। इसके कारण कई समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं, जैसे असामान्य हृदय गति, हाई ब्लड प्रेशर, सांस लेने की असमान्य दर, इत्यादि। 

मानसिक तनाव कैसे दूर करें?

मानसिक तनाव को दूर करने के लिए आप निम्न उपायों का पालन कर सकते हैं जैसे - 

  • स्वस्थ जीवनशैली को अपनाएं
  • समय का प्रबंधन सही से करें
  • सामाजिक समर्थन प्राप्त करें
  • आवश्यकता के अनुसार पेशेवर की मदद लें। 

तनाव कितने प्रकार के होते हैं?

मुख्य रूप से तनाव दो प्रकार के होते हैं जैसे - 

  • अल्पकालिक तनाव या कम समय तक परेशान करने वाला तनाव
  • दीर्घकालिक तनाव या अधिक समय तक परेशान करने वाला तनाव

तनाव से बाहर कैसे निकलें?

तनाव से बाहर निकलने में कई चीजें आपकी मदद कर सकती हैं जैसे - 

  • तनाव के स्रोतों की पहचान करें
  • तनाव कम करने की योजना बनाएं
  • स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं
  • सकारात्मक सोच को अपनाएं
  • खुद के लिए समय निकालें