ट्राइग्लिसराइड्स कम करने के उपाय
Cardiology |
by Dr. Sabyasachi Pal | Published on 01/07/2024
इस भागते-दौड़ते जीवन में अक्सर हम अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखना भूल जाते हैं, जिसकी वजह से कई सारी समस्याएं हमें घेर लेती हैं। वर्तमान में दिल की बीमारियां बहुत ज्यादा बढ़ गई है। दिल की बीमारी का मुख्य कारण ट्राइग्लिसराइड्स का बढ़ता स्तर होता है, जो मृत्यु का कारण बन सकता है। आइए, इस ब्लॉग से जानते हैं कि ट्राइग्लिसराइड्स क्या है, इसके बढ़ते स्तर से किस प्रकार की समस्याएं उत्पन्न होती हैं और ट्राइग्लिसराइड्स लेवल को कम कैसे किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त यदि आप भी इस समस्या से परेशान है और इसका इलाज खोज रहे हैं, तो हमारे कार्डियोलॉजिस्ट आपकी मदद कर सकते हैं।
ट्राइग्लिसराइड्स क्या होता है?
ट्राइग्लिसराइड्स (Triglycerides) एक प्रकार का फैट है, जो रक्त में फैलता है। ट्राइग्लिसराइड्स दो तरीकों से हमारे शरीर में आता है। पहला, हमारा शरीर स्वयं ट्राइग्लिसराइड्स का निर्माण करता है और दूसरा, भोजन से यह हमारे शरीर को प्राप्त होता है। अच्छे स्वास्थ्य के लिए शरीर को कुछ ट्राइग्लिसराइड्स की आवश्यकता होती है। हालांकि, रक्त में उच्च ट्राइग्लिसराइड्स हृदय रोग और स्ट्रोक का कारण बन सकता है। एक स्वस्थ जीवन-शैली को अपनाकर रक्त में ट्राइग्लिसराइड्स को आसानी से कम किया जा सकता है।
हाई ट्राइग्लिसराइड्स लेवल के लक्षण
आमतौर पर हाई ट्राइग्लिसराइड्स लेवल किसी भी लक्षण का कारण नहीं बनते हैं। अनुपचारित या अनियंत्रित हाई ब्लड ट्राइग्लिसराइड लेवल कोरोनरी हृदय रोग (Coronary heart disease) और स्ट्रोक जैसी गंभीर जटिलताओं के जोखिम को बढ़ा सकता है। बहुत अधिक ट्राइग्लिसराइड्स लेवल एक्यूट पैन्क्रियाटाइटिस (Acute pancreatitis), या पेनक्रियाज में सूजन का खतरा बढ़ा सकता है, जो पेट में गंभीर दर्द का कारण बनता है। लेकिन कुछ मामलों में रोगी को निम्नलिखित लक्षणों का अनुभव हो सकता है -
- पेट के ऊपरी भाग में दर्द: जब रक्त में ट्राइग्लिसराइड्स की मात्रा बढ़ती है, तो पेनक्रियाज में सूजन आती है, जिससे पेट के ऊपरी भाग में दर्द होता है। इसके कारण व्यक्ति को तेज बुखार, मतली और उल्टी का सामना करना पड़ता है।
- हाथ और पैर में छोटे और पीले रंग के धब्बे: ट्राइग्लिसराइड के बढ़ने के कारण जैंथोमास की समस्या होती है। इस स्थिति में त्वचा के अंदर फैट जमा हो जाता है, जिससे रक्त के रंग में भी बदलाव नजर आने लगता है।
- धमनियों में ब्लॉकेज: जब भी रक्त में ट्राइग्लिसराइड्स का स्तर बढ़ता है, व्यक्ति का रक्त गाढ़ा होने लगता है, जिससे धमनियां सख्त हो जाती हैं। इसके कारण धनिया आपस में चिपकने लगती है और शरीर में कोलेस्ट्रॉल का स्तर भी बढ़ने लगता है, जिससे रक्त के बहाव में रुकावट आती है, जो स्ट्रोक और हार्ट अटैक के जोखिम को बढ़ाता है।
हाई ट्राइग्लिसराइड्स की समस्या कोई सामान्य समस्या नहीं है। यह एक जानलेवा स्थिति है, जिसके इलाज के लिए आपको जल्द से जल्द एक अच्छे कार्डियोलॉजिस्ट या फिर फिजिशियन से संपर्क करना चाहिए।
ट्राइग्लिसराइड्स बढ़ने के कारण
ट्राइग्लिसराइड के स्तर के बढ़ने के कई कारण होते हैं, जिनके बारे में एक-एक करके नीचे विस्तार से बात करने वाले हैं -
- वजन बढ़ना: अतिरिक्त वजन और मोटापा शरीर में फैट के स्तर को बढ़ा देता है। यदि आप अतिरिक्त वजन और मोटापे से परेशान है, तो आप हाई ट्राइग्लिसराइड के शिकार हो सकते हैं।
- मेटाबोलिक सिंड्रोम: मेटाबोलिक सिंड्रोम भी ट्राइग्लिसराइड के स्तर के बढ़ने का एक मुख्य कारण है। रोगियों को इस स्थिति के बारे में कभी भी जानकारी नहीं हो पाती है।
- डायबिटीज: हाई ब्लड शुगर लेवल ट्राइग्लिसराइड के स्तर के बढ़ने का मुख्य कारण होता है।
- हाइपोथायरायडिज्म: यह एक ऐसी स्थिति है, जिसमें शरीर में थायराइड हार्मोन प्रभावित होती है। प्रभावित हार्मोन ट्राइग्लिसराइड के स्तर को बढ़ा देती है और रोगी को परेशान करती है।
- गुर्दे का रोग: गुर्दा हमारे शरीर का सबसे महत्वपूर्ण अंग है। इसका कार्य हमारे शरीर के दूषित पदार्थों को शरीर से बाहर निकालना है। यदि गुर्दे अपना सामान्य कार्य करने में सक्षम नहीं होते हैं, तो भी इससे ट्राइग्लिसराइड का स्तर भी बढ़ने लगता है।
- गर्भावस्था: गर्भावस्था या फिर प्रेगनेंसी के दौरान शरीर में अलग-अलग प्रकार के बदलाव होते हैं। इन बदलावों के कारण उन महिलाओं के शरीर में ट्राइग्लिसराइड का स्तर प्रभावित होता है। इस दौरान कुछ दवाओं से भी इसे नियंत्रित किया जा सकता है, जिससे शिशु के जन्म में कोई समस्या नहीं आती है।
- जेनेटिक: हाई ट्राइग्लिसराइड की फैमिली हिस्ट्री भी इस रोग का एक मुख्य जोखिम कारक होता है।
- आहार: कुछ खाद्य पदार्थों के कारण शरीर में ट्राइग्लिसराइड का स्तर बढ़ जाता है। शुगर, हाई सैचुरेटेड फैट, शराब व अतिरिक्त कैलोरी का सेवन बढ़ते ट्राइग्लिसराइड के स्तर का मुख्य कारण है।
- दवाइयां: ट्राइग्लिसराइड के बढ़ने का एक कारण दवाइयों का उपयोग भी है। कुछ दवाएं हैं जो इस स्तर को बढ़ा सकती हैं। डॉक्टरों का मानना है कि ड्यूरेटिक्स, स्टेरॉयड, बीटा ब्लॉकर, हार्मोन संबंधी और इम्यूनोसप्रेशन दवाएं इस स्तर को बढ़ा सकती है।
उच्च ट्राइग्लिसराइड्स के लिए जोखिम कारक क्या हैं?
ट्राइग्लिसराइड के स्तर को बढ़ाने वाले कारकों में शामिल हैं -
- मोटापा
- धूम्रपान
- मेनोपॉज
- अनियंत्रित डायबिटीज
- थायराइड विकार
- अत्यधिक शराब का सेवन
- हाई कोलेस्ट्रॉल की फैमिली हिस्ट्री
- लीवर या किडनी की बीमारी
- मूत्रवर्धक, हार्मोन, कॉर्टिकोस्टेरॉइड और बीटा ब्लॉकर्स सहित अन्य दवाएं
- चीनी और कार्बोहाइड्रेट का अधिक सेवन।
सामान्य ट्राइग्लिसराइड के स्तर क्या है?
रक्त में सामान्य ट्राइग्लिसराइड का स्तर वयस्कों के लिए 150 mg/dL से कम और बच्चों (10 से 19 वर्ष) में 90 mg/dL से कम है। इस टेबल की सहायता से आप ट्राइग्लिसराइड के स्तर की पहचान कर सकते हैं और समय पर उचित इलाज प्राप्त कर सकते हैं -
वर्ग
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ट्राइग्लिसराइड्स स्तर (mg/dL)
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सामान्य ट्राइग्लिसराइड
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150 से कम
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बॉर्डर लाइन ट्राइग्लिसराइड
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150 – 199
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हाई ट्राइग्लिसराइड
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200 – 499
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वेरी हाई ट्राइग्लिसराइड
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500 या इससे अधिक
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ऊपर दिए गए टेबल से आपको अंदाजा मिल जाएगा कि आपके रक्त में ट्राइग्लिसराइड का स्तर कम है या ज्यादा। यदि किसी व्यक्ति के रक्त में ट्राइग्लिसराइड का स्तर ज्यादा है, तो जल्दी इलाज के लिए अनुभवी डॉक्टर से मिलें।
ट्राइग्लिसराइड्स कम करने के उपाय
ट्राइग्लिसराइड्स को कम करने के लिए निम्नलिखित उपाय कारगर साबित हो सकते हैं -
- मिठाई और प्रोसेस्ड कार्बोहाइड्रेट को छोड़ें।
- अल्कोहल के सेवन को सीमित करें अथवा छोड़ें।
- अपने वजन को कम करें।
- नियमित रूप से व्यायाम करें।
- स्वास्थ्य वसा युक्त भोजन चुनें और ट्रांस-फैट वाले खाद्य पदार्थों से दूरी बनाएं।
- हरे पत्तेदार सब्जियों का सेवन करें।
- पौष्टिक तेल जैसे ऑलिव ऑयल को अपने आहार में शामिल करें।
- ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर खाद्य पदार्थ चुनें।
उच्च ट्राइग्लिसराइड्स उपचार
ट्राइग्लिसराइड्स के इलाज के लिए कई विकल्प मौजूद हैं। इलाज का विकल्प हाई ट्राइग्लिसराइड्स के स्तर, मरीज की उम्र और वर्तमान स्वास्थ्य स्थिति पर निर्भर करता है। ट्राइग्लिसराइड्स के स्तर को कम करने के लिए डॉक्टर कुछ दवाएं दे सकते हैं, जिनका सेवन ऊपर बताए गए उपायों के साथ करने से बहुत ज्यादा लाभ मिलेगा। डॉक्टर निम्न दवाओं का सुझाव दे सकते हैं -
- स्टैटिन, जैसे कि रोसुवास्टेटिन कैल्शियम और एटोरवास्टेटिन कैल्शियम
- फ़िब्रेट्स, जैसे जेम्फिब्रोज़िल (लोपिड) और फेनोफाइब्रेट (ट्राइकोर, फेनोग्लाइड)
- कोलेस्ट्रॉल अब्सॉर्प्शन इनहिबिटर
- निकोटिनिक एसिड
- PCSK9 ब्लॉकर्स
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
उच्च ट्राइग्लिसराइड्स क्या है?
ट्राइग्लिसराइड्स एक प्रकार का फैट है, जिसका निर्माण हमारे शरीर में होता है। यह शरीर के लिए आवश्यक होता है, लेकिन यदि इसका स्तर बहुत अधिक हो जाए, तो इसके कारण बहुत सारी स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
अगर मेरे ट्राइग्लिसराइड्स अधिक है तो मुझे क्या खाना चाहिए?
हाई ट्राइग्लिसराइड्स की स्थिति में निम्न खाद्य पदार्थों के सेवन की सलाह दी जाती है -
- हरे पत्तेदार सब्जियां
- हरी बीन्स
- बटरनट स्क्वैश
- फल (विशेष रूप से खट्टे फल और जामुन)
- कम वसा या वसा रहित डेयरी उत्पाद
- होल ग्रेन्स
उच्च ट्राइग्लिसराइड्स के लिए सबसे अच्छा इलाज क्या है?
ट्राइग्लिसराइड्स के लिए सबसे अच्छा इलाज, डॉक्टर आपकी स्थिति के आधार पर ही बता सकते हैं। हालांकि जीवनशैली में बदलाव के साथ दवाएं भी इस स्थिति के इलाज में लाभकारी हो सकती हैं।
आप कितनी जल्दी ट्राइग्लिसराइड्स कम कर सकते हैं?
ट्राइग्लिसराइड्स को दवाओं के बिना कम किया जा सकता है। शरीर के वजन में 5% से 10% की कमी से ट्राइग्लिसराइड्स कम किया जा सकता है। निम्न तरीकों से ऐसा संभव है -
- आहार में बदलाव करें
- शराब या मीठे पेय पदार्थों की खपत कम करने
- शारीरिक गतिविधि बढ़ाएं
- वजन कम करें
ट्राइग्लिसराइड्स क्यों बढ़ता है?
ट्राइग्लिसराइड्स के बढ़ने के कई कारण हैं, जैसे -
- अस्वस्थ आहार
- अतिरिक्त वजन या मोटापा
- कुछ दवाएं
- कुछ स्वास्थ्य स्थितियां
ट्राइग्लिसराइड बढ़ने पर क्या नहीं खाना चाहिए?
ट्राइग्लिसराइड बढ़ने पर निम्न खाद्य पदार्थों से दूरी बनाएं -
- लो फैट वाले डेयरी उत्पाद खाएं।
- हाई प्रोटीन डाइट लें।
- पौष्टिक तेल का सेवन करें।