हार्ट अटैक के लक्षण की जल्द पहचान त्वरित और उत्तम इलाज के लिए महत्वपूर्ण है। दिल के दौरे या हार्ट अटैक की शुरुआत धीरे-धीरे होती है और इसके शुरुआती चरण में कोई भी लक्षण नहीं दिखते हैं। हालांकि छाती में दर्द या दबाव हार्ट अटैक का सबसे सामान्य लक्षण है।
वहीं धूम्रपान, उच्च वसा वाले आहार का सेवन, मधुमेह, उच्च कोलेस्ट्रॉल, उच्च रक्तचाप और अधिक वजन या मोटापा हार्ट अटैक जैसी गंभीर स्थिति को उत्पन्न कर सकता है। दिल का दौरा कार्डियक अरेस्ट से अलग होता है। दिल का दौरा तब होता है जब कोरोनरी धमनियों में से एक अवरुद्ध हो जाता है, वहीं दूसरी तरफ कार्डियक अरेस्ट में दिल पूरी तरह से काम करना बंद कर देता है। इसलिए इस स्थिति के लक्षण को पहचानना और सही समय पर इलाज आवश्यक है। चलिए जानते हैं कि हार्ट अटैक की स्थिति में किस प्रकार के लक्षण रोगी को देखने को मिल सकते हैं।
हार्ट अटैक एक ऐसी स्थिति है, जिसके बहुत सारे लक्षण होते हैं। वहीं महिलाओं में कुछ अलग लक्षण देखने को मिलते हैं, जिन्हें हमने नीचे विस्तार से बताने वाले हैं। चलिए हार्ट अटैक के मुख्य लक्षणों के बारे में जानते हैं -
यदि आप दिल के दौरे के उपरोक्त सभी या फिर किसी लक्षण का अनुभव करते हैं, तो जितनी जल्दी हो सके निकटतम हृदय रोग विशेषज्ञ से मिलें। दिल के दौरे के लक्षणों पर समय पर इलाज न केवल आपके दिल को होने वाले नुकसान से बचा सकता है, बल्कि आपके भी एक जीवन दान दे सकता है।
महिलाओं को विभिन्न लक्षणों का अनुभव हो सकता है, जैसे:
हार्ट अटैक एक चिकित्सा आपात स्थिति है, जिसे अस्पताल में उपचार की आवश्यकता होती है। जब एक व्यक्ति को दिल का दौरा आता है, तो उसकी छाती और उसके शरीर के अन्य हिस्सों में दर्द के साथ-साथ अन्य लक्षण भी महसूस होते हैं। यही इस स्थिति के शुरुआती लक्षण है। सामान्यतः हृदय रोग के शुरुआत में किसी भी प्रकार के लक्षण नहीं मिलते हैं।
दिल के दौरे के शुरुआती लक्षणों को पहचानना और तुरंत इलाज करना महत्वपूर्ण है और इससे किसी भी व्यक्ति की जान बचाई जा सकती है। इसके लिए आप हमारे श्रेष्ठ डॉक्टरों से भी परामर्श ले सकते हैं। इसके अतिरिक्त कई ऐसे मिथक हैं, जिसको सत्य मानकर कई रोगी अपनी जान गंवा सकते हैं। हमारे डॉक्टरों ने उन सभी मिथकों के पीछे के सत्य को उजागर किया है। चलिए उन्हीं में से कुछ मिथकों और उनके सत्य को जानते हैं -
मिथक |
तथ्य |
दिल का दौरा केवल बुजुर्गों को होता है। |
दिल का दौरा किसी भी उम्र में हो सकता है, यहां तक कि युवाओं को भी यह हो सकता है। हालांकि, दिल की बीमारियों का खतरा उम्र बढ़ने के साथ बढ़ जाता है। |
दिल का दौरा हमेशा सीने में तेज दर्द के साथ होता है। |
दिल का दौरा हमेशा छाती में तेज दर्द के साथ नहीं होता है। इसके लक्षण अलग-अलग लोगों में अलग-अलग होते हैं। कुछ लोगों को सीने में जकड़न, दबाव या जलन महसूस होती है, जबकि कुछ लोगों को केवल थकान, सांस लेने में तकलीफ, पसीना आना या चक्कर आता है। |
एस्पिरिन लेने या घरेलू उपचार से दिल का दौरा ठीक हो जाएगा। |
एस्पिरिन या फिर घरेलू उपचार से दिल के दौरे के दौरान रक्त के थक्के बनने से छुटकारा मिल जाता है, लेकिन यह उपचार नहीं है। दिल का दौरा होने पर तुरंत दिल के डॉक्टर से मिलें और उचित इलाज प्राप्त करें। |
दिल के दौरे में इलाज की आवश्यकता नहीं है या इलाज में देरी की जा सकती है। |
सी की बिड़ला के डॉ अंजन के अनुसार, ऐसा करने से रोगी का जान को खतरा हो सकता है। हार्ट अटैक एक अत्यंत आवश्यक चिकित्सा स्थिति है और जल्द से जल्द इलाज हृदय और रोगी के स्वास्थ्य को बचा सकता है। |
दिल के दौरे के बाद रोगी एक सामान्य जीवन व्यतीत नहीं कर सकता है। |
ऐसा बिल्कुल नहीं है। डॉक्टर के निर्देशों का पालन करें और स्वस्थ जीवन शैली को अपना कर हर व्यक्ति पहले हार्ट अटैक के बाद एक सामान्य जीवन व्यतीत कर सकता है। |
यदि आपको दिल का दौरा पड़ा है, तो आपका डॉक्टर सर्जरी या नॉन सर्जिकल प्रक्रिया में से किसी एक प्रक्रिया या दोनों के संयोजन की योजना का सुझाव दे सकते हैं। सामान्यतः डॉक्टर निम्नलिखित इलाज के विकल्पों का सुझाव देते हैं -
अवरुद्ध धमनी का इलाज
हृदय में रक्त के प्रवाह को बहाल करने के लिए डॉक्टर निम्नलिखित विकल्पों पर विचार कर सकते हैं -
इसके अतिरिक्त कुछ ऐसे इलाज के अन्य नॉन सर्जिकल विकल्प भी हैं, जो हार्ट अटैक की स्थिति को ठीक तो नहीं कर सकते, लेकिन कुछ समय के लिए दिल के दौरे के खतरे को रोक सकते हैं जैसे -
कार्डियक रिहैबिलेशन
दिल के दौरे के इलाज के बाद रोगी को रिकवर होने के लिए कार्डियक रिहैबिलेशन में भेजा जा सकता है। इससे रिकवरी में बहुत सहायता मिलती है और अन्य हृदय रोग के जोखिम को भी कम किया जा सकता है।
हृदय की सर्जरी एक संवेदनशील प्रक्रिया है। इसमें जान का खतरा तो होता ही है, लेकिन दिल का ऑपरेशन हमेशा एक अनुभवी और विशेषज्ञ सर्जन ही करते हैं, जिससे सर्जरी की सुरक्षा सुनिश्चित हो पाती है। हमारे हृदय रोग विशेषज्ञों ने कई रोगियों को स्वस्थ किया है, जो अब बिना किसी जटिलता के वर्तमान में एक स्वस्थ जीवन व्यतीत कर रहे हैं। चलिए उन्हीं में से कुछ के बारे में जानते हैं -
यह तो सिर्फ दो ही उदाहरण है। ऐसे बहुत सारे लोग हैं, जिन्होने सफलता पूर्वक हमसे सर्जरी करवाई और वर्तमान में वह एक स्वस्थ जीवन व्यतीत कर रहे हैं।
हार्ट अटैक के मरीजों को अपने आहार में खराब वसा की मात्रा को कम करने की सलाह दी जाती है। बिस्कुट, पेस्ट्री, केक और मफिन जैसे उत्पाद को खाने से बचें। रेड मीट जैसे हैम, बेकन, सॉसेज, हॉट डॉग, डिब्बाबंद मांस, कॉर्न मांस से दूरी बनाएं। प्रोसेस्ड फूड जैसे हैम्बर्गर, पिज्जा, हॉट चिप्स, पोटैटो चिप्स, एशियन फूड्स, पास्ता, फ्राइड चिकन से दूरी बनाएं।
कोरोनरी धमनी रोग (सीएडी) दिल के दौरे का मुख्य कारण है। हार्ट अटैक के कई कारण है और किस कारण आप इस स्थिति का सामना कर रहे हैं, इसका जवाब डॉक्टर परीक्षण के बाद ही देते हैं।
हार्ट अटैक किसी भी उम्र में हो सकता है, लेकिन यह आमतौर पर 40 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों में होता है। भारत में, हार्ट अटैक की सबसे आम उम्र समूह 45 से 65 वर्ष के बीच है। हालांकि, हाल के वर्षों में, हार्ट अटैक के मामलों में वृद्धि देखी गई है, जिसमें 30 वर्ष से कम उम्र के युवा शामिल हैं। इसके पीछे का मुख्य कारण बीते कुछ वर्षों की महामारी भी बताई जा रही है।
हार्ट अटैक के लक्षण आमतौर पर अचानक दिखाई देते हैं, लेकिन कुछ मामलों में, वह कुछ दिन पहले भी दिखाई दे सकते हैं।
हार्ट अटैक के बाद रोगी को अपने जीवन में कुछ सकारात्मक बदलाव करने पड़ सकते हैं जैसे -
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