कार्डियक कैथीटेराइजेशन: उपयोग, प्रक्रिया और जोखिम
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कार्डियक कैथीटेराइजेशन: उपयोग, प्रक्रिया और जोखिम

Interventional Radiology | by BMB on 20/05/2024

Summary

कार्डियक कैथीटेराइजेशन या हार्ट कैथीटेराइजेशन एक क्लीनिकल और उपचारात्मक प्रक्रिया है, जिसका संबंध अलग-अलग हृदय संबंधित समस्याओं से होता है। इस प्रक्रिया का प्रयोग हृदय और रक्त वाहिकाओं की जांच के लिए होता है।

कार्डियक कैथीटेराइजेशन या हार्ट कैथीटेराइजेशन एक क्लीनिकल और उपचारात्मक प्रक्रिया है, जिसका संबंध अलग-अलग हृदय संबंधित समस्याओं से होता है। इस प्रक्रिया का प्रयोग हृदय और रक्त वाहिकाओं की जांच के लिए होता है। इसकी मदद से कोरोनरी धमनी रोग, हार्ट फेल्योर, हृदय की असामान्य धड़कन और वाल्व समस्याओं का इलाज और निदान संभव हो सकता है। यहां तो हमने समझ लिया है कि कार्डियक कैथीटेराइजेशन क्या है?

चलिए इस ब्लॉग के मदद से जानते हैं कि इस प्रक्रिया को क्यों किया जाता है, कैसे किया जाता है और इसके क्या जोखिम है।

कार्डियक कैथीटेराइजेशन की प्रक्रिया -

आमतौर पर कार्डियक कैथीटेराइजेशन की प्रक्रिया को कैथ लैब में किया जाता है। प्रक्रिया से कुछ घंटे पहले तक कुछ भी खाने-पीने की सलाह नहीं दी जाती है। प्रक्रिया की शुरुआत में पेशेंट को लोकल एनेस्थीसिया दिया जाता है, जिससे कैथेटर वाला स्थान सुन्न हो जाता है। 

जैसे ही क्षेत्र सुन्न हो जाता है डॉक्टर हाथ, बांह या गर्दन में एक छोटा सा चीरा लगाते हैं और उसमें कैथेटर को डालते हैं। कैथेटर को एक्स-रे की मदद से हृदय तक या हृदय को जोड़ने वाली रक्त वाहिकाओं तक ले जाया जाता है। इसके बाद उसी कैथेटर की मदद से कंट्रास्ट डाई को डाला जाता है। इस प्रक्रिया की मदद से हृदय के अंदर दबाव और रक्त प्रवाह को मापा जाता है। इस टेस्ट के माध्यम से हृदय वाल्व और रक्त वाहिकाओं की छवियां प्राप्त होती है।

कार्डियक कैथीटेराइजेशन का उपयोग अलग-अलग उपचारों के लिए भी हो सकता है, जैसे कि ब्लॉक धमनियों को खोलना, हृदय वाल्वों को रिपेयर या ट्रांसफर करना, और दिल की धड़कन की अनियमितता का इलाज करना।

कार्डियक कैथीटेराइजेशन के प्रकार -

इलाज और निदान के लिए कई प्रकार के कार्डियक कैथीटेराइजेशन का उपयोग होता है। चलिए कार्डियक कैथीटेराइजेशन के प्रकारों को समझते हैं - 

  • कोरोनरी एंजियोग्राफी: इस प्रकार की प्रक्रिया में हृदय को रक्त की आपूर्ति करने वाली धमनियों की जांच होती है। इसमें एक एक्स-रे और डाई का प्रयोग होता है। इसके अतिरिक्त कोरोनरी धमनी रोग (CAD) की जांच भी हो सकती है। 
  • वेंट्रिकुलोग्राफी: इस प्रक्रिया की मदद से हृदय के वेंट्रिकल की जांच की जाती है। इससे हृदय वाल्व रोग और दिल की विफलता का भी पता लगाया जा सकता है। 
  • इलेक्ट्रोफिजियोलॉजिकल स्टडी: इस टेस्ट की मदद से दिल की धड़कन का निदान हो सकता है। इससे दिल की धड़कन में अनियमितता का आसानी से पता चल सकता है। 

कार्डियक कैथीटेराइजेशन के फायदे और जोखिम -

हमने जान लिया है कि कार्डियक कैथीटेराइजेशन क्या है और इसे कैसे किया जाता है। चलिए अब इसके फायदे और जोखिम के बारे में पूर्ण जानकारी प्राप्त करते हैं।

  • फायदे:
    • जांच: इस प्रक्रिया की मदद से हृदय रोग, कोरोनरी धमनी रोग, हृदय वाल्व रोग और अन्य हृदय संबंधित समस्याओं की जांच हो सकती है। 
    • उपचार: इस प्रक्रिया की मदद से एंजियोप्लास्टी, स्टेंट प्लेसमेंट और थ्रोम्बोलाइसिस जैसी प्रक्रियाएं बड़े आराम से हो सकती है, जिसकी मदद से हृदय का इलाज हो पाता है। 
    • हृदय की कार्यक्षमता का मूल्यांकन: इस प्रक्रिया की मदद से हृदय वाल्वों की कार्यक्षमता का आकलन हो सकता है, जिसकी मदद से इसको रिपेयर भी किया जा सकता है। 
    • रिसर्च:नई-नई बीमारियों या फिर इलाज की नई पद्धतियों के बारे में जानने के लिए भी कार्डियक कैथीटेराइजेशन का प्रयोग होता है। 
  • जोखिम:
    • एलर्जी: कैथेटर या कंट्रास्ट डाई से एलर्जी हो सकती है। यदि ऐसा होता है तो कुछ अन्य दवाएं भी दिए जा सकते हैं। 
    • संक्रमण: प्रक्रिया के दौरान संक्रमण का खतरा सबसे अधिक होता है। 
    • हृदय संबंधी जटिलताएं: इस प्रक्रिया का सीधा संबंध हृदय से होता है। इसलिए प्रक्रिया के दौरान या फिर इसके बाद हृदय संबंधी जटिलताओं की संभावना लगातार बनी रहती है। अनियमित दिल की धड़कन, छाती में दर्द, या दिल का दौरा कुछ ऐसी जटिलताएं हैं, जिसका सामना एक व्यक्ति सर्जरी के बाद कर सकता है।
    • रक्त हानि: कैथेटर डालने या हटाने के दौरान रक्त हानि अधिक हो सकती है। हालांकि इसका प्रभाव अधिक नहीं होता है, लेकिन रक्त हानि एक आम जोखिम है। 
    • गुर्दे की क्षति: प्रक्रिया में जिस कंट्रास्ट डाई का प्रयोग होता है, उसके कारण गुर्दे को नुकसान हो सकता है। यदि किसी भी व्यक्ति के गुर्दे में कोई समस्या पहले से ही है, तो उनकी स्थिति और खराब हो सकती है। 

कैथीटेराइजेशन के बाद की देखभाल -

आमतौर पर कार्डियक कैथीटेराइजेशन के बाद, पेशेंट को ऑबसर्वेशन में रखा जाता है। इसमें कैथीटेराइजेशन वाले स्थान पर कुछ दर्द हो सकता है या फिर बेहोशी का अनुभव हो सकता है। इसके बाद पेशेंट को डिस्चार्ज के दौरान कुछ दवाएं प्रिस्क्राइब की जाएंगी जिससे वह जल्द रिकवर हो सकते हैं। 

आमतौर पर पेशेंट को उसी दिन या फिर अगले दिन डिस्चार्ज किया जाता है। पेशेंट को सलाह दी जाती है कि वह घर पर सर्जिकल क्षेत्र को साफ रखें, जिससे संक्रमण की संभावना खत्म हो सके। यदि किसी भी कारणवश लालिमा, सूजन या बुखार की समस्या उत्पन्न होती है, तो तुरंत अपने डॉक्टर से मिलें और उन्हें स्थिति के बारे सूचित करें। 

समय-समय पर फॉलो-अप लेना आपके हृदय के लिए लाभकारी साबित हो सकता है। इसलिए बिना देर किए उचित कदम उठाए।

कार्डियक कैथीटेराइजेशन के बाद रिकवरी -

कार्डियक कैथीटेराइजेशन की प्रक्रिया के बाद कुछ सामान्य दिशा-निर्देश दिए जा सकते हैं, जिससे रिकवरी आसान और तेज हो जाती है जैसे - 

  • प्रक्रिया के बाद अधिक मात्रा में तरल पदार्थों के सेवन की सलाह दी जाती है। इससे कंट्रास्ट डाई पेशाब के रास्ते शरीर से बाहर निकल जाती है। 
  • यदि पेशेंट प्रक्रिया के बाद चलने फिरने में असमर्थ रहते हैं तो बेडपैन या यूरिनल का प्रयोग करें।
  • यदि आप घर लौटने में पूरी तरह से समर्थ हैं, तो ही आपको डिस्चार्ज किया जाएगा, अन्यथा कम से कम एक दिन अस्पताल में बिताना पड़ेगा। 
  • घर जाने से पहले उपाचर प्रक्रिया, संभावित जटिलताएं और दवाओं के बारे में जान लें, जिससे रिकवरी में आसानी हो जाएगी। 
  • घाव के स्थल की देखभाल करें और दिए गए निर्देशों का पालन अच्छे से करें।

कार्डियक कैथीटेराइजेशन के बाद जीवनशैली में बदलाव -

कार्डियक कैथीटेराइजेशन जांच की एक प्रक्रिया है, जिसका कार्य हृदय रोग की जांच करना है। इसलिए प्रक्रिया के बाद किसी भी प्रकार के बदलाव की आवश्यकता नहीं होती है। हालांकि यदि जांच में हृदय की समस्या की पुष्टि हो जाए तो आपको कुछ बदलाव करने पड़ सकते हैं जैसे - 

  • स्वस्थ भोजन करें: ट्रांस फैट और कोलेस्ट्रॉल युक्त खाद्य पदार्थ की मात्रा को अपने आहार में कम करें और फलों, सब्जियों और होल ग्रेन्स को अपने आहार में बढ़ाएं। 
  • नियमित व्यायाम करना: सप्ताह में कम से कम 150 मिनट व्यायाम करें। इतना करने मात्र से ही आप एक स्वस्थ जीवनशैली की तरफ अग्रसर हो सकते हैं। 
  • धूम्रपान न करना: धूम्रपान हृदय रोग के खतरे को बढ़ाता है। इससे बचने के लिए धूम्रपान को कम करें या फिर इसे तुरंत बंद कर दें। 
  • वजन कम करें: मोटापा हृदय रोग के विकास के जोखिम को बढ़ा सकता है।
  • तनाव का प्रबंधन करें: तनाव के कारण हृदय को नुकसान पहुंचता है। तनाव प्रबंधन तकनीक सीखें, जैसे योग या मेडिटेशन।

अपने डॉक्टर से बात करें और उनके दिए गए दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन करें। 

कार्डियक कैथीटेराइजेशन से संबंधित अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

 

कार्डियक कैथीटेराइजेशन में कितना समय लगता है?

मुख्य रूप से कार्डियक कैथीटेराइजेशन की प्रक्रिया में 30 मिनट का समय लगता है। हालांकि इससे पहले की तैयारी और अन्य टेस्ट में अधिक समय लग सकता है। 

क्या मैं प्रक्रिया के दौरान होश में रहूंगा/रहूंगी?

प्रक्रिया के दौरान आप पूरी तरह से होश में रहेंगे। बस जिस क्षेत्र में कैथेटर को डाला जाता है, उसे सुन्न कर दिया जाता है। 

क्या इसे सर्जरी माना जाता है?

यह एक नैदानिक प्रक्रिया है जिसे सर्जरी का नाम नहीं दिया जा सकता। हालांकि सर्जरी की तरह ही इसमें चीरा लगाया जाता है और कैथेटर को शरीर में डाला जाता है। लेकिन इस प्रक्रिया को सर्जरी का नाम नहीं दिया जा सकता है। 

रिकवर होने में कितना समय लगता है?

डिस्चार्ज होने के 24 घंटे बाद तक आप गाड़ी नहीं चला सकते हैं। शुरुआत के पांच दिनों तक बेड रेस्ट का सुझाव दिया जाता है और धीरे-धीरे अपनी सामान्य गतिविधियों को शुरू करने की सलाह दी जाती है।

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