कार्डियक कैथीटेराइजेशन या हार्ट कैथीटेराइजेशन एक क्लीनिकल और उपचारात्मक प्रक्रिया है, जिसका संबंध अलग-अलग हृदय संबंधित समस्याओं से होता है। इस प्रक्रिया का प्रयोग हृदय और रक्त वाहिकाओं की जांच के लिए होता है। इसकी मदद से कोरोनरी धमनी रोग, हार्ट फेल्योर, हृदय की असामान्य धड़कन और वाल्व समस्याओं का इलाज और निदान संभव हो सकता है। यहां तो हमने समझ लिया है कि कार्डियक कैथीटेराइजेशन क्या है?
चलिए इस ब्लॉग के मदद से जानते हैं कि इस प्रक्रिया को क्यों किया जाता है, कैसे किया जाता है और इसके क्या जोखिम है।
आमतौर पर कार्डियक कैथीटेराइजेशन की प्रक्रिया को कैथ लैब में किया जाता है। प्रक्रिया से कुछ घंटे पहले तक कुछ भी खाने-पीने की सलाह नहीं दी जाती है। प्रक्रिया की शुरुआत में पेशेंट को लोकल एनेस्थीसिया दिया जाता है, जिससे कैथेटर वाला स्थान सुन्न हो जाता है।
जैसे ही क्षेत्र सुन्न हो जाता है डॉक्टर हाथ, बांह या गर्दन में एक छोटा सा चीरा लगाते हैं और उसमें कैथेटर को डालते हैं। कैथेटर को एक्स-रे की मदद से हृदय तक या हृदय को जोड़ने वाली रक्त वाहिकाओं तक ले जाया जाता है। इसके बाद उसी कैथेटर की मदद से कंट्रास्ट डाई को डाला जाता है। इस प्रक्रिया की मदद से हृदय के अंदर दबाव और रक्त प्रवाह को मापा जाता है। इस टेस्ट के माध्यम से हृदय वाल्व और रक्त वाहिकाओं की छवियां प्राप्त होती है।
कार्डियक कैथीटेराइजेशन का उपयोग अलग-अलग उपचारों के लिए भी हो सकता है, जैसे कि ब्लॉक धमनियों को खोलना, हृदय वाल्वों को रिपेयर या ट्रांसफर करना, और दिल की धड़कन की अनियमितता का इलाज करना।
इलाज और निदान के लिए कई प्रकार के कार्डियक कैथीटेराइजेशन का उपयोग होता है। चलिए कार्डियक कैथीटेराइजेशन के प्रकारों को समझते हैं -
हमने जान लिया है कि कार्डियक कैथीटेराइजेशन क्या है और इसे कैसे किया जाता है। चलिए अब इसके फायदे और जोखिम के बारे में पूर्ण जानकारी प्राप्त करते हैं।
आमतौर पर कार्डियक कैथीटेराइजेशन के बाद, पेशेंट को ऑबसर्वेशन में रखा जाता है। इसमें कैथीटेराइजेशन वाले स्थान पर कुछ दर्द हो सकता है या फिर बेहोशी का अनुभव हो सकता है। इसके बाद पेशेंट को डिस्चार्ज के दौरान कुछ दवाएं प्रिस्क्राइब की जाएंगी जिससे वह जल्द रिकवर हो सकते हैं।
आमतौर पर पेशेंट को उसी दिन या फिर अगले दिन डिस्चार्ज किया जाता है। पेशेंट को सलाह दी जाती है कि वह घर पर सर्जिकल क्षेत्र को साफ रखें, जिससे संक्रमण की संभावना खत्म हो सके। यदि किसी भी कारणवश लालिमा, सूजन या बुखार की समस्या उत्पन्न होती है, तो तुरंत अपने डॉक्टर से मिलें और उन्हें स्थिति के बारे सूचित करें।
समय-समय पर फॉलो-अप लेना आपके हृदय के लिए लाभकारी साबित हो सकता है। इसलिए बिना देर किए उचित कदम उठाए।
कार्डियक कैथीटेराइजेशन की प्रक्रिया के बाद कुछ सामान्य दिशा-निर्देश दिए जा सकते हैं, जिससे रिकवरी आसान और तेज हो जाती है जैसे -
कार्डियक कैथीटेराइजेशन जांच की एक प्रक्रिया है, जिसका कार्य हृदय रोग की जांच करना है। इसलिए प्रक्रिया के बाद किसी भी प्रकार के बदलाव की आवश्यकता नहीं होती है। हालांकि यदि जांच में हृदय की समस्या की पुष्टि हो जाए तो आपको कुछ बदलाव करने पड़ सकते हैं जैसे -
अपने डॉक्टर से बात करें और उनके दिए गए दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन करें।
मुख्य रूप से कार्डियक कैथीटेराइजेशन की प्रक्रिया में 30 मिनट का समय लगता है। हालांकि इससे पहले की तैयारी और अन्य टेस्ट में अधिक समय लग सकता है।
प्रक्रिया के दौरान आप पूरी तरह से होश में रहेंगे। बस जिस क्षेत्र में कैथेटर को डाला जाता है, उसे सुन्न कर दिया जाता है।
यह एक नैदानिक प्रक्रिया है जिसे सर्जरी का नाम नहीं दिया जा सकता। हालांकि सर्जरी की तरह ही इसमें चीरा लगाया जाता है और कैथेटर को शरीर में डाला जाता है। लेकिन इस प्रक्रिया को सर्जरी का नाम नहीं दिया जा सकता है।
डिस्चार्ज होने के 24 घंटे बाद तक आप गाड़ी नहीं चला सकते हैं। शुरुआत के पांच दिनों तक बेड रेस्ट का सुझाव दिया जाता है और धीरे-धीरे अपनी सामान्य गतिविधियों को शुरू करने की सलाह दी जाती है।
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