डायबिटीज या मधुमेह एक ऐसी स्थिति है, जिसमें शरीर रक्त शर्करा (ग्लूकोज) को ठीक से नियंत्रित नहीं कर पाता है। इसके कारण व्यक्ति का जीवन पूर्ण रूप से बदल जाता है। उन्हें अपने खानपान में बदलाव तो करना ही पड़ता है, लेकिन इसके साथ-साथ डायबिटीज की गंभीर स्थिति में लोगों को आजीवन दवा खाने की आवश्यकता पड़ती है।
डायबिटीज या मधुमेह एक ऐसी स्थिति है, जिसमें शरीर रक्त शर्करा (ग्लूकोज) को ठीक से नियंत्रित नहीं कर पाता है। इसके कारण व्यक्ति का जीवन पूर्ण रूप से बदल जाता है। उन्हें अपने खानपान में बदलाव तो करना ही पड़ता है, लेकिन इसके साथ-साथ डायबिटीज की गंभीर स्थिति में लोगों को आजीवन दवा खाने की आवश्यकता पड़ती है।
2023 में द लांसेट (The lancet) में प्रकाशित के एक रिसर्च के अनुसार, आईसीएमआर का अनुमान है कि भारत में लगभग 10.1 करोड़ लोग डायबिटीज से पीड़ित हैं। इसमें बच्चे, बड़े और बुजुर्ग सभी शामिल हैं। इस स्थिति से बचने के लिए कुछ आवश्यक जानकारी हर व्यक्ति को होनी चाहिए। चलिए उन्हीं जानकारी को इस ब्लॉग की मदद से जानने का प्रयास करते हैं।
हमारे शरीर में ऊर्जा को बनाए रखने के लिए ग्लूकोज महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। शरीर को ग्लूकोज भोजन से प्राप्त होता है। लेकिन कभी-कभी हमारे शरीर में अतिरिक्त ग्लूकोज का जमाव हो जाता है, जिसे नियंत्रित करने की आवश्यकता होती है। ग्लूकोज के अतिरिक्त मात्रा को नियंत्रित करने के लिए इंसुलिन की आवश्यकता होती है जो हमारे शरीर में ही बनते हैं। जब शरीर इंसुलिन का निर्माण नहीं कर पाता है या कम करता है तो ग्लूकोज की मात्रा भी नियंत्रित नहीं हो पाती है, जिससे डायबिटीज की समस्या उत्पन्न होती है।
डायबिटीज के दो मुख्य प्रकार होते हैं -
वहीं एक और टर्म है, जिसे लोग अक्सर सुनते हैं और वह है प्री डायबिटीज। प्री डायबिटीज वह स्थिति है, जिसमें रक्त शर्करा का स्तर सामान्य से अधिक होता है, लेकिन इस स्थिति को डायबिटीज नहीं कहा जाता। इस स्थिति का इलाज जीवनशैली और खान-पान में बदलाव से संभव है।
चलिए अब समझते हैं कि डायबिटीज की पहचान कैसे करें। इस स्थिति को पहचानने के लिए लक्षणों को समझना बहुत ज्यादा जरूरी है। डायबिटीज की स्थिति में रोगी को निम्न लक्षणों का अनुभव हो सकता है -
इस स्वास्थ्य स्थिति के अधिकतर मामले हलके और सामान्य होते हैं, इसलिए किसी भी प्रकार के इमरजेंसी सहायता की आवश्यकता नहीं होती है। हालांकि लक्षण दिखने पर तुरंत हमसे या फिर एक अच्छे एंडोक्राइनोलॉजिस्ट से परामर्श लें।
डायबिटीज टाइप 1 के कारण अभी भी अज्ञात है। ऐसा माना जाता है कि एक व्यक्ति के जीन और पर्यावरणीय कारकों के कॉन्बिनेशन से टाइप 1 डायबिटीज होता है। वहां टाइप 2 डायबिटीज और प्री डायबिटीज जीवनशैली कारकों जैसे कि अस्वस्थ आहार, व्यायाम की कमी और मोटापे से जुड़े हुए हैं। चलिए इसके कुछ संभावित कारणों को जानते हैं -
डायबिटीज को रोकने के लिए आप निम्न उपायों का पालन कर सकते हैं -
इस बात में कोई दो राय नहीं है कि डायबिटीज एक गंभीर बीमारी है, लेकिन इसे मैनेज किया जा सकता है। यदि आपको डायबिटीज है, तो अपने डॉक्टर के साथ मिलकर एक उपचार योजना बनाएं और अपनी जीवनशैली में बदलाव लाएं।
इस ब्लॉग में मौजूद जानकारी एक सामान्य जानकारी है। यदि आप डायबिटीज के दायरे में है या फिर आप इस रोग का सामना कर रहे हैं, तो आप हमारे एंडोक्राइनोलॉजिस्ट विशेषज्ञों से मिलकर इलाज ले सकते हैं।
डायबिटीज की स्थिति में निम्न खाद्य पदार्थों को अपने आहार में जोड़ें -
डायबिटीज की स्थिति में निम्न खाद्य पदार्थों से दूरी बनाएं -
हां, डायबिटीज में नींबू खाना फायदेमंद होता है। नींबू में विटामिन सी, पोटेशियम और फाइबर की मात्रा अधिक होती है। यह रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है और इसकी मदद से हृदय स्वास्थ्य भी बेहतर होता है।
डायबिटीज में रक्त शर्करा का स्तर सामान्य से अधिक होता है। अमेरिकन डायबिटीज एसोसिएशन (ADA) के अनुसार -
वर्तमान में, डायबिटीज का कोई सुदृढ़ इलाज नहीं है। लेकिन, डायबिटीज मैनेजमेंट की मदद से इस स्थिति को नियंत्रित किया जा सकता है।
जीवनशैली में बदलावों और उचित प्रबंधन के साथ डायबिटीज की स्थिति को नियंत्रित किया जा सकता है। स्वस्थ आहार लें और नियमित व्यायाम करें। इसके साथ-साथ डॉक्टरों से परामर्श लेते रहें।
Written and Verified by:
Consultant - Diabetes & Endocrinology Exp: 28 Yr
Endocrinology
Dr. Kalyan Kumar Gangopadhyay is a renowned Endocrinologist in Kolkata and currently practices at CMRI Hospital, Kolkata. For the past 28 years. He has worked as an Endocrinologist and gained proficient skills and knowledge in the segments. He pursued degree of MBBS and MD - General Medicine. He is a well-known member of the Royal College of Physician, London.
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