हृदय बाईपास सर्जरी: प्रकार, जोखिम कारक, और तैयारी
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हृदय बाईपास सर्जरी: प्रकार, जोखिम कारक, और तैयारी

Summary

कई बार दिल की धड़कन तेज होना, सीने में जकड़न या सीढ़ियां चढ़ते समय सांस फूलना कई आम समस्याओं की तरफ संकेत करता है, लेकिन यह हमेशा सच नहीं होता है। इस बात में कोई दुविधा नहीं इन इनका संबंध सीधा आपके दिल से है। यह सारे लक्षण कोरोनरी आर्टरी डिजीज (Coronary Artery Disease) जैसी समस्याओं की तरफ संकेत करते हैं। 

कई बार दिल की धड़कन तेज होना, सीने में जकड़न या सीढ़ियां चढ़ते समय सांस फूलना कई आम समस्याओं की तरफ संकेत करता है, लेकिन यह हमेशा सच नहीं होता है। इस बात में कोई दुविधा नहीं इन इनका संबंध सीधा आपके दिल से है। यह सारे लक्षण कोरोनरी आर्टरी डिजीज (Coronary Artery Disease) जैसी समस्याओं की तरफ संकेत करते हैं। 

इन स्थितियों में हृदय तक रक्त ले जाने वाली नसें पतली हो जाती हैं, जिससे सीने में दर्द और सांस लेने में तकलीफ जैसी समस्याएं उत्पन्न होने लगती हैं। हार्ट बाईपास सर्जरी से इन ब्लॉकेज वाली नसों को फिर से स्वस्थ कर रक्त प्रवाह को दुरुस्त किया जाता है। इस सर्जरी को कई नामों से जाना जाता है जैसे कि - 

कोरोनी आर्टरी डिजीज (CABG)एक गंभीर स्थिति है, जिसके बारे में सभी को अवश्य जानना चाहिए। चलिए हृदय बाईपास सर्जरी के प्रकार, कारण, लक्षण, और उपचार के बारे में जानते हैं। यदि आप किसी भी हृदय संबंधित समस्या का सामना कर रहे हैं, तो हम आपको सलाह देंगे कि बिना देर किए हम से मिलें और इलाज लें। इलाज में देरी हृदय की कार्यक्षमता को नुकसान पहुंचा सकता है।

हृदय बाईपास सर्जरी के प्रकार

हृदय या हार्ट बाईपास सर्जरी कई तरीकों से की जाती है। किस प्रकार की सर्जरी होगी, इसका निर्णय रोगी के स्वास्थ्य स्थिति पर निर्भर करता है। चलिए हृदय बाईपास सर्जरी के प्रकार के बारे में जानते हैं -

  • ट्रेडिशनल बाईपास सर्जरी: यह सबसे आम तरीका है, जिसमें छाती पर चीरा लगाकर ब्लॉक नसों को बाईपास किया जाता है। सर्जरी के दौरान रक्त के बहाव को बनाए रखने के लिए मशीन का प्रयोग होता है। 
  • ऑफ-पंप बाईपास सर्जरी: इस विधि में भी छाती पर चीरा तो लगाया जाता है, लेकिन दिल की धड़कन को रोका नहीं जाता है। 
  • मिनिमल इनवेसिव बाईपास सर्जरी: इसे की होल सर्जरी (keyhole surgery) भी कहा जाता है, जिसमें हृदय शल्य चिकित्सक (कार्डियक सर्जन) पसलियों के बीच छोटे चीरे लगाकर हृदय तक पहुंचते हैं। कैमरे और रोबोटिक तकनीक की मदद से ऑपरेशन किया जाता है।

इसके अतिरिक्त ब्लॉक नसों की संख्या के आधार पर भी बाईपास के प्रकार का निर्णय होता है जैसे - 

  • सिंगल बाईपास सर्जरी (Single bypass): एक नस का ब्लॉक होना।
  • डबल बाईपास सर्जरी (Double bypass): जब दो नसें ब्लॉक हो।
  • ट्रिपल बाईपास सर्जरी (Triple bypass): जब तीन नसें ब्लॉक हो।
  • क्वाड्रपल बाईपास सर्जरी (Quadruple bypass): जब चार नसें ब्लॉक हो।
  • क्विंटुपल बाईपास सर्जरी (Quintuple bypass): जब पांच नसें ब्लॉक हो।

कई लोगों को ओपन हार्ट सर्जरी और बाईपास सर्जरी के बीच के अंतर को समझने में समस्या होती है। ओपन हार्ट सर्जरी में हृदय से जुड़े सभी समस्याओं का इलाज होता है। वहीं बाईपास सर्जरी में ब्लॉक नसों को बाईपास किया जाता है, जिससे शरीर में रक्त का बहाव फिर से बहाल हो जाए। आसान भाषा में कहा जाए तो हृदय बाईपास सर्जरी ओपन हार्ट सर्जरी का एक प्रकार है।

हृदय बाईपास सर्जरी की आवश्यकता कब होती है? -

इस सर्जरी की आवश्यकता आमतौर पर सबसे अधिक तब होती है जब - 

  • हार्ट अटैक के इलाज के तौर पर अन्य उपचार के विकल्प काम न करें।
  • हृदय की मुख्य नसों में रुकावट हो।
  • सीने में तेज दर्द हो और एंजियोप्लास्टी से कोई मदद न मिले।

कई मामलों में हृदय बाईपास सर्जरी को एक मुख्य सर्जरी के रूप में किया जाता है। 

बाईपास सर्जरी के नुकसान -

हृदय बाईपास सर्जरी एक ओपन-हार्ट सर्जरी है, और हर सर्जरी की तरह इसके भी कुछ संभावित जोखिम और जटिलताएं होती हैं। नीचे बाईपास सर्जरी के जोखिम को समझाया गया है - 

  • रक्त हानि (Bleeding): सर्जरी के दौरान या बाद में रक्त हानि की संभावना बनी रहती है। 
  • संक्रमण (Infection): सीने के जख्म में संक्रमण का खतरा रहता है।
  • दिल की धड़कन में उतार चढ़ाव होना (Irregular Heartbeat): सर्जरी के बाद दिल की धड़कन में उतार चढ़ाव देखने को मिलता है। 
  • गुर्दे की समस्याएं (Kidney Problems): कुछ मामलों में इस सर्जरी का असर किडनी पर भी पड़ा है।
  • मेमोरी लॉस: कुछ मामलों में अस्थायी रूप से याददाश्त कमजोर हो सकती है। ऐसे होने की संभावना सबसे कम होती है, लेकिन हर 100 में से एक या फिर दो मामलों में ऐसा हो सकता है।
  • स्ट्रोक (Stroke): सर्जरी के बाद स्ट्रोक के मामले आते हैं, लेकिन इसकी संख्या भी काफी कम है। 

इसके अतिरिक्त कुछ अन्य जोखिम भी हैं, जिनकी संभावना लगातार बनी रहती है जैसे कि - 

हालांकि सर्जरी से पहले कुछ जोखिमों से बचने के लिए दवाएं दी जाती हैं। इन दवाओं से रक्त हानि, हाई ब्लड प्रेशर और संक्रमण से बचाव संभव है।

हृदय बाईपास सर्जरी से पहले तैयारी -

बाईपास सर्जरी से पहले, पूरी सेहत की जांच की जाती है। इससे ब्लॉक नसों का पता चल पाता है। इलाज से पहले निम्नलिखित टेस्टों का सुझाव दिया जा सकता है - 

सर्जरी से पहले और बाद में भी खान-पान, जीवनशैली या दवाओं में कुछ बदलाव आवश्यक होते हैं। साथ ही सर्जरी से पहले सभी पेशेंट्स को उन सभी विटामिन और सप्लीमेंट्स की जानकारी अपने सर्जन को देनी चाहिए जिनका वह सेवन करते हैं, जिससे वह आपके शरीर को सर्जरी के लिए तैयार कर पाएं और दवाओं का सही कोर्स चला पाएं। 

केस स्टडी - बीएम बिरला हार्ट हॉस्पिटल में सफल कार्डियक इंटरवेंशन

श्री बैद्यनाथ ताहरी 69 वर्ष के हैं और वह 6 नवंबर, 2024 को सीने में तेज दर्द के साथ बीएम बिरला हार्ट हॉस्पिटल में भर्ती हुए थे। वह टाइप 2 डायबिटीजहाइपरटेंशन, बीपीएच और कोरोनरी आर्टरी डिजीज जैसी समस्याओं का सामना कर रहे थे। डॉ. देबब्रत बिस्वास (अनुभवी एवं सर्वश्रेष्ठ हृदय सर्जन) के नेतृत्व में, उनके स्वास्थ्य को स्थिर करने का कार्य किया गया और उनके हृदय की जांच की गई। जांच में सामने आया कि वह सिवियर ट्रिपल वेसल डिजीज का सामना कर रहे हैं और उनका हृदय मात्र 32% काम कर रहा है।

उच्च जोखिम को देखते हुए, डॉ. बिस्वास और उनकी टीम ने 8 नवंबर को एक तत्काल मिनिमली इनवेसिव कोरोनरी आर्टरी बाईपास ग्राफ्टिंग (MICS CABG) प्रक्रिया को किया। सर्जरी मिनिमल इन्वेसिव थी, और सर्जरी में ब्लॉकेज वाली धमनियों को सफलतापूर्वक बाईपास किया गया। सर्जरी के बाद ताहरी को उसी दिन एक्सट्यूबेट किया गया और उनके स्वास्थ्य में स्थिरता भी देखी गई।

डॉ. बिस्वास का कहना होता है कि मिनिमल इनवेसिव तकनीक कम रिकवरी समय के साथ प्रभावी रीवैस्कुलराइजेशन प्रदान करने की क्षमता रखता है। 

अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्न-

क्या बाईपास सर्जरी के बाद शराब पी सकते हैं?

नहीं, बाईपास सर्जरी के बाद कम से कम 6 महीने तक शराब नहीं पीना चाहिए। शराब पीने से ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है, जिससे रक्त के थक्के बनने का खतरा और भी अधिक हो जाता है। 

क्या आप बाईपास सर्जरी के बाद सामान्य जीवन जी सकते हैं?

जी हां, ज्यादातर लोग बाईपास सर्जरी के बाद स्वस्थ और सक्रिय जीवन जी सकते हैं। हालांकि, जीवनशैली में बदलाव जैसे स्वस्थ भोजन, नियमित व्यायाम, धूम्रपान छोड़ना और तनाव कम करना बहुत ज्यादा जरूरी है।

बाईपास के बाद क्या नहीं खाना चाहिए?

बाईपास सर्जरी के बाद निम्नलिखित खाद्य पदार्थों से दूरी बनाएं - 

  • वसायुक्त भोजन: रेड मीट, तले हुए भोजन, उच्च वसा वाले डेयरी प्रोडक्ट, और पैकेज्ड स्नैक्स।
  • प्रोसेस्ड फूड: वाइट ब्रेड, वाइट चावल, और पास्ता।
  • मीठा भोजन: केक, कुकीज, और कैंडी
  • नमक: नमक का सेवन कम करें। इसके बदले रॉक साल्ट का सेवन कर सकते हैं।

हार्ट सर्जरी के बाद क्या-क्या खाना चाहिए?

हार्ट सर्जरी के बाद निम्नलिखित खाद्य पदार्थों का सेवन लाभकारी साबित होगा - 

  • फल और सब्जियां: ताजे फल और सब्जियां विटामिन, खनिज और फाइबर से भरपूर होते हैं, जो आपके हृदय स्वास्थ्य के लिए अच्छे होते हैं।
  • होल ग्रेन्स: ओट्स, ब्राउन राइस, और क्विनोआ जैसे होल ग्रेन्स फाइबर और पोषक तत्वों का अच्छा स्रोत हैं।
  • लीन प्रोटीन: चिकन, मछली, बीन्स, और टोफू जैसे लीन प्रोटीन हृदय के लिए लाभकारी होते हैं।
  • स्वस्थ वसा: एवोकैडो, नट्स, और जैतून का तेल जैसे स्वस्थ वसा हृदय के लिए अच्छे होते हैं।

दिल की बाईपास सर्जरी के बाद कौन से व्यायाम करें?

धीरे-धीरे अपनी सामान्य गतिविधि को बढ़ाएं। अपने कार्डियोलॉजिस्ट से बात करें। वह डाइट और आवश्यक व्यायाम के बारे में आपको सारी जानकारी दे देंगे।

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