कई बार लोगों को लगता है कि दिल की धड़कन तेज होना, सीने में जकड़न या सीढ़ियां चढ़ते समय सांस फूलना एक आम समस्या है। हालांकि यह सच है लेकिन इनका संबंध सीधा आपके दिल के स्वास्थ्य से होता है। कोरोनरी आर्टरी डिजीज (Coronary Artery Disease) जैसी स्थितियों में हृदय तक रक्त ले जाने वाली नसें पतली हो जाती हैं, जिससे सीने में दर्द और सांस लेने में तकलीफ जैसी समस्याएं उत्पन्न होती हैं। हार्ट बाईपास सर्जरी से इन ब्लॉकेज वाली नसों को फिर से स्वस्थ कर रक्त प्रवाह को दुरुस्त किया जा सकता है। इस सर्जरी को कई नामों से जाना जाता है जैसे -
यह एक गंभीर स्थिति है, जिसके बारे में सभी को अवश्य जानना चाहिए। चलिए हृदय बाईपास सर्जरी के प्रकार, कारण, लक्षण, और उपचार के बारे में जानते हैं।
हृदय या हार्ट बाईपास सर्जरी कई तरीकों से की जाती है। किस प्रकार की सर्जरी होगी, इसका निर्णय रोगी के स्वास्थ्य स्थिति पर निर्भर करता है। चलिए हृदय बाईपास सर्जरी के प्रकार के बारे में जानते हैं -
इसके अतिरिक्त ब्लॉक नसों की संख्या के आधार पर भी बाईपास के प्रकार का निर्णय होता है जैसे -
कई लोगों को ओपन हार्ट सर्जरी और बाईपास सर्जरी के बीच के अंतर को समझने में समस्या होती है। ओपन हार्ट सर्जरी में हृदय से जुड़े सभी समस्याओं का इलाज होता है। वहीं बाईपास सर्जरी में ब्लॉक नसों को बाईपास किया जाता है, जिससे शरीर में रक्त का बहाव फिर से बहाल हो जाए। आसान भाषा में कहा जाए तो हृदय बाईपास सर्जरी भी ओपन हार्ट सर्जरी का एक प्रकार है।
इस सर्जरी की आवश्यकता आमतौर पर सबसे अधिक तब होती है जब -
कई मामलों में हृदय बाईपास सर्जरी को एक मुख्य सर्जरी के रूप में किया जाता है।
हृदय बाईपास सर्जरी एक ओपन-हार्ट सर्जरी है, और हर सर्जरी की तरह इसके भी कुछ संभावित जोखिम होते हैं। नीचे बाईपास सर्जरी के जोखिम को समझाया गया है -
इसके अतिरिक्त कुछ अन्य जोखिम भी होते हैं, जिनकी संभावना लगातार बनी रहती है जैसे -
हालांकि सर्जरी से पहले कुछ जोखिमों से बचने के लिए दवाएं दी जाती हैं। इन दवाओं से रक्त हानि, हाई ब्लड प्रेशर और संक्रमण से बचाव संभव है।
बाईपास सर्जरी से पहले, पूरी सेहत की जांच की जाती है। इससे ब्लॉक नसों का पता चल पाता है। इलाज से पहले निम्नलिखित टेस्टों का सुझाव दिया जा सकता है -
सर्जरी से पहले खान-पान, जीवनशैली या दवाओं में कुछ बदलाव आवश्यक होते हैं। साथ ही पेशेंट को उन सभी विटामिन और सप्लीमेंट्स के बारे में सारी जानकारी देनी होगी जिनका वह सेवन करते हैं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि कुछ सप्लीमेंट के कारण सर्जरी के दौरान ज्यादा खून बह सकता है।
नहीं, बाईपास सर्जरी के बाद कम से कम 6 महीने तक शराब नहीं पीना चाहिए। शराब पीने से ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है, जिससे रक्त के थक्के बनने का खतरा बढ़ जाता है।
जी हां, ज्यादातर लोग बाईपास सर्जरी के बाद स्वस्थ और सक्रिय जीवन जी सकते हैं। हालांकि, जीवनशैली में बदलाव जैसे स्वस्थ भोजन, नियमित व्यायाम, धूम्रपान छोड़ना और तनाव कम करना बहुत ज्यादा जरूरी है।
बाईपास सर्जरी के बाद निम्नलिखित खाद्य पदार्थों से दूरी बनाएं -
हार्ट सर्जरी के बाद निम्नलिखित खाद्य पदार्थों का सेवन लाभकारी साबित होगा -
धीरे-धीरे अपनी सामान्य गतिविधि को बढ़ाएं। अपने कार्डियोलॉजिस्ट से बात करें। वह डाइट और आवश्यक व्यायाम के बारे में आपको सारी जानकारी दे देंगे।
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