Pulmonology | by Dr. Raja Dhar | Published on 09/08/2024
सांस लेने में दिक्कत की स्थिति को डिस्पेनिया (Dyspnea) के नाम से जाना जाता है। यह एक सामान्य और परेशान करने वाला लक्षण है, जो सभी उम्र के व्यक्तियों को प्रभावित करता है। सांस लेने में प्रॉब्लम की समस्या को अक्सर लोग ‘सांस फूलने’ के रूप में भी जानते हैं। कई बार सांस की तकलीफ अन्य जानलेवा स्वास्थ्य समस्याओं के लक्षण के तौर पर उत्पन्न हो सकता है। यही कारण है कि सांस फूलने के लक्षण दिखने पर तुरंत एक अच्छे डॉक्टर से परामर्श लेने की सलाह दी जाती है।
सांस लेने में तकलीफ के कारण एक व्यक्ति को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इसके मुख्य कारणों में निम्न शामिल हैं -
श्वसन संबंधी स्थितियां
हृदय संबंधी समस्याएं
सांस लेने में दिक्कत के लक्षण अन्य स्वास्थ्य समस्या के आधार पर भिन्न हो सकते हैं। सांस फूलने के साथ यदि निम्न लक्षण उत्पन्न हो, तो तुरंत डॉक्टर से मिलने की सलाह दी जाती है जैसे -
अगर आप ऊपर दिए गए लक्षणों को खुद में अनुभव करते हैं, तो जल्द से जल्द पल्मोनोलॉजिस्ट या सांस संबंधित विशेषज्ञ से परामर्श करना चाहिए।
सांस की तकलीफ का उपचार इसके कारण के आधार पर भिन्न होता है। संपूर्ण चिकित्सीय मूल्यांकन के माध्यम से समस्या की जड़ की पहचान करना आवश्यक है। अस्थमा या क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी) जैसी श्वसन स्थितियों के लिए, लक्षणों को कम करने और फेफड़ों की कार्यप्रणाली में सुधार के लिए ब्रोन्कोडायलेटर और कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स जैसी दवाएं निर्धारित की जा सकती हैं। धूम्रपान बंद करने और पलमोनरी रिहैबिलेशन (Pulmonary Rehabilitation) सहित जीवनशैली में बदलाव भी श्वसन संबंधी समस्याओं के बेहतर प्रबंधन में मदद कर सकता है।
ऐसे मामलों में जहां दिल की विफलता या कोरोनरी धमनी रोग जैसी हृदय संबंधी समस्याएं सांस की तकलीफ के लिए जिम्मेदार हैं, उपचार में हृदय की कार्यक्षमता में सुधार करने के लिए दवाएं, जीवनशैली में बदलाव जैसे आहार में बदलाव और व्यायाम और, कुछ मामलों में, एंजियोप्लास्टी या बाईपास सर्जरी जैसे सर्जिकल प्रक्रियाएं शामिल हो सकती हैं। एनीमिया और एलर्जी जैसी अंतर्निहित स्थितियों का इलाज करने से भी सांस फूलने की समस्या से राहत मिल सकती है।
पल्मोनरी एंबोलिज्म जैसी गंभीर स्थितियों के लिए तत्काल चिकित्सा सहायता की आवश्यकता होती है, और उपचार में रक्त को पतला करने वाली दवाएं दी जा सकती हैं। यदि स्ट्रेस सांस की समस्या का मुख्य कारण है, तो इसके प्रबंधन के लिए मेडिटेशन और योग का सहारा लें। इससे आपके मानसिकता पर सकारात्मक प्रभाव देखने को मिलेगा।
सभी मामलों में कारण निर्धारित करने और एक व्यक्तिगत उपचार योजना विकसित करने के लिए हृदय रोग विशेषज्ञ के साथ मिलकर काम करना बहुत ज्यादा जरूरी है।
सांस लेने में दिक्कत विभिन्न कारकों के कारण हो सकती है, जिनमें श्वसन संबंधी स्थितियां (जैसे, अस्थमा), हृदय की समस्याएं (जैसे, दिल का दौरा), संक्रमण, एलर्जी, चिंता, या धूम्रपान या प्रदूषक जैसे पर्यावरणीय कारक शामिल हैं।
अगर आपको अचानक सांस लेने में कठिनाई महसूस हो तो सबसे पहले शांत रहने का प्रयास करें। यदि यह समस्या बनी रहती है या बिगड़ जाती है, तो तत्काल चिकित्सा सहायता लें। सीधे बैठें, निर्धारित इनहेलर (यदि कोई हो) का उपयोग करें, और ट्रिगर (जैसे, एलर्जी या धूम्रपान) से बचें।
सांस लेते समय सीने में दर्द प्ल्यूराइटिस (फेफड़ों की परत की सूजन), मस्कुलोस्केलेटल समस्याएं या यहां तक कि एनजाइना जैसी हृदय संबंधी समस्याओं के कारण भी हो सकता है। कारण निर्धारित करने के लिए किसी विशेषज्ञ द्वारा मूल्यांकन महत्वपूर्ण है।
सांस लेने में दिक्कत स्वयं एक लक्षण है। इस स्थिति के अन्य लक्षण भी उत्पन्न हो सकते हैं जैसे -