एनजाइना या सीने में दर्द आपके शरीर के द्वारा दिया जा रहा एक संकेत है, जो बताता है कि आपके हृदय तक पर्याप्त ऑक्सीजन युक्त रक्त नहीं पहुंच पा रहा है। आइये इस ब्लॉग से हम समझते है कि एनजाइना क्या है और इसके कारण, लक्षण और उपचार क्या है?
अचानक खेलते हुए या पार्क में टहलते हुए छाती में तेज दर्द और जकड़न दिल की समस्या की तरफ इशारा करता है। यह एक परेशान करने वाली स्थिति है, जिसे मेडिकल भाषा में एनजाइना पेक्टोरिस (angina pectoris) कहा जाता है। इस समस्या से दुनिया भर में लाखों लोग प्रभावित हो रहे हैं।
सबसे पहले आपको यह समझना होगा कि एनजाइना आपके शरीर के द्वारा दिया जा रहा एक संकेत है, जो बताता है कि आपके हृदय तक पर्याप्त ऑक्सीजन युक्त रक्त नहीं पहुंच पा रहा है। ऐसे में आपको डरने की आवश्यकता नहीं है। सबसे पहले समझें कि एनजाइना क्या है और इसके कारण, लक्षण और उपचार क्या है।
एनजाइना पेक्टोरिस एक मेडिकल स्थिति है, जिसमें व्यक्ति को सीने में दर्द और बेचैनी जैसे लक्षणों का अनुभव होता है। जब हृदय तक पर्याप्त ऑक्सीजन युक्त रक्त नहीं पहुंच पाता है और कोरोनरी आर्टरी पतली एवं ब्लॉक हो जाती है, तो इसके कारण एनजाइना की समस्या उत्पन्न होती है। लेकिन आपको एक बात का ख्याल रखना होगा कि एनजाइना और दिल का दौरा, दोनों अलग-अलग समस्याएं होती हैं।
एनजाइना के कारण दिल में तेज दर्द होता है, जो हृदय रोग का एक महत्वपूर्ण लक्षण है। एनजाइना पेक्टोरिस की समस्या एक व्यक्ति को कई कारण से परेशान कर सकती है। इसके सटीक कारण का पता लगाने के बाद ही उचित इलाज संभव हो पाता है। यदि आपको इस स्थिति का निदान हो जाए, तो बिना देर किए ह्रदय रोग विशेषज्ञ से बात करें और इलाज लें क्योंकि इस स्थिति में चिकित्सा हस्तक्षेप बहुत ज्यादा अनिवार्य होता है।
एनजाइना को सीने में दर्द के नाम से भी जाना जाता है जो कि स्वयं ही एक लक्षण है। इसके अतिरिक्त कुछ अन्य लक्षण भी हैं, जो एनजाइना का संकेत देते हैं जैसे -
एनजाइना में सीने में दर्द सबसे ज्यादा होता है। हालांकि यह दर्द कंधे, हाथ, गर्दन, गले, जबड़े या पीठ में भी फैल सकता है, जो कभी-कभी दूसरी समस्याओं की तरफ संकेत करता है। कुछ लोग सीने में दर्द को गैस का दर्द मान लेते हैं और वह इस स्थिति को नजरअंदाज कर देते हैं।
सीने में दर्द या एनजाइना के कई कारण हो सकते हैं। इस स्थिति का मुख्य कारण हृदय की मांसपेशियों तक ऑक्सीजन युक्त रक्त का कम पहुंचना है। आसान भाषा में कहा जाए तो जब हमारे हृदय की मांसपेशियों को पर्याप्त ऑक्सीजन युक्त रक्त नहीं मिलता है, तो इसके कारण इस्केमिया (Ischemia) बन जाता है और एनजाइना की समस्या उत्पन्न होती है।
मुख्य रूप से एनजाइना दो प्रकार के होते हैं और इस स्थिति के कारण भी उन्ही प्रकारों पर निर्भर करते हैं। चलिए दोनों प्रकार के एनजाइना और उनके कारणों को जानते हैं -
इसके अतिरिक्त एनजाइना के कुछ अन्य कारण भी होते हैं जैसे -
यह सारे तो इस स्थिति के कारण है। लेकिन काफी हद तक हम घरेलू उपायों का पालन कर इस स्थिति से बच सकते हैं। कुछ घरेलू उपायों का पालन लाभकारी होगा जैसे -
एनजाइना के इलाज से पहले इसकी पुष्टि बहुत ज्यादा आवश्यक है। एनजाइना की पुष्टि के लिए निम्न टेस्ट कराए जा सकते हैं -
सर्जरी से पहले ब्लड टेस्ट आवश्यक होता है। इससे संभावित जटिलताओं से बचने में मदद मिलती है। जांच के परिणाम के आधार पर इलाज की योजना निर्धारित होती है। इलाज के विभिन्न विकल्पों के बारे में नीचे बताया गया है -
दवाएं: इलाज के लिए अलग-अलग दवाएं दी जाती है, जैसे रक्त प्रवाह को बनाए रखने, दिल की कार्यक्षमता में सुधार, और रक्त के थक्के को बनने से रोकने के लिए दवा। इन स्थितियों के लिए बाजार में बहुत सारी दवाएं उपलब्ध है, लेकिन सही दवा का चयन आपके डॉक्टर ही कर सकते हैं।
यदि इन दवाओं से भी आराम नहीं मिलता है, तो सर्जरी की आवश्यकता पड़ती है -
इसलिए जैसे ही आपको ऊपर बताए गए लक्षणों का अनुभव हो तो तुरंत एक अच्छे और प्रमाणित कार्डियोलॉजिस्ट या हृदय रोग विशेषज्ञ से मिलें और इलाज के विकल्पों पर विचार करें।
सीने में दर्द के कई कारण होते हैं। हालांकि कोरोनरी धमनियों में रुकावट इस समस्या के सभी मुख्य कारणों में से एक है।
एनजाइना होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करने की सलाह दी जाती है। एनजाइना का संबंध हृदय रोग से होता है और लक्षण दिखने पर तुरंत चिकित्सा सहायता लें।
महिलाओं में एनजाइना के लक्षण अलग नहीं होते हैं। इसके कारण थकान, सांस लेने में तकलीफ, या जबड़े, कंधे या पीठ में दर्द जैसे लक्षणों का अनुभव होता है।
हां, तनाव एनजाइना की समस्या को ट्रिगर करने की क्षमता रखता है। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि तनाव से हृदय गति और ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है, जिससे हृदय को पर्याप्त ऑक्सीजन युक्त रक्त नहीं मिल पाता है।
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Dr Anil Mishra is one of the most senior Cardiologist of Eastern who is known to do some of the firsts in new Cardiac procedures. He graduated from Calcutta National Medical College and received his post-graduate training in the United Kingdom. After achieving Membership of the Royal College of Physicians he trained in Cardiology at some of the leading cardiac centres of Europe – The Cardiothoracic Institute at National Heart Hospital, Brompton Hospital and London Chest Hospital in London.
He has wide experience in Cardiology and has performed more than 20,000 Coronary Angiographies (including radial route); more than 8000 Coronary Angioplasties and stenting, more than 3000 pacemaker surgery and other cardiac device implantations. He has a special interest in complex angioplasties, Pacemakers, CRT-D, AICD, and TAVI.
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