एंजियोप्लास्टी क्या है और क्यों पड़ती है इसकी जरूरत
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एंजियोप्लास्टी क्या है और क्यों पड़ती है इसकी जरूरत

Summary

कोरोनरी एंजियोप्लास्टी को चिकित्सा की भाषा में परक्यूटीनियस कोरोनरी इंटरवेंशन भी कहा जाता है। इस प्रक्रिया की मदद से हृदय को रक्त तक पहुंचाने वाली नसों की ब्लॉकेज को खोला जाता है।

वर्तमान में गतिहीन जीवनशैली और कम शारीरिक गतिविधियां कई सारी समस्याओं की जड़ बन गई है। वहीं दूसरी तरफ जंक फूड की आदत के साथ मोटापा, डायबिटीज, और ब्लड प्रेशर, हार्ट रोग जैसी गंभीर समस्याओं का मुख्य कारण है। अस्वस्थ जीवनशैली से कोलेस्ट्रॉल के स्तर के बढ़ने का खतरा भी लगातार बना रहता है, जिससे हमारा हृदय अपना सामान्य काम नहीं कर पाता है। 

यदि यह स्थिति अनुपचारित रह जाए, तो हार्ट को ब्लड पंप करने में अधिक मेहनत करनी पड़ती है, जिससे हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा बढ़ता है। इस स्थिति में एंजियोप्लास्टी का सुझाव दिया जाता है। चलिए इस ब्लॉग से जानते हैं कि एंजियोप्लास्टी क्या है और इसे कैसे किया जाता है। इस ब्लॉग से आपको एंजियोप्लास्टी के बारे में वह सारी जानकारी मिल जाएगी, जिसका आपको ज्ञान होना चाहिए। यदि आप हृदय संबंधित किसी भी बीमारी का सामना कर रहे हैं तो हम आपको सलाह देंगे कि आप एक अच्छे कार्डियोलॉजिस्ट से मिलें और किसी भी उपाय या दवा को बिना कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन के न लें।

एंजियोप्लास्टी क्या होती है?

कोरोनरी एंजियोप्लास्टी को चिकित्सा की भाषा में परक्यूटीनियस कोरोनरी इंटरवेंशन भी कहा जाता है। इस प्रक्रिया की मदद से हृदय को रक्त तक पहुंचाने वाली नसों की ब्लॉकेज को खोला जाता है। एंजियोप्लास्टी में दूरबीन के साथ एक छोटे से गुब्बारे का प्रयोग किया जाता है, जो नसों में ब्लॉकेज को खोल देता है और रक्त के प्रवाह को फिर से बहाल करने में मदद करता है। 

डॉक्टर कई मामलों में एंजियोप्लास्टी प्रक्रिया को एंजियोप्लास्टी स्टेंट भी कहते हैं। कई बार स्टेंट में किसी खास प्रकार की दवा का भी प्रयोग होता है, जिसकी मदद से स्टेंट की उम्र लंबी हो जाती है। यदि सही समय पर एंजियोप्लास्टी हो जाती है, तो रोगी को बहुत सारे लक्षणों से जल्द राहत मिल सकती है जैसे - छाती में दर्द, सांस लेने में तकलीफ और स्ट्रोक। 

एंजियोप्लास्टी कैसे होती है?

एंजियोप्लास्टी एक नॉन-सर्जिकल प्रक्रिया है, जो हृदय को रक्त की आपूर्ति करने वाली नसों में रुकावट को दूर करने में मदद करता है। इस प्रक्रिया में लोकल एनेस्थीसिया का प्रयोग किया जाता है, जिसका अर्थ यह है कि आप सर्जरी के दौरान जाग रहे होंगे, लेकिन आपको किसी भी प्रकार का दर्द का अनुभव नहीं होगा। 

तीन प्रकार की एंजियोप्लास्टी की जाती है - 

  • बैलून एंजियोप्लास्टी: यह सबसे आम प्रकार की एंजियोप्लास्टी है। इसमें नसों की रुकावट को दूर करने के लिए एक छोटे गुब्बारे का उपयोग किया जाता है।
  • लेजर एंजियोप्लास्टी: इस प्रकार की एंजियोप्लास्टी में रुकावट को दूर करने के लिए लेजर का उपयोग किया जाता है।
  • एथेरेक्टॉमी: इस प्रकार की एंजियोप्लास्टी में रुकावट को हटाने के लिए मेडिकल उपकरण का उपयोग किया जाता है। डॉक्टर इस प्रक्रिया का सुझाव तब देते हैं, जब बैलून और लेजर एंजियोप्लास्टी अपना कार्य सही से नहीं कर पाते हैं।

तीनों प्रकार के एंजियोप्लास्टी में प्रक्रिया एक समान ही होती है। चलिए पहले इस प्रक्रिया को आसान भाषा में समझते हैं - 

  • सर्जन पहले एक्स-रे और अल्ट्रासाउंड से प्रभावित नसों को चिन्हित करते हैं। 
  • इसके बाद प्रभावित धमनियों तक पहुंच कर स्टेंट को ब्लॉकेज वाले धमनियों में लगाया जाता है। 
  • स्टेंट से नसों को चौड़ा किया जाता है, जिसके कारण रक्त का प्रवाह फिर से बहाल हो जाता है। 
  • कुछ मामलों में स्टेंट के बचाव के लिए भी कुछ अतिरिक्त उपकरण लगाए जाते हैं। 

एंजियोप्लास्टी प्रक्रिया में ज़्यादा समय नहीं लगता है। इसमें लगभग एक घंटा का ही समय लगता है। लेकिन एंजियोप्लास्टी के बाद, अतिरिक्त 12-16 घंटे रिकवरी में लग सकते हैं। 

एंजियोप्लास्टी के बाद सावधानियां

एंजियोप्लास्टी के बाद रोगी को घर भेज दिया जाता है। सर्जरी के बाद रोगियों को अधिक मात्रा में तरल पदार्थ के सेवन की सलाह दी जाती है, जिससे शरीर में रक्त का प्रवाह बना रहे। इसके साथ-साथ थकाने वाले व्यायाम न करें और भारी वजन भी न उठायें। अन्य गतिविधियों को अपने सर्जन के कहे अनुसार ही करें। इसके साथ-साथ एंजियोप्लास्टी के बाद हृदय का स्वास्थ्य बनाए रखने के लिए रोगी को निम्नलिखित दिशा-निर्देशों का पालन करना चाहिए - 

  • धूम्रपान न करें
  • कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बनाए रखें
  • स्वस्थ वजन बनाए रखें
  • नियमित व्यायाम करें

जिन स्थितियों में एंजियोप्लास्टी के वांछित परिणाम नहीं मिलते हैं, उन्हें डॉक्टर बाईपास सर्जरी का सुझाव दे सकते हैं। 

एंजियोप्लास्टी के जोखिम

इस स्थिति का सबसे बड़ा जोखिम कारक यह है कि आपको हर 4-5 साल में इस स्टेंट को बदलने की आवश्यकता होगी। इसके अतिरिक्त इस ऑपरेशन के निम्न जोखिम कारक हो सकते हैं - 

  • लगाए गए कट से रक्त हानि।
  • ऑपरेशन वाले क्षेत्र पर नुकसान
  • कोरोनरी धमनी को एंजियोप्लास्टी के दौरान क्षति पहुंचना, जिसके इलाज के लिए आपातकालीन बायपास सर्जरी करनी पड़ सकती है। 
  • सर्जरी में केमिकल का प्रयोग होता है, जिससे रोगी को कुछ साइड इफेक्ट का सामना करना पड़ सकता है। 

वहीं कुछ गंभीर मामलों में देखा गया है कि सर्जरी के दौरान दिल का दौरा भी पड़ जाता है या स्ट्रोक होने का खतरा हो जाता है। यदि इस स्थिति से बचना है, तो डॉक्टर इलाज से पहले कुछ निदान का सुझाव दे सकते हैं। 

एंजियोप्लास्टी से संबंधित अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्न

 

एंजियोप्लास्टी का खर्च कितना आता है?

एंजियोप्लास्टी का खर्च कई कारकों पर निर्भर करता है, जैसे हॉस्पिटल, डॉक्टर का अनुभव, एंजियोप्लास्टी का प्रकार, बीमा, इत्यादि। सामान्यतः, एंजियोप्लास्टी का खर्च 1 लाख रुपये से 5 लाख रुपए तक हो सकता है। सही खर्च की जानकारी आप हमें फोन करके ले सकते हैं। 

एंजियोप्लास्टी के बाद क्या खाना चाहिए?

एंजियोप्लास्टी के बाद आपको एक स्वस्थ और संतुलित आहार का सेवन करना चाहिए। अपने आहार में कुछ विशेष चीजों को ज़रूर शामिल करें जैसे - 

  • फल और सब्जियां
  • साबुत अनाज
  • कम वसा वाले डेयरी उत्पाद
  • मछली
  • नट्स और बीज

एंजियोप्लास्टी के बाद क्या नहीं खाना चाहिए?

एंजियोप्लास्टी के बाद निम्न खाद्य पदार्थों से दूरी बनाने की सलाह दी जाती है - 

  • वसा युक्त भोजन
  • तला हुआ भोजन
  • मीठा भोजन
  • नमक

'बैलून एंजियोप्लास्टी' तकनीक क्या है?

बैलून एंजियोप्लास्टी एक प्रकार की एंजियोप्लास्टी है, जिसमें रुकावट को दूर करने के लिए एक छोटे गुब्बारे का उपयोग किया जाता है।

Written and Verified by:

Dr. Manoj Kumar Daga is the Director of Cardiothoracic & Vascular Surgery Dept. at BM Birla Heart Hospital, Kolkata, with over 21 years of experience. He specializes in adult and pediatric heart surgery, coronary aortic root surgery, and heart and lung transplantation.

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