ओपन हार्ट सर्जरी और बाईपास सर्जरी के बीच क्या अंतर है?
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ओपन हार्ट सर्जरी और बाईपास सर्जरी के बीच क्या अंतर है?

Summary

जब भी हृदय रोग के इलाज की बात आती है, तो ओपन-हार्ट और बाईपास सर्जरी को सबसे लोकप्रिय विकल्प माने जाते हैं। ओपन हार्ट सर्जरी में मरीज की छाती पर एक कट लगाकर सर्जरी को अंजाम दिया जाता है, वहीं बाईपास सर्जरी में रक्त प्रवाह को फिर से बहाल करने के लिए धमनियों का एक वैकल्पिक मार्ग बनाया जाता है।

जब भी हृदय रोग के इलाज की बात आती है, तो ओपन-हार्ट और बाईपास सर्जरी को सबसे लोकप्रिय विकल्प माने जाते हैं। ओपन हार्ट सर्जरी में मरीज की छाती पर एक कट लगाकर सर्जरी को अंजाम दिया जाता है, वहीं बाईपास सर्जरी में रक्त प्रवाह को फिर से बहाल करने के लिए धमनियों का एक वैकल्पिक मार्ग बनाया जाता है।

दोनों ही सर्जरी के अपने हानि और लाभ है। यदि आपके भी मन में कई प्रश्न है जैसे कौन सी सर्जरी आपके लिए बेस्ट है या फिर दोनों के बीच क्या अंतर है, तो यह ब्लॉग आपके लिए है। इस ब्लॉग की सहायता से आप सही निर्णय ले पाएंगे। 

लेकिन एक बात का खास ख्याल रखना होगा कि इस ब्लॉग में मौजूद जानकारी सामान्य जानकारी है। हृदय शरीर का एक संवेदनशील अंग है। यदि आप किसी भी तरह की हृदय संबंधित समस्याओं का सामना कर रहे हैं, तो हम आपको सलाह देंगे कि तुरंत एक अच्छे हृदय शल्य चिकित्सक से मिलें। 

ओपन हार्ट सर्जरी क्या है?

जैसा की नाम से ही समझ आ रहा है कि ओपन हार्ट सर्जरी में मरीज के छाती पर एक चीरा लगाया जाता है, जिससे सर्जन मरीज के दिल तक पहुंच पाते हैं और सर्जरी कर पाते हैं। चिकित्सा भाषा में कहा जाए तो सर्जन छाती पर कट लगाने के बाद हृदय की मांसपेशियों, धमनियों या वाल्वों की सर्जरी करते हैं और फिर दिल के रोगों का इलाज करते हैं।

वहीं दूसरी तरफ इस प्रकार की सर्जरी का उपयोग हृदय संबंधी समस्याओं जैसे अतालता (अनियमित दिल की धड़कन), हृदय की विफलता, कोरोनरी धमनी रोग, एन्यूरिज्म आदि के इलाज के लिए किया जाता है। आप यह कह सकते हैं कि सर्जन इन सभी समस्याओं के इलाज के लिए ओपन हार्ट सर्जरी को प्राथमिकता देते हैं।

ओपन हार्ट सर्जरी की आवश्यकता कब होती है?

निम्नलिखित स्वास्थ्य स्थितियों में ओपन हार्ट सर्जरी का सुझाव दिया जाता है जैसे -

  • मरीज की बाईं कोरोनरी धमनी में रुकावट
  • धमनियों में रुकावट के कारण सीने में तेज दर्द होना
  • जन्मजात हृदय संबंधी असामान्यताएं
  • हृदय की विफलता
  • अनियमित दिल की धड़कन
  • हृदय वाल्व रोग जैसे हृदय वाल्व का सिकुड़ना
  • कोरोनरी धमनियों के अंदर समस्याएं बाएं वेंट्रिकल में क्षति का कारण बनती हैं।

बाईपास सर्जरी क्या है?

हार्ट बाईपास सर्जरी तब की जाती है, जब रक्त वाहिकाएं अवरुद्ध हो जाती है। इस सर्जरी में सर्जन अवरुद्ध धमनियों को बाईपास कर देते हैं, जिससे रक्त संचार बहाल रहे। बाईपास सर्जरी भी कई तरह की होती हैं। चलिए सभी को एक-एक करके समझते हैं - 

  • ट्रेडिशनल बाईपास सर्जरी: इस प्रक्रिया का उपयोग पहले के समय से होता आया है। इसमें डॉक्टर छाती में एक कट लगाते हैं और हृदय को बंद कर देते हैं। सर्जरी के दौरान मशीन के द्वारा शरीर में रक्त संचार होता है।
  • ऑफ-पंप बाईपास सर्जरी: इस सर्जरी में ट्रेडिशनल बाईपास सर्जरी की तरह ही छाती में चीरा लगाया जाता है, लेकिन सर्जरी के दौरान दिल धड़कता रहता है। 
  • मिनिमल इनवेसिव ट्रेडिशनल बाईपास सर्जरी: इस सर्जरी को की-होल सर्जरी भी कहा जाता है। सर्जरी में दिल तक पहुंचने के लिए सर्जन पसलियों के बीच छोटे-छोटे कट लगाते हैं। इसके पश्चात एक दूरबीन का प्रयोग होता है, जिसमें एक कैमरा और सर्जिकल उपकरण भी लगा होता है। 

बाईपास सर्जरी की आवश्यकता कब होती है?

यदि आप निम्न में से किसी भी स्वास्थ्य समस्या का सामना कर रहे हैं, तो डॉक्टर बाईपास सर्जरी का सुझाव देते हैं - 

  • धमनियों में रुकावट: यदि आपके दिल में रक्त आपूर्ति करने वाली धमनियों में रुकावट है, तो सर्जन बाईपास सर्जरी करते हैं। इस ब्लॉकेज के कारण सीने में तेज दर्द हो सकता है। 
  • पिछली प्रक्रियाओं का असफल होना: यदि आपकी पहले कोई धमनी संबंधी सर्जरी की गई है और वह असफल रही है, या फिर धमनी दोबारा संकरी हो गई हो, तो भी सर्जन बाईपास सर्जरी का सुझाव देते हैं। 
  • कोरोनरी धमनी रोग: यदि आपकी कोरोनरी धमनियों में कोई बीमारी है, जो हृदय के मुख्य कक्ष - लेफ्ट वेंट्रिकल (बायाँ वेंट्रिकल) के काम को प्रभावित कर रही है, तो इस स्थिति में डॉक्टर बाईपास सर्जरी का सुझाव देते हैं। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि यह कक्ष ही खून को पूरे शरीर में पंप करने का कार्य करता है।
  • लेफ्ट मेन कोरोनरी धमनी में रुकावट: यदि लेफ्ट मेन कोरोनरी धमनी में रुकावट हो तो खून बाएं वेंट्रिकल तक नहीं पहुंच पाता है। इस स्थिति में भी बाईपास सर्जरी का सुझाव डॉक्टर देते हैं। 

अंत में, हृदय रोग के साथ मधुमेह वाले रोगियों को भी बाईपास सर्जरी का सुझाव दिया जाता है।

ओपन हार्ट बनाम बाईपास: कौन सा बेहतर विकल्प है?

हृदय की समस्या से राहत पाने के लिए लोगों को ओपन हार्ट सर्जरी और बाईपास सर्जरी दोनों में से किसी एक सर्जरी की आवश्यकता होती है। हालांकि, दोनों सर्जरी के बीच कई अंतर है। सरल भाषा में कहा जाए तो ओपन हार्ट सर्जरी में छाती में एक बड़ा कट लगाया जाता है और दिल की समस्याओं का इलाज किया जाता है। ओपन सर्जरी में स्थिति के अनुसार हृदय को खोला जाता है और कुछ मामलों दिल को खोलने की भी आवश्यकता नहीं होती है। इस सर्जरी में छाती के अन्य भाग का भी ऑपरेशन होता है।

वहीं दूसरी तरफ बाईपास सर्जरी भी एक प्रकार की ओपन हार्ट सर्जरी ही है, बस इसमें ओपन सर्जरी की तरह दिल को नहीं खोला जाता है। इस प्रक्रिया में रुकावट वाली धमनियों को बाईपास किया जाता है, जिससे शरीर में रक्त संचार फिर से बहाल हो जाता है। बाईपास सर्जरी एक कम आक्रामक सर्जरी है। 

जैसा कि ऊपर बताया गया है बाईपास और ओपन-हार्ट सर्जरी, दोनों प्राकृतिक रूप से अलग-अलग सर्जरी है। यही कारण है कि किस सर्जरी का सुझाव डॉक्टर देते हैं, उसका निर्णय रोगी की स्वास्थ्य स्थिति और अन्य कारकों को ध्यान में रख कर लिया जाता है। इस प्रकार दोनों में से सबसे उपयुक्त सर्जरी के बारे में निर्णय हृदय शल्य चिकित्सक के हाथ में होता है।

अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्न

 

बाईपास सर्जरी कैसे होती है?

बाईपास सर्जरी करने के कई तरीके हैं। सामान्यतः बाईपास सर्जरी में निम्नलिखित प्रक्रियाओं का पालन किया जाता है - 

  • सर्जन रोगी को सबसे पहले एनेस्थिया देते हैं और उसके बाद वह रोगी के सीने के बीच की हड्डी (स्टर्नम) को काटकर हृदय तक पहुंचते हैं।
  • सर्जरी के दौरान हार्ट-लंग मशीन हृदय और फेफड़ों का काम करती है।
  • रक्त वाहिकाओं का उपयोग करके हृदय की अवरुद्ध धमनियों को बाईपास किया जाता है।
  • सर्जरी के बाद, हृदय को बंद कर दिया जाता है और हड्डी को फिर से जोड़ा जाता है।

ओपन हार्ट सर्जरी कैसे होती है?

सामान्यतः ओपन हार्ट सर्जरी में निम्नलिखित प्रक्रियाओं का पालन किया जाता है - 

  • रोगी को एनेस्थीसिया दिया जाता है और छाती पर चीरा लगाया जाता है।
  • हृदय को खोलकर अवरुद्ध धमनियों को ठीक किया जाता है और दिल की अन्य समस्याओं का इलाज किया जाता है।
  • हृदय को बंद कर दिया जाता है और चीरे को टांकों की सहायता से बंद कर दिया जाता है। 

बाईपास सर्जरी किसे कहते हैं?

यह एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें हृदय की अवरुद्ध धमनियों को बाईपास करने के लिए रक्त वाहिकाओं का उपयोग किया जाता है।

बाईपास सर्जरी के क्या फायदे हैं?

बाईपास सर्जरी से कई लक्षणों से राहत मिल जाती है जैसे - 

  • सीने में दर्द और सांस लेने में तकलीफ से राहत
  • हृदय की मांसपेशियों में रक्त का प्रवाह बेहतर होता है
  • हृदय की विफलता का खतरा कम होता है 

दिल के रोग के लिए कौन सी सर्जरी एक बेहतर विकल्प है?

इस प्रश्न का उत्तर आपके डॉक्टर दे सकते हैं। यह एक व्यक्तिगत प्रश्न है। रोगी की स्थिति और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के आधार पर आपके लिए बेहतर इलाज के विकल्प पर विचार किया जा सकता है।

Written and Verified by:

Dr. Ratan Kumar Das is associated with BM Birla Heart Research Centre as a Director of CTVS. In the past, he has been associated with Hospitals like St. George Hospital in Sydney, Australia. His areas of interest lies in off-pump CABG with LIMA-RIMA Y, Mitral Valve repair, Minimally Invasive Valve Surgery, CABG and Paediatric Cardiac Surgery.

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