जब भी हृदय रोग के इलाज की बात आती है, तो ओपन-हार्ट और बाईपास सर्जरी को सबसे लोकप्रिय विकल्प माने जाते हैं। ओपन हार्ट सर्जरी में मरीज की छाती पर एक कट लगाकर सर्जरी को अंजाम दिया जाता है, वहीं बाईपास सर्जरी में रक्त प्रवाह को फिर से बहाल करने के लिए धमनियों का एक वैकल्पिक मार्ग बनाया जाता है।
दोनों ही सर्जरी के अपने हानि और लाभ है। यदि आपके भी मन में कई प्रश्न है जैसे कौन सी सर्जरी आपके लिए बेस्ट है या फिर दोनों के बीच क्या अंतर है, तो यह ब्लॉग आपके लिए है। इस ब्लॉग की सहायता से आप सही निर्णय ले पाएंगे।
लेकिन एक बात का खास ख्याल रखना होगा कि इस ब्लॉग में मौजूद जानकारी सामान्य जानकारी है। हृदय शरीर का एक संवेदनशील अंग है। यदि आप किसी भी तरह की हृदय संबंधित समस्याओं का सामना कर रहे हैं, तो हम आपको सलाह देंगे कि तुरंत एक अच्छे हृदय शल्य चिकित्सक से मिलें।
जैसा की नाम से ही समझ आ रहा है कि ओपन हार्ट सर्जरी में मरीज के छाती पर एक चीरा लगाया जाता है, जिससे सर्जन मरीज के दिल तक पहुंच पाते हैं और सर्जरी कर पाते हैं। चिकित्सा भाषा में कहा जाए तो सर्जन छाती पर कट लगाने के बाद हृदय की मांसपेशियों, धमनियों या वाल्वों की सर्जरी करते हैं और फिर दिल के रोगों का इलाज करते हैं।
वहीं दूसरी तरफ इस प्रकार की सर्जरी का उपयोग हृदय संबंधी समस्याओं जैसे अतालता (अनियमित दिल की धड़कन), हृदय की विफलता, कोरोनरी धमनी रोग, एन्यूरिज्म आदि के इलाज के लिए किया जाता है। आप यह कह सकते हैं कि सर्जन इन सभी समस्याओं के इलाज के लिए ओपन हार्ट सर्जरी को प्राथमिकता देते हैं।
निम्नलिखित स्वास्थ्य स्थितियों में ओपन हार्ट सर्जरी का सुझाव दिया जाता है जैसे -
हार्ट बाईपास सर्जरी तब की जाती है, जब रक्त वाहिकाएं अवरुद्ध हो जाती है। इस सर्जरी में सर्जन अवरुद्ध धमनियों को बाईपास कर देते हैं, जिससे रक्त संचार बहाल रहे। बाईपास सर्जरी भी कई तरह की होती हैं। चलिए सभी को एक-एक करके समझते हैं -
यदि आप निम्न में से किसी भी स्वास्थ्य समस्या का सामना कर रहे हैं, तो डॉक्टर बाईपास सर्जरी का सुझाव देते हैं -
अंत में, हृदय रोग के साथ मधुमेह वाले रोगियों को भी बाईपास सर्जरी का सुझाव दिया जाता है।
हृदय की समस्या से राहत पाने के लिए लोगों को ओपन हार्ट सर्जरी और बाईपास सर्जरी दोनों में से किसी एक सर्जरी की आवश्यकता होती है। हालांकि, दोनों सर्जरी के बीच कई अंतर है। सरल भाषा में कहा जाए तो ओपन हार्ट सर्जरी में छाती में एक बड़ा कट लगाया जाता है और दिल की समस्याओं का इलाज किया जाता है। ओपन सर्जरी में स्थिति के अनुसार हृदय को खोला जाता है और कुछ मामलों दिल को खोलने की भी आवश्यकता नहीं होती है। इस सर्जरी में छाती के अन्य भाग का भी ऑपरेशन होता है।
वहीं दूसरी तरफ बाईपास सर्जरी भी एक प्रकार की ओपन हार्ट सर्जरी ही है, बस इसमें ओपन सर्जरी की तरह दिल को नहीं खोला जाता है। इस प्रक्रिया में रुकावट वाली धमनियों को बाईपास किया जाता है, जिससे शरीर में रक्त संचार फिर से बहाल हो जाता है। बाईपास सर्जरी एक कम आक्रामक सर्जरी है।
जैसा कि ऊपर बताया गया है बाईपास और ओपन-हार्ट सर्जरी, दोनों प्राकृतिक रूप से अलग-अलग सर्जरी है। यही कारण है कि किस सर्जरी का सुझाव डॉक्टर देते हैं, उसका निर्णय रोगी की स्वास्थ्य स्थिति और अन्य कारकों को ध्यान में रख कर लिया जाता है। इस प्रकार दोनों में से सबसे उपयुक्त सर्जरी के बारे में निर्णय हृदय शल्य चिकित्सक के हाथ में होता है।
बाईपास सर्जरी करने के कई तरीके हैं। सामान्यतः बाईपास सर्जरी में निम्नलिखित प्रक्रियाओं का पालन किया जाता है -
सामान्यतः ओपन हार्ट सर्जरी में निम्नलिखित प्रक्रियाओं का पालन किया जाता है -
यह एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें हृदय की अवरुद्ध धमनियों को बाईपास करने के लिए रक्त वाहिकाओं का उपयोग किया जाता है।
बाईपास सर्जरी से कई लक्षणों से राहत मिल जाती है जैसे -
इस प्रश्न का उत्तर आपके डॉक्टर दे सकते हैं। यह एक व्यक्तिगत प्रश्न है। रोगी की स्थिति और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के आधार पर आपके लिए बेहतर इलाज के विकल्प पर विचार किया जा सकता है।
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