हृदय वाल्व सर्जरी: किसे और क्यों ज़रूरत होती है?
Cardiac Surgery |
by Dr. Ratan Kumar Das | Published on 19/09/2024
हार्ट वाल्व सर्जरी एक मेडिकल सर्जरी प्रक्रिया है, जिसमें हृदय वाल्व से संबंधित समस्याओं को दूर किया जाता है। इन वाल्व का कार्य हृदय के सभी चेंबर में रक्त को सही दिशा में रखना होता है। जब किसी भी कारणवश यह वाल्व खराब हो जाता है, तो इसके कारण गंभीर समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
इन खराब वाल्व को बदलने या रिपेयर करने की ज़रूरत होती है। इस ब्लॉग की सहायता से हम यह समझने का प्रयास करेंगे कि हृदय वाल्व सर्जरी क्या है, इसके प्रकार, मुख्य कारण और इस सर्जरी का आवश्यकता क्यों पड़ती है। हृदय से संबंधित किसी भी समस्या के इलाज के लिए हम आपको सलाह देंगे कि तुरंत हमारे हृदय रोग विशेषज्ञ से मिलें और इलाज के सभी विकल्पों पर विचार करें।
हार्ट वाल्व सर्जरी क्या है?
हमारे शरीर में चार वाल्व होते हैं -
- माइट्रल वाल्व (Mitral)
- एरोटिक वाल्व (aortic)
- ट्राइकसपिड वाल्व (tricuspid)
- पलमोनरी वाल्व (pulmonary)
इन चारों वाल्व की मदद से हृदय तक रक्त का प्रवाह एक ही दिशा में चलता है। जब यह वाल्व क्षतिग्रस्त या रोग ग्रस्त हो जाते हैं, तो हृदय तक रक्त प्रवाह बाधित हो जाता है, जिसके बाद विभिन्न हृदय संबंधी जटिलताएं उत्पन्न होने लगती है। समस्या की गंभीरता को देखते हुए सर्जन निर्णय लेते हैं कि हार्ट वाल्व की रिपेयरिंग या फिर सर्जरी में से किसी भी एक इलाज के विकल्प का चुनाव किया जाए।
हार्ट वाल्व सर्जरी एक हृदय ऑपरेशन है, जिसका उद्देश्य एक या अधिक हृदय वाल्वों में रोगों का इलाज करना है। इसके लिए हृदय के वाल्व को नए वाल्व से बदल दिया जाता है। वहीं हार्ट वाल्व रिपेयरिंग में वर्तमान वाल्व की मरम्मत की जाती है।
हार्ट वाल्व सर्जरी के प्रकार
मुख्य रूप से दो प्रकार के हार्ट वाल्व सर्जरी की जाती है जैसे कि -
- वाल्व की मरम्मत (Heart Valve repairing): इस प्रक्रिया का प्रयोग तब किया जाता है, जब सर्जन को लगता है कि प्राकृतिक वाल्व को बचाया जा सकता है। इस सर्जरी में वाल्व को फिर से वही आकार देने के लिए कुछ प्रक्रियाएं की जाती है जैसे कि कमिसुरोटॉमी, वाल्वुलोप्लास्टी, रीशेपिंग, डीकैल्सीफिकेशन, इत्यादि। इस सर्जरी की मदद से वाल्व को फिर से आकार दिया जाता है और रिंग को मजबूत करने के लिए एनुलोप्लास्टी की जाती है।
- वाल्व रिप्लेसमेंट: जब वाल्व में होने वाला नुकसान बहुत ज्यादा बढ़ जाए और यह नुकसान इतना बढ़ जाए कि इसे फिर से ठीक न किया जाए, तो सर्जन वाल्व रिप्लेसमेंट की सलाह देते हैं। दो प्रकार के वाल्व का उपयोग होता है - मैकेनिकल वाल्व और बायोलोजिकल वाल्व। वाल्व रिप्लेसमेंट गंभीर मामलों में अधिक आम प्रक्रिया है। इस सर्जरी को करने के लिए ओपन-हार्ट सर्जरी या ट्रांसकैथेटर आर्टरी वाल्व रिप्लेसमेंट (TAVR) जैसी सर्जिकल तकनीक का उपयोग किया जाता है।
हार्ट वाल्व सर्जरी की जरूरत किसे है: 6 प्रमुख कारण
हार्ट वाल्व की समस्या में हर व्यक्ति को सर्जरी की जरूरत नहीं होती है। हालांकि, कुछ स्थितियों में हार्ट वाल्व सर्जरी को बहुत ज्यादा आवश्यक माना जाता है -
- गंभीर वाल्व स्टेनोसिस या रेगुर्गिटेशन: इस स्थिति में वाल्व बहुत संकरी (स्टेनोसिस) या बहुत लीक (रेगुर्गिटेशन) हो जाती है। इसमें हृदय रक्त को सही तरह से पंप नहीं कर पाता है, जिसके कारण हार्ट वाल्व सर्जरी की जरूरत होती है।
- हार्ट फेलियर के लक्षण: सांस लेने में तकलीफ, थकान, सीने में दर्द और पैरों या पेट में सूजन यह संकेत देते हैं कि हृदय रक्त को प्रभावी ढंग से पंप नहीं कर रहा है।
- हृदय की कार्यक्षमता में नुकसान: यदि जांच से पता चलता है कि वाल्व की समस्या के कारण आपका हृदय ठीक से काम नहीं कर रहा है, तो सर्जरी की सलाह दी जाती है।
- अनियमित दिल की धड़कन: एट्रियल फाइब्रिलेशन जैसी असामान्य हृदय गति की समस्याओं का संकेत हो सकती है, जिसके लिए सर्जिकल हस्तक्षेप की जरूरत पड़ती है।
- संक्रमित एंडोकार्डिटिस: हृदय वाल्व का संक्रमण गंभीर क्षति का कारण बन सकता है, जिसके लिए वाल्व रिपेयरिंग या रिप्लेसमेंट की आवश्यकता होती है।
- जन्मजात वाल्व रोग: कुछ प्रकार के हृदय वाल्व रोग बच्चपन से ही मौजूद होते हैं। ऐसे में हार्ट वाल्व सर्जरी से जीवन की गुणवत्ता में सुधार देखने को मिलता है।
हृदय वाल्व सर्जरी की आवश्यकता क्यों होती है?
हृदय वाल्व सर्जरी रोगी के लिए बहुत आवश्यक होते हैं, जिनमें से मुख्य कारणों को नीचे बताया गया है -
- रक्त प्रवाह में सुधार
- लक्षणों को कम करने
- हार्ट फेलयोर
- स्ट्रोक या अचानक कार्डियक अरेस्ट
यह सारे गंभीर जटिलताएं हैं, जिससे रोगी बच सकता है। इसके कारण सांस की तकलीफ, थकान और सीने में दर्द जैसे लक्षणों को कम करने में भी मदद भी मिलती है, जिससे कोई भी व्यक्ति अपने सामान्य जीवन में वापस जा सकता है।
हार्ट वाल्व सर्जरी के लाभ और जोखिम
हार्ट वाल्व के कई लाभ और जटिलताएं भी हैं, जिन्हें अभी हम समझेंगे।
हार्ट वाल्व सर्जरी के लाभ -
- हृदय से और हृदय तक के रक्त प्रवाह को फिर से बहाल किया जाता है।
- थकान, सांस की तकलीफ और सूजन जैसे लक्षणों से आराम मिलता है।
- हार्ट फेलियर औरस्ट्रोक जैसी जटिलताओं के जोखिम को कम करने में मदद मिलती है।
- जीवन की समग्र गुणवत्ता में सुधार देखने को मिलता है।
हार्ट वाल्व सर्जरी के जोखिम -
- किसी भी सर्जरी की तरह, इसमें भी एनेस्थीसिया दिया जाता है, जिससे संक्रमण या जटिलताओं का खतरा बना रहता है।
- यूनाइटेड स्टेट्स के सरकार के आधिकारिक वेबसाइट मेडिसिन प्लस के अनुसार मैकेनिकल वाल्व 20 साल से ज़्यादा चल सकते हैं, लेकिन रक्त के थक्कों को रोकने के लिए रोगियों को आजीवन एंटीकोगुलेशन थेरेपी की जरूरत होगी।
- वहीं इसके विपरीत, बायोलोजिकल वाल्व आमतौर पर रिप्लेसमेंट की आवश्यकता से पहले लगभग 10 से 15 साल तक चल सकते हैं।
निष्कर्ष
हृदय वाल्व सर्जरी वाल्व समस्याओं के गंभीर मामलों में जीवन रक्षक के तौर पर काम करता है। इस सर्जरी के लिए जाने से पहले हम आपको सलाह देंगे कि इस रोग के कारण, लाभ और जोखिम को समझें और फिर एक अच्छे एवं अनुभवी हृदय रोग विशेषज्ञ से मिल कर इलाज के विकल्पों पर बात करें।
अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्न
वाल्व रिप्लेसमेंट और रिपेयर के बीच क्या अंतर है?
वाल्व रिपेयर में शरीर में मौजूद वाल्व को अलग-अलग तरीकों से ठीक किया जाता है, वहीं वाल्व रिप्लेसमेंट में क्षतिग्रस्त वाल्व को मैकेनिकल और बायोलॉजिकल वाल्व से बदल दिया जाता है।
हृदय वाल्व सर्जरी के बाद जीवन शैली में क्या बदलाव करने की आवश्यकता है?
सर्जरी के बाद संतुलित आहार, नियमित व्यायाम, धूम्रपान से बचने और तनाव को कम करने की सलाह दी जाती है। सर्जरी के प्रकार के आधार पर रक्त को पतला करने वाली दवा के सेवन की सलाह भी दी जा सकती है। इसके अतिरिक्त हर कुछ समय में हृदय की जांच कराएं।
हृदय वाल्व सर्जरी के बाद रिकवरी का समय कितना होता है?
सर्जरी के प्रकार के आधार पर रिकवरी का समय अलग-अलग होता है। ओपन-हार्ट वाल्व सर्जरी के लिए आमतौर पर 5-7 दिन का समय लगता है और पूर्ण रूप से दुरुस्त होने में कई सप्ताह का समय भी लग सकता है।