कार्डियक अतालता या अनियमित हृदय गति वह स्थिति है, जिसमें हृदय की विद्युत प्रणाली में गड़बड़ी के कारण हृदय की गति में अनिमितता आती है। हृदय की विद्युत प्रणाली का कार्य नियमित रूप से धड़कने के लिए संकेत भेजना है। जब इस पूरी प्रणाली में गड़बड़ी होती है, तो इसके कारण कई सारी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। इसी प्रणाली की मदद से हृदय रक्त को पूरे शरीर में पंप करता है, जिससे ऑक्सीजन पूरे शरीर को मिलता है।
वर्तमान में लोगों की जीवनशैली बहुत ज्यादा व्यस्त हो गई है, जिसके कारण कई सारी समस्याएं एक व्यक्ति को घेरती जा रही हैं, जिसमें से हृदय रोग एक मुख्य स्वास्थ्य समस्या है। इस स्थिति में रोगी को अनियमित हृदय गति या हृदय अतालता की समस्या सबसे अधिक होती है। अनियमित हृदय गति के कई कारण है, लेकिन सही समय पर उत्तम इलाज न मिलने पर कई समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। चलिए अनियमित हृदय गति के कारण, लक्षण, प्रकार और उपचार के बारे में जानते हैं। किसी भी प्रकार के हृदय संबंधित समस्या के इलाज के लिए सर्वश्रेष्ठ हृदय विशेषज्ञ से मिलने की सलाह दी जाती है।
कार्डियक अतालता या अनियमित हृदय गति वह स्थिति है, जिसमें हृदय की विद्युत प्रणाली में गड़बड़ी के कारण हृदय की गति में अनिमितता आती है। हृदय की विद्युत प्रणाली का कार्य नियमित रूप से धड़कने के लिए संकेत भेजना है। जब इस पूरी प्रणाली में गड़बड़ी होती है, तो इसके कारण कई सारी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। इसी प्रणाली की मदद से हृदय रक्त को पूरे शरीर में पंप करता है, जिससे ऑक्सीजन पूरे शरीर को मिलता है।
यही कारण है कि कार्डियक अतालता के कारण पूरे शरीर को ऑक्सीजन नहीं मिल पाता है, जिससे कई सारी समस्याएं उत्पन्न हो जाती हैं।
कार्डियक अतालता के कई कारण हो सकते हैं जैसे कि -
इस स्थिति के लक्षण हर व्यक्ति में अलग-अलग हो सकते हैं। कुछ लोगों में तो इस स्थिति के कोई भी लक्षण दिखते ही नहीं है। इस स्थिति के कुछ सामान्य लक्षण इस प्रकार है -
अतालता के कई प्रकार होते हैं, जैसे कि -
यह कार्डियक अतालता के मुख्य प्रकार हैं। इसके अतिरिक्त भी कई अन्य प्रकार के कार्डियक अतालता हैं जैसे कि -
कार्डियक अतालता का उपचार मुख्य रूप से इसके प्रकार पर निर्भर करता है। हालांकि इलाज के लिए कई विकल्प मौजूद है जैसे कि -
हृदय में होने वाली अनिमितता से बचाव के लिए कुछ जीवनशैली में बदलाव बहुत ज्यादा आवश्यक है। इनकी मदद से हृदय रोग के जोखिम को भी कम करने में मदद मिलती है। निम्न स्वस्थ आदतों को अपनाने से आपको बहुत लाभ मिलने वाला है -
कार्डियक अतालता एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है, लेकिन इसका इलाज संभव है। यदि आपको अपने शरीर में अतालता के कोई भी लक्षण महसूस होता है, तो तुरंत अपने डॉक्टर से बात करें। जितनी जल्दी अतालता का निदान और इलाज होगा, भविष्य में उतने ही बेहतर परिणाम मिलने की संभावना होगी।
हार्ट अटैक के आने की गितनी कोई स्पष्ट नहीं है। यदि पहले हार्ट अटैक आ चुका है, तो फिर से हार्ट अटैक आने का खतरा बढ़ जाता है। नियमित जांच और सही उपचार से इस स्थिति का इलाज संभव है।
साइलेंट हार्ट अटैक में किसी भी प्रकार के लक्षण नहीं आते है। हालांकि कुछ मामलों में हल्का दर्द (सीने में), थकान, सांस लेने में तकलीफ, या पसीना आना जैसे लक्षण दिखाई दे सकते हैं। इसे नजरअंदाज करना आपके लिए हानिकारक हो सकता है।
हार्ट अटैक के लक्षणों में सीने में तेज दर्द, सांस लेने में तकलीफ, चक्कर आना, ठंडा पसीना होना, और बाजुओं या गर्दन में दर्द शामिल है। यदि इनमें से कोई लक्षण हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। ईसीजी और खून की जांच से इस स्थिति की पुष्टि हो सकती है।
Written and Verified by:
Dr. Madhumanti Panja is a Visiting Consultant Cardiologist with over 10 years of experience. She specializes in CRT-D, pacemaker implantation, heart valve replacement, renal and peripheral angioplasty.
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