पेसमेकर क्या है और इसका उपयोग क्यों किया जाता है?

पेसमेकर क्या है और इसका उपयोग क्यों किया जाता है?

Cardiac Surgery |by Dr. Ratan Kumar Das| Published on 10/02/2025

हमारे हृदय में कई सारी प्राकृतिक विद्युत प्रतिक्रियाएं होती रहती हैं, जो यह सुनिश्चित कर पाता है कि दिल अपनी निश्चित गति पर धड़कता रहे। जब दिल की धड़कन में किसी भी प्रकार की समस्या आती है, तो यह कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म दे सकती है। इस स्थिति में पेसमेकर संजीवनी बन कर सामने आया है। यह एक आधुनिक उपकरण है, जो हमारे हृदय के लिए व्यक्तिगत टाइमकीपर के रूप में कार्य करता है। चलिए इस ब्लॉग से इसके बारे में पूर्ण जानकारी प्राप्त करते हैं।

हृदय संबंधित किसी भी प्रकार की समस्या दिखने पर बिना देर किए हार्ट स्पेशलिस्ट से परामर्श करें और इलाज लें।

पेसमेकर क्या है?

सबसे पहले समझते हैं कि पेसमेकर क्या होता है? पेसमेकर (Pacemaker) एक छोटा इलेक्ट्रॉनिक उपकरण है, जिसका उपयोग एरिथमिया (Arrhythmia) या अनियमित दिल की धड़कन के इलाज के लिए होता है। इस उपकरण को छाती या फिर पेट में लगाया जाता है। जब बहुत धीरे (ब्रैडीकार्डिया), बहुत तेज (टैचीकार्डिया) या अनियमित रूप से हृदय धड़कता है, तो दिल की धड़कन को स्थिर बनाए रखने के लिए इस डिवाइस को शरीर में इंप्लांट किया जाता है। 

पेसमेकर एक ऐसा डिवाइस है, जो कि एक पल्स जनरेटर से रूप में कार्य करता है, जिसमें बैटरी और इलेक्ट्रिक सर्किट होता है और उसमें एक तार भी होती है, जो हृदय के असामान्य दर की पुष्टि करने का कार्य करती है। वर्तमान में कुछ नए और आधुनिक पेसमेकर आ गए हैं, जिनमें किसी भी प्रकार की लीड्स नहीं होती है। 

पेसमेकर का कार्य हृदय की दर की निरंतर निगरानी करना है और आवश्यकता पड़ने पर हृदय को संकेत भेजना है। मुख्य रूप से पेसमेकर तीन प्रकार के होते हैं - सिंगल-चैंबर, डुअल-चेंबर और बायवेंट्रिकुलर (CRT)। पेसमेकर सर्जरी एक छोटी सर्जिकल प्रक्रिया होती है, जिसमें आपको अस्पताल में भर्ती होना पड़ता है और कुछ ही घंटों के बाद आप आराम से घर भी जा सकते हैं। एडवांस पेसमेकर की मदद से आपका हृदय शल्य चिकित्सक या हार्ट सर्जन आपके स्वास्थ्य की निरंतर निगरानी कर सकते हैं। हालांकि पेसमेकर सर्जरी के बाद कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना होता है, जो निर्देश आपको अपने डॉक्टर के द्वारा मिल जाएंगे। 

पेसमेकर के विभिन्न प्रकार क्या हैं?

पेसमेकर के प्रकारों में शामिल है - 

  • सीसा रहित पेसमेकर: कैथेटर-आधारित प्रक्रिया का उपयोग करके एक छोटा पेसमेकर (लगभग एक बड़ी गोली के आकार का) डाला जाता है। यह उपकरण आपके हृदय की भीतरी दीवार से जुड़ा होता है, जिसका अर्थ है कि इसमें किसी तार का उपयोग करने की आवश्यकता नहीं होती है।
  • सिंगल-चेम्बर पेसमेकर: आपके दिल के एक कक्ष से जुड़े एक तार का उपयोग करता है।
  • डुअल-चेम्बर पेसमेकर: आपके दिल के दो कक्षों से जुड़े दो तारों का उपयोग करता है।
  • बायवेंट्रिकुलर पेसमेकर: तीन तारों का उपयोग करता है, जिनमें से दो आपके दिल के निचले कक्षों (निलय कहा जाता है) से जुड़े होते हैं और तीसरा दाएं ऊपरी कक्ष (दाहिने एट्रियम) से जुड़ा होता है। इसे कार्डियक रीसिंक्रनाइज़ेशन थेरेपी (CRT) के रूप में भी जाना जाता है।

आपके डॉक्टर एक समान उपकरण का सुझाव दे सकते हैं, जिसे इम्प्लांटेबल कार्डियोवर्टर डिफाइब्रिलेटर (ICD) कहा जाता है। हालांकि यह पेसमेकर नहीं है, लेकिन इसे अक्सर वेंट्रिकुलर टैचीकार्डिया और वेंट्रिकुलर फाइब्रिलेशन जैसी संबंधित हृदय स्थितियों में उपयोग किया जाता है।

पेसमेकर कब लगाया जाता है?

पेसमेकर का उपयोग आपके हृदय के कक्षों को सिंक में धड़कने में मदद करने के लिए किया जाता है, ताकि आपका हृदय आपके शरीर में रक्त को अधिक कुशलता से पंप कर पाए। दिल की विफलता की स्थिति में भी इस तकनीक का उपयोग किया जा सकता है। हालांकि निम्न स्थितियों के इलाज में पेसमेकर लगाया जाता है - 

  • ब्रैडीकार्डिया: यदि असामान्य रूप से हृदय गति धीमी हो रही है, तो इसके कारण थकान, चक्कर आना या बेहोशी जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती है, जिसके इलाज के लिए पेसमेकर लगाया जाता है।
  • हार्ट ब्लॉकेज: हृदय के चारों कक्षों के बीच विद्युत संकेत ब्लॉक हो जाते हैं। इस ब्लॉकेज के इलाज के लिए पेसमेकर सर्जरी की जाती है। 
  • हार्ट फेल्योर: कुछ मामलों में, पेसमेकर सर्जरी, विशेष रूप से हृदय गति को सामान्य करने में मदद करता है। मुख्य रूप से हार्ट फेल्योर की स्थिति में यह कारगर साबित हो सकता है।
  • हार्ट अटैक के बाद की जटिलताएं: मायोकार्डियल इंफार्क्शन के बाद हृदय की लय को स्थिर करने के लिए पेसमेकर का उपयोग होता है। 

आपको अस्थायी या दीर्घकालिक पेसमेकर की आवश्यकता हो सकती है। आमतौर पर अस्थायी पेसमेकर को गर्दन में एक नस के माध्यम से डाला जाता है और वह आपके शरीर के बाहर ही रहता है। आपकी छाती या पेट में स्थायी पेसमेकर लगाया जाता है। हम अब यह समझ चुके हैं कि पेसमेकर कैसे लगाया जाता है? हम इस ब्लॉग में स्थायी पेसमेकर पर बात करने वाले हैं।

पेसमेकर का कार्य क्या है?

पेसमेकर एक आधुनिक चिकित्सा उपकरण है, जिसका कार्य हृदय की धड़कन को नियमित करना है। चलिए पेसमेकर के प्राथमिक कार्य को समझते हैं - 

  • हृदय के लय की निगरानी करना: इसकी मदद से आपके हृदय के लय की निरंतर जांच हो सकती है। 
  • विद्युत उत्तेजना प्रदान करना: यदि किसी भी कारणवश हृदय की गति में असामान्यता आती है, तो उसे भी डॉक्टर अपने सिस्टम से अपने क्लीनिक में बैठ कर मैनेज कर सकते हैं।
  • हृदय के कक्षों को सिंक्रनाइज़ करना: हृदय सही से कार्य तभी करता है, जब उसके चारों कक्षों के बीच बैलेंस बना रहता है। आधुनिक पेसमेकर जैसे कि बाइवेंट्रिकुलर डिवाइस, रक्त प्रवाह को नियंत्रित कर चारों कक्षों को सिंक्रनाइज़ करता है। 

पेसमेकर जब सही से कार्य करता है, तो पेशेंट को थकान, चक्कर आना और बेहोशी जैसे लक्षणों का अनुभव बहुत ही कम होता है।

पेसमेकर क्यों लगाया जाता है?

पेसमेकर के साथ उपचार योग्य स्थितियों में शामिल हैं (लेकिन इन तक सीमित नहीं हैं):

पेसमेकर के संभावित लाभ

पेसमेकर आपके जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने और हृदय की समस्याओं के कारण होने वाले व्यवधानों को रोकने में मदद कर सकता है। इसके लाभों में शामिल हैं:

  • सीने में दर्द, भ्रम, घबराहट, मतली, भ्रम और अधिक सहित हृदय गति की समस्याओं के कारण होने वाले कई लक्षणों को कम करना
  • एरिथमिया के कारण होने वाले बेहोशी जैसे अप्रिय लक्षणों को रोकना
  • दिल की धड़कन को रुकने से रोक कर जान बचाना

पेसमेकर की संभावित जटिलताएं या दुष्प्रभाव

पेसमेकर प्रक्रियाओं में कुछ जटिलताएं होती हैं, जिनके बारे में आप अपने हृदय शल्य चिकित्सक से चर्चा कर सकते हैं। सामान्य तौर पर, निम्नलिखित जटिलताएं संभव है - 

  • एलर्जी प्रतिक्रियाएं: यह आपके द्वारा ली गई दवा के कारण हो सकती है, या आपको पेसमेकर में उपयोग की जाने वाली सामग्री में से किसी एक से एलर्जी हो सकती है।
  • रक्त के थक्के: यह होना सामान्य है, जिसके इलाज के लिए सर्जन रक्त को पतला करने वाली दवा का सुझाव देते हैं। 
  • पेसमेकर या इसके लीड्स की खराबी: कुछ मामलों में, पेसमेकर की लीड अपने सामान्य स्थिति से बाहर आ जाती है, या वह टूट जाती है। इससे बचने के लिए डॉक्टर आपकी प्रक्रिया के बाद कुछ समय के लिए आपकी गतिविधि को सीमित करने का सुझाव देते हैं।
  • आपके शरीर के बाहर के स्रोतों के कारण खराबी: डॉक्टर आपको उपकरणों या मशीनों से बचने के लिए निर्देश देंगे ताकि आपको बाहरी विद्युत हस्तक्षेप के कारण पेसमेकर में कोई खराबी न हो। सौभाग्य से, पेसमेकर इंडस्ट्री में अब बदलाव आ रहे हैं और पेसमेकर अब खराब नहीं हो रहे हैं।
  • अनपेक्षित हृदय गति संबंधी समस्याएं: दुर्लभ मामलों में पेसमेकर के कारण कुछ लोगों को हृदय गति संबंधी समस्याएं विकसित हो जाती हैं। ऐसे में डॉक्टर आपसे इन जोखिमों के बारे में बात कर सकते हैं और उनसे बचने में आपकी मदद कर सकते हैं।

यदि आप भी ऐसी स्थिति का सामना कर रहे हैं, जो आपके दिल की धड़कन को प्रभावित करती है, तो पेसमेकर सर्जरी की मदद से इसे ठीक किया जा सकता है। पेसमेकर आपके लक्षणों को कम करने और जटिलताओं को रोकने में मदद कर सकता है। हालांकि, इन लक्षणों वाले सभी लोगों को पेसमेकर की जरूरत नहीं होती है। वहीं पेसमेकर को लगाने के कुछ नुकसान भी हो सकते हैं, जिनके बारे में जानकारी आपको अपने डॉक्टर से ही मिल सकती है। इस स्थिति में डॉक्टर आपकी फैमिली मेडिकल हिस्ट्री की जांच करेंगे और निर्धारित करने में मदद करेंगे कि पेसमेकर आपके लिए फायदेमंद है कि नहीं। 

अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्न

 

पेसमेकर कितने समय तक चलता है?

आमतौर पर पेसमेकर 5 से 15 साल तक चल सकता है, जो इसके प्रकार और उपयोग पर निर्भर करता है। हालांकि इस उपकरण की आयु के कई कारण हैं, जैसे कि पेसमेकर की बैटरी, आपका खान-पान और नियमित जांच। 

पेसमेकर की कीमत कितनी है?

पेसमेकर लगाने की प्रक्रिया का खर्च अलग-अलग होता है। यह कीमत 2 लाख से 4 लाख तक हो सकती है। यह एक अनुमानित कीमत है और इस कीमत को कई कारक प्रभावित कर सकते हैं जैसे कि अस्पताल का चयन, डॉक्टर की फीस, सर्जन का अनुभव, इत्यादि। 

पेसमेकर के प्रकार क्या हैं?

पेसमेकर मुख्य रूप से चार प्रकार के होते हैं - 

  • सीसा-रहित पेसमेकर
  • सिंगल-चेम्बर पेसमेकर
  • डुअल-चेम्बर पेसमेकर
  • बाइवेंट्रिकुलर पेसमेकर

इन पेसमेकर के बारे में जानकारी इस ब्लॉग में ऊपर लिखी हुई है। 

पेसमेकर के साथ जीवन शैली में क्या बदलाव किए जाने चाहिए?

पेसमेकर के साथ जीवनशैली में कई बदलाव की आवश्यकता होती है, जिससे पेसमेकर सही से कार्य करे और आप एक स्वस्थ जीवन व्यतीत करें। निम्न बदलावों से आपको मदद मिलेगी - 

  • मजबूत विद्युत चुम्बकीय क्षेत्रों से बचें
  • नियमित जांच कराएं
  • हृदय के अनुकूल आदतों का पालन करें, जैसे व्यायाम, स्वस्थ आहार इत्यादि।

Call BMB For Emergencies 08062136599

Available 24*7

Call BMB For Appointments 08062136585

Available 24*7

Map and Directions

Get Directions
NavBook Appt.WhatsappWhatsappCall Now