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ओपन हार्ट सर्जरी क्या है?

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ओपन हार्ट सर्जरी क्या है?

Cardiac Surgery | by Dr. Manoj Kumar Daga | Published on 23/03/2023


ओपन हार्ट सर्जरी में चेस्ट को ओपन करके वाल्व, मांसपेशियां और धमनी का ऑपरेशन किया जाता है। इस प्रक्रिया में उन धमनियों का इलाज होता है, जो ब्लॉक हो जाती हैं। नेशनल हार्ट, लंग एंड ब्लड इंस्टीट्यूट के अनुसार कोरोनरी आर्टरी बाईपास ग्राफ्टिंग (CABG) ओपन हार्ट सर्जरी का सबसे सामान्य प्रकार है। यह सर्जरी वयस्कों में बहुत ज्यादा आम है।

ओपन हार्ट सर्जरी क्या होती है?

ओपन हार्ट सर्जरी एक सर्जिकल प्रक्रिया है, जिसमें सर्जन छाती में एक चीरा लगाते हैं और हृदय तक पहुंचने के लिए पसली को खोलते हैं। आमतौर पर दिल की मांसपेशियों, वाल्वों या धमनियों की मरम्मत या ट्रांसप्लांट के लिए इस प्रक्रिया का सुझाव दिया जाता है। 

यदि आप ओपन हार्ट सर्जरी का विचार कर रहे हैं, तो उसकी तैयारी के लिए आपको कुछ आवश्यक जानकारी ज़रूर होनी चाहिए। जैसा इस सर्जरी की आवश्यकता क्यों होती है, सर्जरी कैसे होती है और सर्जरी में किस प्रकार के सर्जिकल उपकरणों का प्रयोग होगा। हालांकि, बहुत से लोग ओपन-हार्ट सर्जरी की बारीकियों के बारे में गलत जानकारी रखते हैं। आइए, इसके बारे में जानने की कोशिश करते हैं।

ओपन हार्ट सर्जरी की आवश्यकता कब होती है?

कोरोनरी हृदय रोग वाले लोगों के लिए ओपन हार्ट सर्जरी की आवश्यकता होती है। यह समस्या लोगों को तब परेशान करती है, जब हृदय की मांसपेशियों को रक्त और ऑक्सीजन की सप्लाई समय पर नहीं मिलती है और कम सप्लाई के कारण रक्त वाहिकाएं संकीर्ण और कठोर हो जाती हैं। जब खून हृदय (Heart) तक सही ढंग से नहीं पहुंच पाता है, तो व्यक्ति को हार्ट अटैक (Heart attack) भी हो सकता है।

कार्डियोलॉजिस्ट अन्य हृदय रोगों के इलाज के लिए भी ओपन हार्ट सर्जरी का सुझाव देते हैं। हृदय के वाल्व को रिपेयर करने के लिए भी ओपन हार्ट सर्जरी की जाती है। यदि रिपेयर करना मुमकिन नहीं होता है, तो सर्जरी के दौरान उसका ट्रांसप्लांट किया जाता है। इसके अतिरिक्त दिल के क्षतिग्रस्त या असामान्य क्षेत्रों को रिपेयर करने के लिए भी इस सर्जरी का सुझाव डॉक्टर देते हैं। हार्ट ट्रांसप्लांट के लिए भी इस प्रक्रिया का प्रयोग किया जाता है। 

ओपन हार्ट सर्जरी कैसे होती है?

राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान के अनुसार, कोरोनरी धमनी बाईपास ग्राफ्ट में तीन से छह घंटे लगते हैं। आमतौर पर ओपन हार्ट सर्जरी में निम्नलिखित चरणों का पालन किया जाता है - 

  • रोगी को जनरल एनेस्थीसिया दिया जाता है। इसके कारण रोगी पूरी सर्जरी के दौरान बेहोश रहते हैं और उन्हें दर्द का अनुभव नहीं होता है। 
  • सर्जन छाती में 8 से 10 इंच का चीरा लगाते हैं।
  • हृदय तक पहुंचने के लिए रोगी के ब्रेस्टबोन के पूरे या फिर उसके एक भाग को काट दिया जाता है। 
  • जैसे ही सर्जन को हृदय दिखता है, वह रोगी को हार्ट-लंग बाईपास मशीन से जोड़ते हैं। मशीन रक्त को हृदय से दूर ले जाती है, जिससे सर्जन सर्जरी कर पाएं। हार्ट सर्जरी से संबंधित सभी प्रक्रियाओं में इस मशीन का प्रयोग नहीं होता है।
  • ब्लॉक धमनी के चारों तरफ एक नया रास्ता बनाया जाता है। इस रास्ते को बनाने के लिए एक स्वस्थ नस का उपयोग होता है।
  • इसके पश्चात सर्जन ब्रेस्टबोन को बंद कर देते हैं। जिस तार या फिर टांको से इसे बंद किया जाता है वह शरीर के अंदर ही रहते हैं।
  • अंत में चीरे को सिल दिया जाता है।

कभी-कभी उच्च जोखिम वाले लोगों में स्टर्नल प्लेटिंग नाम की प्रक्रिया की जाती है। यह प्रक्रिया उन लोगों में होती है, जिनकी पहले कोई सर्जरी हो चुकी है या फिर जिनकी उम्र ज्यादा है। मुख्यतः स्टर्नल प्लेटिंग तब होती है जब सर्जरी के बाद ब्रेस्टबोन को छोटी टाइटेनियम प्लेटों से फिर से जोड़ दिया जाता है।

ओपन हार्ट सर्जरी के जोखिम क्या है?

ओपन-हार्ट सर्जरी एक गंभीर प्रक्रिया है और इसे एक अनुभवी कार्डियोलॉजिस्ट ही करते हैं। लेकिन फिर भी बाकी प्रक्रियाओं की तरह ही इस सर्जरी के कुछ जोखिम और जटिलताएं होती हैं जैसे - 

  • दिल का दौरा या स्ट्रोक
  • घाव का संक्रमण 
  • दिल की धड़कन में अनियमितता
  • फेफड़े या गुर्दे की विफलता
  • सीने में दर्द और हल्का बुखार
  • सोचने या समझने में समस्या
  • खून का थक्का जमना
  • रक्त की हानि
  • सांस लेने में कठिनाई
  • न्यूमोनिया

ओपन हार्ट सर्जरी से पहले होने वाली तैयारी

नीचे बताए गए निर्देशों का पालन कर आप ओपन हार्ट सर्जरी के लिए खुद को तैयार कर सकते हैं - 

  • कार्डियोलॉजिस्ट को अपने द्वारा ली जाने वाली सभी दवाओं की जानकारी दें।
  • अपनी सभी बीमारियों के बारे में डॉक्टर को बताएं।
  • सर्जरी से कम से कम दो सप्ताह पहले धूम्रपान और शराब छोड़ने और रक्त को पतला करने वाली दवाओं से दूरी बनाएं।
  • सर्जरी से पहले सर्जिकल क्षेत्र को अच्छे से साफ करें। 

इसके अतिरिक्त ऑपरेशन थियेटर में जाने से पहले डॉक्टर आपको कुछ और निर्देश देंगे, उनका पालन भी करें। 

ओपन हार्ट सर्जरी के बाद रिकवरी

ओपन हार्ट सर्जरी के बाद रिकवरी में कुछ समय लगता है। मेडिकल विशेषज्ञ पूरे रिकवरी की प्रक्रिया को लगभग 3 चरणों में बांटते हैं। चलिए एक-एक करके तीनों चरणों को समझते हैं - 

  • पहला चरण (1-3 दिन): सर्जरी के बाद मरीज को एनेस्थीसिया के प्रभाव के कारण थकान का अनुभव होता है। जैसे ही एनेस्थीसिया का प्रभाव कम होता है, मरीज को दर्द का अनुभव होता है, जिससे बचने के लिए डॉक्टर दर्द निवारक दवाएं देते हैं। संक्रमण से बचने के लिए सतर्क रहें और सर्जिकल क्षेत्र का ख्याल रखें। 
  • दूसरा चरण (2-6 सप्ताह): इस समय के दौरान दर्द कम हो जाता है और मरीज अपनी दैनिक गतिविधियां धीरे-धीरे शुरू कर सकते हैं। सर्जिकल क्षेत्र को साफ रखें और ड्रेसिंग के निर्देशों का पालन करें। इसके साथ-साथ समय-समय पर अपने हृदय शल्य चिकित्सक से परामर्श लेना न भूलें। 
  • तीसरा चरण (6 सप्ताह+): मरीज धीरे-धीरे अपने पुराने जीवन में लौट जाएंगे। इस दौरान छाती के आस-पास थोड़ी जकड़न होगा, जो कि एक सामान्य बात है। इस दौरान भी डॉक्टर के साथ फॉलो-अप महत्वपूर्ण हैं। स्वस्थ आहार, व्यायाम और तनाव प्रबंधन से रिकवरी तेज होती है।

इस पूरे रिकवरी अवधि के दौरान आपको धैर्य रखना होगा और अपने हृदय शल्य चिकित्सक के निर्देशों का पालन करना होगा। 

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

 

क्या ओपन हार्ट सर्जरी दर्दनाक है?

कार्डियक सर्जरी के बाद दर्द पहले 24 घंटों के दौरान सबसे ज्यादा होता है और बाद के दिनों में यह धीरे-धीरे कम हो जाता है।

ओपन हार्ट सर्जरी के बाद क्या खाना चाहिए?

ओपन हार्ट सर्जरी के बाद आपको निम्नलिखित खाद्य पदार्थों के सेवन की सलाह दी जाती है - 

  • फल और सब्जियां
  • साबुत अनाज
  • कम वसा वाला प्रोटीन
  • स्वस्थ वसा

ओपन हार्ट सर्जरी के बाद क्या नहीं खाना चाहिए?

  • वसायुक्त और तले हुए खाद्य पदार्थ
  • उच्च सोडियम वाले खाद्य पदार्थ
  • उच्च चीनी वाले खाद्य पदार्थ
  • कैफीनयुक्त पेय पदार्थ
  • शराब

मुझे डॉक्टर से कब मिलना चाहिए?

यदि आपको निम्न लक्षणों में से किसी भी लक्षण का अनुभव होता है, तो आपको अपने डॉक्टर से ज़रूर मिलना चाहिए - 

  • चीरे पर सामान्य बेचैनी के अलावा सीने में दर्द
  • तेज बुखार आना
  • मतली और उल्टी होना
  • सांस लेने में कठिनाई होना
  • सर्जरी वाली जगह पर संक्रमण के लक्षण जैसे कि रिसाव और लाली का अनुभव 
  • बोलने में दिक्कत होना या स्ट्रोक के अन्य लक्षण दिखना

अगर आप ओपन हार्ट सर्जरी के बाद खुद में ऊपर दिए गए किसी भी लक्षण को अनुभव करते ,हैं तो आपको जल्द से जल्द अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।