कोरोनरी आर्टरी बाईपास ग्राफ्टिंग या CABG एक सर्जिकल प्रक्रिया है, जिसमें ब्लॉक धमनियों में बाईपास सर्जरी करके ग्राफ्ट लगाया जाता है, जिसकी मदद से हृदय में रक्त के प्रवाह के लिए एक नया मार्ग बन जाता है। कई बार यह सर्जरी किसी दूसरी सर्जरी के लिए की जाती है।
वहीं दूसरी तरफ एंजियोप्लास्टी एक मिनिमल इनवेसिव तकनीक है, जिसमें ब्लॉक धमनियों को खोलने के लिए एक कैथेटर डाला जाता है और उसे गुब्बारे की तरह फुलाया जाता है। जैसे ही धमनी खुल जाती है, इसके बाद स्टेंट लगाने की प्रक्रिया को किया जाता है।
हम सभी जानते हैं कि दुनिया भर में हृदय रोग मृत्यु का एक मुख्य कारण है, लेकिन उसमें से कोरोनरी धमनी रोग (CAD) से जान गंवाने वाले पेशेंट की संख्या बहुत ज्यादा है। वहीं दूसरी तरफ CABG (कोरोनरी आर्टरी बाईपास ग्राफ्टिंग) और एंजियोप्लास्टी (परक्यूटीनियस कोरोनरी इंटरवेंशन) जैसे आधुनिक उपचार ने कई लोगों की जान भी बचाई है। लेकिन एक सवाल अक्सर पूछा जाता है कि इस प्रक्रिया का बार-बार होना क्या आपके लिए सही है? क्या बार-बार CABG और एंजियोप्लास्टी होना आपके लिए सुरक्षित है?
चलिए जानते हैं! लेकिन हृदय संबंधित किसी भी समस्या के इलाज के लिए हम आपको सलाह देंगे कि आप हमारे या किसी भी अनुभवी एवं सर्वश्रेष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ से मिलें और इलाज लें।
कोरोनरी आर्टरी बाईपास ग्राफ्टिंग या CABG एक सर्जिकल प्रक्रिया है, जिसमें ब्लॉक धमनियों में बाईपास सर्जरी करके ग्राफ्ट लगाया जाता है, जिसकी मदद से हृदय में रक्त के प्रवाह के लिए एक नया मार्ग बन जाता है। कई बार यह सर्जरी किसी दूसरी सर्जरी के लिए की जाती है।
वहीं दूसरी तरफ एंजियोप्लास्टी एक मिनिमल इनवेसिव तकनीक है, जिसमें ब्लॉक धमनियों को खोलने के लिए एक कैथेटर डाला जाता है और उसे गुब्बारे की तरह फुलाया जाता है। जैसे ही धमनी खुल जाती है, इसके बाद स्टेंट लगाने की प्रक्रिया को किया जाता है।
दोनों ही प्रक्रिया कोरोनरी धमनी रोग (CAD) के इलाज में सक्षम है। लेकिन दोनों में ही कुछ बातें अलग है जैसे कि सर्जरी करने के तरीके, कितना कट लगाया जाता है, रिकवरी में लगने वाला समय और लंबे समय तक दिखने वाले परिणाम।
यदि किसी भी रोगी को बार-बार CABG और एंजियोप्लास्टी का सुझाव दिया जा रहा है, तो यह कोई आम स्थिति नहीं है। कुछ मामलों में यह सामने आया है कि कुछ विशेष कारणों से ही इन दोनों प्रक्रियाओं को बार-बार करने की आवश्यकता पड़ती है।
विशेषज्ञों की मानें तो सभी मामलों में से लगभग 10-20% रोगियों को बार-बार एंजियोप्लास्टी की आवश्यकता पड़ती है और वहीं दूसरी तरफ लगभग 5-10% लोगों को अगले दस वर्षों के भीतर दूसरी CABG सर्जरी की आवश्यकता पड़ती है।
CABG या एंजियोप्लास्टी की फिर से आवश्यकता कई मामलों में पड़ती है जैसे कि -
इन सभी कारणों से इस सर्जरी की आवश्यकता पड़ सकती है। इस स्थिति में सबसे जरूरी है कि आप अपने सर्जन की बात माने और उनके दिए गए निर्देशों का सही से पालन करें।
सभी सर्जरी में किसी न किसी प्रकार का जोखिम और जटिलता होती ही है। वहीं जब CABG और एंजियोप्लास्टी को फिर से दोहराया जाता है, तो यह कुछ जोखिम और जटिलताओं के साथ आता है, जिसको निर्णय लेते समय जरूर ध्यान में रखना चाहिए जैसे कि -
CABG के जोखिम:
एंजियोप्लास्टी के जोखिम:
इस बात में कोई संक्षय नहीं है कि दोहराई जाने वाली प्रक्रियाओं में जटिलता बढ़ जाती है, क्योंकि जब यह सर्जरी पहली बार की जाती होगी, तो इसमें ही कई जटिलताएं उत्पन्न हो जाती है।
CABG और एंजियोप्लास्टी चाहे पहली बार हो या बार-बार, सर्जरी के बाद के जीवन में कई बदलाव आते हैं। सर्जरी के बाद नियमित परामर्श, जीवनशैली और दैनिक जीवन में बदलाव जैसे कई पहलुओं का खास ध्यान रखना होगा। CABG और एंजियोप्लास्टी के बाद जीवन पर निम्न प्रभाव आएंगे -
आपको अपने जीवन में निम्न बदलाव लाने होंगे -
यदि रोगी को किसी भी प्रकार के लक्षण जैसे कि एनजाइना या सांस की तकलीफ हो या फिर मधुमेह का कंट्रोल में न होना या किडनी का सही से कार्य न करना, तो तुरंत एक अनुभवी हृदय रोग विशेषज्ञ से मिलें और इलाज के विकल्पों पर बात करें। इसलिए बिना किसी भी स्थिति को नजरअंदाज किए, लक्षण दिखने पर तुरंत एक अच्छे एवं अनुभवी डॉक्टर से परामर्श लें और इलाज के सभी विकल्पों पर बात करें।
हां, अनुभवी विशेषज्ञों द्वारा किए जाने पर दोनों सर्जरी आम तौर पर सुरक्षित होते हैं, हालांकि प्रारंभिक प्रक्रियाओं की तुलना में जोखिम अधिक होता है।
जीवनशैली में बदलाव, समय पर दवा खाना और CAD के प्रति नियमित निगरानी आपको फिर से होने वाली सर्जरी से बचने में मदद मिलेगी।
इस प्रश्न का उत्तर रुकावटों की सीमा, आयु और स्वास्थ्य स्थिति जैसे व्यक्तिगत कारकों पर निर्भर करता है। व्यक्तिगत सलाह के लिए अपने हृदय रोग विशेषज्ञ से परामर्श लें।
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