हाई ब्लड प्रेशर, उच्च रक्तचाप या हाइपरटेंशन (Hypertension) वह स्थिति है, जिसमें शरीर की धमनियां (Arteries) में रक्त का प्रवाह बहुत ज्यादा होता है।
वर्तमान में सभी लोग इस भागदौड़ भरी जिंदगी में अपना ख्याल नहीं रख रहे है। वह छोटी-छोटी समस्याओं को नजरअंदाज कर देते हैं, लेकिन वह समस्याएं व्यक्ति के जीवन को पूर्ण रूप से बदल देते हैं। ऐसी ही एक समस्या है हाई ब्लड प्रेशर, जिसके बारे में लोगों को पता तो होता है, लेकिन वह अक्सर इस स्थिति को नजरअंदाज कर देते हैं। हम सभी को हाई ब्लड प्रेशर के बारे में सचेत होने की आवश्यकता है, क्योंकि इससे किसी भी प्रकार के लक्षण नहीं दिखते हैं, जिसके कारण इसे साइलेंट किलर (Silent Killer) के नाम से जाना जाता है। यदि यह स्थिति अनुपचारित रह जाए तो इसके कारण दिल का दौरा या फिर स्ट्रोक की समस्या भी उत्पन्न हो सकती है। चलिए जानते हैं कि हाई ब्लड प्रेशर या उच्च रक्तचाप क्या है और इसके कारण, लक्षण, इलाज और दवाएं क्या है।
हाई ब्लड प्रेशर, उच्च रक्तचाप या हाइपरटेंशन (Hypertension) वह स्थिति है, जिसमें शरीर की धमनियां (Arteries) में रक्त का प्रवाह बहुत ज्यादा होता है। इसके कारण हृदय को रक्त पंप करने के लिए अधिक मेहनत करनी पड़ती है। ब्लड प्रेशर को मिलीमीटर (मिमी एचजी) में मापा जाता है। आमतौर पर 120/80 मिलीमीटर को सामान्य ब्लड प्रेशर में गिना जाता है। इससे अधिक ब्लड प्रेशर को हाई ब्लड प्रेशर मापा जाता है। यदि यह समस्या लंबे समय तक अनुपचारित रह जाए, तो इसके कारण हृदय और रक्त वाहिकाओं पर अत्यधिक दबाव पड़ता है, जिसके कारण कई स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न होने लगती है।
सामान्य तौर पर हाई ब्लड प्रेशर के कोई भी लक्षण नहीं दिखते हैं। यह स्थिति धीरे-धीरे विकसित होती है, इसलिए ऐसा बिल्कुल नहीं समझना चाहिए कि यह समस्या एक ही दिन में विकसित हो गई है। हालांकि कुछ मामलों में निम्न लक्षण उत्पन्न हो सकते हैं -
मुख्य रूप से ब्लड प्रेशर दो चीजों के आधार पर निर्धारित होती हैं - हृदय से कितना रक्त पंप हो रहा है और शरीर की धमनियों के माध्यम से रक्त का प्रवाह कितना कठिन हो रहा है या नहीं। यदि हृदय अधिक रक्त पंप कर रहा है और धमनियां संकीर्ण हो गई है तो उस स्थिति को हाई ब्लड प्रेशर कहा जाता है। ब्लड प्रेशर के कारण इसके प्रकार पर निर्भर करते हैं। मुख्य रूप से हाई ब्लड प्रेशर दो प्रकार के होते हैं। चलिए दोनों को एक-एक करके समझते हैं -
कई मामले में देखा गया है कि हाई ब्लड प्रेशर का कोई एक कारण नहीं होता है। ऐसे ब्लड प्रेशर को प्राथमिक या प्राइमरी हाई ब्लड प्रेशर कहा जाता है। यह समस्या कई वर्षों तक धीरे-धीरे विकसित होती है, इसलिए यह एक खतरनाक स्वास्थ्य स्थिति है। इस स्थिति में धमनियों में प्लाक का निर्माण धीरे-धीरे होता जाता है, जिसे एथेरोस्क्लेरोसिस (Arteriosclerosis) कहा जाता है, जो हाई ब्लड प्रेशर के खतरे को बढ़ाता है। हालांकि हाई ब्लड प्रेशर के कुछ संभावित कारण है जैसे -
इस प्रकार का ब्लड प्रेशर की समस्या दूसरे स्वास्थ्य समस्या या अन्य कारण से होती है। यह एक ऐसी समस्या है, जो अचानक परेशान करती है। नीचे कुछ संभावित कारण दिए गए हैं, जिससे सेकेंडरी हाई ब्लड प्रेशर की समस्या उत्पन्न होती है -
हाई ब्लड प्रेशर के इलाज के लिए जीवनशैली में बदलाव और दवाओं के संयोजन को सबसे उत्तम विकल्प माना जाता है। इसके अतिरिक्त कुछ दवाएं भी होती हैं, जिनके सेवन की सलाह अक्सर दी जाती है। चलिए हाई ब्लड प्रेशर के उपचार के सभी विकल्पों के बारे में बात करते हैं -
जीवनशैली में बदलाव
हाई ब्लड प्रेशर के इलाज में जीवनशैली में बदलाव एक अहम भूमिका निभाता है। कुछ स्वस्थ आदतों को अपना कर हर व्यक्ति अपने ब्लड प्रेशर को नियंत्रित कर सकता है। चलिए कुछ स्वस्थ आदतों के बारे में जानते हैं -
दवाएं:
यदि जीवनशैली में बदलाव से ब्लड प्रेशर नियंत्रित नहीं होता है, तो कुछ दवाएं इस स्थिति को नियंत्रित करने में मदद कर सकते हैं। हालांकि दर्जन-भर दवाएं हाई ब्लड प्रेशर के इलाज में मदद कर सकती हैं। इन दवाओं को एंटीहाइपरटेन्सिव (antihypertensives) कहा जाता है और इन सभी दवाओं का कार्य भी अलग-अलग होता है। किसे कौन सी दवा दी जाएगी इसका निर्णय रोगी के स्वास्थ्य स्थिति के आधार पर ही किया जाता है।
अक्सर दवाएं तब दी जाती है जब सारे उपाय कारगर साबित नहीं होते हैं। हालांकि दवाओं के साथ-साथ हाई बीपी के घरेलू उपचार काफी लाभकारी साबित हो सकते हैं। यह ध्यान रखना होगा कि इन उपायों को दवाओं और सटीक इलाज के विकल्प के तौर पर बिल्कुल न देखें। हाई बीपी के घरेलू उपचार नीचे लिखे हैं -
हाई ब्लड प्रेशर एक गंभीर स्थिति है, जिसे बिल्कुल भी नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। जीवनशैली में बदलाव और दवाओं के साथ, हाई ब्लड प्रेशर को नियंत्रित किया जा सकता है और एक लंबा, स्वस्थ जीवन जिया जा सकता है।
हाई ब्लड प्रेशर में निम्न खाद्य पदार्थों के सेवन की सलाह नहीं दी जाती है -
हाई ब्लड प्रेशर को तुरंत कंट्रोल करने के लिए निम्न उपायों का पालन करें -
हाई ब्लड प्रेशर की स्थिति में निम्न फलों का सेवन लाभकारी होगा -
ब्लड प्रेशर हाई होने पर निम्न चरणों का ध्यान रखें -
ब्लड प्रेशर को तीन चरणों में मापा जाता है -
हाई ब्लड प्रेशर की स्थिति में निम्न प्रकार के दूध या डेयरी उत्पाद के सेवन की सलाह दी जाती है -
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