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ब्लड प्रेशर हाई होने के कारण, इलाज, उपचार, लक्षण और दवा

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ब्लड प्रेशर हाई होने के कारण, इलाज, उपचार, लक्षण और दवा

Cardiology | by Dr. Ashok B Malpani | Published on 15/05/2024


वर्तमान में सभी लोग इस भागदौड़ भरी जिंदगी में अपना ख्याल नहीं रख रहे है। वह छोटी-छोटी समस्याओं को नजरअंदाज कर देते हैं, लेकिन वह समस्याएं व्यक्ति के जीवन को पूर्ण रूप से बदल देते हैं। ऐसी ही एक समस्या है हाई ब्लड प्रेशर, जिसके बारे में लोगों को पता तो होता है, लेकिन वह अक्सर इस स्थिति को नजरअंदाज कर देते हैं। हम सभी को हाई ब्लड प्रेशर के बारे में सचेत होने की आवश्यकता है, क्योंकि इससे किसी भी प्रकार के लक्षण नहीं दिखते हैं, जिसके कारण इसे साइलेंट किलर (Silent Killer) के नाम से जाना जाता है। यदि यह स्थिति अनुपचारित रह जाए तो इसके कारण दिल का दौरा या फिर स्ट्रोक की समस्या भी उत्पन्न हो सकती है। चलिए जानते हैं कि हाई ब्लड प्रेशर या उच्च रक्तचाप क्या है और इसके कारण, लक्षण, इलाज और दवाएं क्या है। 

हाई ब्लड प्रेशर क्या है?

हाई ब्लड प्रेशर, उच्च रक्तचाप या हाइपरटेंशन (Hypertension) वह स्थिति है, जिसमें शरीर की धमनियां (Arteries) में रक्त का प्रवाह बहुत ज्यादा होता है। इसके कारण हृदय को रक्त पंप करने के लिए अधिक मेहनत करनी पड़ती है। ब्लड प्रेशर को मिलीमीटर (मिमी एचजी) में मापा जाता है। आमतौर पर 120/80 मिलीमीटर को सामान्य ब्लड प्रेशर में गिना जाता है। इससे अधिक ब्लड प्रेशर को हाई ब्लड प्रेशर मापा जाता है। यदि यह समस्या लंबे समय तक अनुपचारित रह जाए, तो इसके कारण हृदय और रक्त वाहिकाओं पर अत्यधिक दबाव पड़ता है, जिसके कारण कई स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न होने लगती है। 

हाई ब्लड प्रेशर के लक्षण

सामान्य तौर पर हाई ब्लड प्रेशर के कोई भी लक्षण नहीं दिखते हैं। यह स्थिति धीरे-धीरे विकसित होती है, इसलिए ऐसा बिल्कुल नहीं समझना चाहिए कि यह समस्या एक ही दिन में विकसित हो गई है। हालांकि कुछ मामलों में निम्न लक्षण उत्पन्न हो सकते हैं - 

  • सिरदर्द
  • चक्कर आना
  • थकान
  • नाक से खून आना
  • सांस लेने में तकलीफ होना
  • सीने में दर्द
  • धुंधलापन आना
  • आंखों में जलन

हाई ब्लड प्रेशर के कारण -

मुख्य रूप से ब्लड प्रेशर दो चीजों के आधार पर निर्धारित होती हैं - हृदय से कितना रक्त पंप हो रहा है और शरीर की धमनियों के माध्यम से रक्त का प्रवाह कितना कठिन हो रहा है या नहीं। यदि हृदय अधिक रक्त पंप कर रहा है और धमनियां संकीर्ण हो गई है तो उस स्थिति को हाई ब्लड प्रेशर कहा जाता है। ब्लड प्रेशर के कारण इसके प्रकार पर निर्भर करते हैं। मुख्य रूप से हाई ब्लड प्रेशर दो प्रकार के होते हैं। चलिए दोनों को एक-एक करके समझते हैं - 

प्राथमिक हाई ब्लड प्रेशर -

कई मामले में देखा गया है कि हाई ब्लड प्रेशर का कोई एक कारण नहीं होता है। ऐसे ब्लड प्रेशर को प्राथमिक या प्राइमरी हाई ब्लड प्रेशर कहा जाता है। यह समस्या कई वर्षों तक धीरे-धीरे विकसित होती है, इसलिए यह एक खतरनाक स्वास्थ्य स्थिति है। इस स्थिति में धमनियों में प्लाक का निर्माण धीरे-धीरे होता जाता है, जिसे एथेरोस्क्लेरोसिस (Arteriosclerosis) कहा जाता है, जो हाई ब्लड प्रेशर के खतरे को बढ़ाता है। हालांकि हाई ब्लड प्रेशर के कुछ संभावित कारण है जैसे - 

  • खाने की अस्वस्थ आदत (उच्च सोडियम युक्त आहार)
  • शारीरिक गतिविधि का अभाव
  • शराब का अधिक सेवन

सेकेंडरी हाई ब्लड प्रेशर -

इस प्रकार का ब्लड प्रेशर की समस्या दूसरे स्वास्थ्य समस्या या अन्य कारण से होती है। यह एक ऐसी समस्या है, जो अचानक परेशान करती है। नीचे कुछ संभावित कारण दिए गए हैं, जिससे सेकेंडरी हाई ब्लड प्रेशर की समस्या उत्पन्न होती है - 

  • दवाएं जैसे इम्यूनोसप्रेसेन्ट्स, एनएसएआईडी और गर्भनिरोधक गोलियां
  • किडनी की समस्या
  • नींद की समस्या
  • प्राइमरी एल्डोस्टेरोनिज़्म (कॉन सिंड्रोम), जिसमें रक्त में सोडियम और पोटेशियम को नियंत्रित करने वाले हार्मोन एल्डोस्टेरोन का अधिक उत्पादन होता है।
  • नशीले पदार्थों जैसे ड्रग्स का सेवन
  • रीनल वैस्कुलर डिजीज
  • तम्बाकू का अधिक उपयोग

हाई ब्लड प्रेशर ट्रीटमेंट -

हाई ब्लड प्रेशर के इलाज के लिए जीवनशैली में बदलाव और दवाओं के संयोजन को सबसे उत्तम विकल्प माना जाता है। इसके अतिरिक्त कुछ दवाएं भी होती हैं, जिनके सेवन की सलाह अक्सर दी जाती है। चलिए हाई ब्लड प्रेशर के उपचार के सभी विकल्पों के बारे में बात करते हैं - 

जीवनशैली में बदलाव

हाई ब्लड प्रेशर के इलाज में जीवनशैली में बदलाव एक अहम भूमिका निभाता है। कुछ स्वस्थ आदतों को अपना कर हर व्यक्ति अपने ब्लड प्रेशर को नियंत्रित कर सकता है। चलिए कुछ स्वस्थ आदतों के बारे में जानते हैं - 

  • स्वस्थ आहार: फल, सब्जियां, होल ग्रेन, कम वसा वाले डेयरी प्रोडक्ट, कम वसा वाले प्रोटीन का सेवन लाभकारी होगा। इसके अतिरिक्त नमक, सैचुरेटेड फैट और कोलेस्ट्रॉल के सेवन को कम करने से भी लाभ मिलेगा।
  • नियमित रूप से व्यायाम करें: भारत के टॉप डाइटिशियन का मानना है कि सप्ताह में कम से कम 150 मिनट व्यायाम करना चाहिए। 
  • धूम्रपान छोड़ें: धूम्रपान से शरीर की रक्त वाहिकाओं को नुकसान तो पहुंचाता तो है ही, जिसके कारण ब्लड प्रेशर में भी बढ़ोतरी होती है।
  • शराब का सेवन को कम करें: यह प्रमाणित है कि शराब का अधिक सेवन ब्लड प्रेशर को बढ़ा सकता है। शराब के सेवन को कम करें या प्रयास करें कि छोड़ दें।
  • तनाव कम करें: ऐसा माना जाता है कि हाई ब्लड प्रेशर का मुख्य कारण तनाव लेना भी है। इससे बचने के लिए स्ट्रेस मैनेजमेंट के विकल्प पर जोर देना बहुत लाभकारी साबित हो सकता है। इसके साथ-साथ योग, मेडिटेशन या अनुलोम विलोम तनाव को कम करने में मदद कर सकता है। 

दवाएं:

यदि जीवनशैली में बदलाव से ब्लड प्रेशर नियंत्रित नहीं होता है, तो कुछ दवाएं इस स्थिति को नियंत्रित करने में मदद कर सकते हैं। हालांकि दर्जन-भर दवाएं हाई ब्लड प्रेशर के इलाज में मदद कर सकती हैं। इन दवाओं को एंटीहाइपरटेन्सिव (antihypertensives) कहा जाता है और इन सभी दवाओं का कार्य भी अलग-अलग होता है। किसे कौन सी दवा दी जाएगी इसका निर्णय रोगी के स्वास्थ्य स्थिति के आधार पर ही किया जाता है। 

हाई बीपी के लिए घरेलू उपचार -

अक्सर दवाएं तब दी जाती है जब सारे उपाय कारगर साबित नहीं होते हैं। हालांकि दवाओं के साथ-साथ हाई बीपी के घरेलू उपचार काफी लाभकारी साबित हो सकते हैं। यह ध्यान रखना होगा कि इन उपायों को दवाओं और सटीक इलाज के विकल्प के तौर पर बिल्कुल न देखें। हाई बीपी के घरेलू उपचार नीचे लिखे हैं - 

  • लहसुन: लहसुन एक आयुर्वेदिक औषधि है, जिसमें ब्लड प्रेशर को कम करने वाले गुण होते हैं। इसे अपने दैनिक आहार में शामिल करें।
  • केला: केले में पोटेशियम की मात्रा भरपूर होती है, जिसकी मदद से ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में मदद मिलती है।
  • अदरक: अदरक रक्त वाहिकाओं को आराम देने और ब्लड प्रेशर को कम करने में सक्षम है। इसे भी अपने आहार में शामिल करें।
  • फलों और सब्जियों का सेवन: इसकी मदद से शरीर में ऊर्जा का संचार तो बना ही रहता है और शरीर में फाइबर की कमी नहीं होती है।

निष्कर्ष -

हाई ब्लड प्रेशर एक गंभीर स्थिति है, जिसे बिल्कुल भी नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। जीवनशैली में बदलाव और दवाओं के साथ, हाई ब्लड प्रेशर को नियंत्रित किया जा सकता है और एक लंबा, स्वस्थ जीवन जिया जा सकता है।

हाई बीपी से संबंधित अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

 

हाई ब्लड प्रेशर में क्या नहीं खाना चाहिए?

हाई ब्लड प्रेशर में निम्न खाद्य पदार्थों के सेवन की सलाह नहीं दी जाती है - 

  • प्रोसेस्ड फूड
  • उच्च नमक वाले खाद्य पदार्थ
  • शराब 
  • अनसैचुरेटेड फैट
  • मसालेदार भोजन

हाई ब्लड प्रेशर को तुरंत कंट्रोल कैसे करें?

हाई ब्लड प्रेशर को तुरंत कंट्रोल करने के लिए निम्न उपायों का पालन करें - 

  • यदि डॉक्टर ने दवाई दी है, तो उसे समय पर लें।
  • आराम करें और तनाव न लें
  • पैर ऊपर करके उठाएं
  • नमक का सेवन कम करें
  • गर्म पानी और तैलीय भोजन के सेवन से बचें

हाई ब्लड प्रेशर में कौन सा फल खाना चाहिए?

हाई ब्लड प्रेशर की स्थिति में निम्न फलों का सेवन लाभकारी होगा - 

  • केला
  • सेब
  • खरबूजा
  • क्रैनबेरी
  • अनार

ब्लड प्रेशर हाई होने पर क्या करें?

ब्लड प्रेशर हाई होने पर निम्न चरणों का ध्यान रखें - 

  • शांत रहें और घबराएं नहीं
  • अपना ब्लड प्रेशर मापें
  • दवाएं लें और आराम करें
  • अधिक गंभीर स्थिति में तुरंत डॉक्टर से बात करें

ब्लड प्रेशर कितना होना चाहिए?

ब्लड प्रेशर को तीन चरणों में मापा जाता है - 

  • सामान्य: 120/80 mmHg से कम
  • उच्च: 130/85 mmHg से अधिक
  • गंभीर: 160/100 mmHg से अधिक

क्या हाई ब्लड प्रेशर में दूध पीना चाहिए?

हाई ब्लड प्रेशर की स्थिति में निम्न प्रकार के दूध या डेयरी उत्पाद के सेवन की सलाह दी जाती है - 

  • कम वसा वाले या स्किम्ड मिल्क
  • दही