हाई कोलेस्ट्रॉल एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है, जिसका संबंध हृदय रोग, स्ट्रोक और अन्य गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से है। कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में सही समय पर सही इलाज के साथ स्वस्थ जीवनशैली और सही खान-पान बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
यदि पेशेंट कुछ बातों पर विशेष ध्यान दें जैसे कि - कोलेस्ट्रॉल बढ़ने पर क्या खाएं, क्या न खाएं और कोलेस्ट्रॉल कैसे कम करें, तो वह कई स्वास्थ्य समस्याओं से बच सकते हैं। इस ब्लॉग में हम उन खाद्य पदार्थों पर बात करने वाले हैं, जो हाई कोलेस्ट्रॉल को मैनेज करने और इसे बढ़ने में भी योगदान देते हैं। यदि कोई लक्षण दिखाई दे तो आप तुरंत किसी अच्छे हृदय रोग विशेषज्ञ से परामर्श ले सकते हैं
हाई कोलेस्ट्रॉल की स्थिति में रक्त में वसायुक्त पदार्थों या लिपिड की मात्रा अधिक हो जाती है। यह पदार्थ मुख्य रूप से कम घनत्व वाले लिपोप्रोटीन होते हैं, जिसे एलडीएल या बैड कोलेस्ट्रॉल भी कहा जाता है। इस पदार्थ के जमाव के कारण रक्त की धमनियां संकीर्ण हो जाती है, जो समय के साथ सख्त भी हो जाती है। इस स्थिति को एथेरोस्क्लेरोसिस के नाम से भी जाना जाता है। इससे रक्त प्रवाह प्रतिबंधित हो सकता है, जिसके कारण दिल का दौरा, स्ट्रोक और हाई कोलेस्ट्रॉल जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
हमारे शरीर में एचडीएल या गुड कोलेस्ट्रॉल भी होता है, जो बैड कोलेस्ट्रॉल को शरीर से बाहर निकालने में मदद करता है, जो हृदय रोग के खतरा कम कर सकता है। अस्वस्थ आहार, व्यायाम की कमी, मोटापा और जैनेटिक जैसे कारक बैड कोलेस्ट्रॉल के स्तर को काफी हद तक बढ़ा सकते हैं। यदि कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित नहीं किया जाता है, तो इसके कारण रक्त की धमनियों में ब्लॉकेज आ जाएगी, जो कई सारी हृदय संबंधित समस्याओं का कारण भी बन सकता है।
हाई कोलेस्ट्रॉल के लक्षण अक्सर स्पष्ट नहीं होते हैं, यही वजह है कि कई लोग इस बीमारी को "साइलेंट किलर" के नाम से भी जानते हैं। हालांकि कुछ लक्षण है, जिसका सामना एक व्यक्ति कर सकता है जैसे कि -
इन लक्षणों के उत्पन्न होते ही तुरंत एक अच्छे कार्डियोलॉजी डॉक्टर से मिलें और इलाज के सभी विकल्पों पर बात करें। हाई कोलेस्ट्रॉल जैसे स्वास्थ्य समस्या के इलाज में हम आपकी मदद कर सकते हैं।
असंतुलित आहार हाई कोलेस्ट्रॉल का मुख्य कारण है। सैचुरेटेड फैट और ट्रांस फैट के साथ कम फाइबर, अधिक चीनी और प्रोसेस्ड फूड भी हाई कोलेस्ट्रॉल का मुख्य कारण है। इन सबके अतिरिक्त हाई कोलेस्ट्रॉल के निम्न कारण हो सकते हैं -
सैचुरेटेड और ट्रांस फैट से भरपूर आहार से कोलेस्ट्रॉल की समस्या में वृद्धि होती है। इसके अतिरिक्त हाई कोलेस्ट्रॉल वाले खाद्य पदार्थों को खाने से भी यह समस्या व्यक्ति को परेशान करती है। इन सबके कारण शरीर में मोटापा भी बढ़ता है, जो कई बीमारियों का घर होता है। इसके साथ-साथ गतिहीन जीवनशैली, धूम्रपान और कोलेस्ट्रॉल की मेडिकल फैमिली हिस्ट्री भी इस रोग के अन्य कारक हैं, जिनके बारे में हमने ऊपर बात भी की है।
यह कारक बढ़े हुए एलडीएल (कम घनत्व वाले लिपोप्रोटीन) कोलेस्ट्रॉल में योगदान करते हैं, जिसे अक्सर "खराब" कोलेस्ट्रॉल कहा जाता है, जो हृदय रोग के खतरे को बढ़ा सकता है।
हृदय स्वास्थ्य के लिए गुड़ कोलेस्ट्रॉल (HDL) स्तर को बनाए रखना महत्वपूर्ण है। इसे प्राप्त करने के लिए, कुछ खाद्य पदार्थों से परहेज करना आवश्यक है जैसे कि -
कोलेस्ट्रॉल बढ़ने के बाद जीवनशैली में बदलाव और दवाओं के द्वारा इसे आसानी से मैनेज किया जा सकता है। सबसे पहले आप जीवनशैली में निम्नलिखित बदलाव को अपनाएं -
इसके अतिरिक्त निम्न दवाओं का सुझाव दिया जाता है -
बिना डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन के कोई भी दवा न लें, क्योंकि इससे बहुत सारे जोखिम और जटिलताएं उत्पन्न हो सकती हैं। वह आपके स्वास्थ्य के आंकलन के बाद ही आपके लिए उपयुक्त दवा का सुझाव दे सकते हैं। चलिए समझते हैं यह कैसे हो सकता है।
उच्च कोलेस्ट्रॉल स्तर को प्रबंधित करने के लिए कुछ प्रकार के आहार का विशेष ध्यान रखना चाहिए। सही खाद्य पदार्थों का सेवन एलडीएल (लो डेंसिटी लिपोप्रोटीन - LDL) कोलेस्ट्रॉल को प्रभावी ढंग से कम कर सकता है, जिसे अक्सर "खराब" या बैड कोलेस्ट्रॉल कहा जाता है, जबकि एचडीएल (गुड डेंसिटी लिपोप्रोटीन) कोलेस्ट्रॉल, जिसे "अच्छा" या गुड़ कोलेस्ट्रॉल कहा जाता है, की वृद्धि को बढ़ावा मिलता है। हाई कोलेस्ट्रॉल होने पर क्या खाना चाहिए, इसके बारे में नीचे संक्षिप्त में बताया जा रहा है -
जब कोलेस्ट्रॉल का स्तर अधिक होता है, तो हृदय स्वास्थ्य के लिए कुछ खाद्य पदार्थों से परहेज करना बहुत जरूरी होता है। कोलेस्ट्रॉल बढ़ने पर आपको निम्न खाद्य पदार्थों से दूरी बनाने की सलाह दी जाती है -
मुख्य रूप से हाई प्रोसेस्ड फूड, अनसैचुरेटेड फैट, और ट्रांस फैट के सेवन की सलाह नहीं दी जाती है, क्योंकि यह बैड कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ाते हैं, जिससे धमनियों में प्लाक का निर्माण होने लग जाता है, जो हृदय रोग के जोखिम के दायरे में आता है।
कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने के लिए, जैतून का तेल, कैनोला तेल, या सूरजमुखी का तेल जैसे अनसैचुरेटेड फैट से भरपूर तेलों का सेवन करना सबसे अच्छा है, क्योंकि यह एलडीएल कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद कर सकता है।
सीमित मात्रा में गुड़ खाने से कोलेस्ट्रॉल के स्तर में अधिक वृद्धि होने की संभावना नहीं है, क्योंकि इसमें कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बहुत कम होती है। हालांकि, इसके अत्यधिक सेवन से वजन बढ़ सकता है, जो अप्रत्यक्ष रूप से कोलेस्ट्रॉल के स्तर को प्रभावित कर सकता है।
गुड कोलेस्ट्रॉल (HDL) बढ़ाने के लिए निम्न खाद्य पदार्थों का सेवन करें -
सफेद चावल में ट्रांस फैट और कोलेस्ट्रॉल नहीं होता है, लेकिन इसमें फाइबर कम होता है। इसलिए ब्राउन राइस खाएं, क्योंकि यह एक बेहतर विकल्प है।
नहीं, मछली खाने से कोलेस्ट्रॉल नहीं बढ़ता है। मछली में ओमेगा-3 फैटी एसिड होता है, जो गुड कोलेस्ट्रॉल (HDL) को बढ़ाने और बैड कोलेस्ट्रॉल (LDL) को कम करने में मदद करता है।
सुबह का नाश्ता कोलेस्ट्रॉल कम करने के लिए महत्वपूर्ण है। नाश्ते में निम्न खाद्य पदार्थों को शामिल करें -
सारे फल कोलेस्ट्रॉल की समस्या को ठीक करने में मदद कर सकते हैं। फल विटामिन, मिनरल और फाइबर से भरपूर होते हैं, इसलिए सारे फलों का आप सेवन करें। लेकिन मुख्य रूप से सेब, संतरे, अंगूर, और केला आपके लिए लाभकारी हो सकता है। व्यक्तिगत सहायता के लिए आप अपने डॉक्टर से गुड कोलेस्ट्रॉल फूड्स लिस्ट ज़रूर मांगे।
हां, शाकाहारी भोजन बैड कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करता है, जिससे हृदय स्वास्थ्य में भी सुधार देखने को मिल सकता है। फल, सब्जियां, होल ग्रेन्स, फलियां और नट्स जैसे खाद्य पदार्थ फाइबर से भरपूर होते हैं, जिससे शरीर में मौजूद अतिरिक्त कोलेस्ट्रॉल को शरीर से बाहर निकालने में मदद मिलती है।
कोलेस्ट्रॉल की जांच के दौरान इसे कई अलग-अलग मानकों पर मापा जाता है। चलिए समझते हैं कि कोलेस्ट्रॉल का नार्मल स्तर कितना होता है -
कोलेस्ट्रॉल को कम करने के लिए अपने आहार में नाश्ते के तौर पर हमें ओटमील, चिया सीड्स, अलसी, बादाम, अखरोट, फल और ग्रीन टी जैसे हाई फाइबर और स्वस्थ वाले खाद्य पदार्थ शामिल करें। इसके अतिरिक्त आप टोफू, स्प्राउट्स या दाल को भी अपने आहार में शामिल कर सकते हैं।
7 दिनों में कोलेस्ट्रॉल को कम करना असंभव है। हालांकि तुरंत दवाओं के सेवन से कोलेस्ट्रॉल का स्तर सीमित होता है। लेकिन अपने डॉक्टर से एक बार परामर्श ज़रूर करें।
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