सर्दियां आते हैं ही हम लोग गर्म कंबल और गर्म चाय के भरोसे हो जाते हैं। लेकिन इस मौसम में हमें अपने दिल का भी खास ख्याल रखने की आवश्यकता होती है। मैं डॉ. सब्यसाची पाल, अपने 11 वर्षों के अनुभव से यह कह सकता हूं कि सर्दियों में हमें अपने दिल का बहुत ज्यादा ख्याल रखना होता है।
यदि दिल कमजोर है, तो सर्दियों में इमरजेंसी स्थिति भी उत्पन्न हो सकती है। हम सभी जानते हैं कि सर्दियों में दिल के दौरे बढ़ जाते हैं, लेकिन इससे बचने के लिए प्रभावी टिप्स कहीं भी उपलब्ध नहीं है। चलिए उन सभी निवारक उपायों के बारे में जानते हैं, जिससे आप अपने दिल को स्वस्थ रख सकते हैं। इसके अतिरिक्त इमेर्जेन्सी स्थिति में तुरंत हमसे या फिर किसी भी सर्वश्रेष्ठ कार्डियोलॉजिस्ट से संपर्क करें और तुरंत इलाज लें।
सर्दियों के महीनों में दिल के दौरे अधिक आम क्यों हैं?
सर्दियों में हार्ट अटैक अधिक आम है, और ऐसा कहने के पीछे निम्न जोखिम कारक हैं -
- सर्दियों में शरीर की रक्त वाहिकाएं सिकुड जाती हैं, जिसकी वजह से ब्लड प्रेशर में वृद्धि होती, जो हमारे हृदय की कार्यक्षमता को भी प्रभावित करते हैं।
- सर्दी के मौसम में गतिहीन जीवनशैली लोगों की आदत बनती जा रही है, जिससे लोगों का वजन भी बढ़ने लगता है।
- फ्लू और सांस की समस्या सर्दियों में हृदय पर अतिरिक्त दबाव डालते हैं।
- सर्दियों में अक्सर लोगों को तली भुनी चीजों के सेवन की अधिक आदत होती है। यह भी कोलेस्ट्रॉल के बढ़ने का मुख्य कारण होते हैं, जो मुख्यतः हृदय रोग का कारण साबित होते हैं।
सर्दियों में हार्ट अटैक का जोखिम किसे ज्यादा होता है?
दिल का दौरा किसी को भी पड़ सकता है, इसलिए हर व्यक्ति को एक स्वस्थ जीवन शैली को अपनाने की सलाह हमेशा दी जाती है। हालांकि कुछ लोगों को हार्ट अटैक का जोखिम अधिक होता है जैसे कि -
- हाई ब्लड प्रेशर, कोरोनरी धमनी रोग या हार्ट अटैक की फैमिली हिस्ट्री वाले लोग।
- अधिक उम्र होना भी हार्ट अटैक का एक मुख्य जोखिम कारक है।
- ठंड के मौसम में अधिक धूम्रपान करना भी दिल के दौरे का एक मुख्य जोखिम कारक है क्योंकि इससे वासोकॉन्स्ट्रिक्टिव प्रभावित होता है।
- डायबिटीज या मोटापे के कारण रक्त वाहिकाएं संकुचित हो जाती है, जिससे हृदय रोग का जोखिम भी कई गुना बढ़ जाता है।
हार्ट अटैक के लक्षण
इस बात में कोई संदेह नहीं है कि हार्ट अटैक के लक्षणों को पहचानना बहुत ज्यादा आवश्यक है। समय पर इलाज आपकी जान बचा सकता है। निम्न लक्षणों पर ध्यान देने की सलाह दी जाती है -
- सीने में दर्द या बेचैनी का अनुभव होना।
- सीने पर अतिरिक्त दबाव की अनुभूति होना।
- सीने में दर्द का हाथ, गर्दन, जबड़े या पीठ तक फैल जाना।
- मतली, चक्कर आना, सांस फूलना या ठंडा पसीना आना।
- बिना कारण थकान या कमजोरी आना। यह लक्षण मुख्य रूप से महिलाओं में देखने को मिलता है।
यह कुछ सामान्य लक्षण है, जिसका अनुभव होते ही, बिना देर किए डॉक्टर से मिलने की सलाह दी जाती है और सर्दियों में अपने दिल का ख्याल रखने की सलाह दी जाती है।
सर्दियों में दिल के दौरे को रोकने के उपाय
सर्दियों में हार्ट अटैक को रोका जा सकता है और इसे आप अपनी मेहनत और निष्ठा से रोक सकते हैं। हम उन उपायों के बारे में आपको बताने वाले हैं, जिनकी मदद से आप हार्ट अटैक का प्रबंधन आसानी से कर सकते हैं जैसे कि -
- खुद को गर्म रखें: ठंड में सबसे आवश्यक है खुद को गर्म रखना। गर्म कपड़े पहने और यदि बाहर ज्यादा ठंड है, तो प्रयास करें दस्ताने, टोपी और स्कार्फ का उपयोग करें। अचानक ठंडे वातावरण में जाने से बचें।
- संतुलित आहार लें: संतुलित आहार न केवल आपको स्वस्थ रखता है, बल्कि आपके रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल को कम करने में भी मदद करता है। अपने आहार में ओमेगा-3 फैटी एसिड, होल ग्रेन्स, फल और सब्जियों को शामिल करें। इसके अतिरिक्त नमक, चीनी और सैचुरेटेड फैट की मात्रा को भी सीमित करें।
- सुरक्षित रूप से सक्रिय रहें: ठंड में सबसे आवश्यक है खुद को सक्रिय रखना। यदि ठंड ज्यादा है, तो घर में ही कुछ व्यायाम करें। योग, ट्रेडमिल पर चलना या हल्की एरोबिक्स जैसे व्यायाम आपके लिए लाभकारी साबित हो सकते हैं। यदि आप हार्ट अटैक के जोखिम के दायरे में आते हैं, तो अधिक परिश्रम वाले व्यायाम न करें।
- अपने स्वास्थ्य की निगरानी करें: जो व्यक्ति हाई ब्लड प्रेशर, हाई कोलेस्ट्रॉल लेवल और हाई ब्लड शुगर का सामना कर रहा है, तो डॉक्टरों से नियमित जांच ज़रूर कराएं। यदि किसी दवा का आप सेवन कर रहे हैं, तो उन दवाओं का सेवन समय पर करते रहें।
- हाइड्रेटेड रहें: सर्दियों में खुद को हाइड्रेट रखना बहुत ज्यादा जरूरी है, क्योंकि इससे रक्त संचार नियमित रहता है।
- धूम्रपान और शराब से बचें: धूम्रपान और अत्यधिक शराब का सेवन सर्दियों में हार्ट अटैक की संभावनाओं को प्रबल कर सकता है। इसलिए उन्हें सीमित करें।
- टीका लगवाएं: ठंड में फ्लू और अन्य सांस के संक्रमण बहुत फैलते हैं। इनसे बचने के लिए टीका लगवाएं।
- तनाव को पहचानें और प्रबंधित करें: उन बिंदुओं को पहचानें जिसके कारण आपको स्ट्रेस हो रहा है। उन्हें पहचान कर उन्हें मैनेज करें। ऐसा करने के लिए आप स्ट्रेस मैनेजमेंट तकनीक का उपयोग भी कर सकते हैं।
निष्कर्ष
यह बात सत्य है कि सर्दियों में दिल के दौरे का खतरा अधिक होता है, लेकिन सही खान-पान और सही आदतों से आप अपने दिल का ख्याल रख सकते हैं। इस ब्लॉग में मौजूद सावधानियों का पालन करके आर स्वयं को मजबूत कर सकते हैं। यदि लक्षण फिर भी दिखते हैं, तो बिना संकोच के आप अनुभवी कार्डियोलॉजिस्ट से सलाह लें।
अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्न
शीत लहर के दौरान दिल का दौरा पड़ने का सबसे ज्यादा जोखिम किसे होता है?
यदि पहले से ही कोई दिल की समस्या है, तो दिल का दौरा पड़ने का जोखिम लगातार बना रहता है। इसके अतिरिक्त वृद्ध लोग, धूम्रपान करने वाले और मधुमेह या मोटापे वाले लोग भी जोखिम के दायरे में आते हैं।
ठंड के मौसम में दिल के स्वास्थ्य को बनाए रखने में किस प्रकार के जीवनशैली में बदलाव की आवश्यकता है?
हृदय स्वस्थ रखने के लिए निम्न बदलावों को अपनाएं -
- हृदय स्वस्थ आहार का सेवन करें।
- नियमित शारीरिक गतिविधि करते रहें।
- गर्म रखें और तनाव को मैनेज करें।
दिल के दौरे के जोखिम को कम करने के लिए ठंड के मौसम का प्रबंधन कैसे किया जा सकता है?
यदि आप हार्ट अटैक के जोखिम के दायरे में आते हैं तो गर्म कपड़े पहने, अचानक अत्यधिक ठंड के संपर्क में आने से बचें और घर से बाहर निकलने का प्रयास बिलकुल न करें।
क्या ठंड के मौसम में बहुत ज्यादा व्यायाम करने से दिल का दौरा पड़ने का खतरा बढ़ सकता है?
हां, ठंड के मौसम में अधिक व्यायाम करने से दिल पर दबाव पड़ सकता है, इसलिए प्रयास करें कि ठंड के मौसम में अधिक तीव्र व्यायाम करने से बचें।