फैमिलियल हाइपरकोलेस्ट्रोलेमिया क्या होता है? जानें इसके लक्षण और बचाव के उपाय
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फैमिलियल हाइपरकोलेस्ट्रोलेमिया क्या होता है? जानें इसके लक्षण और बचाव के उपाय

Cardiology | by Dr. Anjan Siotia on 22/08/2025

Table of Contents
  1. फैमिलियल हाइपरकोलेस्ट्रोलेमिया (FH) क्या है?
  2. FH क्यों और कैसे होती है? (फैमिलियल हाइपरकोलेस्ट्रोलेमिया के कारण)
  3. कौन जोखिम में है?
  4. फैमिलियल हाइपरकोलेस्ट्रोलेमिया के लक्षण
  5. हाइपरकोलेस्ट्रोलेमिया का इलाज और FH से बचाव के उपाय
    1. समय पर जांच और डायग्नोसिस
    2. दवाएं और मेडिकल मैनेजमेंट
    3. लाइफस्टाइल बदलाव (जो सबसे ज्यादा प्रभावी)
    4. परिवार की स्क्रीनिंग और हेल्थ चेकअप
  6. फैमिलियल हाइपरकोलेस्ट्रोलेमिया से कैसे बचें?
  7. निष्कर्ष
  8. अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्न
    1. क्या FH जेनेटिक बीमारी है?
    2. FH में कोलेस्ट्रॉल का स्तर कितना होता है?
    3. क्या ये बीमारी बच्चों में भी हो सकती है?
    4. FH का पता कैसे चलता है?
    5. क्या FH में सिर्फ लाइफस्टाइल सुधार से बीमारी ठीक हो सकती है?

Summary

फैमिलियल हाइपरकोलेस्ट्रोलेमिया (FH) एक जेनेटिक रोग है, जिसमें शरीर खून से “खराब” कोलेस्ट्रॉल (LDL) नहीं हटा पाता है, जो दिल की बीमारियों का मुख्य कारण साबित हो सकता है। FH कि पुष्टि सिर्फ टेस्ट से होती है; सही इलाज, दवाएं और लाइफस्टाइल सुधार से इसे कंट्रोल किया जा सकता है। 

सेहत और दिल की सुरक्षा हर उम्र में जरूरी हो गई है। कल्पना कीजिए कि आप अपने बच्चे या किसी प्रियजन को बिल्कुल स्वस्थ मानते हैं, लेकिन अचानक डॉक्टर बताते हैं कि उनके खून में कोलेस्ट्रॉल बहुत ज्यादा है और दिल की बीमारी का खतरा कम उम्र में ही उनके सिर पर मंडरा रहा है। इस स्थित में ख्याल आता है कि आप तो हमेशा से ही स्वस्थ भोजन करते थे, फिर भी पता नहीं कहां चूक हो गई। पर यहां सच्चाई जान लेना आपके लिए आवश्यक है। यह केवल आदतों या डाइट की वजह से नहीं, बल्कि आपके जीन यानी DNA में छुपी एक समस्या हो सकती है जिसे फैमिलियल हाइपरकोलेस्ट्रोलेमिया (Familial Hypercholesterolemia- FH) कहा जाता है।

बहुत लोग सोचते हैं कि कोलेस्ट्रॉल सिर्फ बढ़ती उम्र या गलत खानपान के कारण बढ़ता है, लेकिन एक सच्चाई यह भी है कि दुनिया में लगभग 1 लाख लोगों में से 250 लोग ऐसे भी हैं, जिन्हें जन्म से ही ऐसा जेनेटिक रोग (gene mutation) मिला होता है, जिससे शरीर के खून में “खराब” कोलेस्ट्रॉल (LDL) का लेवल असामान्य रूप से बढ़ा रहता है। दुख की बात यह है कि उन 250 में से 90% लोगों को इस स्थिति के बारे में पता ही नहीं होता है। कोलेस्ट्रॉल की स्थिति में कोई भी समस्या दिखने पर हम आपको सलाह देंगे कि तुरंत एक अनुभवी हृदय रोग विशेषज्ञ से मिलें और इलाज लें।

फैमिलियल हाइपरकोलेस्ट्रोलेमिया (FH) क्या है?

दुनियाभर में कई लोग FH से प्रभावित हैं, पर 9 में से 1 को ही सही जानकारी और इलाज मिल पाता है। यह एक ऐसी जेनेटिक बीमारी है, जिसमें शरीर खून से “खराब” कोलेस्ट्रॉल (LDL) साफ नहीं कर पाता है। इसका मतलब यह हुआ कि भले आप अपना लाइफस्टाइल कितना भी अच्छा रखें, डाइट और एक्सरसाइज कर लें, लेकिन आपके जीन में यह गड़बड़ी होने पर LDL लगातार नसों में जमा होता रहेगा, जिससे हार्ट अटैकस्ट्रोक, या दूसरी दिल की बीमारियों की संभावना बनी रहेगी।

यह बीमारी आमतौर पर परिवार में चलती है। अर्थात यदि आपके माता या पिता में से किसी को यह समस्या है, तो इस बात की संभावना लगातार बनी रहेगी कि यह समस्या आपको भी हो। बच्चों से बुजुर्ग तक, यह बीमारी किसी को भी हो सकती है। बहुत कम मामलों में, यदि दोनों माता-पिता से दोषपूर्ण जीन मिले, तो बच्चा जन्म के तुरंत बाद या बचपन में ही बेहद गंभीर स्थिति में पहुंच सकता है। हालांकि ऐसी स्थितियां कम है, लेकिन आपको सतर्क रहने की सलाह दी जाती है।

FH क्यों और कैसे होती है? (फैमिलियल हाइपरकोलेस्ट्रोलेमिया के कारण)

FH एक जेनेटिक (वंशानुगत) डिसऑर्डर है, जो खास जीन (LDLR, APOB या PCSK9) में गड़बड़ी के कारण होता है। इस बीमारी में, एक खास प्रोटीन जिसे LDL रिसेप्टर कहते हैं, जो आपके खून से LDL (बैड) कोलेस्ट्रॉल को हटाने का काम करता है, ठीक से काम नहीं करता या उसका स्तर कम होता है।

अधिकतर FH के मामलों में यह विकार APOB, LDLR या PCSK9 नाम के तीन मुख्य जीनों में होता है। हालांकि, शोधकर्ता अभी भी अन्य जीनों की खोज कर रहे हैं। यदि आपका फैमिलियल हाइपरकोलेस्ट्रोलेमिया होने का संकेत है, लेकिन जेनेटिक टेस्ट में यह नहीं पाया गया, तो संभव है कि आपके शरीर में कोई ऐसा जीन परिवर्तन हो जो अभी तक शोधकर्ताओं ने पहचान नहीं पाया है।

कौन जोखिम में है?

जिनके परिवार में किसी को कम उम्र (40-45 साल से पहले) में दिल की बीमारी या हार्ट अटैक हो चुका है, वह इस रोग के खतरे के दायरे में हैं। इसके अतिरिक्त यदि आपके माता या पिता की लिपिड प्रोफाइल जेनेटिकली खराब रही हो, तो भी आप खतरे के दायरे में हैं। इसके अतिरिक्त स्वस्थ जीवनशैली को अपनाने के बाद भी हाई कोलेस्ट्रॉल की स्थिति का बने रहना बताता है कि आप फैमिलियल हाइपरकोलेस्ट्रोलेमिया शिकार हो सकते हैं।

WHO के अनुसार, कोरोनरी हार्ट डिजीज का सबसे बड़ा रिस्क फैक्टर अनियंत्रित हाई कोलेस्ट्रॉल है, और FH उनमें सबसे तेजी से बढ़ती समस्या है।

फैमिलियल हाइपरकोलेस्ट्रोलेमिया के लक्षण

फैमिलियल हाइपरकोलेस्ट्रोलेमिया एक खतरनाक स्थिति मानी जाती है, क्योंकि शुरुआती सालों में इस रोग के कोई भी लक्षण उत्पन्न नहीं होते हैं। अक्सर जब तक कुछ बड़ा हादसा (जैसे कि दिल का दौरा) न हो जाए, तब तक व्यक्ति को खुद भी पता नहीं चलता है कि वह इस समस्या का सामना कर रहा है। हालांकि कुछ लक्षण उत्पन्न हो सकते हैं जैसे कि - 

  • त्वचा और टेंडन (मसल्स-जोड़ों) पर पीले कठोर चकत्ते (xanthomas) का बनना। यह लक्षण खास तौर पर एड़ी, कोहनी, उंगलियों के जोड़ों, या घुटनों पर दिखते हैं।
  • आंखों की पुतली के आस-पास सफेद या भूरा रिंग (corneal arcus) दिखना। 20-30 साल की उम्र से पहले यह लक्षण दिखना FH का मुख्य लक्षण माना जाता है।
  • आंखों के ऊपर या कोनों पर पीले पैच (xanthelasma) दिखना।
  • कम उम्र में सीने में दर्दसांस फूलना, चलने पर पैरों में ऐंठन या दर्द होना।
  • बाजू या पैरों में सूजन, अचानक कमजोरी या बोलने में परेशानी (यदि स्ट्रोक हो तो) होना।

लेकिन आपको एक बात का खास ख्याल रखना पड़ेगा कि आमतौर पर लक्षण तब उभरते हैं, जब खून की नसें पहले ही काफी ब्लॉक हो चुकी होती हैं। इसी कारणवश यह बीमारी ‘साइलेंट किलर’ के नाम से जानी जाती है।

हाइपरकोलेस्ट्रोलेमिया का इलाज और FH से बचाव के उपाय

हाइपरकोलेस्ट्रोलेमिया का सही समय पर इलाज तभी संभव है, जब समय पर जांच हो जाए। चलिए सबसे पहले इस स्थिति के जांच पर नजर डालते हैं - 

समय पर जांच और डायग्नोसिस

  • लिपिड प्रोफाइल टेस्ट: FH को पहचानने के लिए, सबसे पहले बच्चे, खासतौर पर जिनके माता-पिता में कोलेस्ट्रॉल की मेडिकल हिस्ट्री हो, उनका लिपिड टेस्ट (खून की जांच) होता है। बच्चों में LDL >160 mg/dL, और वयस्कों में LDL >190 mg/dL होना चाहिए। यह सामान्य स्तर है, इससे अलग स्तर बताता है कि आपके रक्त में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा अधिक है।
  • जेनेटिक टेस्ट: डॉक्टर जरूरत के अनुसार जीन टेस्टिंग भी करा सकते हैं, जिससे FH की पुष्टि होती है। इसका सुझाव अक्सर तब किया जाता है, जब हाई कोलेस्ट्रॉल का इलाज नहीं हो पाता है।

दवाएं और मेडिकल मैनेजमेंट

कुछ दवाएं हैं, जो हाई कोलेस्ट्रॉल की स्थिति को मैनेज करने के लिए दी जाती है जैसे कि - 

  • स्टैटिन: यह कोलेस्ट्रॉल के लिए सबसे कारगर दवा है। यह दवा शरीर में कोलेस्ट्रॉल बनने की प्रक्रिया को धीमा करता है, जिससे शरीर को रिकवर होने में बहुत मदद मिलती है।
  • इज़ेटिमाइब, पीसीएसके9 इन्हिबिटर, बाइल एसिड सिक्वेस्ट्रैंट्स, फाइब्रेट्स आदि: कोलेस्ट्रॉल के गंभीर मामलों में जब LDL कंट्रोल में नहीं आता है, तो यह दवाएं दी जा सकती हैं।
  • LDL एप्रिहेसिस या लिवर ट्रांसप्लांट: कुछ दुर्लभ/बहुत गंभीर मामलों में इन प्रक्रियाओं का उपयोग होता है। इस प्रक्रिया का चयन उम्र, लक्षण और LDL लेवल के आधार पर होता है।

लाइफस्टाइल बदलाव (जो सबसे ज्यादा प्रभावी)

इन बदलावों को अपने जीवन में लाएं और कोलेस्ट्रॉल की स्थिति को अच्छे से मैनेज करें - 

  • कम फैट और लो-कोलेस्ट्रॉल डाइट: मांस, घी, मक्खन, तला-भुना खाना कम करें। इसके अतिरिक्त फल, हरी सब्जियां, दाल, होल ग्रेन्स और ड्राई फ्रूट को अपने आहार में शामिल करें।
  • धूम्रपान और शराब: इन दोनों का ही सेवन शरीर में ब्लड प्रेशर बढ़ाता है, जिससे आपको बहुत सारी स्वास्थ्य समस्याओं का सामना भी करना पड़ सकता है। इसलिए इससे पूरी तरह बचें।
  • व्यायाम करें: हफ्ते में कम से कम 150 मिनट फिजिकल एक्टिविटी करें और प्रयास करें आप अपना वजन भी नियंत्रण में रखें।

परिवार की स्क्रीनिंग और हेल्थ चेकअप

यदि आपके घर परिवार में से किसी को भी फैमिलियल हाइपरकोलेस्ट्रोलेमिया का निदान हो गया है, तो बिना देर किए पूरे घर का हेल्थ चेकअप कराएं। एक टेस्ट आपको अचानक आने वाली टेंशन से बचा सकता है। यह केवल खुद की नहीं, अगली पीढ़ी की हिफाज़त है।

फैमिलियल हाइपरकोलेस्ट्रोलेमिया से कैसे बचें?

फैमिलियल हाइपरकोलेस्ट्रोलेमिया एक जेनेटिक बीमारी है, और इसे रोकना संभव नहीं है। लेकिन जल्दी पहचान, सही इलाज और लाइफस्टाइल सुधार से इसपर पूरी तरह कंट्रोल पाया जा सकता है। परिजन, खासकर छोटे बच्चे, भाई-बहन, माता-पिता की जल्दी जाँच कराएं और इसे सही समय पर मैनेज करना सीखें।

रिसर्च के मुताबिक, समय पर इलाज लेने से FH मरीजों में भविष्य का हार्ट अटैक का रिस्क 50% से भी ज्यादा घटाया जा सकता है। इसलिए प्रयास करें कि लक्षण दिखने पर या फिर फैमिली हिस्ट्री होने पर तुरंत हमारे अनुभवी डॉक्टर से मिलें और इलाज लें।

निष्कर्ष

फैमिलियल हाइपरकोलेस्ट्रोलेमिया शायद आपकी आंखों से छुपा रहे, लेकिन वक्त रहते पहचान, डॉक्टर से सलाह, सही दवा और लाइफस्टाइल में बदलाव से आप अपने और बच्चों के दिल को सुरक्षित रख सकते हैं। परिवार के सभी सदस्यों की जल्दी जांच कराएं, और जरूरत पड़े तो एक्सपर्ट से सलाह लें।

याद रखिए, समय पर सही कदम, कई बड़ी परेशानियों से बचा सकता है! अपना और अपने परिवार का दिल बचाएं, और इस जेनेटिक बीमारी को हल्के में न लें।

अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्न

क्या FH जेनेटिक बीमारी है?

हाँ, यह आपके जीन यानी DNA के कारण होती है और परिवार से पीढ़ी दर पीढ़ी चल सकती है।

FH में कोलेस्ट्रॉल का स्तर कितना होता है?

फैमिलियल हाइपरकोलेस्ट्रोलेमिया की स्थिति में कोलेस्ट्रॉल का निम्न स्तर सामान्य माना जाता है - 

  • बच्चों में: LDL >160 mg/dL
  • वयस्कों में: LDL >190 mg/dL
  • गंभीर (दोनों माता-पिता में FH जीन वाले): अक्सर 400 mg/dL से ऊपर

क्या ये बीमारी बच्चों में भी हो सकती है?

जी हां, जिन्हें दोनों माता-पिता से दोषपूर्ण जीन मिला हो (हमोज़ाइगस FH), उनमें तो लक्षण बचपन से दिख सकते हैं।

FH का पता कैसे चलता है?

लिपिड प्रोफाइल टेस्ट (खून की जांच), फिजिकल चेकअप और डॉक्टर द्वारा जेनेटिक काउंसलिंग से इस स्थिति की पुष्टि हो सकती है। फैमिली मेडिकल हिस्ट्री में कम उम्र में हार्ट डिज़ीज़ हो तो टेस्ट जरूर कराएं।

क्या FH में सिर्फ लाइफस्टाइल सुधार से बीमारी ठीक हो सकती है?

लाइफस्टाइल में सुधार बेहद जरूरी है, लेकिन लगभग सभी मामलों में दवाएं भी लेनी ही पड़ती है, क्योंकि जेनेटिक गड़बड़ी सिर्फ खानपान या व्यायाम से कंट्रोल नहीं होती है।

Written and Verified by:

Dr. Anjan Siotia

Dr. Anjan Siotia

Director Exp: 12 Yr

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