सिर्फ नॉर्मल कोलेस्ट्रॉल नहीं, इन छिपे कारणों से बढ़ता है हार्ट अटैक का 50% खतरा
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सिर्फ नॉर्मल कोलेस्ट्रॉल नहीं, इन छिपे कारणों से बढ़ता है हार्ट अटैक का 50% खतरा

Cardiology | by Dr. Shuvo Dutta on 04/09/2025

Summary

हार्ट अटैक का खतरा केवल नॉर्मल कोलेस्ट्रॉल से नहीं जुड़ा है, बल्कि हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, तनाव, मोटापा और जेनेटिक कारण भी इसके प्रमुख छिपे फैक्टर हैं, जो जोखिम को करीब 50% तक बढ़ा देते हैं।

सिर्फ नॉर्मल कोलेस्ट्रॉल नहीं, छिपे कारणों से भी बढ़ता है हार्ट अटैक का 50% खतरा। आज की तनावपूर्ण और तेज रफ्तार जिंदगी में कई ऐसे फैक्टर्स हैं, जो हार्ट हेल्थ को छुपकर नुकसान पहुंचाते हैं। कई मरीज सोचते हैं कि अगर कोलेस्ट्रॉल नॉर्मल है, तो अब चिंता की कोई जरूरत नहीं है, लेकिन रिसर्च और हृदय रोग विशेषज्ञ की मानें तो रोजमर्रा की आदतें, जेनेटिक्स और अनदेखा किया गया ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, तनाव व मोटापा भी हार्ट अटैक के बड़े दोषी हैं। हम यह जानते हैं और यह मानते भी हैं कि हार्ट अटैक की स्थिति को आसानी से मैनेज किया जा सकता है, लेकिन उसके लिए सही जानकारी आवश्यक है।

हार्ट अटैक: सिर्फ कोलेस्ट्रॉल ही नहीं असली वजहें

कोलेस्ट्रॉल को वर्षों तक हार्ट अटैक का सबसे बड़ा रिस्क फैक्टर माना गया है, लेकिन खास बात यह है कि कई मामलों में मरीज का कोलेस्ट्रॉल नॉर्मल होने के बावजूद हार्ट अटैक का खतरा बना रहता है। उदाहरण के लिए, UCLA के एक नेशनल स्टडी में पाया गया कि 75% हार्ट अटैक मरीजों का कोलेस्ट्रॉल लेवल नॉर्मल या बॉर्डरलाइन था। इसका कारण यह है कि दिल की बीमारियों के और भी कई छुपे रिस्क फैक्टर्स होते हैं, जिन पर गौर करना बेहद जरूरी होता है।

हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज का असर

हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज, दोनों ही हार्ट अटैक का रिस्क कई गुना बढ़ा देते हैं। भारत में करीब 30% वयस्कों को हाई ब्लड प्रेशर और 25% से ज्यादा युवाओं को डायबिटीज है, जो बड़ी चिंता का विषय है। इन बीमारियों के कारण ब्लड वेसल्स कमजोर और संकरी होकर ब्लड फ्लो बाधित करती हैं, जिससे दिल तक ऑक्सीजन कम पहुंचती है और हार्ट अटैक की आशंका बढ़ जाती है।

  • डायबिटीज के कारण शरीर में हाई लेवल की शुगर छोटी-छोटी ब्लड वेसल्स को नुकसान पहुंचाती है।
  • हाई ब्लड प्रेशर दिल की मांसपेशियों को मोटा और नसों को कठोर करता है।
  • इन दोनों स्थितियों में, कोलेस्ट्रॉल सामान्य होने पर भी हार्ट अटैक का रिस्क बढ़ा रहता है।

तनाव, धूम्रपान और लाइफस्टाइल की भूमिका

तीनों मिलकर निम्न तरीके से हार्ट अटैक के खतरे को बढ़ाते हैं - 

  • तनाव: क्रोनिक स्ट्रेस शरीर में कोर्टिसोल का लेवल बढ़ाता है, जिससे हार्ट की धमनियों में कसाव होता है और अचानक हार्ट अटैक का खतरा ऊपर जाता है। यदि किसी को पहले से ही हृदय की समस्या है, तो उसे सबसे पहले तनाव को कम करने पर विचार करना चाहिए, क्योंकि यह उनकी जान ले सकता है।
  • धूम्रपान: स्मोकिंग से ब्लड वेसल्स सिकुड़ जाती हैं और खून गाढ़ा हो जाता है, जो दिल की सेहत के लिए बेहद घातक है।
  • बेडेस्क वर्क/गतिहीनता: लंबे समय तक बैठे रहना, शारीरिक सक्रियता की कमी, फास्ट फूड का सेवन, यह सब आधुनिक जीवनशैली में हार्ट डिजीज के मुख्य कारण हैं।

छिपे फैक्टर: फैमिली हिस्ट्री और जेनेटिक कारण

यदि परिवार में किसी सदस्य को हार्ट डिजीज़ है, तो अगली पीढ़ी में भी यह रिस्क 2 से 3 गुना बढ़ जाता है। जेनेटिक म्यूटेशन, फैमिली हिस्ट्री और पैदा होते समय के हार्मोनल स्तर भी हार्ट अटैक के रिस्क को प्रभावित करते हैं। कई बार ये फैक्टर कोलेस्ट्रॉल का लेवल नॉर्मल होने पर भी दिल की सुरक्षा की “इनविजिबल चेन” बन जाते हैं।

समय पर जांच और डॉक्टर की सलाह क्यों ज़रूरी है

हार्ट डिजीज़ की सही समय पर जांच और नियमित मेडिकल फॉलोअप जिंदगी बचा सकता है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के अनुसार, भारत में हर साल करीब 28 लाख लोगों की मौत हार्ट डिजीज से होती है। इसमें से 50% मामलों में लोग समय पर जांच नहीं करवाते या लक्षण नजरअंदाज कर देते हैं।

  • डॉक्टर खास तौर से C-reactive protein (CRP), ईसीजीइकोकार्डियोग्रामस्ट्रेस टेस्ट और किडनी-लिवर फंक्शन जैसी ब्लड टेस्ट की सलाह देते हैं, जो समय रहते रिस्क का पता लगा सकते हैं।
  • CRP टेस्ट दिल में चल रही चुपचाप सूजन का संकेत देता है, जो कोलेस्ट्रॉल के अलावा हार्ट अटैक का साइलेंट रिस्क फैक्टर है।

निष्कर्ष

हार्ट अटैक का खतरा सिर्फ "नॉर्मल कोलेस्ट्रॉल" रिपोर्ट देखकर नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। लाइफस्टाइल, फैमिली हिस्ट्री, डायबिटीज, हाइपरटेंशन और मेंटल स्ट्रेस भी दिल के छुपे दुश्मन है, जिसका समय रहते समाधान जरूरी है। नई रिसर्च और डॉक्टरों की राय का अनुसरण करके और समय-समय पर टेस्ट कराकर दिल को बेवजह की मुसीबत से बचाया जा सकता है।

अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्न

क्या नॉर्मल कोलेस्ट्रॉल होने पर भी हार्ट अटैक का खतरा रहता है?

जी हां, रिसर्च से पता चला है कि करीब 50-75% हार्ट अटैक केस में मरीज का कोलेस्ट्रॉल नॉर्मल या बॉर्डरलाइन होता है। वजह—हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, जेनेटिक्स, तनाव, मोटापा आदि, जो नॉर्मल कोलेस्ट्रॉल के बावजूद हार्ट हेल्थ के लिए जोखिम पैदा करते हैं।

हार्ट अटैक रिस्क को कम करने के लिए कौन से टेस्ट जरूरी है?

  • लिपिड प्रोफाइल (कोलेस्ट्रॉल लेवल, ट्राइग्लिसराइड्स)
  • ब्लड प्रेशर मॉनिटरिंग
  • फास्टिंग ब्लड शुगर/ HbA1c (डायबिटीज की जांच)
  • C-reactive Protein (CRP) ब्लड मार्कर टेस्ट
  • ईसीजी/इकोकार्डियोग्राम/स्ट्रेस टेस्ट

क्या डायबिटीज और ब्लड प्रेशर हार्ट अटैक का सबसे बड़ा कारण हैं?

जी हां, ये दोनों हार्ट डिजीज और हार्ट अटैक के सबसे अहम रिस्क फैक्टर्स हैं। भारत में हार्ट अटैक से मरने वालों में करीब 60% मरीज डायबिटीज या हाई ब्लड प्रेशर से ग्रसित पाए गए हैं।

तनाव हार्ट अटैक के खतरे को कितना बढ़ता है?

तनाव से कोर्टिसोल व एड्रेनालाईन बढ़ जाते हैं, जिससे ब्लड वेसल्स सिकुड़ जाती हैं, रक्तचाप बढ़ता है और दिल पर अत्यधिक दबाव पड़ता है। क्लिनिकल डेटा के अनुसार, लंबे समय तक तनाव में रहने वालों में हार्ट अटैक का जोखिम कम से कम दोगुना तक बढ़ जाता है।

हार्ट अटैक से बचाव के लिए कौन-सी डाइट और एक्सरसाइज फायदेमंद है?

हार्ट अटैक से बचाव के लिए हेल्दी डाइट फायदेमंद है। इसमें शामिल है - सब्जियां, फल, ड्राई फ्रूट्स, बीन्स, ओमेगा-3 युक्त फिश, ऑलिव ऑयल, होल ग्रेन्स, इत्यादि। इनका सेवन फायदेमंद माना गया है। इसके अतिरिक्त प्रोसेस्ड, तला-भुना खाने से बचें और रोजाना 30-45 मिनट तेज चलना/कार्डियो एक्सरसाइज करना आपके लिए लाभकारी होगा। योग और मेडिटेशन तनाव घटाकर हार्ट हेल्थ को बेहतर बनाते हैं।

Written and Verified by:

Dr. Shuvo Dutta

Dr. Shuvo Dutta

Senior Consultant Exp: 34 Yr

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Dr Shuvo Dutta is a full time Senior Cardiologist in BM Birla Heart Research Centre. He has completed his MD from Calcutta National Medical College in Kolkata and is a Fellow of the Royal College of Physicians in the UK and Fellow of American College of Cardiology.

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