थैलियम स्ट्रेस टेस्ट या थैलियम स्कैन एक ऐसा टेस्ट है, जिसमें हृदय के कार्य का विश्लेषण होता है और हृदय रोग से संबंधित संभावित समस्याओं का पता लगाया जाता है। इस टेस्ट के दौरान डॉक्टर मूल्यांकन करते हैं कि आराम और शारीरिक परिश्रम के दौरान शरीर में रक्त प्रवाह कैसा है।
थैलियम स्ट्रेस टेस्ट या थैलियम स्कैन एक ऐसा टेस्ट है, जिसमें हृदय के कार्य का विश्लेषण होता है और हृदय रोग से संबंधित संभावित समस्याओं का पता लगाया जाता है। इस टेस्ट के दौरान डॉक्टर मूल्यांकन करते हैं कि आराम और शारीरिक परिश्रम के दौरान शरीर में रक्त प्रवाह कैसा है।
हृदय के लिए थैलियम टेस्ट का सुझाव अक्सर हृदय रोग के रोगियों को ही दिया जाता है। इस टेस्ट को कराने से पहले समझते हैं कि यह कैसे होता है, इसके जोखिम क्या है और इसकी तैयारी कैसे करें। हृदय रोग से संबंधित किसी भी समस्या के लिए तुरंत हमारे या किसी भी अनुभवी एवं सर्वश्रेष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ से परामर्श लें।
यह एक नैदानिक प्रक्रिया है, जिसमें हृदय की मांसपेशियों में रक्त की आपूर्ति की जांच की जाती है। इस टेस्ट में थैलियम नामक एक रेडियोएक्टिव पदार्थ का उपयोग होता है, जो उन क्षेत्रों का पता लगा सकता है जहां पर रक्त प्रवाह प्रभावित होता है।
इस टेस्ट की मदद से कोरोनरी धमनी रोग जैसी स्थितियों का आसानी से पता चल सकता है। इस परीक्षण में डॉक्टर यह जांच कर पाते हैं कि व्यायाम के दौरान आपका हृदय रक्त को कैसे और कितना पंप कर रहा है या कौन सी धमनियां संकुचित हो रही है।
थैलियम स्ट्रेस टेस्ट प्रक्रिया दो भागों में की जाती है। पहला तो जब आप आराम कर रहे होते हैं और दूसरा तब जब आप व्यायाम कर रहे है। टेस्ट में कुछ चीजें की जाती है जैसे कि -
इसके बाद आराम और व्यायाम के दौरान रक्त प्रवाह की तुलना करने के लिए सभी तस्वीरों को एक दूसरे के साथ जांचा जाता है।
मुख्य रूप से थैलियम स्कैन का उपयोग निम्न स्थितियों में किया जाता है -
आमतौर पर थैलियम स्ट्रेस टेस्ट एक सुरक्षित टेस्ट है। हालांकि इस टेस्ट के भी कुछ संभावित जोखिम एवं जटिलताएं है जैसे कि -
टेस्ट से पहले डॉक्टर को किसी भी एलर्जी, दवाओं या पहले से मौजूद अन्य स्वास्थ्य समस्या के बारे में सूचित करें। वह किसी भी संभावित जोखिम और जटिलताओं के लिए खुद को तैयार कर सकते हैं।
स्ट्रेस थैलियम स्कैन के परिणामों की सही व्याख्या एक अनुभवी और श्रेष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ ही कर सकते हैं। हालांकि कुछ बातें हैं, जो आपको पता होना चाहिए -
थैलियम स्कैन में हृदय की मांसपेशियों में रक्त के प्रवाह का चित्र बनाया जाता है। टेस्ट में जांच के लिए आराम और व्यायाम के दौरान जांच की जाती है। इस जांच में संकुचित धमनियों की जांच की जाती है, जो हृदय रोग या दिल के दौरे का कारण बन सकता है।
थैलियम स्कैन को पूरा होने में लगभग 2 से 4 घंटे का समय लगता है। इस टेस्ट में लगने वाला समय प्रक्रिया के दौरान होने वाली असहजता पर निर्भर करता है। यदि आपको इंजेक्शन और प्रक्रिया के दौरान कोई भी एलर्जी नहीं होती है, तो टेस्ट में ज्यादा समय नहीं लगेगा। कुछ मामलों में टेस्ट दो दिन में भी कराया जा सकता है।
दोनों परीक्षण को कराने का कारण अलग-अलग होता है। एंजियोग्राफी एक आक्रामक, लेकिन अधिक सटीक टेस्ट है, लेकिन थैलियम स्ट्रेस टेस्ट में किसी भी प्रकार के कट का जोखिम नहीं होता है। क्या बेहतर है, यह एक व्यक्तिगत प्रश्न है।
Written and Verified by:
Similar Blogs
Can Children Have Heart Attacks? Causes, Signs & Prevention
read moreब्रैडीकार्डिया (Bradycardia): जब दिल की धड़कन धीमी हो जाए, लक्षण और इलाज
read moreकोलेस्ट्रॉल और आनुवंशिकी: क्या आपको हृदय रोग विरासत में मिल सकता है?
read moreमेनोपॉज के बाद महिलाओं में क्यों बढ़ जाता है हार्ट अटैक का खतरा
read moreBook Your Appointment TODAY
© 2024 BMB Kolkata. All Rights Reserved.