थैलियम स्ट्रेस टेस्ट: हृदय रोगों के लिए एक उन्नत परीक्षण
Home >Blogs >थैलियम स्ट्रेस टेस्ट: हृदय रोगों के लिए एक उन्नत परीक्षण

थैलियम स्ट्रेस टेस्ट: हृदय रोगों के लिए एक उन्नत परीक्षण

Cardiology | by Dr. Dhiman Kahali on 30/09/2024

Summary

थैलियम स्ट्रेस टेस्ट या थैलियम स्कैन एक ऐसा टेस्ट है, जिसमें हृदय के कार्य का विश्लेषण होता है और हृदय रोग से संबंधित संभावित समस्याओं का पता लगाया जाता है। इस टेस्ट के दौरान डॉक्टर मूल्यांकन करते हैं कि आराम और शारीरिक परिश्रम के दौरान शरीर में रक्त प्रवाह कैसा है। 

थैलियम स्ट्रेस टेस्ट या थैलियम स्कैन एक ऐसा टेस्ट है, जिसमें हृदय के कार्य का विश्लेषण होता है और हृदय रोग से संबंधित संभावित समस्याओं का पता लगाया जाता है। इस टेस्ट के दौरान डॉक्टर मूल्यांकन करते हैं कि आराम और शारीरिक परिश्रम के दौरान शरीर में रक्त प्रवाह कैसा है। 

हृदय के लिए थैलियम टेस्ट का सुझाव अक्सर हृदय रोग के रोगियों को ही दिया जाता है। इस टेस्ट को कराने से पहले समझते हैं कि यह कैसे होता है, इसके जोखिम क्या है और इसकी तैयारी कैसे करें। हृदय रोग से संबंधित किसी भी समस्या के लिए तुरंत हमारे या किसी भी अनुभवी एवं सर्वश्रेष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ से परामर्श लें।

थैलियम स्ट्रेस टेस्ट क्या है?

यह एक नैदानिक प्रक्रिया है, जिसमें हृदय की मांसपेशियों में रक्त की आपूर्ति की जांच की जाती है। इस टेस्ट में थैलियम नामक एक रेडियोएक्टिव पदार्थ का उपयोग होता है, जो उन क्षेत्रों का पता लगा सकता है जहां पर रक्त प्रवाह प्रभावित होता है। 

इस टेस्ट की मदद से कोरोनरी धमनी रोग जैसी स्थितियों का आसानी से पता चल सकता है। इस परीक्षण में डॉक्टर यह जांच कर पाते हैं कि व्यायाम के दौरान आपका हृदय रक्त को कैसे और कितना पंप कर रहा है या कौन सी धमनियां संकुचित हो रही है। 

थैलियम स्ट्रेस टेस्ट कैसे किया जाता है?

थैलियम स्ट्रेस टेस्ट प्रक्रिया दो भागों में की जाती है। पहला तो जब आप आराम कर रहे होते हैं और दूसरा तब जब आप व्यायाम कर रहे है। टेस्ट में कुछ चीजें की जाती है जैसे कि - 

  • थैलियम का इंजेक्शन: सबसे पहले थैलियम का इंजेक्शन लगाया जाता है। थैलियम एक रेडियोएक्टिव एजेंट है, जिसे थोड़ी मात्रा में बांह की नस में इंजेक्ट किया जाता है।
  • रेस्टिंग स्कैन: इस स्कैन के लिए इंजेक्शन के बाद आप एक विशेष कैमरे के नीचे लेट जाते हैं, जो हृदय की स्थिति की जांच करता है। 
  • स्ट्रेस स्कैन: इस स्कैन में इंजेक्शन के बाद आपको ट्रेडमिल पर चलाया जाता है या ऐसे व्यायाम कराए जाते हैं, जिसमें हृदय की गति तेज हो जाती है। जैसे-जैसे हृदय गति बढ़ती है और रक्त संचार बढ़ता है, उसी के अनुसार तस्वीरें ली जाती है। 
  • पोस्ट-स्ट्रेस इमेजिंग: व्यायाम करने के बाद दिल पर जो तनाव पड़ता है, उसे इस स्थिति में मापा जाता है। अतिरिक्त थैलियम एजेंट को शरीर में डाला जाता है और फिर से आराम करते समय हृदय गति की जांच की जाती है। 

इसके बाद आराम और व्यायाम के दौरान रक्त प्रवाह की तुलना करने के लिए सभी तस्वीरों को एक दूसरे के साथ जांचा जाता है।

थैलियम स्कैन का उपयोग किस लिए किया जाता है?

मुख्य रूप से थैलियम स्कैन का उपयोग निम्न स्थितियों में किया जाता है - 

  • कोरोनरी धमनी रोग (सीएडी) की स्थिति में कुछ प्रभावित क्षेत्रों की पहचान करने के लिए इस टेस्ट का सुझाव दिया जाता है, जहां रक्त संचार प्रभावित होता है।
  • मौजूदा हृदय रोग की गंभीरता का मूल्यांकन इस टेस्ट से हो सकता है।
  • एंजियोप्लास्टी या बाईपास सर्जरी जैसे इलाज के सफलता दर या प्रभावशीलता की निगरानी के लिए इस टेस्ट को कराया जाता है।
  • भविष्य में दिल के दौरे के जोखिम की पुष्टि करने के लिए यह टेस्ट होता है।
  • हृदय की व्यापक जांच करने के लिए डॉक्टर कभी-कभी इस टेस्ट का सुझाव देते हैं। 

थैलियम तनाव परीक्षण के जोखिम और जटिलताएं

आमतौर पर थैलियम स्ट्रेस टेस्ट एक सुरक्षित टेस्ट है। हालांकि इस टेस्ट के भी कुछ संभावित जोखिम एवं जटिलताएं है जैसे कि - 

  • थैलियम इंजेक्शन से एलर्जी जो कि बेहद दुर्लभ मामलों में होता है।
  • स्ट्रेस टेस्ट के दौरान मतली, चक्कर आने या सीने में दर्द होना।
  • रेडियो फ्रीक्वेंसी से एलर्जी होना। ऐसा होने की संभावना बहुत कम है, लेकिन कुछ लोगों को ऐसा हो सकता है। 
  • प्रेगनेंसी और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को यह टेस्ट नहीं कराया जाता है। 
  • टेस्ट के दौरान असामान्य हृदय ताल या अतालता की समस्या उत्पन्न हो सकती है, जो व्यायाम का बाद ठीक हो जाता है। 

टेस्ट से पहले डॉक्टर को किसी भी एलर्जी, दवाओं या पहले से मौजूद अन्य स्वास्थ्य समस्या के बारे में सूचित करें। वह किसी भी संभावित जोखिम और जटिलताओं के लिए खुद को तैयार कर सकते हैं।

थैलियम स्ट्रेस टेस्ट के परिणामों का क्या मतलब है? 

स्ट्रेस थैलियम स्कैन के परिणामों की सही व्याख्या एक अनुभवी और श्रेष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ ही कर सकते हैं। हालांकि कुछ बातें हैं, जो आपको पता होना चाहिए - 

  • सामान्य परिणाम: सामान्य परिणाम का अर्थ यह है कि आपके हृदय में रक्त का प्रवाह सामान्य है और कोई समस्या नहीं है। 
  • असामान्य परिणाम: व्यायाम के दौरान कम रक्त प्रवाह कोरोनरी धमनी रोग या अन्य कोई और रुकावट का संकेत देता है। यदि रक्त प्रवाह असामान्य है, तो यह अधिक गंभीर समस्या का संकेत देता है। 
  • परामर्श: परिणाम के आधार पर, अन्य टेस्ट का सुझाव दिया जा सकता है। आमतौर पर हा्ट पेशेंट को एंजियोग्राफी का सुझाव दिया जाता है। 

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

थैलियम स्कैन हृदय स्वास्थ्य की जांच कैसे करता है?

थैलियम स्कैन में हृदय की मांसपेशियों में रक्त के प्रवाह का चित्र बनाया जाता है। टेस्ट में जांच के लिए आराम और व्यायाम के दौरान जांच की जाती है। इस जांच में संकुचित धमनियों की जांच की जाती है, जो हृदय रोग या दिल के दौरे का कारण बन सकता है। 

थैलियम स्कैन में कितना समय लगता है?

थैलियम स्कैन को पूरा होने में लगभग 2 से 4 घंटे का समय लगता है। इस टेस्ट में लगने वाला समय प्रक्रिया के दौरान होने वाली असहजता पर निर्भर करता है। यदि आपको इंजेक्शन और प्रक्रिया के दौरान कोई भी एलर्जी नहीं होती है, तो टेस्ट में ज्यादा समय नहीं लगेगा। कुछ मामलों में टेस्ट दो दिन में भी कराया जा सकता है। 

स्ट्रेस थैलियम या एंजियोग्राफी में से क्या बेहतर है?

दोनों परीक्षण को कराने का कारण अलग-अलग होता है। एंजियोग्राफी एक आक्रामक, लेकिन अधिक सटीक टेस्ट है, लेकिन थैलियम स्ट्रेस टेस्ट में किसी भी प्रकार के कट का जोखिम नहीं होता है। क्या बेहतर है, यह एक व्यक्तिगत प्रश्न है। 

Written and Verified by:

Dr. Dhiman Kahali

Dr. Dhiman Kahali

Director Exp: 37 Yr

Interventional Cardiology

Book an Appointment

Similar Blogs

युवा और उच्च कोलेस्ट्रॉल: 30 की उम्र में छिपा ख़तरा

युवा और उच्च कोलेस्ट्रॉल: 30 की उम्र में छिपा ख़तरा

read more
बिना सीने में दर्द के हार्ट अटैक कैसे पहचानें? जानें जरूरी संकेत और बचाव

बिना सीने में दर्द के हार्ट अटैक कैसे पहचानें? जानें जरूरी संकेत और बचाव

read more
Blood Oxygen Levels: Normal Range, Causes of Low SpO₂ & Tips to Improve

Blood Oxygen Levels: Normal Range, Causes of Low SpO₂ & Tips to Improve

read more
Vasoconstriction: How It Affects Blood Flow, Causes & Treatment

Vasoconstriction: How It Affects Blood Flow, Causes & Treatment

read more

View more

Book Your Appointment TODAY

Treatments in Kolkata

Cardiology Doctors in Kolkata

NavBook Appt.WhatsappWhatsappCall Now