40 के बाद दिल की देखभाल के लिए जरूरी टिप्स
Home >Blogs >40 के बाद दिल की देखभाल के लिए जरूरी टिप्स

40 के बाद दिल की देखभाल के लिए जरूरी टिप्स

Cardiology | by Dr. Anil Mishra on 24/09/2025

Summary

अच्छी आदतें, संतुलित आहार, नियमित व्यायाम, पर्याप्त नींद, स्ट्रेस-कंट्रोल और समय-समय पर चेकअप कुछ ऐसी चीजें हैं, जो 40 की उम्र के बाद आपको आपके दिल की देखभाल में बहुत मदद करते हैं। स्वस्थ दिल लंबी जिंदगी का ज़रिया है।

40 की उम्र होते ही हमारे मन में अक्सर यह ख्याल उठता है कि अब हमें अपने दिल का ख्याल रखना होगा और यह हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, शरीर के साथ-साथ दिल की धमनियां और मांसपेशियां भी बदलती हैं। रिसर्च के अनुसार, भारत में हर 4 में से 1 व्यक्ति हृदय रोग की चपेट में आता है और यह खतरा 40 के बाद लगभग दोगुना हो जाता है।

इस उम्र के बाद शरीर में कोलेस्ट्रॉल का प्लाक जमना तेज़ हो जाता है, ब्लड प्रेशर और ब्लड शुगर की अनियमितताएं उत्पन्न हो सकती हैं और तनाव (स्ट्रेस) व मोटापा जैसे फैक्टर्स भी बढ़ जाते हैं। कई बार लोग दिल की बीमारियों को नजरअंदाज कर देते हैं, लेकिन ये “साइलेंट किलर” जैसी होते हैं। ऐसे में हृदय स्वास्थ्य के लिए सही जानकारी, दिल की देखभाल के उपाय और समय-समय पर चेकअप ही आपकी सुरक्षा का पहला डिफेंस है। दिल के स्वास्थ्य के लिए सबसे आवश्यक है एक अनुभवी कार्डियोलॉजिस्ट से परामर्श लेना और उनके दिशा-निर्देशों का पालन करना।

क्यों 40 के बाद दिल की सेहत पर ध्यान देना जरूरी है?

40 की उम्र के बाद दिल के सेल्स और धमनियों में बदलाव शुरू हो जाता है। हार्मोनल बदलाव, स्ट्रेस, लाइफस्टाइल और खानपान की आदतों के कारण धमनियां सख्त और संकरी होती जाती हैं और हृदय का पम्पिंग इफिशिएंसी धीरे-धीरे घटने लगता है।

  • इस उम्र में ब्लड प्रेशरहाई कोलेस्ट्रॉल, डायबिटीज जैसे रिस्क फैक्टर तेजी से सामने आते हैं।
  • भारत में 45% हृदय रोगियों की आयु 40 से 55 के बीच होती है।
  • दिल की बीमारी की फैमिली मेडिकल हिस्ट्री, धूम्रपान, मोटापा, और तनाव, हृदय स्वास्थ्य को प्रभावित करते हैं।

इसलिए, इस उम्र में समय-समय पर दिल की सेहत का रूटीन चेकअप, लाइफस्टाइल बदलाव और सही खानपान बेहद जरूरी है।

दिल के लिए हेल्दी लाइफस्टाइल आदतें

यदि आप अपने दिल को स्वस्थ रखना चाहते हैं, तो सबसे पहला कदम हेल्दी लाइफस्टाइल को अपनाना होता है। निम्न आदतों को अपनाकर आप एक स्वस्थ और समृद्ध जीवन व्यतीत कर सकते हैं - 

  • धूम्रपान छोड़ना: यह किसी से भी छिपा नहीं है कि तम्बाकू या सिगरेट हार्ट के लिए सबसे बड़ा दुश्मन है। इन्हें तुरंत छोड़ें क्योंकि धूम्रपान करने वालों में हार्ट अटैक का खतरा लगभग दोगुना रहता है।
  • शराब सीमित करें: अत्यधिक शराब ब्लड प्रेशर व दिल के धड़कन पर असर डालती है। प्रयास करें कि आप इसे छोड़ दें, यदि आप ऐसा नहीं कर पा रहे हैं, तो इसकी मात्रा को सीमित करें। एक सामान्य व्यक्ति को एक दिन में दो से अधिक ड्रिंक नहीं लेनी चाहिए, लेकिन यदि आपको कोई भी स्वास्थ्य समस्या है, तो बेहतर होगा कि आप अपने डॉक्टर से मिलें और इस संबंध में बात करें।
  • वजन नियंत्रित रखें: मोटापा, खासकर पेट का फैट, दिल की बीमारी के रिस्क को काफी बढ़ा देता है। इस स्थिति में आपको प्रयास करना चाहिए कि आपके पेट के आस-पास का फैट कम हो और आपका BMI भी कम हो। 
  • तनाव से बचें: लगातार स्ट्रेस दिल के लिए बहुत घातक है। प्राणायाम, मेडिटेशन, प्रकृति में समय बिताना और अपनी हॉबीज़ के लिए समय निकालें। ऐसा करने से आप खुद को समय दे पाएंगे, जिसकी मदद से आप धीरे-धीरे बेहतर होते जाएंगे और तनाव को आप आसानी से हरा भी पाएंगे।
  • पर्याप्त नींद लें: नींद कम आना भी हृदय रोग के खतरे को 20% तक बढ़ा सकता है। हर रोज़ 7-8 घंटे की गहरी नींद बहुत ज्यादा जरूरी है।

सही खानपान और हार्ट-फ्रेंडली डाइट

हेल्दी लाइफस्टाइल के बाद दूसरे नंबर पर सबसे अधिक महत्वपूर्ण है आपका खान-पान। यदि आप हार्ट-फ्रेंडली डाइट का पालन करते हैं, तो भी आप अपने दिल का ख्याल अच्छे से रख पाएंगे। आपको अपने दैनिक खानपान में इन निम्न बातों का खास ख्याल रखना चाहिए - 

  • प्रतिदिन फाइबर से भरपूर भोजन: अपने आहार में फाइबर की मात्रा को बढ़ाएं। इसके लिए आप अपने आहार में होल ग्रेन्स, ओट्स, दाल, फल और हरी सब्जियों को शामिल करें।
  • इनका सेवन बंद करें:कुछ खाद्य पदार्थ हैं, जिनका सेवन बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए जैसे कि - रेड मीट, प्रोसेस्ड फूड, तले-भुने स्नैक्स और अधिक मीठे पेय पदार्थों को सीमित करें।
  • हेल्दी फैट्स को शामिल करें: अपने आहार में अच्छे फैट्स यानी ऑलिव ऑयल, एवोकाडो, नट्स को शामिल करें। यह दिल की सेहत के लिए डाइट का अहम हिस्सा है।
  • नमक को सीमित करें: नमक का सेवन 5 ग्राम/दिन से अधिक न करें। ज्यादा नमक हाई ब्लड प्रेशर की वजह बनता है, जो कि हार्ट की समस्या का एक महत्वपूर्ण जोखिम कारक है। 
  • पर्याप्त प्रोटीन लें: प्रोटीन ही हमारे शरीर के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है। इसके लिए आप मछली, दाल, और लीन पोल्ट्री का सेवन कर सकते हैं।
  • शुगर और सफेद ब्रेड/चावल को लिमिट करें: यह सारे आपके शरीर में अतिरिक्त कार्ब्स को बढ़ाते हैं, जिससे शरीर में अतिरिक्त कैलोरी बढ़ती है, जिससे हमारे दिल को अधिक मेहनत करनी पड़ती है और फिर दिल की समस्या उत्पन्न होती है। इसलिए इस दौरान आपको होलग्रेन्स के सेवन को बढ़ाने का सुझाव हम भी आपको देंगे। इसके अतिरिक्त सोडा और कोल्ड ड्रिंक के सेवन को भी कम करें। 

इन आसान बदलावों को अपनी डाइट में शामिल करें और दिल की बीमारी से बचाव करें। यदि कोई नई डाइट प्लान फॉलो करने जा रहे हैं (जैसे कीटो), तो डॉक्टर से सलाह करना ज़रूरी है क्योंकि बिना निगरानी के शारीरिक हानि हो सकती है।

नियमित व्यायाम और फिजिकल एक्टिविटी

दिल की स्वास्थ्य को दुरुस्त रखने की कड़ी में तीसरे नंबर का महत्वपूर्ण कदम है नियमित व्यायाम और फिजिकल एक्टिविटी। चलिए इस संबंध में कुछ महत्वपूर्ण बातों को समझते हैं।

  • वॉकिंग या मध्यम गति वाले व्यायाम: सप्ताह में कम-से-कम 150 मिनट किसी भी प्रकार की मीडियम-इंटेंसिटी वाली एक्सरसाइज जरूर करें, जिसमें ब्रिस्क वॉक, तेज़ साइकलिंग, योग या स्विमिंग शामिल हो।
  • रोजमर्रा के जीवन में छोटे-मोटे बदलाव करें: लिफ्ट की बजाय सीढ़ियों का उपयोग, नज़दीकी मार्केट पैदल जाएं, टीवी के सामने ज्यादा न बैठें और शाम को चाय पकौड़े के मजे लेने के बजाय वॉक करें। रिसर्च में पाया गया है कि वॉकिंग हृदय रोग के खतरे को 40% तक कम कर सकती है।
  • स्ट्रेंथ ट्रेनिंग: इस प्रकार के व्यायाम भी फायदेमंद है। हफ्ते में दो बार वेट ट्रेनिंग या बॉडी वेट एक्सरसाइज करने से आपको लाभ मिलेगा। यदि आप पहली बार एक्सरसाइज शुरू कर रहे हैं, तो धीरे-धीरे इंटेंसिटी बढ़ाएं ताकि आपका शरीर व्यायाम का आदी हो जाए।

दिल की सेहत के लिए व्यायाम सबसे अहम है। यह ना सिर्फ हार्ट को एक्टिव बनाता है, बल्कि ब्लड प्रेशर व शुगर लेवल को भी कंट्रोल करता है।

स्ट्रेस मैनेजमेंट और नींद का महत्व

स्ट्रेस मैनेजमेंट और नींद को हम इस सूची में अंत में ज़रूर लिख रहे हैं, लेकिन इसकी महत्वता और भी ज्यादा है क्योंकि क्रोनिक स्ट्रेस कार्डियक डिजीज की संभावना को डेढ़ गुना तक बढ़ा सकता है। निम्न तरीकों से आप स्ट्रेस को मैनेज कर अच्छी नींद ले सकते हैं - 

  • योग, ध्यान, प्राणायाम के अलावा, म्यूजिक थेरेपी या अपनी हॉबी अपनाएं।
  • पर्याप्त नींद न लेना शुगर, ब्लड प्रेशर, मोटापा और डिप्रेशन को बढ़ाता है। इसके लिए आप पूरे दिन स्वयं को व्यस्त रखें और कुछ न कुछ करते रहें।
  • रोज एक जैसा सोने और उठने का टाइम रखें, कैफीन या मोबाइल फोन से सोने से 1 घंटे पहले दूरी बनाएं और रूम पूरी तरह से शांत रखें।

इन उपायों की मदद से आप एक अच्छी गुणवत्ता वाली नींद ले सकते हैं।

समय-समय पर हार्ट हेल्थ चेकअप की ज़रूरत

40 के बाद निम्न स्वास्थ्य जांच जरूर कराएं - 

  • ब्लड प्रेशर: यदि आपको ब्लड प्रेशर की समस्या है, तो 2-3 महीने में एक बार अपना टेस्ट ज़रूर कराएं। यदि आपने घर में ही मशीन रख रखी है, तो रोज मशीन से अपना बीपी न जांचे।
  • लिपिड प्रोफाइल/कोलेस्ट्रॉल: साल में एक बार या डॉक्टर की सलाह अनुसार इस टेस्ट को कराना चाहिए।
  • ब्लड शुगर/एचबीए1सी: डायबिटीज़ का रिस्क चेक करने के लिए इन टेस्ट को कराना जाता है।
  • ECG, 2D इको: डॉक्टर की सलाह पर दिल की इलेक्ट्रिकल एवं स्ट्रक्चरल हेल्थ की जांच होती है।
  • BMI और कमर की माप: मोटापा मापने के लिए इस टेस्ट का सुझाव दिया जाता है।

यदि फैमिली हिस्ट्री या कोई अन्य रिस्क है, तो “ASCVD रिस्क एस्टिमेटर” जैसे टूल्स या कोरोनरी कैल्शियम स्कैन कराने की भी सलाह दी जाती है। सभी रिपोर्ट्स नियमित डॉक्टरी सलाह के साथ शेयर करें और किसी भी तरह के सीने में दर्द, थकान, सांस फूलना या असामान्य लक्षण हो तो तुरंत कार्डियोलॉजिस्ट से संपर्क करें। इन सभी टेस्ट में हाई बीपी और हाई कोलेस्ट्रॉल लेवल की जांच मुख्य रूप से होती है, क्योंकि यह हार्ट डिजीज के मुख्य जोखिम कारक हैं।

निष्कर्ष

40 के बाद दिल की सेहत के लिए यह सारे टिप्स आपके लिए फायदेमंद हो सकते हैं। आज ही अपने दिल की देखभाल को अपनी ज़िंदगी का अहम हिस्सा बनाएं, क्योंकि स्वस्थ दिल ही जीवन की असली दौलत है। यदि आप इन टिप्स का पालन पहले से करते आ रहे हैं और फिर भी आपको हृदय की समस्याएं परेशान कर रही हैं, तो यह संकेत देता है कि आप सबसे पहले हमारे कार्डियोलॉजिस्ट से मिलें और अपने दिल की जांच कराएं। 

अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्न

क्या 40 के बाद हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है?

जी हां, 40 के बाद दिल की धमनियों में कैल्शियम और फैट जमा होने की प्रक्रिया बढ़ जाती है, जिससे खतरा लगभग दोगुना हो जाता है।

40 की उम्र के बाद दिल की सेहत के लिए कौन से टेस्ट कराना चाहिए?

ब्लड प्रेशर, लिपिड प्रोफाइल, ब्लड शुगर (FBS/PP/HbA1c), ECG, 2D Echo और BMI चेकअप वह कुछ आवश्यक टेस्ट है, जो आपको कराने चाहिए।

दिल की बीमारी से बचने के लिए कौन से फूड्स फायदेमंद है?

ऑलिव ऑयल, नट्स, दालें, हरी सब्जियां, फल, मछली, ओट्स, और लो-फैट डेयरी आपके लिए लाभकारी हो सकते हैं।

क्या रोजाना वॉक करने से दिल स्वस्थ रहता है?

बिल्कुल! रोजाना 30 मिनट वॉक हार्ट हेल्थ के लिए अमृत समान है और दिल की बीमारी का रिस्क भी कम करता है।

दिल की सेहत के लिए किन आदतों से बचना चाहिए?

धूम्रपान, अधिक शराब, जंक फूड, मोटापा, तनाव, और बैठे रहना वह कुछ आदतें हैं, जो दिल के लिए खतरे की घंटी है।

क्या रोजाना वॉक करने से दिल स्वस्थ रहता है?

हां, रोजाना वॉक करने से ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल और वजन नियंत्रित रहता है, जिससे दिल की बीमारी के रिस्क में कमी आती है।

Written and Verified by:

Dr. Anil Mishra

Dr. Anil Mishra

Director Exp: 33 Yr

Cardiology

Book an Appointment

Dr. Anil Mishra is the Director of Cardiology Dept. at BM Birla Heart Hospital, Kolkata, with over 33 years of experience. He specializes in complex angioplasties, pacemaker & AICD implantation, CRT-D, TAVI, and was the first in Eastern India to perform rotablation and implant leadless pacemakers.

Related Diseases & Treatments

Treatments in Kolkata

Cardiology Doctors in Kolkata

NavBook Appt.WhatsappWhatsappCall Now