स्ट्रेस या तनाव हमारे शरीर की एक स्वाभाविक प्रतिक्रिया है, जिसका सामना हम तब करते हैं, जब हम किसी भी कारणवश दबाव का सामना करते हैं। इस दबाव के कारण हम कोई भी कार्य नहीं कर पाते हैं या उसमें लगातार गलतियां करते रहते हैं। हालांकि हल्के मात्रा में तनाव बहुत जरूरी है, क्योंकि उसी स्थिति में हम अपना सर्वोत्तम प्रदर्शन दे पाते हैं।
आज के भागदौड़ भरी जिंदगी में स्ट्रेस एक आम समस्या बन गई है। तनाव को एक अनचाहा मेहमान कहा जा सकता है, जो कभी भी किसी के भी घर में दस्तक दे सकता है। तनाव किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकता है, चाहे वह बच्चा हो, युवा हो या बुजुर्ग।
तनाव का असर हमारे शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य दोनों पर पड़ता है। यह हमें चिड़चिड़ा, निराशा से भरा हुआ और थका हुआ महसूस कराएगा, जिससे नींद की समस्या उत्पन्न होती ही है। इसके साथ ही, स्ट्रेस के कारण हृदय रोग, हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज जैसी बीमारियां हमें घेर लेती हैं। तनाव या फिर इन स्वास्थ्य समस्याओं की स्थिति में आप हमारे स्वास्थ्य सेवा विशेषज्ञों से सहायता प्राप्त कर सकते हैं।
स्ट्रेस या तनाव हमारे शरीर की एक स्वाभाविक प्रतिक्रिया है, जिसका सामना हम तब करते हैं, जब हम किसी भी कारणवश दबाव का सामना करते हैं। इस दबाव के कारण हम कोई भी कार्य नहीं कर पाते हैं या उसमें लगातार गलतियां करते रहते हैं। हालांकि हल्के मात्रा में तनाव बहुत जरूरी है, क्योंकि उसी स्थिति में हम अपना सर्वोत्तम प्रदर्शन दे पाते हैं।
लेकिन अत्यधिक या लंबे समय तक तनाव हमारे सेहत के लिए हानिकारक साबित हो सकता है। अत्यधिक तनाव के कारण हमारे स्वास्थ्य पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ सकता है। तनाव की स्थिति में हमारा शरीर कोर्टिसोल (स्ट्रेस हार्मोन) नाम का हार्मोन रिलीज करता है। इसकी वजह से हमारे दिल की धड़कन बढ़ जाती है, जिसका प्रभाव हमारे शरीर और चेतना पर भी देखने को मिलता है। यदि तनाव बहुत ज्यादा हो जाए, तो इसकी वजह से कोर्टिसोल, एपिनेफ्रीन और नॉरपेनेफ्रिन नामक हार्मोन शरीर में रिलीज होते हैं, जो कई स्वास्थ्य समस्याओं को बुलावा दे सकते हैं।
मानसिक तनाव के लक्षणों की सूची बहुत बड़ी है। कुछ सामान्य लक्षण है, जो एक व्यक्ति को तनाव के दौरान महसूस हो सकती है जैसे कि -
यह कुछ मानसिक तनाव के लक्षण है, जिसके बारे में आपको ज़रूर पता होना चाहिए। इन लक्षण के महसूस होते ही उचित इलाज आवश्यक है। समय पर इलाज तनाव को कम करने में मदद कर सकते हैं।
तनाव के उत्पन्न होने के कई कारण होते हैं और यदि इस स्थिति को सही से मैनेज किया जाए, तो इसके कारण की पहचान करना बहुत ज्यादा आवश्यक हो जाता है। तनाव के प्राथमिक कारण इस प्रकार हैं -
किसी भी तरह का तनाव यदि लंबे समय तक बना रहता है, तो इसका नकारात्मक प्रभाव हमारे मानसिक एवं शारीरिक स्वास्थ्य पर देखने को मिल सकता है। इसके कारण कई स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं, जैसे कि - अचानक वजन कम होना, नींद में खलल आना और पाचन संबंधी समस्याएं, इत्यादि। इसलिए तनाव के कारणों को समझें और जल्द से जल्द इलाज लें।
तनाव की अवधि, मानसिक स्वास्थ्य, और इसकी तीव्रता के आधार पर यह विभिन्न प्रकार में विभाजित हुए हैं। चलिए तनाव के मुख्य प्रकारों के बारे में जानते हैं -
तनाव के कारण को समझने से मानसिक स्वास्थ्य में सुधार हो सकता है। इसके अतिरिक्त तनाव को कम करने के लिए आप अपने परिवार और किसी एक विशेषज्ञ से सलाह लें।
सामान्य तौर पर मनुष्य का मस्तिष्क तनाव को सहन कर सकता है। लेकिन स्वास्थ्य पर तनाव का प्रभाव बहुत ज्यादा हो सकता है। यदि आप क्रोनिक स्ट्रेस का सामना कर रहे हैं, तो आप अवसाद, नींद में समस्या और हाई ब्लड प्रेशर, हृदय रोग और कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली जैसी शारीरिक स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न कर सकता है। क्रोनिक स्ट्रेस हमारे हृदय, प्रतिरक्षा, और पाचन संबंधी प्रणालियों को प्रभावित कर सकता है। समय रहते इस समस्या का निदान और इलाज बहुत ज्यादा अनिवार्य है।
तनाव को मैनेज करने से मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद मिल सकती है। हालांकि तनाव को मैनेज करने के लिए एक व्यक्तिगत योजना की आवश्यकता होती है। तनाव प्रबंधन की योजना पर निम्न कारकों पर ध्यान जरूर दें -
यदि आप इन कारकों पर कार्य करते हैं, तो आप अपने जीवन की गुणवत्ता में भी अच्छा खासा सुधार कर सकते हैं।
तनाव से निपटने के कई तरीके हैं और हर तरीके को समझना आपके लिए अनिवार्य है। निम्न तरीके से तनाव से दूरी बनाने में मदद मिल सकती है -
इस बिंदु पर ध्यान देना बहुत ज्यादा जरूरी है, इसलिए इसके बारे में हम आपको विस्तार से बता रहे हैं। नीचे मानसिक तनाव दूर करने के घरेलू उपायों के बारे में बताया गया है -
तनाव दूर करने के लिए कुछ खाद्य पदार्थों से लाभ हो सकता है जैसे -
कैल्शियम का सेवन तनाव के हार्मोन (कोर्टिसोल) के स्तर को कम करने में मदद कर सकता है।
तनाव के लिए कोर्टिसोल हार्मोन जिम्मेदार होता है। कोर्टिसोल एक तनाव हार्मोन है जो ब्लड शुगर और मेटाबॉलिज्म को कंट्रोल करता है। सूजन कम करने में और याददाश्त को बढ़ाने में यह हार्मोन बहुत ज्यादा आवश्यक साबित होता है।
इस प्रश्न का उत्तर आपकी जीवनशैली पर निर्भर करता है। यदि आप एक स्वस्थ जीवनशैली व्यतीत नहीं करते हैं तो तनाव आपको लंबे समय तक प्रभावित करेगा। और यदि आप स्वस्थ जीवन शैली का पालन करते हैं, तो तनाव लंबे समय तक बना नहीं रहता है।
तनाव किसी बाहरी ट्रिगर, जैसे ऑफिस का कार्य या रिश्तों की समस्याओं के प्रति प्रतिक्रिया है, जबकि चिंता, भय की एक भावना है, जिससे एक्यूट स्ट्रेस की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।
हां, क्रोनिक स्ट्रेस तेज हृदय गति और रक्त वाहिकाओं के संकुचन का कारण बन सकता है, जिससे हृदय रोग का भी खतरा कई गुणा बढ़ जाता है।
हां, तनाव के कारण अनिद्रा या बेचैनी होती है, जिससे कई स्वास्थ्य समस्याएं भी उत्पन्न हो सकती हैं। इससे दिन में थकान और एकाग्रता में कमी देखी जा सकती है।
बिल्कुल, तनाव के कारण पेट दर्द, सूजन, अपच और यहां तक कि इर्रिटेबल बोवेल सिंड्रोम (IBS) जैसी पाचन समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं, जो तनाव हार्मोन के प्रति शरीर की प्रतिक्रिया के कारण होती है।
हां, बच्चे और किशोर शिक्षा का दबाव, पारिवारिक संघर्ष, साथियों के दबाव या सामाजिक चुनौतियों के कारण तनाव का अनुभव कर सकते हैं, जो उनके भावनात्मक और मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकते हैं।
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