तनाव: कारण, लक्षण और उपचार
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तनाव: कारण, लक्षण और उपचार

Summary

स्ट्रेस या तनाव हमारे शरीर की एक स्वाभाविक प्रतिक्रिया है, जिसका सामना हम तब करते हैं, जब हम किसी भी कारणवश दबाव का सामना करते हैं। इस दबाव के कारण हम कोई भी कार्य नहीं कर पाते हैं या उसमें लगातार गलतियां करते रहते हैं। हालांकि हल्के मात्रा में तनाव बहुत जरूरी है, क्योंकि उसी स्थिति में हम अपना सर्वोत्तम प्रदर्शन दे पाते हैं। 

आज के भागदौड़ भरी जिंदगी में स्ट्रेस एक आम समस्या बन गई है। तनाव को एक अनचाहा मेहमान कहा जा सकता है, जो कभी भी किसी के भी घर में दस्तक दे सकता है। तनाव किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकता है, चाहे वह बच्चा हो, युवा हो या बुजुर्ग। 

तनाव का असर हमारे शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य दोनों पर पड़ता है। यह हमें चिड़चिड़ा, निराशा से भरा हुआ और थका हुआ महसूस कराएगा, जिससे नींद की समस्या उत्पन्न होती ही है। इसके साथ ही, स्ट्रेस के कारण हृदय रोग, हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज जैसी बीमारियां हमें घेर लेती हैं। तनाव या फिर इन स्वास्थ्य समस्याओं की स्थिति में आप हमारे स्वास्थ्य सेवा विशेषज्ञों से सहायता प्राप्त कर सकते हैं।

तनाव क्या है?

स्ट्रेस या तनाव हमारे शरीर की एक स्वाभाविक प्रतिक्रिया है, जिसका सामना हम तब करते हैं, जब हम किसी भी कारणवश दबाव का सामना करते हैं। इस दबाव के कारण हम कोई भी कार्य नहीं कर पाते हैं या उसमें लगातार गलतियां करते रहते हैं। हालांकि हल्के मात्रा में तनाव बहुत जरूरी है, क्योंकि उसी स्थिति में हम अपना सर्वोत्तम प्रदर्शन दे पाते हैं। 

लेकिन अत्यधिक या लंबे समय तक तनाव हमारे सेहत के लिए हानिकारक साबित हो सकता है। अत्यधिक तनाव के कारण हमारे स्वास्थ्य पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ सकता है। तनाव की स्थिति में हमारा शरीर कोर्टिसोल (स्ट्रेस हार्मोन) नाम का हार्मोन रिलीज करता है। इसकी वजह से हमारे दिल की धड़कन बढ़ जाती है, जिसका प्रभाव हमारे शरीर और चेतना पर भी देखने को मिलता है। यदि तनाव बहुत ज्यादा हो जाए, तो इसकी वजह से कोर्टिसोल, एपिनेफ्रीन और नॉरपेनेफ्रिन नामक हार्मोन शरीर में रिलीज होते हैं, जो कई स्वास्थ्य समस्याओं को बुलावा दे सकते हैं।

तनाव के लक्षण

मानसिक तनाव के लक्षणों की सूची बहुत बड़ी है। कुछ सामान्य लक्षण है, जो एक व्यक्ति को तनाव के दौरान महसूस हो सकती है जैसे कि - 

  • सिरदर्द होना
  • उदास रहना
  • एकाग्रता में कमी
  • छोटी-छोटी बातों पर चिढ़ जाना
  • मायूस होना
  • मौत या खुदकुशी का ख्याल आना
  • कम बोलना
  • निराशा
  • अनिद्रा
  • थकान
  • मांसपेशियों में दर्द
  • भूख में बदलाव
  • निर्णय लेने में कठिनाई

यह कुछ मानसिक तनाव के लक्षण है, जिसके बारे में आपको ज़रूर पता होना चाहिए। इन लक्षण के महसूस होते ही उचित इलाज आवश्यक है। समय पर इलाज तनाव को कम करने में मदद कर सकते हैं।

तनाव के कारण और प्रभाव

तनाव के उत्पन्न होने के कई कारण होते हैं और यदि इस स्थिति को सही से मैनेज किया जाए, तो इसके कारण की पहचान करना बहुत ज्यादा आवश्यक हो जाता है। तनाव के प्राथमिक कारण इस प्रकार हैं - 

  • काम का प्रेशर: ऑफिस में अधिक काम का प्रेशर आपको परेशान कर सकता है, जो तनाव का मुख्य कारण भी बन सकता है। 
  • पारिवारिक समस्याएं: परिवार के लोगों के बीच कुछ उतार चढ़ाव होते हैं, जिससे तनाव होता ही है। इसके कारण मानसिक और भावनात्मक तनाव की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। 
  • वित्तीय समस्याएं: यह सबसे आम तनाव है, जिसमें पैसे की कमी के कारण तनाव की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। पैसे, कर्ज या नौकरी छूटने से भी तनाव की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। 
  • स्वास्थ्य समस्याएं: कुछ ऐसी बीमारियां होती हैं, जिसके कारण दर्द, या अन्य स्वास्थ्य संबंधित समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। इसके कारण भी तनाव की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। 
  • दुखद अनुभव: किसी भी प्रियजन की मृत्यु के कारण तनाव की स्थिति उत्पन्न हो सकती है और अत्यधिक तनाव डिप्रेशन का भी कारण बन सकता है। 

किसी भी तरह का तनाव यदि लंबे समय तक बना रहता है, तो इसका नकारात्मक प्रभाव हमारे मानसिक एवं शारीरिक स्वास्थ्य पर देखने को मिल सकता है। इसके कारण कई स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं, जैसे कि - अचानक वजन कम होना, नींद में खलल आना और पाचन संबंधी समस्याएं, इत्यादि। इसलिए तनाव के कारणों को समझें और जल्द से जल्द इलाज लें।

तनाव के प्रकार

तनाव की अवधि, मानसिक स्वास्थ्य, और इसकी तीव्रता के आधार पर यह विभिन्न प्रकार में विभाजित हुए हैं। चलिए तनाव के मुख्य प्रकारों के बारे में जानते हैं - 

  • तीव्र (एक्यूट) तनाव: इस स्थिति में अचानक किसी चुनौती के कारण तनाव की स्थिति उत्पन्न हो जाती है, जो कुछ समय के बाद तुरंत ठीक हो जाती है।
  • क्रोनिक तनाव: यह समस्या लंबे समय तक एक व्यक्ति को परेशान कर सकती है। इस प्रकार का तनाव जीवन में बहुत कष्ट का कारण बन सकता है। वित्तीय समस्या, या रिश्तों में तनाव के कारण क्रोनिक तनाव की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।
  • एपिसोडिक तीव्र तनाव: इस स्थिति में तनाव अलग-अलग एपिसोड में उत्पन्न होता है। यह भी हमारे शरीर में प्राकृतिक रूप से उत्पन्न होता है। 
  • शारीरिक तनाव (Physical Stress): स्वास्थ्य समस्याओं, चोट या अत्यधिक कार्यभार के कारण थकावट, शरीर दर्द और सिरदर्द जैसे लक्षण उत्पन्न हो सकते हैं।
  • भावनात्मक तनाव: उदासी, शोक या क्रोध की भावनाएं उत्पन्न हो सकती हैं। यह अक्सर तब उत्पन्न होती है, जब किसी को व्यक्तिगत नुकसान या वह तनावपूर्ण संबंधों का सामना करना पड़ता है। 
  • काम से संबंधित तनाव: काम से संबंधित तनाव बहुत ज्यादा खतरनाक हो सकता है। नौकरी में असुरक्षा, ऑफिस पॉलिटिक्स और अन्य ऑफिस संबंधित समस्या आपके स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकते हैं। 

तनाव के कारण को समझने से मानसिक स्वास्थ्य में सुधार हो सकता है। इसके अतिरिक्त तनाव को कम करने के लिए आप अपने परिवार और किसी एक विशेषज्ञ से सलाह लें।

तनाव स्वास्थ्य को कैसे प्रभावित करता है?

सामान्य तौर पर मनुष्य का मस्तिष्क तनाव को सहन कर सकता है। लेकिन स्वास्थ्य पर तनाव का प्रभाव बहुत ज्यादा हो सकता है। यदि आप क्रोनिक स्ट्रेस का सामना कर रहे हैं, तो आप अवसाद, नींद में समस्या और हाई ब्लड प्रेशर, हृदय रोग और कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली जैसी शारीरिक स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न कर सकता है। क्रोनिक स्ट्रेस हमारे हृदय, प्रतिरक्षा, और पाचन संबंधी प्रणालियों को प्रभावित कर सकता है। समय रहते इस समस्या का निदान और इलाज बहुत ज्यादा अनिवार्य है। 

तनाव प्रबंधन क्या है?

तनाव को मैनेज करने से मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद मिल सकती है। हालांकि तनाव को मैनेज करने के लिए एक व्यक्तिगत योजना की आवश्यकता होती है। तनाव प्रबंधन की योजना पर निम्न कारकों पर ध्यान जरूर दें - 

  • नियमित व्यायाम: नियमित व्यायाम की मदद से शरीर में एंडोर्फिन नामक हार्मोन रिलीज होता है, जिससे तनाव कम होता है। 
  • स्वस्थ आहार: यदि आप स्वादिष्ट और पौष्टिक आहार का सेवन करते हैं, तो आपका मूड बेहतर होगा और ऊर्जा का स्तर भी बना रहेगा। 
  • पर्याप्त नींद लें: भावनात्मक संतुलन बनाए रखने के लिए व्यायाम और खाने के साथ पर्याप्त नींद बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण है। 
  • मेडिटेशन: मेडिटेशन की मदद से मन में शांति बनी रहती है और चिंता से दूरी बनाने में मदद मिलती है। 
  • समय का प्रबंधन करें: कई बार समय का सही प्रबंधन न करना भी तनाव का कारण बन सकता है। यदि आप सही समय पर अपने समय का प्रबंधन सही से करें। काम के समय काम करें और मस्ती के समय मस्ती करें। इससे किसी भी काम के संबंध में तनाव आपको परेशान नहीं करेगा।

यदि आप इन कारकों पर कार्य करते हैं, तो आप अपने जीवन की गुणवत्ता में भी अच्छा खासा सुधार कर सकते हैं। 

मानसिक तनाव कैसे दूर करें?

तनाव से निपटने के कई तरीके हैं और हर तरीके को समझना आपके लिए अनिवार्य है। निम्न तरीके से तनाव से दूरी बनाने में मदद मिल सकती है - 

  • स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं: स्वस्थ जीवनशैली तनाव को दूर करने का सबसे प्रभावशाली तरीका है। नियमित रूप से व्यायाम करना, स्वस्थ आहार, पर्याप्त नींद, धूम्रपान और शराब से दूरी स्वस्थ जीवन शैली के कारक हैं। 
  • तनावपूर्ण गतिविधियों से बचें: कुछ गतिविधियां हैं, जिससे बचने की सलाह दी जाती है। कुछ कार्य है जिससे तनाव में वृद्धि हो सकती है जैसे - अत्यधिक काम करना, सोशल मीडिया पर अधिक समय बिताना, नकारात्मक लोगों के आस-पास रहना, इत्यादि। 
  • रिलैक्सेशन तकनीकों का अभ्यास करना: ऐसे कार्यों को रोजाना करें जिससे आपके मन और मस्तिष्क को आराम मिले जैसे - ध्यान, योग, प्राणायाम, इत्यादि।
  • विशेषज्ञ की मदद लें: यदि आप तनाव से निपटने में असमर्थ है, तो इस स्थिति में विशेषज्ञ आपकी मदद कर सकते हैं। यदि आप हमारे चिकित्सक या मनोचिकित्सक से परामर्श लेते हैं, तो आपको इस स्थिति के इलाज को खोजने में बहुत मदद मिलेगी।

मानसिक तनाव दूर करने के घरेलू उपाय

इस बिंदु पर ध्यान देना बहुत ज्यादा जरूरी है, इसलिए इसके बारे में हम आपको विस्तार से बता रहे हैं। नीचे मानसिक तनाव दूर करने के घरेलू उपायों के बारे में बताया गया है - 

  • योग और मेडिटेशन: रोजाना योग व मेडिटेशन करने से मानसिक शांति मिलती है।
  • अरोमा थेरेपी: इस थेरेपी की शुरुआत भारत में ही हुई थी, लेकिन वर्तमान में चीन में इसे बहुत ज्यादा किया जाता है। लैवेंडर या चंदन जैसे सुगंधित तेल का उपयोग करने से तनाव कम करने में मदद मिल सकती है।
  • गहरी सांस लेना: यह अनुलोम विलोम जैसा एक व्यायाम है, जिससे आपको बहुत लाभ मिलेगा। 
  • संगीत सुनें: सुकून देने वाला संगीत सुनने से मन शांत रहता है।
  • अच्छी नींद लें: पर्याप्त नींद लेने से तनाव बहुत कम होता है।
  • व्यायाम: नियमित शारीरिक गतिविधि तनाव को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

 

तनाव दूर करने के लिए क्या खाएं?

तनाव दूर करने के लिए कुछ खाद्य पदार्थों से लाभ हो सकता है जैसे - 

  • फल और सब्जियां
  • होल ग्रेन
  • प्रोटीन
  • विटामिन बी
  • कैल्शियम 

कैल्शियम का सेवन तनाव के हार्मोन (कोर्टिसोल) के स्तर को कम करने में मदद कर सकता है।

तनाव के लिए कौन सा हार्मोन जिम्मेदार है?

तनाव के लिए कोर्टिसोल हार्मोन जिम्मेदार होता है। कोर्टिसोल एक तनाव हार्मोन है जो ब्लड शुगर और मेटाबॉलिज्म को कंट्रोल करता है। सूजन कम करने में और याददाश्त को बढ़ाने में यह हार्मोन बहुत ज्यादा आवश्यक साबित होता है। 

तनाव कितने समय तक रहता है?

इस प्रश्न का उत्तर आपकी जीवनशैली पर निर्भर करता है। यदि आप एक स्वस्थ जीवनशैली व्यतीत नहीं करते हैं तो तनाव आपको लंबे समय तक प्रभावित करेगा। और यदि आप स्वस्थ जीवन शैली का पालन करते हैं, तो तनाव लंबे समय तक बना नहीं रहता है।

तनाव और चिंता में क्या अंतर है?

तनाव किसी बाहरी ट्रिगर, जैसे ऑफिस का कार्य या रिश्तों की समस्याओं के प्रति प्रतिक्रिया है, जबकि चिंता, भय की एक भावना है, जिससे एक्यूट स्ट्रेस की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।

क्या तनाव उच्च रक्तचाप का कारण बन सकता है?

हां, क्रोनिक स्ट्रेस तेज हृदय गति और रक्त वाहिकाओं के संकुचन का कारण बन सकता है, जिससे हृदय रोग का भी खतरा कई गुणा बढ़ जाता है। 

क्या तनाव नींद को प्रभावित करता है?

हां, तनाव के कारण अनिद्रा या बेचैनी होती है, जिससे कई स्वास्थ्य समस्याएं भी उत्पन्न हो सकती हैं। इससे दिन में थकान और एकाग्रता में कमी देखी जा सकती है। 

क्या तनाव पाचन तंत्र को प्रभावित कर सकता है?

बिल्कुल, तनाव के कारण पेट दर्द, सूजन, अपच और यहां तक कि इर्रिटेबल बोवेल सिंड्रोम (IBS) जैसी पाचन समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं, जो तनाव हार्मोन के प्रति शरीर की प्रतिक्रिया के कारण होती है।

क्या तनाव बच्चों और किशोरों को भी प्रभावित कर सकता है?

हां, बच्चे और किशोर शिक्षा का दबाव, पारिवारिक संघर्ष, साथियों के दबाव या सामाजिक चुनौतियों के कारण तनाव का अनुभव कर सकते हैं, जो उनके भावनात्मक और मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकते हैं।

Written and Verified by:

Dr. Ambarish Ghosh

Dr. Ambarish Ghosh Exp: 9 Yr

Psychiatry

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