Psychiatry | by Dr. Ambarish Ghosh | Published on 06/11/2023
आज के भागदौड़ भरी जिंदगी में स्ट्रेस एक आम समस्या बन गई है। तनाव को एक अनचाहा मेहमान कहा जा सकता है, जो कभी भी किसी के घर में भी दस्तक दे सकता है। तनाव (Tanav) किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकता है, चाहे वह बच्चा हो, युवा हो या बुजुर्ग।
तनाव का असर हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य दोनों पर पड़ता है। यह हमें चिड़चिड़ा, निराशा से भरा हुआ और थका हुआ महसूस कराएगा जिससे नींद की समस्या उत्पन्न होती है। इसके साथ ही, स्ट्रेस के कारण हृदय रोग, हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज जैसी बीमारियां हमें घेर लेती हैं। तनाव या फिर इन स्वास्थ्य समस्याओं की स्थिति में आप हमारे स्वास्थ्य सेवा विशेषज्ञों से सहायता प्राप्त कर सकते हैं।
स्ट्रेस या तनाव (Stress in Hindi) होना एक सामान्य बात है। स्ट्रेस एक ऐसी मानसिक स्थिति है, जिसमें हमें किसी भी परिस्थिति से निपटने या फिर निर्णय लेने में कठिनाई होती है। तनाव मानव शरीर को मानसिक और शारीरिक दोनों ही तरीकों से प्रभावित कर सकता है। तनाव (Tanav) होने पर कोर्टिसोल नाम का हार्मोन पूरे शरीर में फैल जाता है। इसके कारण दिल की धड़कन बढ़ जाती है और इसका प्रभाव शरीर और चेतना पर पड़ता है।
तनाव, चिंता और उदासी विभिन्न प्रकार की मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं से जुड़ा होता है। इस स्थिति के दौरान शरीर बड़ी मात्रा में रासायनिक कोर्टिसोल, एपिनेफ्रीन और नॉरपेनेफ्रिन नामक हार्मोन का निर्माण करता है, जो कई स्वास्थ्य समस्याओं का संकेत देता है।
मानसिक तनाव के लक्षणों की सूची बहुत बड़ी है। कुछ सामान्य लक्षण है, जो एक व्यक्ति को तनाव के दौरान महसूस हो सकते हैं जैसे -
यह कुछ मानसिक तनाव के लक्षण है, जिसके बारे में आपको ज़रूर पता होना चाहिए। इन लक्षण के महसूस होते ही उचित इलाज आवश्यक है। समय पर इलाज तनाव को कम करने में सहायक होंगे।
स्ट्रेस कई कारणों से हो सकता है और किस कारण से आपको तनाव (tanav) हो रहा है, इसका पता आपके स्वास्थ्य के जांच के बाद ही चल पाता है। मानसिक तनाव के प्रमुख कारण इस प्रकार है -
यह उदासी और निराशा के मुख्य कारण है, जो कहीं न कहीं एक व्यक्ति के जीवन में तनाव की स्थिति उत्पन्न कर सकती है।
सामान्य तौर पर मनुष्य का मस्तिष्क तनाव (tanav) को सहन कर सकता है। लेकिन स्वास्थ्य पर तनाव का प्रभाव बहुत ज्यादा हो सकता है। यदि आप क्रोनिक स्ट्रेस का सामना कर रहे हैं, तो आप अवसाद, नींद में समस्या और हाई ब्लड प्रेशर, हृदय रोग और कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली जैसी शारीरिक स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न कर सकता है। क्रोनिक स्ट्रेस हमारे हृदय, प्रतिरक्षा, और पाचन संबंधी प्रणालियों को प्रभावित कर सकता है। समय रहते इस समस्या का निदान और इलाज बहुत ज्यादा अनिवार्य है।
तनाव से निपटने के कई तरीके हैं और हर तरीके को समझना आपके लिए अनिवार्य है। निम्न तरीके से तनाव से दूरी बनाने में मदद मिल सकती है -
तनाव दूर करने के लिए कुछ खाद्य पदार्थों से लाभ हो सकता है जैसे -
कैल्शियम का सेवन तनाव के हार्मोन (कोर्टिसोल) के स्तर को कम करने में मदद कर सकता है।
तनाव प्रबंधन का अर्थ है ऐसे कार्यों को करना, जिससे तनाव को कम करने में मदद मिले। नियमित व्यायाम, स्वस्थ आहार और पर्याप्त नींद आपके लिए बहुत ज्यादा लाभकारी साबित हो सकती है।
तनाव के लिए कोर्टिसोल हार्मोन जिम्मेदार होता है। कोर्टिसोल एक तनाव हार्मोन है जो ब्लड शुगर और मेटाबॉलिज्म को कंट्रोल करता है। सूजन कम करने में और याददाश्त को बढ़ाने में यह हार्मोन बहुत ज्यादा आवश्यक साबित होता है।
इस प्रश्न का उत्तर आपकी जीवनशैली पर निर्भर करता है। यदि आप एक स्वस्थ जीवनशैली व्यतीत नहीं करते हैं तो तनाव आपको लंबे समय तक प्रभावित करेगा। और यदि आप स्वस्थ जीवन शैली का पालन करते हैं, तो तनाव लंबे समय तक बना नहीं रहता है।