ऐसा हो सकता है कि बिना सीने में दर्द के भी आपको हार्ट अटैक आ जाए। इसे ही साइलेंट हार्ट अटैक कहा जाता है। सांस फूलना, थकान, चक्कर आना, और शरीर के अन्य हिस्सों में दर्द इसके सामान्य लक्षण हैं, जिसकी पहचान बहुत आवश्यक है।
दिल का दौरा कोई सामान्य स्थिति नहीं है। इसे मेडिकल भाषा में मायोकार्डियल इंफार्क्शन कहा जाता है, जो कि एक जानलेवा स्थिति है। यह स्थिति तब उत्पन्न होती है, जब हृदय के किसी एक भाग तक रक्त प्रवाह में बाधा उत्पन्न होती है।
हम सभी जानते हैं कि सीने में दर्द दिल में दौरा का एक मुख्य लक्षण है। लेकिन आपको यह समझना होगा कि यह समस्या बिना सीने में दर्द के साथ भी उत्पन्न हो सकती है। मैं हृदय रोगों का इलाज कई वर्षों से कर रहा हूं और अपने अनुभव से यह कह सकता हूं कि साइलेंट हार्ट अटैक सामान्य हार्ट अटैक से अधिक खतरनाक है क्योंकि इस स्थिति में कोई भी लक्षण उत्पन्न नहीं होते हैं। इसलिए सीने में दर्द के साथ अन्य लक्षणों के बारे में जानकारी इकट्ठा करना बहुत आवश्यक है। हृदय से संबंधित किसी भी समस्या के इलाज के लिए अभी परामर्श लें।
दिल का दौरा हमेशा सीने में दर्द के साथ नहीं आता है। वास्तव में कई लोगों को साइलेंट हार्ट अटैक का अनुभव होता है, और यह उन लोगों में अधिक आम है, जिन्हें डायबिटीज, ब्लड प्रेशर या हृदय संबंधी समस्याओं की फैमिली हिस्ट्री रही हो। ऐसे में इस स्थिति का पहले से पता लगाना बहुत मुश्किल होते है और यह सारे मामले अधिक खतरनाक भी होते हैं। बिना सीने में दर्द के निम्न लक्षण हार्ट अटैक की स्थिति की तरफ संकेत करते हैं -
इस बात में कोई संशय नहीं है कि रोकथाम हमेशा इलाज से बेहतर है। यदि आप दिल के स्वास्थ्य के बारे में चिंतित है तो जीवनशैली और आहार की मदद से जोखिम कारकों को आसानी से कम कर सकते हैं। चलिए उन सभी उपायों के बारे में जानते हैं और उन्हें समझते हैं -
दिल के दौरे के साथ हमेशा छाती में दर्द नहीं होता है, जिसकी ज्यादातर लोग उम्मीद करते हैं। हृदय संबंधी बीमारियों के इलाज में वर्षों के अनुभव वाले एक डॉक्टर के तौर पर, मैं सभी से आग्रह करता हूं कि वह कम स्पष्ट लक्षणों, खास तौर पर साइलेंट हार्ट अटैक के बारे में जागरूक रहें, जिसे अक्सर अनदेखा कर दिया जाता है।
लक्षणों को पहचानने के अलावा, हृदय रोग के जोखिम को कम करने के लिए उचित आहार, नियमित व्यायाम और तनाव प्रबंधन के साथ हृदय-स्वस्थ जीवनशैली बनाए रखना जरूरी है। यदि आप लक्षणों को पहचान गए हैं, तो बिना देर किए परामर्श लें और इलाज लें।
हां, दिल का दौरा बिना किसी लक्षण के भी पड़ सकता है, जिसे अक्सर "साइलेंट" हार्ट अटैक के नाम से भी जाना जाता जाता है। कई बार हार्ट अटैक की स्थिति किसी और स्वास्थ्य समस्या के निदान के बाद ही उत्पन्न होती है।
मधुमेह और उच्च रक्तचाप साइलेंट हार्ट अटैक के लिए महत्वपूर्ण जोखिम कारक हैं। यह स्थितियां हृदय की कार्यक्षमता को काफी हद तक नुकसान पहुंचा सकती हैं, जिससे हृदय रोग की समस्या ट्रिगर हो सकती है।
हां, सांस फूलना और अत्यधिक थकान इस स्थिति के आम लक्षण हैं, खासकर साइलेंट हार्ट अटैक के मामले में यह लक्षण महत्वपूर्ण है। यदि आपको अन्य लक्षणों के साथ-साथ यह भी महसूस होते हैं, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।
हां, ECG (इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम) साइलेंट हार्ट अटैक का पता लगा सकता है। अक्सर, यह घटनाएं स्पष्ट लक्षणों के बजाय नियमित जांच के दौरान पता चलती हैं।
महिलाओं को हार्ट अटैक के अधिक लक्षण हो सकते हैं, जैसे कि मतली, चक्कर आना, थकान, सांस फूलना और गर्दन, जबड़े या पीठ में बेचैनी, जिन्हें अक्सर हार्ट अटैक के लक्षण के रूप में पहचाना नहीं जाता है।
Written and Verified by:
Dr. Ashok B. Malpani is a Senior Consultant in Cardiology Dept. at BM Birla Heart Hospital, Kolkata, with over 34 years of experience. He specializes in complex angioplasty, primary angioplasty, and pacemaker implantation.
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