हृदय रोग वयस्कों के साथ-साथ बच्चों के लिए भी यह एक चिंता का विषय है। पूरे विश्व में लगभग 100 नवजात शिशुओं में से 1 शिशु जन्मजात हृदय रोग (CHD) के साथ जन्म लेता है, जो कि एक हृदय रोग है। इस रोग के शुरुआती चरणों में ही निदान और प्रबंधन बहुत ज्यादा अनिवार्य होता है।
इस ब्लॉग में हम जन्मजात हृदय रोग, इसके लक्षण, कारण, और निदान के बारे में जानेंगे, जिससे आपके बच्चों को समय पर इलाज मिले और वह बेहतर गुणवत्ता के साथ अपना जीवन व्यापन करें। यदि आपका बच्चा भी ऐसी किसी समस्या का सामना कर रहा है तो बीएम बिड़ला हार्ट हॉस्पिटल, कोलकाता में हमारे बाल हृदय रोग विशेषज्ञ से संपर्क करें।
जन्मजात हृदय रोग (Congenital Heart Disease) जन्म के समय से मौजूद हृदय संबंधी समस्या है। बच्चों में हृदय रोग की समस्या हृदय की संरचना को प्रभावित कर सकते हैं, जैसे कि मांसपेशियां, वाल्व या धनिया। इस असामान्यता के कारण रक्त के प्रवाह में बाधा उत्पन्न हो सकती है।
हमारे हृदय रोग विशेषज्ञों का मानना है कि यदि समय पर इस स्थिति का इलाज नहीं होता है, तो इसके कारण गंभीर जटिलताएं उत्पन्न हो सकती है, और कुछ मामलों में बच्चे की मृत्यु भी हो सकती है। एक रिसर्च में सामने आया है कि दुनिया भर में हर साल लगभग 1.35 मिलियन बच्चे क्रोनिक हार्ट डिजीज के साथ जन्म लेते हैं।
जन्मजात हृदय रोग कई कारणों से एक व्यक्ति को परेशान कर सकते हैं जैसे कि -
बच्चों में हृदय रोग की पहचान करना बहुत ज्यादा जरूरी होता है, जिससे बच्चों को समय पर इलाज मिल सके और वह अपना जीवन बिना किसी परेशानी के जी सके। यहां नौ प्रमुख लक्षण दिए गए हैं, जिसकी सहायता से बच्चों में हृदय रोग की पहचान आसानी से हो सकती है -
इन लक्षणों के दिखने पर तुरंत हमारे विशेषज्ञों से मिलें या फिर किसी भी अच्छे अस्पताल के बाल चिकित्सा कार्डियोलॉजी विभाग में जा कर डॉक्टर से बात करें।
बच्चों में हृदय रोग की जांच के लिए शारीरिक परीक्षण और कुछ टेस्ट के संयोजन का उपयोग किया जाता है। मुख्य रूप से निम्नलिखित टेस्ट का सुझाव डॉक्टरों के द्वारा दिया जाता है जैसे कि -
बच्चों के स्वास्थ्य के संबंध में माता-पिता एक अहम भूमिका निभाते हैं। वह सबसे पहले हृदय रोग के लक्षणों को महसूस कर सकते हैं और अपने बच्चे को स्वस्थ जीवन दे सकते हैं। वह निम्नलिखित कार्यों से अपनी भूमिका सिद्ध कर सकते हैं -
हृदय रोग के लक्षण (विशेष रूप से जन्मजात दोष) के लिए शीघ्र ही प्रबंधन की आवश्यकता होती है। इसके लक्षणों को पहचानें और तुरंत हृदय रोग विशेषज्ञ से मिलें। वह इलाज के सभी विकल्पों के बारे में आपको बताएंगे, जिससे आपके बच्चे एक स्वस्थ और अच्छा जीवन व्यतीत कर सकते हैं।
यह सत्य है कि दिल में छेद के इलाज से लिए सर्जरी की ज़रूरत होती है, लेकिन छोटे छेद अपने आप समय के साथ भर सकते हैं। इसमें दवाएं और कुछ जीवनशैली कारक आपकी मदद कर सकते हैं। डॉक्टर से सलाह लें।
नवजात शिशुओं में स्वस्थ हृदय उसका माना जाता है, जिसका हृदय एक मिनट में 70-190 बार धड़कता है। हम नवजात शिशुओं की उम्र 0-1 महीना ले रहे हैं।बच्चों की हृदय गति उनकी आयु, शारीरिक गतिविधि और स्वास्थ्य के अनुसार बदलती रहती है, जो उनके संपूर्ण स्वास्थ्य का महत्वपूर्ण संकेत होती है।
जन्मजात हृदय रोग को पूर्ण रूप से रोका तो नहीं जा सकता है, लेकिन प्रेगनेंसी के दौरान कुछ सावधानियों का पालन कर इस रोग की स्थिति का प्रबंधन किया जा सकता या इस रोग के जोखिम से बचा भी जा सकता है।
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