एट्रियल फाइब्रिलेशन के नवीन उपचार
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एट्रियल फाइब्रिलेशन के नवीन उपचार

Cardiology | by Dr. Rakesh Sarkar on 17/09/2024

Summary

एट्रियल फिब्रिलेशन हृदय की वह स्थिति है, जिसमें हृदय के ऊपरी कक्ष में अनियमितता देखने को मिलती है। इस अनियमितता के कारण हृदय के संकेतों में अनियमितता देखी जाती है, जिसके कारण हृदय गति बाधित हो जाती है। 

एट्रियल फाइब्रिलेशन एक प्रकार का हृदय रोग है, जिसमें व्यक्ति को अनियमित और तेज हृदय गति जैसी समस्या का सामना करना पड़ता है। इस हृदय रोग के कारण कई समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं जैसे कि रक्त का थक्का जमना, स्ट्रोक और हृदय गति में रुकावट। 

एट्रियल फाइब्रिलेशन में हृदय के संकेतों में अस्थिरता आती है, जिसके कारण एट्रिया (हृदय के ऊपरी कक्ष) अनियमित रूप से सिकुड़ने लगते हैं। इस ब्लॉग में हम एट्रियल फाइब्रिलेशन के 5 नए और प्रभावी उपचार के साथ-साथ इस रोग के लक्षण, कारण और नए उपचारों को समझने का प्रयास करेंगे। इसके अतिरिक्त हृदय संबंधित किसी भी प्रकार की समस्या से निपटने के लिए हम आपको सलाह देंगे कि तुरंत हमारे हृदय रोग विशेषज्ञ से परामर्श लें। 

एट्रियल फिब्रिलेशन क्या है?

एट्रियल फिब्रिलेशन हृदय की वह स्थिति है, जिसमें हृदय के ऊपरी कक्ष में अनियमितता देखने को मिलती है। इस अनियमितता के कारण हृदय के संकेतों में अनियमितता देखी जाती है, जिसके कारण हृदय गति बाधित हो जाती है। 

यह अनियमितता दो तरीकों से एक व्यक्ति को परेशान कर सकती है - हर कुछ समय में कभी-कभी रुकावट होना और दूसरा लगातार या स्थायी रुकावट होना। एट्रियल फिब्रिलेशन के कारण जीवन को तुरंत खतरा तो नहीं होता है, लेकिन समय के साथ यह स्थिति गंभीर हो सकती है, इसलिए इसका इलाज एवं प्रबंधन बहुत ज्यादा अनिवार्य होता है। 

एट्रियल फिब्रिलेशन के लक्षण

एट्रियल फिब्रिलेशन की स्थिति में खासतौर पर शुरुआत में कोई भी लक्षण दिखाई नहीं देते हैं। हालांकि गंभीर मामलों में कुछ ध्यान देने वाले लक्षण उत्पन्न हो सकते हैं जैसे कि - 

  • दिल का तेज धड़कना और हृदय गति में अनियमितता।
  • अधिक थकान और कमजोरी महसूस होना। 
  • चक्कर आना
  • सांस लेने में कठिनाई या फिर सांस फूलना
  • सीने में दर्द या बेचैनी होना।

यह सारे ही लक्षण हृदय में होने वाली समस्या की तरफ संकेत करते हैं। ऐसा होने पर हृदय रोग विशेषज्ञ आपकी मदद कर सकते हैं। 

एट्रियल फिब्रिलेशन के कारण और जोखिम कारक

एट्रियल फिब्रिलेशन की समस्या एक व्यक्ति को कई कारणों से परेशान करती है जैसे कि - 

उम्र एक बहुत ही महत्वपूर्ण जोखिम कारक है, जिसे बिल्कुल भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। 

एट्रियल फिब्रिलेशन का निदान

डॉक्टर आमतौर पर फैमिली हिस्ट्री, शारीरिक परीक्षण और नैदानिक परीक्षण की मदद से एट्रियल फिब्रिलेशन का निदान करते हैं। हालांकि कुछ परीक्षणों का सुझाव डॉक्टर दे सकते हैं जैसे कि - 

इन सभी टेस्ट में से कुछ ही टेस्ट का सुझाव दिया जाता है। इसके लिए हमेशा एक अच्छे डॉक्टर से मिलें और इलाज के सभी विकल्पों पर विचार करें।

एट्रियल फिब्रिलेशन के इलाज के लिए नए और प्रभावी उपचार

एट्रियल फिब्रिलेशन के इलाज के लिए कई सारे विकल्प उपलब्ध हैं, जिनके बारे में हम इस ब्लॉग में बताने वाले हैं - 

  • कैथेटर एब्लेशन: यह एक मिनिमल इन्वेसिव तकनीक है, जिसमें एक पतली, लचीली ट्यूब (कैथेटर) को रक्त वाहिकाओं में डाला जाता है, जो सीधे हृदय तक पहुंच सकता है। इसके बाद कैथेटर की मदद से हृदय की जिन ऊतकों से समस्या होती है, उन्हें नष्ट किया जाता है। 
  • क्रायो बैलून एब्लेशन: इसे आप कैथेटर एब्लेशन का एक नया एवं आधुनिक रूप कह सकते हैं। इस इलाज प्रक्रिया में हृदय गति में अनियमितता करने वाले ऊतकों को नष्ट करने के लिए फ्रीजिंग एजेंट से भरे बैलून कैथेटर का उपयोग होता है। इसका लाभ यह है कि इलाज एक दम सटीक होता है और इस प्रक्रिया में समय भी कम लगता है। इलाज के बाद रिकवरी भी जल्दी होती है। 
  • लेफ्ट एट्रियल एपेंडेज क्लोजर (LAAC): इस प्रक्रिया में लेफ्ट एट्रियम का इलाज होता है, जिसके बाद रक्त के थक्के अपने आप ठीक हो जाते हैं। इस दवा का उपयोग उन लोगों के लिए होता है जो रक्त को पतला करने वाली दवाएं नहीं ले सकते हैं। 
  • हाइब्रिड एब्लेशन: यह दो प्रक्रियाओं का संगम है, जिसमें सर्जिकल और कैथेटर एब्लेशन तकनीकों को मिलाकर एट्रियल फिब्रिलेशन का इलाज होता है। यह एक मिनिमल इन्वेसिव तकनीक है, जिसमें छोटा सा कट लगाया जाता है और फिर कैथेटर एब्लेशन होता है। क्रोनिक एट्रियल फिब्रिलेशन के रोगियों के लिए यह एक उपयोगी तकनीक है। 
  • नई एंटी-एरिथमिक दवाएं: पहले जिन एरिथमिक दवाओं का उपयोग होता आया है, वह इतनी प्रभावशाली नहीं हुई है। लेकिन वर्तमान में ड्रोनडेरोन और डोफ़ेटिलाइड जैसी कई नई दवाएं बेहतर और अधिक प्रभावशाली साबित हुई हैं। 

यह सारी प्रक्रियाएं आधुनिक एवं नवीन प्रक्रियाएं हैं, जिसकी मदद से अधिक सटीक और प्रभावी इलाज होता है। 

एट्रियल फिब्रिलेशन के लिए जीवनशैली में बदलाव

चिकित्सा उपचारों के अतिरिक्त जीवनशैली में बदलाव एट्रियल फिब्रिलेशन के प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं जैसे कि - 

  • नियमित व्यायाम करें क्योंकि इससे हृदय को स्वस्थ बनाए रखने में मदद मिलती है। 
  • आहार में बदलाव करें और फलों, सब्जियों, होल ग्रेन्स और लीन प्रोटीन को अपने आहार में अवश्य शामिल करें। 
  • तनाव का प्रबंधन करने के लिए योग और मेडिटेशन का उपयोग करें। 
  • उत्तेजक पदार्थ जैसे शराब, कैफीन और धूम्रपान को सीमित करें या बंद करें। 

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

क्या सर्जरी के बिना एट्रियल फिब्रिलेशन का इलाज संभव है?

हां, सर्जरी के बिना एट्रियल फिब्रिलेशन का इलाज आसानी से हो सकता है। इसके लिए रक्त पतला करने वाली दवाइयां, बीटा-ब्लॉकर्स और एंटी-एरिथमिक जैसी दवाएं दी जा सकती है। आहार, व्यायाम और तनाव प्रबंधन जैसे जीवनशैली में बदलाव भी लक्षणों को कम करने में मदद कर सकते हैं। 

क्या योग और मेडिटेशन एट्रियल फिब्रिलेशन में सुधार करते हैं?

योग और मेडिटेशन एट्रियल फिब्रिलेशन समेत कई स्वास्थ्य समस्या के इलाज में मदद कर सकते हैं। इसकी सहायता से दिल स्वस्थ होता है और एट्रियल फिब्रिलेशन के अटैक आने की संभावना भी 20-50% तक कम हो जाते हैं। 

क्या एट्रियल फिब्रिलेशन को रोकने के लिए घरेलू उपचार हैं?

एट्रियल फिब्रिलेशन को किसी भी घरेलू उपाय की मदद से रोका नहीं जा सकता है, लेकिन स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर इस रोग के जोखिम कारक को कई गुना तक कम किया जा सकता है। 

Written and Verified by:

Dr. Rakesh Sarkar

Dr. Rakesh Sarkar

Senior Consultant Exp: 11 Yr

Cardiology & Electrophysiology

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