महिलाओं को हार्ट अटैक की दवाओं से क्यों बढ़ जाता है मौत का खतरा
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महिलाओं को हार्ट अटैक की दवाओं से क्यों बढ़ जाता है मौत का खतरा

Cardiology | by Dr. Shuvo Dutta on 03/11/2025

Table of Contents
  1. हार्ट अटैक की दवाओं का परिचय: बीटा-ब्लॉकर्स क्या है? - What is Beta Blockers?
  2. क्यों महिलाओं को दवा से जोखिम बढ़ सकता है?
    1. जैविक अंतर - Biological Differences:
    2. क्लिनिकल और निदान में अंतर
    3. अन्य कारण
  3. कब बीटा-ब्लॉकर्स आवश्यक है?
  4. लक्षण और चेतावनी संकेत: महिलाओं में हार्ट अटैक के संकेत
  5. हार्ट अटैक दवाओं के साइड इफेक्ट्स को कैसे कम किया जा सकता है?
  6. कब डॉक्टर से तुरंत परामर्श लेना जरूरी है?
  7. निष्कर्ष
  8. अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्न
    1. कौन-सी दवाएं महिलाओं में जटिलताएं बढ़ा सकती हैं?
    2. क्या हार्मोनल बदलाव जैसे मेनोपॉज दवा के रिस्क को बढ़ाते हैं?
    3. किन स्वास्थ्य स्थितियों में महिलाओं के लिए हार्ट दवा अधिक खतरनाक हो सकती है?
    4. हार्ट अटैक दवा लेते समय किन लक्षणों पर तुरंत ध्यान देना चाहिए?
    5. क्या सभी हार्ट अटैक की दवाएं महिलाओं में समान रूप से जोखिम बढ़ाती हैं?

Summary

हालिया रिसर्च के अनुसार, हार्ट अटैक के बाद सामान्य हृदय फंक्शन वाली महिलाओं में बीटा-ब्लॉकर्स से मृत्यु का खतरा बढ़ सकता है। दवा से जुड़ी जटिलताएं से बचने के लिए समय पर हृदय की जांच और दवाओं की डोज को लेकर आपको अपने डॉक्टर से बात करनी चाहिए।

अक्सर हम दवाओं का सेवन इसलिए करते हैं ताकि जो समस्या अभी आपको है, वह खत्म हो जाए, लेकिन क्या आप जानती हैं कि जो दवाएं दशकों से हार्ट अटैक के बाद जीवन रक्षक मानी जाती रही है, वही कुछ महिलाओं में हार्ट अटैक के बाद मौत के जोखिम को तीन गुना तक बढ़ा सकती है? यह सवाल डराने वाला है, लेकिन हाल ही में हुए एक बड़े अंतरराष्ट्रीय अध्ययन (REBOOT Trial) ने इस चौंकाने वाली सच्चाई को सामने ला दिया है। हम भारतीय महिलाओं में हृदय रोग के लक्षण को अक्सर थकान या तनाव मानकर नजरअंदाज कर देते हैं, लेकिन अब समय आ गया है कि हम अपनी दवाओं के बारे में भी गंभीर सवाल पूछें और जानें कि आप कौन सी दवा खा रहे हैं।

यदि आप या आपके परिवार में कोई महिला हार्ट अटैक के बाद नियमित रूप से हार्ट अटैक की दवाओं का सेवन कर रहे हैं, तो आपको यह समझना होगा कि वह गोली आपकी हर मर्ज की दवा नहीं है। हमारे CK Birla Hospital (BMB) में, हम समझते हैं कि महिला का शरीर, उसके हार्मोन, रक्त वाहिकाएं और दवा के प्रति प्रतिक्रिया, पुरुषों से पूरी तरह अलग होती है। यदि आप अपनी या अपनी मां/बहन की हृदय स्वास्थ्य से जुड़ी किसी भी दवा के बारे में चिंतित हैं, तो तुरंत हमारे विशेषज्ञ कार्डियोलॉजिस्ट से परामर्श लें। आपकी सक्रियता ही आपकी जान बचा सकती है।

हार्ट अटैक की दवाओं का परिचय: बीटा-ब्लॉकर्स क्या है? - What is Beta Blockers?

हार्ट अटैक (मायोकार्डियल इन्फार्क्शन) के बाद, मरीजों को दोबारा दौरा पड़ने और हृदय स्वास्थ्य में सुधार के लिए कई तरह की दवाएं दी जाती हैं। इनमें सबसे आम और लंबे समय से इस्तेमाल होने वाला दवा वर्ग है बीटा-ब्लॉकर्स (Beta-blockers), जो कई मरीजों की दी जाती है। 

बीटा-ब्लॉकर्स तनाव हार्मोन जैसे कि एड्रेनालाईन के प्रभाव को ब्लॉक करता है। यह दवा दिल की धड़कन को धीमा करती है, ब्लड प्रेशर को कम करती है, और हृदय की मांसपेशियों के संकुचन की शक्ति को घटाती है। इससे दिल पर दबाव पड़ता है और हृदय कमजोर होने लग जाता है। हम समझते हैं कि बीटा-ब्लॉकर्स हार्ट अटैक के बाद एक मानक उपचार है, लेकिन हर कुछ समय में इस दवा के लिए भी शरीर की जांच कराई जानी चाहिए, ऐसा हमारे डॉक्टरों का मानना है। 

इस आधुनिक युग में हार्ट अटैक के इलाज के लिए एंजियोप्लास्टी और स्टेंटिंग जैसे एडवांस तकनीक का उपयोग होता आया है, जिसके बाद बीटा-ब्लॉकर्स के लाभ के ऊपर भी अब संशय बन गया है। REBOOT परीक्षण के निष्कर्ष के बाद एक बात तो तय है कि दवा का सेवन इलाज की अंतिम पंक्ति नहीं है, इसका भी रिव्यू समय समय पर किया जाना चाहिए।

क्यों महिलाओं को दवा से जोखिम बढ़ सकता है?

हाल ही में आई इस नई रिपोर्ट से पता चला है कि जिन महिलाओं को हार्ट अटैक के बाद बीटा-ब्लॉकर्स दवा दी गई, उनमें मरने, दोबारा हार्ट अटैक आने या हार्ट फेलियर के कारण अस्पताल में भर्ती होने का खतरा बढ़ जाता है। यह चौंकाने वाला जोखिम पुरुषों में नहीं दिखे है, जिसके कारण पुरुषों के लिए डरने वाली स्थिति वर्तमान में नहीं है। चलिए उन सभी जोखिम कारकों को समझते हैं - 

जैविक अंतर - Biological Differences:

  • हार्मोनल कारक: मेनोपॉज के बाद एस्ट्रोजन का स्तर तेजी से गिरता है, जो महिलाओं में हृदय रोग के लक्षण के जोखिम को बढ़ाता है। यह हार्मोनल बदलाव महिलाओं के शरीर में दवा के मेटाबॉलिज्म (चयापचय) और दिल की प्रतिक्रिया को प्रभावित कर सकता है।
  • छोटे रक्त वाहिकाएं: महिलाओं की कोरोनरी धमनियां (Coronary Arteries) अक्सर पुरुषों की तुलना में छोटी होती हैं। इसके कारण दवा से जुड़ी जटिलताएं महिलाओं में अधिक होती है। 
  • दवा का मेटाबॉलिज्म (Drug Metabolism): महिलाओं का शरीर दवाओं को पुरुषों से अलग तरह से प्रोसेस करता है। इसके परिणामस्वरूप, स्टैंडर्ड डोज महिलाओं के लिए बहुत ज्यादा हो सकती है, जिससे हार्ट अटैक की दवाओं के साइड इफेक्ट बढ़ जाते हैं।

क्लिनिकल और निदान में अंतर

  • असामान्य लक्षण: महिलाओं में हार्ट अटैक के कारण अक्सर कोरोनरी धमनी रोग (CAD) के बजाय छोटे रक्त वाहिकाओं का रोग होता है। महिलाओं में हार्ट अटैक के लक्षण प्रायः "असामान्य" होते हैं और जैसे-जैसे छाती में तेज दर्द के बजाय गर्दन, पीठ, जबड़े का दर्द, अपच, या अत्यधिक थकान की समस्या उत्पन्न हो सकती है।
  • संरक्षित इजेक्शन अंश (Preserved Ejection Fraction): रिसर्च में पाया गया है कि दिल के दौरे (Heart Attack) के बाद, जिन महिलाओं का इजेक्शन अंश (LVEF), यानी दिल की पम्पिंग क्षमता, 50% या उससे ज़्यादा (सामान्य) बनी रहती है, उनमें बीटा-ब्लॉकर्स के उपयोग से जटिलताओं (जैसे कि मृत्यु, नया हार्ट अटैक, या हार्ट फेलियर के लिए अस्पताल में भर्ती) का जोखिम बढ़ सकता है, खासकर जो महिलाएं उच्च डोज वाली दवाएं खाती हैं।

अन्य कारण

  • ब्रेडीकार्डिया (Bradycardia) का जोखिम: बीटा-ब्लॉकर्स हृदय गति को धीमा करते हैं। चूंकि महिलाओं की सामान्य हृदय गति पुरुषों की तुलना में थोड़ी अधिक होती है, इसलिए एक मानक खुराक उन्हें ब्रेडीकार्डिया (बहुत धीमी गति) की ओर धकेल सकती है, जिससे दिल पर तनाव बढ़ता है।
  • वासोस्पाज़्म (Vasospasm): महिलाओं में हार्ट अटैक के कारण अक्सर वासोस्पाज़्म की समस्या होती है। बीटा-ब्लॉकर्स कुछ महिलाओं में इन छोटी वाहिकाओं में ऐंठन (Spasm) पैदा कर सकता है, जिससे रक्त का प्रवाह बाधित होता है।
  • हाइपोटेंशन (Hypotension): महिलाओं के शरीर के छोटे द्रव्यमान के कारण, मानक बीटा-ब्लॉकर खुराक से ब्लड प्रेशर इतना कम हो सकता है कि महत्वपूर्ण अंगों को पर्याप्त रक्त की आपूर्ति नहीं होती है।

कब बीटा-ब्लॉकर्स आवश्यक है?

बीटा-ब्लॉकर्स अभी भी उन महिलाओं के लिए जीवन रक्षक हैं, जिनकी पम्पिंग क्षमता (Ejection Fraction) हार्ट अटैक के बाद कम हो गई है या जिन्हें हृदय की धड़कन से जुड़ी जटिलताएं (Arrhythmias) हैं। यह दवा उन महिलाओं के लिए खतरनाक है, जिनकी हार्ट अटैक के बाद फंक्शनिंग सामान्य है।

लक्षण और चेतावनी संकेत: महिलाओं में हार्ट अटैक के संकेत

चूँकि महिलाओं में हार्ट अटैक के लक्षण अक्सर अस्पष्ट होते हैं और दवा के साइड इफेक्ट्स (जैसे थकान) के साथ मिल सकते हैं, इसलिए दोनों के बीच अंतर करना महत्वपूर्ण है - 

लक्षण / चेतावनी संकेत पुरुषों की तुलना में महिलाएं
सीने में बेचैनी/दर्द अक्सर दबाव, भारीपन या जकड़न के रूप में महसूस होना। यह कंधों, गर्दन, या जबड़े में फैल सकता है।
सांस फूलना अक्सर प्रमुख लक्षण, बिना किसी सीने के दर्द के भी हो सकता है।
अत्यधिक थकान अचानक और बिना कारण अत्यधिक कमजोरी या थकान होना।
जी मिचलाना (Nausea) या उल्टी अपच या पेट दर्द जैसा महसूस होना।
चक्कर आना या बेहोशी खासकर जब हार्ट अटैक दवाओं के साइड इफेक्ट के कारण रक्तचाप बहुत कम हो गया हो।

यदि आप बीटा-ब्लॉकर्स ले रही हैं और आपको अत्यधिक थकान, बहुत धीमी धड़कन, बार-बार चक्कर आना, या साँस लेने में दिक्कत महसूस होती है, तो यह दवा से जुड़ी जटिलताएं और हार्ट फेलियर दोनों का संकेत हो सकता है।

हार्ट अटैक दवाओं के साइड इफेक्ट्स को कैसे कम किया जा सकता है?

हार्ट अटैक प्रिवेंशन और उपचार के लिए दवाएं लेना महत्वपूर्ण है, लेकिन महिलाओं को अपने डॉक्टर के साथ मिलकर व्यक्तिगत उपचार योजना विकसित करनी चाहिए। इलाज के लिए निम्न बातों का खास ख्याल रखना होता है - 

  1. लिंग-आधारित दवाओं का डोज: अपने डॉक्टर से चर्चा करें कि क्या आपको पुरुषों की मानक डोज के बजाय कम खुराक (Lower Dose) की आवश्यकता है। यह प्रश्न बीटा-ब्लॉकर्स की स्थिति में अति आवश्यक हो जाता है। सुनिश्चित करें कि आपकी दवा की डोज आपके शरीर के वजन, उम्र और हृदय फ़ंक्शन के अनुरूप लें।
  2. वैकल्पिक दवाएं: यदि आपकी हार्ट पम्पिंग क्षमता सामान्य है, तो अपने कार्डियोलॉजिस्ट से पूछें कि क्या बीटा-ब्लॉकर्स के बजाय अन्य दवाएं जैसे कि ACE इनहिबिटर या ARBs आप ले सकते हैं।
  3. नियमित निगरानी: दवा शुरू करने के बाद अपने रक्तचाप और हृदय गति को रोजाना ट्रैक करें। हार्ट अटैक दवाओं के साइड इफेक्ट्स को पहचानने के लिए नियमित रूप से इकोकार्डियोग्राम कराएं ताकि पम्पिंग क्षमता की जांच हो सके।
  4. मजबूत जीवनशैली: नियमित व्यायाम, स्वस्थ आहार, और तनाव प्रबंधन (योग/मेडिटेशन) हृदय स्वास्थ्य को मजबूत करने के लिए महत्वपूर्ण है, जो दवा पर आपकी निर्भरता को कम कर सकते हैं।

कब डॉक्टर से तुरंत परामर्श लेना जरूरी है?

CK Birla Hospital (BMB) के विशेषज्ञ हमेशा तत्काल परामर्श की सलाह देते हैं यदि:

  • आप बीटा-ब्लॉकर्स ले रही हैं और आपकी हृदय गति 50 बीट्स प्रति मिनट से लगातार कम बनी हुई है।
  • आपको बिना किसी स्पष्ट कारण के बार-बार चक्कर आ रहे हैं या आप बेहोश हो जाती हैं।
  • सांस फूलना या थकान पहले से ज्यादा बढ़ जाना।
  • आपके पैरों या टखनों में नई सूजन आ जाना (हार्ट फेलियर का संकेत), जिसे मेडिकल भाषा में एडिमा कहा जाता है।

निष्कर्ष

हार्ट अटैक दवाओं के साइड इफेक्ट्स महिलाओं के लिए अलग हो सकते हैं। एक महिला के रूप में, यह आपका अधिकार है कि आप अपने उपचार के बारे में अपने डॉक्टर से विस्तार से चर्चा करें। CK Birla Hospital (BMB) में हम महिलाओं में हार्ट अटैक के उपचार में सबसे आधुनिक और व्यक्तिगत उपचार योजना का दृष्टिकोण अपनाते हैं, जो आपकी सुरक्षा और सर्वोत्तम परिणाम सुनिश्चित करता है। इसलिए हम आपको सलाह देंगे कि आप हमारे अनुभवी डॉक्टरों के साथ मिलकर अपने इलाज की योजना बनाएं और स्वस्थ जीवन जीएं।

अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्न

कौन-सी दवाएं महिलाओं में जटिलताएं बढ़ा सकती हैं?

हाल के रिसर्च के अनुसार, बीटा-ब्लॉकर्स (Beta-blockers), ख़ासकर मेटोप्रोलोल और एटेनोलोल जैसी दवाएं, कुछ महिलाओं (जिनकी पम्पिंग क्षमता सामान्य है) में दवा से जुड़ी जटिलताएं जैसे मृत्यु दर और हार्ट फेलियर के जोखिम को बढ़ा सकती हैं।

क्या हार्मोनल बदलाव जैसे मेनोपॉज दवा के रिस्क को बढ़ाते हैं?

हां, मेनोपॉज के दौरान एस्ट्रोजन के स्तर में गिरावट, महिलाओं में हार्ट अटैक के कारण को प्रभावित करती है और यह शरीर के दवा को मेटाबोलाइट करने के तरीके को बदल सकती है, जिससे हार्ट अटैक दवाओं के साइड इफेक्ट्स का जोखिम बढ़ जाता है।

किन स्वास्थ्य स्थितियों में महिलाओं के लिए हार्ट दवा अधिक खतरनाक हो सकती है?

दवाएं उन महिलाओं के लिए अधिक खतरनाक हो सकती हैं, जिनकी हार्ट अटैक के बाद पम्पिंग क्षमता (LVEF) सामान्य बनी हुई है। इसके अतिरिक्त, अस्थमा, डायबिटीज और बहुत धीमी हृदय गति (Bradycardia) वाली महिलाओं को भी बीटा-ब्लॉकर्स से अधिक जोखिम हो सकता है।

हार्ट अटैक दवा लेते समय किन लक्षणों पर तुरंत ध्यान देना चाहिए?

तुरंत ध्यान देने योग्य लक्षण हैं: लगातार अत्यधिक थकान, चक्कर आना, बेहोशी, बीट्स प्रति मिनट से कम हृदय गति, और सांस फूलना या पैरों में अचानक सूजन आना।

क्या सभी हार्ट अटैक की दवाएं महिलाओं में समान रूप से जोखिम बढ़ाती हैं?

नहीं, जोखिम दवा के प्रकार और मरीज की हृदय स्थिति पर निर्भर करता है। REBOOT अध्ययन ने केवल बीटा-ब्लॉकर्स पर ध्यान केंद्रित किया। अन्य दवाएं जैसे स्टैटिन्स (Statins) और एस्पिरिन (Aspirin) महिलाओं के लिए महत्वपूर्ण रूप से फायदेमंद मानी जाती हैं।

Written and Verified by:

Dr. Shuvo Dutta

Dr. Shuvo Dutta

Senior Consultant Exp: 49 Yr

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Dr. Shuvo Dutta is a Senior Consultant in Cardiology Dep. at BM Birla Heart Hospital, Kolkata, with over 34 years of experience. He specializes in radial and femoral angioplasty, complex cardiac interventions, and was the first in India to perform carotid artery stenting to prevent brain stroke.

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