गर्मियों में सभी को सेहत का खास ख्याल रखने की आवश्यकता होती है। यह बात उन लोगों के लिए बहुत ज़रूरी है, जो दिल की समस्या का सामना कर रहे हैं। इस स्थिति में बस हाइड्रेशन बनाए रखें, और इलेक्ट्रोलाइट का संतुलन बनाए रखें।
मैं एक मेडिकल विशेषज्ञ के रूप में आपको यह समझाना चाहुंगा कि गर्मियों में आपको अपने दिल का ख्याल रखना होगा। जब तापमान बढ़ता है, तो हमारे शरीर में कुछ शारीरिक बदलाव आते हैं, जो दिल और रक्त संचार प्रणाली पर अतिरिक्त दबाव डालते हैं। यदि किसी को पहले से ही कोई दिल की समस्या है, तो दिल को होने वाली क्षति अधिक गंभीर होगी। हृदय संबंधित समस्याओं के इलाज के लिए आप किसी भी दूसरे विकल्प की तरफ न जाएं। प्रयास करें कि आप एक अनुभवी एवं सर्वश्रेष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ से मिलें और इलाज लें।
मौसम बदलने पर हमारे शरीर में कई बदलाव आते हैं। हृदय की समस्याएं अक्सर ठंड में बढ़ती है, लेकिन जब तापमान बहुत ज्यादा बढ़ जाता है, तो इसके कारण भी हमारे शरीर को खुद को ठंडा रखने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ती है। इसके लिए हमारा शरीर अतिरिक्त रक्त को संचार करता है, जिससे दिल की धड़कन तेज हो जाती है, और हृदय पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है। हार्ट फेल्योर और कोरोनरी आर्टरी डिजीज की स्थिति में यह गर्मी और भी ज्यादा कष्टदायक साबित हो सकती है। कमजोर दिल और शरीर आपको हार्ट अटैक की तरफ भी ले जा सकता है।
गर्मी के मौसम में हार्ट अटैक आने से पहले दो स्थितियां अक्सर उत्पन्न हो सकती हैं जैसे कि -
यह दोनों कारक हार्ट अटैक के मुख्य कारणों में से एक साबित हो सकते हैं।
गर्मियों में दिल के रोगियों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। ब्लड प्रेशर में उतार चढ़ाव और हाई हार्ट रेट हमारे दिल को कमजोर कर सकते हैं। इसके कारण दिल के रोगियों को कई स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है जैसे कि -
हीट स्ट्रोक कोई सामान्य स्थिति नहीं है। यह वह स्थिति है, जब हमारा शरीर अपने तापमान को सामान्य नहीं कर पाता है। यदि गर्मी बढ़ जाए, तो अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। हीट स्ट्रोक की स्थिति में रक्त संचार प्रणाली पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है, जिसके कारण दिल की धड़कन असामान्य हो जाती है और कुछ मामलों अत्यधिक गर्मी हार्ट अटैक का कारण भी बन सकती है।
वहीं अत्यधिक गर्मी के कारण डिहाइड्रेशन की समस्या होना आम बात है। इस दौरान शरीर से सोडियम और पोटेशियम जैसे इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी हो जाती है, जो हमारे दिल की धड़कन को नियमित करने में मदद करते हैं। शरीर में पानी की कमी के कारण दिल को प्रभावी ढंग से रक्त पंप करने में मुश्किल होती है, जिससे हार्ट अटैक या दिल की धड़कन में अनियमितता का खतरा बढ़ सकता है।
हीट स्ट्रोक और डिहाइड्रेशन के कारण हमारे शरीर में निम्न लक्षण उत्पन्न हो सकते हैं -
गर्मियों में अक्सर लो ब्लड प्रेशर की स्थिति ट्रिगर होती है, जिसके कारण रक्त वाहिकाएं फैल जाती हैं। गर्मियों में ब्लड प्रेशर में उतार चढ़ाव अस्थायी रहता है। इस अस्थिरता के कारण कुछ स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं जैसे कि - चक्कर आना, बेहोशी या यहां तक कि दिल का दौरा पड़ना।
इसके अतिरिक्त दिल की धड़कन में वृद्धि भी होती है। इसके कारण ब्लड प्रेशर में बदलाव होते हैं, जिसे संतुलित करने के लिए हमारा शरीर हमारे हृदय पर अतिरिक्त दबाव डालता है, जिससे लोगों को दिल की समस्याएं हो सकती हैं।
गर्मियों में सभी को अपने सेहत का खास ख्याल रखना चाहिए। यदि आप सही कदम उठाते हैं, तो आप कई समस्याओं को आसानी से टाल सकते हैं जैसे कि डीहाइड्रेशन। शरीर में पानी की कमी के कारण कई सारी स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं, लेकिन सही कदम से आपको इस स्थिति से आराम मिल सकता है। चलिए गर्मी में स्वस्थ रहने के लिए हाइड्रेशन और आहार टिप्स के बारे में जानते हैं -
हां, गर्मी के दौरान डिहाइड्रेशन होता है, जिससे रक्त गाढा होता है, जो अंत में दिल को अधिक काम करने के लिए प्रेरित करता है। इसके कारण दिल का दौरा पड़ने का खतरा भी अधिक हो जाता है।
पसीना आना हानिकारक नहीं है, लेकिन अत्यधिक पसीने से डिहाइड्रेशन और इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन हो सकता है, जो दिल पर अतिरिक्त दबाव डालता है।
गर्मी में व्यायाम करना तब तक सुरक्षित है, जब तक सावधानियां बरती जाएं। पानी पीते रहें, दिन के सबसे गर्म समय में व्यायाम से बचें और शरीर की सुनें। हार्ट पेशेंट्स को किसी भी नए व्यायाम या फिर स्पोर्ट्स एक्टिविटी को करने से पहले परामर्श ज़रूर करना चाहिए।
हां, दिल के रोगियों के लिए गर्मी में एयर कंडीशनर का उपयोग करना अत्यंत लाभकारी है। ठंडा माहौल बनाए रखने से रक्त संचार प्रणाली पर दबाव कम होता है और शरीर अधिक गर्म वातावरण से भी बच जाता है।
Written and Verified by:
Dr Dhiman Kahali is associated with BM Birla Heart Research Centre as the Director of Interventional cardiology. With a total experience of 37 years, he is known as an expert in performing Angioplasties, Mitral Balloon Dilations, Peripheral Vascular and Carotid Interventions. Dr Kahali is the Ex Chairman of National Intervention Council, CSI, Ex Convenor of STEMI Council, CSI and Vice President of CSI. Being a National Scholar, he has several publications in National and International Journals and delivers more than 125 lectures every year in various forums across the globe.
Similar Cardiology Blogs
Book Your Appointment TODAY
© 2024 BMB Kolkata. All Rights Reserved.