तेज़ी से दिल धड़कने के पीछे कई कारण होते हैं, जैसे - वर्क स्ट्रेस, रिश्तों में तनाव, कैफीन का अधिक सेवन, घबराहट, तीव्र व्यायाम, इत्यादि। तेज हार्टबीट की स्थिति को चिकित्सा भाषा में टैकीकार्डिया कहा जाता है।
तेज़ी से दिल धड़कने के पीछे कई कारण होते हैं, जैसे - वर्क स्ट्रेस, रिश्तों में तनाव, कैफीन का अधिक सेवन, घबराहट, तीव्र व्यायाम, इत्यादि। तेज हार्टबीट की स्थिति को चिकित्सा भाषा में टैकीकार्डिया (Tachycardia) कहा जाता है। इस स्थिति में एक मिनट में 100 से अधिक हार्ट बीट होती है, जो कि एक जानलेवा स्थिति बन सकती है। इस ब्लॉग में लिखी गई जानकारी सामान्य चिकित्सा जानकारी है। यदि आपको भी तेज हार्टबीट की समस्या परेशान कर रही है, तो हम आपको सलाह देंगे कि आप हमारे अनुभवी और श्रेष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ (कार्डियोलॉजिस्ट) से सलाह लें।
कुछ लोग इंटरनेट पर ढूंढते हैं कि हार्ट बीट तेज होने के लक्षण क्या है? लेकिन आपको यह समझना होगा कि हृदय गति का तेज होना स्वयं एक लक्षण है। इसके पीछे कई कारण होते हैं, जिसके बारे में अभी हम बात करने वाले हैं। हार्ट बीट तेज होने के निम्न कारण हो सकते हैं -
हार्ट बीट का तेज होना आपके संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए हानिकारक साबित हो सकता है, क्योंकि इसके कारण आपको अचानक हार्ट अटैक, कार्डियक अरेस्ट, हार्ट स्ट्रोक, इत्यादि का सामना करना पड़ सकता है। कुछ मामलों में इर्रेगुलर हार्ट बीट जानलेवा भी साबित हुई है।
हार्ट बीट बढ़ने के लक्षण आपको स्वयं महसूस हो सकते हैं जैसे -
छाती, गर्दन या गले में भी दिल की धड़कन महसूस हो सकती है। तेज धड़कन के लक्षण में हृदय की गती में असमान्यता होने की संभावना अधिक होती है। हालांकि यह सारे लक्षण निम्न स्थितियों को भी दर्शाते हैं -
चिकित्सा विशेषज्ञों की मानें, तो हार्ट रेट व्यक्ति की उम्र, स्वास्थ्य, शरीर के आकार और हार्ट की स्थिति के आधार पर भिन्न हो सकता है। सामान्य तौर पर देखा जाए, तो वयस्कों का हार्ट रेट 60 से 100 बीट प्रति मिनट तक होता है। उम्र के अनुसार हार्ट रेट अलग-अलग होता है। चलिए इस पूरी गणना को एक टेबल की मदद से समझने का प्रयास करते हैं -
उम्र |
सामान्य हार्ट रेट |
एक महीने तक के बच्चे |
70 से 190 बीट पर मिनट |
1 से 11 महीने तक के बच्चे |
80 से 160 बीट पर मिनट |
1 से 2 साल के बच्चे |
80 से 130 बीट पर मिनट |
3 से 4 साल तक के बच्चे |
80 से 120 बीट पर मिनट |
5 से 6 साल तक के बच्चे |
75 से 115 बीट पर मिनट |
7 से 9 साल तक के बच्चे |
70 से 100 बीट पर मिनट |
10 साल से बुजुर्गों तक |
60 से 100 बीट पर मिनट |
जैसा कि हमने आपको पहले ही बताया है कि दिल की धड़कन बढ़ने के कई कारण होते हैं। यदि अचानक हृदय गति तेज हो, तो इसके पीछे तनाव या पर्यावरण कारण हो सकते हैं। यदि अचानक आप तेज हृदय गति का सामना करते हैं, तो हम आपको सलाह देंगे कि आप मेडिटेशन और ब्रीदिंग तकनीक का प्रयोग करें। यदि आपकी हृदय गति अचानक से तेज हो जाती है, तो आप निम्न निर्देशों का पालन कर सकते हैं -
इन सभी निर्देशों का पालन करने से आपको बहुत लाभ मिलेगा।
दिल की धड़कन बढ़ने के कारण और उपाय का आखिरी चरण है उपाय। सामान्यतः खराब जीवनशैली के कारण दिल की धड़कन बढ़ जाती है। कुछ उपायों का पालन कर दिल की तेज धड़कन का इलाज संभव है -
इन सबके अतिरिक्त यदि आप किसी सप्लीमेंट के सेवन करने की इच्छा रखते हैं, तो हम आपको सलाह देंगे कि आप जल्द से जल्द हमारे विशेषज्ञ से मिलें और उनसे परामर्श लें। बिना डॉक्टर के परामर्श के किसी भी प्रकार के सप्लीमेंट के सेवन की सलाह हम नहीं देते हैं।
कुछ समय के लिए ही दिल की धड़कन का बढ़ जाना एक सामान्य प्रक्रिया है। लेकिन अचानक तेज गति से धड़कन का बढ़ना कई सारी समस्याओं की तरफ इशारा करता है। सही उपाय जैसे व्यायाम, स्ट्रेस मैनेजमेंट, हेल्दी वेट मैनेजमेंट का प्रयोग करके तेज हार्टबीट की स्थिति को नियंत्रित किया जा सकता है। यह सारे उपाय हमारे डॉक्टरों के द्वारा सभी दिल के मरीजों को दिए जाते हैं और अधिकतर मामलों में इसके सकारात्मक परिणाम मिले हैं। लेकिन यदि किसी भी कारणवश परिणाम सकारात्मक नहीं आते हैं, तो हम आपको सलाह देंगे कि आप तुरंत हमारे कार्डियोलॉजिस्ट से संपर्क करें और स्वस्थ रहें।
एक स्वस्थ व्यक्ति की हार्ट बीट 60 से 100 बीट प्रति मिनट के बीच होनी चाहिए। शारीरिक गतिविधि, तनाव, या किसी बीमारी के कारण हार्ट बीट बढ़ सकती है, इसलिए इन सब का विशेष ध्यान रखें।
हार्ट बीट को कम करने के लिए आप ठंडा पानी, नींबू पानी, या अदरक का रस पी सकते हैं। इस प्रकार के पेय पदार्थ हृदय की गति को सामान्य करने में मदद करते हैं।
हार्ट बीट को कम करने के लिए निम्नलिखित दिशा-निर्देशों का पालन कर सकते हैं -
हार्ट बीट तेज होने पर निम्न निर्देशों का पालन करें -
1 साल के बच्चे की धड़कन हर समय अलग-अलग होती है। सामान्य तौर पर बच्चों की दिल की धड़कन 80-130 धड़कन प्रति मिनट होनी चाहिए। हालांकि विश्राम करते समय, रोने, खेलने, या व्यायाम करते समय यह बढ़ सकती है।
पल्स रेट कम करने के लिए निम्न खाद्य पदार्थ आपकी मदद कर सकते हैं -
डिडाइड्रेशन से बचने के लिए पानी पिएं।
Written and Verified by:
Dr. Ashok B Malpani has been associated with BM Birla as a Senior Consultant – Cardiology with a total experience of 34 years. After completing his MBBS, Dr Malpani did his MD from Government Medical College, Nagpur.
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