दिल के मरीज नवरात्रि व्रत कैसे रखें? – हमारे कार्डियोलॉजिस्ट की सलाह
Home >Blogs >दिल के मरीज नवरात्रि व्रत कैसे रखें? – हमारे कार्डियोलॉजिस्ट की सलाह

दिल के मरीज नवरात्रि व्रत कैसे रखें? – हमारे कार्डियोलॉजिस्ट की सलाह

Summary

दिल के मरीजों को नवरात्रि व्रत में सावधानी से उपवास रखना चाहिए। हाइड्रेशन, ब्लड शुगर निगरानी, लो सॉल्ट व हाई फाइबर डाइट जरूरी है। तला-भुना, नमकीन, मीठा, फुल-फैट डेयरी और पैकेट फूड से बचें। इसके अतिरिक्त भी कई सावधानियां हैं, जिनका आपको पालन करना चाहिए।

नवरात्रि का पर्व नई आशा और श्रद्धा की अनुभूति दिलाता है, लेकिन दिल के मरीजों के लिए यह समय त्योहार के साथ कुछ बड़े फैसलों का भी होता है। हम हमारे पास आए सभी हार्ट पेशेंट्स को व्रत रखने की सलाह नहीं देते हैं, लेकिन व्रत रखना हर व्यक्ति का अपना खुद का निजी फैसला होता है, जिसमें हम हस्तक्षेप नहीं कर सकते हैं। हालांकि यह भी सत्य है कि हृदय रोगियों को यह कदम सोच-समझकर ही उठाना चाहिए। 

हालांकि व्रत रखना आपके शरीर के लिए अच्छा भी होता है, लेकिन यह आपके दिल पर अधिक दबाव डालेगा। दिल के मरीजों के लिए सबसे बड़ी चिंता यही है कि कहीं व्रत की वजह से उनकी बीमारी और भी अधिक गंभीर न हो जाए। यदि आप दिल के मरीज हैं और व्रत रखना भी चाहते हैं तो इस ब्लॉग में मौजूद जानकारी का पालन करें और अपनी डाइट में बदलाव के साथ उपवास रखें। इसके अतिरिक्त दिल की बीमारी के संकेत दिखने पर बिना देर किए हृदय रोग विशेषज्ञ से मिलें और इलाज लें।

दिल के मरीजों के लिए उपवास के दौरान सावधानियां

दिल के मरीजों को व्रत रखने के दौरान कुछ सामान्य सावधानियां या टिप्स का पालन करना चाहिए जैसे कि - 

  • हाइड्रेशन पर जोर: उपवास में पानी की कमी अक्सर देखी जाती है, जिससे ब्लड प्रेशर गिर सकता है और दिल पर दबाव बढ़ सकता है। व्रत के दौरान पर्याप्त मात्रा में लिक्विड लें जैसे कि नारियल पानी, नींबू पानी, छाछ जैसे हेल्दी ऑप्शन का चुनाव करें।
  • ब्लड शुगर और ब्लड प्रेशर की निगरानी: डायबिटीज या हाई ब्लड प्रेशर वाले मरीजों को व्रत के दौरान नियमित तौर पर ब्लड शुगर और प्रेशर चेक करना चाहिए। अचानक शुगर गिरना या बढ़ना हृदय के लिए बहुत जोखिम भरा हो सकता है।
  • बैलेंस्ड डाइट: व्रत में फल, नट्स और सीड्स आप खा सकते हैं। ऑयली या बहुत मीठी/नमकीन चीज़ें न लें। सादा, फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर खाना दिल को सुरक्षा देता है।
  • फिजिकल एक्टिविटी लिमिट करें: हल्की एक्सरसाइज करें ताकि शरीर का एनर्जी लेवल बना रहे, लेकिन थकाने वाले वर्कआउट से बचें। थकान या सांस लेने में तकलीफ महसूस हो तो तुरंत रुकें और आराम करें।
  • फाइबर और पोषक तत्वों वाली डाइट: फ्रेश फल (पपीता, मौसंबी, अमरूद, सेब, अनार), बादाम, अखरोट, और फ्लैक्स सीड्स जैसी चीज़ें चुनें। इससे एनर्जी बनी रहती है और शरीर को जरूरी मिनरल्स व विटामिन मिलते हैं।
  • लो सॉल्ट डाइट: सामान्य तौर पर नवरात्रि के व्रत में नमक का सेवन नहीं किया जाता है, लेकिन कुछ लोग सेंधा नमक का उपयोग करते हैं। यह एक स्वस्थ नमक माना जाता है, जो ब्लड प्रेशर को कम रखता है। दिल के मरीजों को व्रत में सेंधा नमक खाना चाहिए। इसे आप अपने रोजाना के डाइट में भी शामिल कर सकते हैं।
  • लो फैट और लो शुगर फूड्स: तले हुए, पैकेट स्नैक्स, मीठे और फुल-फैट डेयरी से बचें। साबूदाना, सिंघाड़ा, कुट्टू का आटा जैसे हेल्दी अनाज बिना अधिक घी/तेल के आप खा सकते हैं।

हार्ट पेशेंट्स के लिए डाइट प्लान (फूड चार्ट)

हार्ट पेशेंट्स के लिए डाइट प्लान (फूड चार्ट) का उद्देश्य दिल को स्वस्थ रखना और हार्ट रिलेटेड जोखिमों को कम करना है। इसके लिए खान-पान में ऐसे पदार्थ शामिल करना जरूरी होता है, जो पोषण से भरपूर हों और साथ ही दिल पर अतिरिक्त दबाव न डालें। यहाँ एक विस्तृत हार्ट फूड चार्ट दिया गया है जिसे दिनभर के खाने के समय के अनुसार अपनाया जा सकता है - 

  • सुबह का नाश्ता: अपने दिन की शुरुआत हल्के और पौष्टिक नाश्ते से करें। जैसे कि एक गिलास नारियल पानी, जो शरीर को तुरंत ऊर्जा और इलेक्ट्रोलाइट्स प्रदान करता है। इसके साथ एक फल जैसे सेब, अनार या पपीता लें जो फाइबर और विटामिन से भरपूर होता है। साथ ही, 10 बादाम खाने से दिल के लिए जरूरी हेल्दी फैट्स और प्रोटीन मिलते हैं, जो कोलेस्ट्रॉल नियंत्रित रखने में मददगार हैं।
  • मध्य दिन का भोजन: मध्याह्न का भोजन हल्का और सुपाच्य होना चाहिए। इसके लिए लौकी का हलवा तैयार करें, जिसमें कम शक्कर और कम तेल हो, ताकि कैलोरी कंट्रोल में रहे और पाचन आसान हो। इसके साथ एक गिलास छाछ या लस्सी लें, जिसमें नमक और चीनी सीमित मात्रा में हो ताकि ब्लड प्रेशर नियंत्रित रहे। यह संयोजन पेट को ठंडक पहुंचाने और पाचन क्रिया सुधारने में मदद करता है।
  • दोपहर का लंच: लंच में परांठे या रोटी के बजाय कूटू की रोटी बेहतर विकल्प है, क्योंकि यह ग्लूटेन-फ्री और हार्ट फ्रेंडली होती है। रोटी के साथ सब्जी में गाजर या टमाटर शामिल करें, जो विटामिन ए, सी और फाइबर से भरपूर होती हैं। साथ में एक कटोरी लो-फैट दही लेना चाहिए, जो पाचन सुधारने और दिल को स्वस्थ रखने में सहायक होता है। आप सब्जियां खा सकते हैं, लेकिन नवरात्रि में प्याज और लहसुन से आपको बचना चाहिए।
  • शाम का नाश्ता: शाम को भारी स्नैक्स के बजाय एक हल्का और पौष्टिक नाश्ता करें जैसे कि फ्रूट चाट, जिसमें सेब, अनार और पपीता जैसी ताज़ी फल शामिल हों। फल फाइबर और एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर होते हैं, जो दिल की सेहत बढ़ाते हैं। इसके साथ एक अखरोट भी लें, जो ओमेगा-3 फैटी एसिड्स का अच्छा स्रोत है और हार्ट हेल्थ के लिए लाभकारी माना जाता है।
  • रात का खाना: रात का खाना हल्का और सुपाच्य होना चाहिए, जिससे पाचन में आसानी हो और रात में नींद अच्छी आए। इसके लिए हल्की खिचड़ी या साबूदाना लें, जो पचाने में आसान होते हैं। साथ में स्टीम की हुई या भाप में पकी हुई हरी सब्जी जैसे पालक या लौकी शामिल करें, जिसमें नमक कम हो ताकि ब्लड प्रेशर नियंत्रण में रहे।

चलिए इसे आसान तरीके से नीचे दिए गए टेबल की मदद से समझने का प्रयास करते हैं।

खाने का समय

सुरक्षित खाद्य पदार्थ

सुबह का नाश्ता

नारियल पानी, 1 फल, 10 बादाम

मध्य दिन

लौकी का हलवा (कम शक्कर, कम तेल), छाछ/लस्सी (कम नमक/कम चीनी)

लंच

कुट्टू की रोटी, सब्जी (गाजर/टमाटर), दही (लो-फैट)

शाम

फ्रूट चाट (सेब, अनार, पपीता), 1 अखरोट

रात

हल्की खिचड़ी/साबूदाना, हरी सब्जी (भाप में पकी और कम नमक)

कुछ और महत्वपूर्ण बातें

  • थोड़ी-थोड़ी देर में भोजन करने से शरीर में निरंतर ऊर्जा बनी रहती है और ब्लड शुगर स्तर स्थिर रहता है।
  • सिंघाड़ा, कुट्टू और साबूदाना हार्ट फ्रेंडली खाद्य पदार्थ हैं, लेकिन इनका सेवन करते समय घी या तेल की मात्रा सीमित रखें, क्योंकि अत्यधिक फैट हार्ट पर बुरा प्रभाव डालता है।
  • फल और सब्जियों में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट और फाइबर दिल को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं। ये रक्त संचार सुधारते हैं, सूजन कम करते हैं और कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित रखते हैं।

यह डाइट प्लान न केवल हार्ट पेशेंट्स के लिए सुरक्षित है, बल्कि उन्हें ऊर्जा और पोषण भी प्रदान करता है, जिससे उनका स्वास्थ्य बेहतर बना रहता है। दिल की सेहत बनाए रखना नियमित और संतुलित आहार के साथ-साथ जीवनशैली में बदलाव से भी संभव है।

किन चीज़ों से बचना चाहिए

दिल की बीमारी के मरीजों के लिए खानपान पर विशेष ध्यान देना बेहद जरूरी होता है। उपवास या सामान्य दिनचर्या में भी कुछ खाद्य पदार्थ ऐसे होते हैं, जो हृदय पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं और उनकी स्थिति को बिगाड़ सकते हैं। खासकर नवरात्रि व्रत जैसे समय में, जब खानपान में बदलाव होता है, इन बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। निम्न खाद्य पदार्थों से दूरी बनाने की सलाह हम भी अपने पेशेंट्स को देते हैं - 

  • डीप फ्राइड और ज्यादा तेल-घी वाली चीजें: तले-भुने स्नैक्स, जैसे कि व्रत वाले आलू चिप्स, फ्राइड मूंगफली आदि में ट्रांस फैट और सैचुरेटेड फैट्स की मात्रा अधिक होती है। यह फैट्स शरीर में खराब कोलेस्ट्रॉल (LDL) को बढ़ाते हैं, जो दिल की धमनियों में जमा हो सकता है और हार्ट अटैक या स्ट्रोक का खतरा बढ़ाता है। साथ ही यह भोजन पचने में भी भारी होता है, जिससे शरीर पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है। इसलिए तला हुआ भोजन पूरी तरह से टालना चाहिए या बहुत सीमित मात्रा में और कम तेल में तैयार खाना खाना चाहिए।
  • ज्यादा नमक और चीनी वाली चीजें: साल्ट (नमक) का अत्यधिक सेवन ब्लड प्रेशर बढ़ने के प्रमुख कारण हैं। नवरात्रि में अक्सर नमकीन स्नैक्स, प्रोसेस्ड फूड्स, और पैकेट वाले फूड में सोडियम की मात्रा बहुत ज्यादा होती है, जो दिल के लिए हानिकारक है। इसके अतिरिक्त, अधिक चीनी वाली चीजें जैसे कि मिठाई, केक, पैकेज्ड जूस आदि से ब्लड शुगर अनियमित होता है, जिससे मोटापा, डायबिटीज और दिल की बीमारियों का खतरे बढ़ता है।
  • पैक्ड स्नैक्स, बिस्कुट, चिप्स, और फास्ट फूड: इन फूड्स में प्रिजर्वेटिव्स, एडिटिव्स, और ट्रांस फैट्स होते हैं, जो दिल की सेहत के लिए खतरनाक होते हैं। यह खाद्य पदार्थ ब्लड को प्रभावित करते हैं, सूजन बढ़ाते है, और रक्त वाहिकाओं में संकुचन पैदा करते हैं। इसके सेवन से शरीर में कोलेस्ट्रॉल का स्तर और ब्लड प्रेशर नियंत्रण से बाहर हो सकता है।
  • फुल-फैट डेयरी उत्पाद: डेयरी में फुल-फैट दूध, मक्खन, पनीर आदि में सैचुरेटेड फैट होता है, जो न सिर्फ कोलेस्ट्रॉल बढ़ाता है, बल्कि हृदय रोग के मरीजों के लिए जोखिम भी पैदा कर सकता है। खासकर उपवास के दौरान अगर हार्ट पेशेंट इन्हें ज्यादा मात्रा में लेते हैं, तो दिल पर दबाव बढ़ता है। लो-फैट या डेयटरी विकल्प बेहतर होते हैं।
  • हाई ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले फूड्स (जैसे मैदा): मैदा, सफेद ब्रेड, पास्ता आदि में ग्लाइसेमिक इंडेक्स ज्यादा होता है, जो ब्लड शुगर को तेजी से बढ़ाता है। हालांकि यह सारे खाद्य पदार्थों को नवरात्रों में नहीं खाया जाता है। हार्ट पेशेंट्स को सामान्य तौर पर इनका सेवन बिल्कुल नहीं करना चाहिए, क्योंकि अचानक ब्लड शुगर में उतार-चढ़ाव से ब्लड प्रेशर और दिल की स्थिति खराब हो सकती है। इसलिए व्रत के तुरंत बाद इन खाद्य पदार्थों से बचें।
  • सोडा, पैक्ड जूस, और सॉफ्ट ड्रिंक: हो सकता है कि शुगर से भरपूर ये पेय शरीर में डिहाइड्रेशन को बढ़ाएं और यह दिल की धड़कनें भी अनियमित कर दें। इनका बार-बार सेवन वजन बढ़ाता है और कोलेस्ट्रॉल लेवल को असामान्य रूप से प्रभावित करता है।

डॉक्टर की एक्सपर्ट सलाह

डॉक्टर की एक्सपर्ट सलाह मानी जाए तो किसी भी हार्ट पेशेंट्स को नवरात्री के हर दिन फास्ट नहीं रखना चाहिए। यदि आप रखते भी हैं तो खाने का खास ध्यान रखें और निम्न नियमों का पालन ज़रूर करें - 

  • हर दिन खाने का समय फिक्स रखें: खाने का समय नियमित रखना जरूरी है ताकि बॉडी की ऊर्जा बनी रहे और ब्लड शुगर में उतार-चढ़ाव न हो।
  • डाइट में ताजगी और विविधता रखें: रोजाना अलग-अलग फल और सब्जियां लें। प्रयास करें कि सारे फल ताजे और मौसमी हों। इससे शरीर को जरूरी विटामिन्स और मिनरल्स मिलते रहें।
  • पानी की मात्रा 2.5-3 लीटर करें: पर्याप्त हाइड्रेशन से ब्लड प्रेशर और हृदय की सेहत बनी रहती है। हार्ट फेल्योर वाले मरीजों को डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही फ्लुइड्स सीमित करनी चाहिए।
  • हल्का व्यायाम या वॉक करें: रोज़ाना हल्की-फुल्की व्यायाम करने से हृदय मजबूत होता है, लेकिन थकावट या सांस फूलने पर तुरंत रुक जाना चाहिए और यदि ज्यादा समस्या हो, तो तुरंत एक अनुभवी कार्डियोलॉजिस्ट से मिलें और इलाज लें।

दिल के मरीजों को यह समझना जरूरी है कि खान-पान से उनके दिल की सेहत सीधे जुड़ी है। उपवास के दौरान भी यह नियम अपनाकर बिना किसी जोखिम के व्रत पूरा किया जा सकता है। दिल की देखभाल के लिए डॉक्टर से परामर्श लेना हमेशा प्राथमिकता होनी चाहिए।

निष्कर्ष

दिल के मरीज उपवास में सबसे ज्यादा ध्यान अपनी डाइट पर दें। फाइबर, मिनरल्स, हाइड्रेशन और हेल्दी फैट का चुनाव करें। कोई भी परिवर्तन डॉक्टर की सलाह के बिना न करें और स्वस्थ विकल्पों पर फोकस रखें ताकि दिल सुरक्षित रहे और उपवास की अनुभूति सकारात्मक बनी रहे। यह याद रखें कि हृदय रोग के इलाज के लिए कोई भी घरेलू उपाय कारगर साबित नहीं हो सकता है, इसलिए समस्या दिखने पर हमारे अनुभवी हृदय रोग विशेषज्ञ से मिलें और इलाज लें।

अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्न 

क्या हार्ट पेशेंट्स के लिए उपवास डाइट से नुकसान हो सकता है?

सही डाइट, हाइड्रेशन और डॉक्टर की सलाह से उपवास सुरक्षित बन सकता है। गलती से भी तले-भुने, नमकीन, या डिहाइड्रेटिंग चीजें न लें, अन्यथा नुकसान संभव है।

हार्ट पेशेंट्स को व्रत के दौरान कौन-कौन से फल लेने चाहिए?

पपीता, सेब, अमरूद, अनार, केला सबसे ज़्यादा सुरक्षित हैं। प्रयास करें कि मौसमी फल चुनें क्योंकि उन्हें पकाने के लिए केमिकल का उपयोग अक्सर नहीं होता है।

नवरात्रि व्रत में नमक का सेवन कितना रखें?

सेंधा नमक भी सीमित मात्रा में ही करना चाहिए। एक स्वस्थ व्यक्ति को प्रतिदिन अधिकतम 1,500mg से कम ही सोडियम लेना चाहिए। किसी भी स्वास्थ्य समस्या की स्थिति में सोडियम की मात्रा डॉक्टर से कंफर्म करें।

क्या कुट्टू, सिंघाड़ा और साबूदाना लेना सेफ है?

हां, बिना तले और कम घी/तेल में, फल-सब्जियों के साथ इन्हें खाया जा सकता है। इस प्रकार यह स्वस्थ विकल्प बन जाते हैं।

Written and Verified by:

Dr. Ashok B Malpani

Dr. Ashok B Malpani

Senior Consultant Exp: 34 Yr

Cardiology

Book an Appointment

Dr. Ashok B. Malpani is a Senior Consultant in Cardiology Dept. at BM Birla Heart Hospital, Kolkata, with over 34 years of experience. He specializes in complex angioplasty, primary angioplasty, and pacemaker implantation.

Related Diseases & Treatments

Treatments in Kolkata

Cardiology Doctors in Kolkata

NavBook Appt.WhatsappWhatsappCall Now