भारत की कुल आबादी में से लगभग 4.5 से 5 लाख लोग डेस्क जॉब करते हैं। डेस्क जॉब में अक्सर लोगों को लंबे समय तक बैठना, सीमित शारीरिक गतिविधि और अधिक तनाव का सामना करना पड़ता है। यह सारे कारक हमारे हृदय स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं।
भारत की कुल आबादी में से लगभग 4.5 से 5 लाख लोग डेस्क जॉब करते हैं। डेस्क जॉब में अक्सर लोगों को लंबे समय तक बैठना, सीमित शारीरिक गतिविधि और अधिक तनाव का सामना करना पड़ता है। यह सारे कारक हमारे हृदय स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं।
हालांकि हाल के कुछ वर्षों में यह देखा गया है कि डेस्क जॉब करने वाले लोगों में हृदय रोग का जोखिम बढ़ता जा रहा है। यह दर्शाता है कि गतिहीन जीवनशैली और हृदय रोग के बीच एक गहरा संबंध है। इस ब्लॉग में, हम यह पता लगाएंगे कि डेस्क जॉब से दिल के दौरे का खतरा कैसे बढ़ता है। यदि आपको दिल के दौरे के लक्षण दिखे, तो बिना देर किए हमारे या फिर किसी भी अनुभवी हृदय रोग विशेषज्ञ से मिलें और इलाज लें।
रिसर्च में यह सामने आया है कि जो लोग हर रोग 10-11 घंटे या इससे अधिक समय तक गतिहीन जीवनशैली बिताते हैं, तो वह लोग हार्ट अटैक के 40% अधिक जोखिम के दायरे में आते हैं। वहीं डेस्क जॉब वाले लोगों में दूसरे स्थान पर काम करने वाले लोगों में मृत्यु की संभावना अधिक होती है।
इससे हमें यह समझ आता है कि लंबे समय तक बैठे रहने से समग्र स्वास्थ्य, विशेष रूप से हृदय स्वास्थ्य पर हानिकारक प्रभाव पड़ सकता है। यदि आप लंबे समय तक बैठे रहते हैं और इसके साथ-साथ आपको हाई ब्लड प्रेशर, हाई कोलेस्ट्रॉल या रक्त संचार में समस्या जैसी समस्या है, तो आप हृदय रोग के खतरे के दायरे में आते हैं। जब आप लंबे समय तक एक ही स्थान पर बैठे रहते हैं, तो आपका मेटाबॉलिज्म भी कमजोर हो जाता है, जिससे शरीर में फैट जमता है और इंसुलिन प्रतिरोध में वृद्धि होती है।
यदि आप डेस्क जॉब करते हैं, तो हार्ट अटैक के जोखिम को कम करने और दिल की सेहत को बेहतर बनाने के कई तरीके हैं, जिन्हें हम इस ब्लॉग में समझने वाले हैं। यदि आपको बचना है, तो आप निम्न प्रभावी उपायों को अपने दैनिक जीवन में जोड़ सकते हैं -
डेस्क जॉब पर एक्टिव रहना कई बार चुनौतीपूर्ण हो सकता है, लेकिन सही योजना के साथ आप ऐसा आसानी से कर सकते हैं। इन उपायों का उपयोग करके आप ऐसा कर सकते हैं। आप इस ब्लॉग के इस भाग को ऊपर वाले भाग का एक्सटेंडिड भाग कह सकते हैं, लेकिन दोनों ही भाग आपके लिए अहम हैं।
डेस्क जॉब की स्थिति में हृदय स्वस्थ आहार का सेवन बहुत ज्यादा जरूरी है। चलिए आपको बताते हैं कि कैसे आप आहार की मदद से अपने स्वास्थ्य का ख्याल अच्छे से रख सकते हैं -
सबसे पहले आपको समझना होगा कि सिर्फ डेस्क जॉब से दिल की समस्याएं नहीं होती हैं, लेकिन यदि आप सक्रिय नहीं रहते हैं या फिर लगातार डेस्क जॉब करते हैं, तो अपने जीवन में उन अच्छी आदतों को अपनाएं, जिन्हें हमने इस ब्लॉग में आपको बताया है। इसके अतिरिक्त यदि आपको हार्ट अटैक के लक्षण जैसे कि सीने में दर्द, सांस फूलना और चक्कर आना जैसे लक्षण महसूस हो, तो बिना देर किए डॉक्टर से मिलें और इलाज लें। ध्यान रखें कि पुरुषों और महिलाओं में हार्ट अटैक के लक्षण एक समान ही होते हैं। अपनी जीवनशैली में छोटे-छोटे बदलाव करें और अपने दिल को खुश होने के कई मौके दें।
आपको हमेशा यह याद रखना होगा कि हार्ट अटैक को रोकने के लिए रोकथाम बहुत जरूरी है और इन आसान उपायों को अपनी दिनचर्या में शामिल करने से आपके दिल की सेहत पर बहुत गहरा असर पड़ सकता है।
दिन में कम से कम 8 घंटे से ज़्यादा बिना हिले-डुले बैठे रहने से दिल की बीमारी और दिल के दौरे का जोखिम काफ़ी हद तक बढ़ सकता है। यदि आपकी लंबी अवधि की जॉब है, तो प्रयास करें कि निरंतर ब्रेक लें और वॉक पर जाएं।
हां, यदि आप नियमित व्यायाम करते हैं, तो डेस्क जॉब के कारण उत्पन्न होने वाले बुरे प्रभाव को आसानी से कम किया जा सकता है। शारीरिक गतिविधि जैसे कि चलना, जॉगिंग या स्ट्रेंथ ट्रेनिंग को अपने दैनिक जीवनशैली में अपनाएं।
हां, लगातार स्क्रीन देखने और तनाव के कारण हृदय पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इसलिए प्रयास करें कि अपने आंखों को आराम दें और अपने बैठने के पोस्चर को भी ठीक करें। तनाव को कम करने से आपके हृदय को स्वस्थ रखने में मदद मिल सकती है।
दिल को स्वस्थ रखने के लिए, फाइबर (होल ग्रेन्स, फल और सब्जियां), हेल्दी फैट (जैतून का तेल, एवोकाडो, नट्स) और ओमेगा-3 फैटी एसिड (वसायुक्त मछली, अलसी, अखरोट) से भरपूर खाद्य पदार्थ शामिल करें। इसके अतिरिक्त आप डाइटिशियन की भी मदद ले सकते हैं।
Written and Verified by:
Similar Blogs
गर्मी आपके दिल को कैसे प्रभावित करती है और कैसे सुरक्षित रहें
read moreयुवा और उच्च कोलेस्ट्रॉल: 30 की उम्र में छिपा ख़तरा
read moreबिना सीने में दर्द के हार्ट अटैक कैसे पहचानें? जानें जरूरी संकेत और बचाव
read moreBlood Oxygen Levels: Normal Range, Causes of Low SpO₂ & Tips to Improve
read moreBook Your Appointment TODAY
© 2024 BMB Kolkata. All Rights Reserved.