तनाव हमारे शरीर के लिए दो धारी तलवार के रूप में कार्य करता है। जब भी किसी भी व्यक्ति को तनाव होता है, तो उसके शरीर में एड्रेनालाईन और कॉर्टिसोल नामक हार्मोन का निर्माण तेज हो जाता है। इस हार्मोन के निर्माण के साथ हमारे हृदय गति में भी अस्थायी रूप से बढ़ने लगती है, जिससे रक्त वाहिकाओं में संकुचन भी होती है।
क्या आप या फिर आपके परिवार में कोई भी उच्च रक्तचाप या हाइपरटेंशन से परेशान है? डरे नहीं आप इसका सामना करने वाले अकेले व्यक्ति नहीं है। दुनिया भर में लाखों लोग इस स्थिति का सामना कर रहे हैं। उच्च रक्तचाप की समस्या कई कारणों से एक व्यक्ति को परेशान कर सकती है, जिसमें से तनाव एक प्रमुख कारण है।
दिलचस्प बात यह है कि हम सभी अपने जीवन में कभी न कभी तनाव का सामना करते ही हैं। यही कारण है कि हमें तनाव और उच्च रक्तचाप के बीच के संबंध को सबसे पहले समझना चाहिए। चलिए इस ब्लॉग की मदद से यह जानने का प्रयास करते हैं कि तनाव और उच्च रक्तचाप का क्या संबंध है? हाइपरटेंशन या फिर हृदय रोग की स्थिति में एक अनुभवी हृदय रोग विशेषज्ञ से परामर्श करना आपके सेहत के लिए लाभकारी हो सकता है।
तनाव हमारे शरीर के लिए दो धारी तलवार के रूप में कार्य करता है। जब भी किसी भी व्यक्ति को तनाव होता है, तो उसके शरीर में एड्रेनालाईन और कॉर्टिसोल नामक हार्मोन का निर्माण तेज हो जाता है। इस हार्मोन के निर्माण के साथ हमारे हृदय गति में भी अस्थायी रूप से बढ़ने लगती है, जिससे रक्त वाहिकाओं में संकुचन भी होती है।
हालांकि यह प्रतिक्रिया इमरजेंसी स्थिति में बहुत लाभकारी साबित हो सकती है। लेकिन लगातार तनाव के बने रहने के कारण कई समस्याएं भी उत्पन्न हो सकती हैं, जैसे कि हाई ब्लड प्रेशर। यदि तनाव को स्थिर नहीं किया गया, तो इसके कारण बहुत सारी समस्याएं जैसे कि हृदय रोग, स्ट्रोक और मधुमेह जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
तनाव की स्थिति में हमारा शरीर अत्यधिक सक्रिय रहता है, जिससे रक्तचाप बढ़ाने वाले हार्मोन का उत्पादन तेज हो जाता है, जिससे हाई बीपी जैसे लक्षण उत्पन्न होते हैं। इस प्रतिक्रिया के कारण हमारा शरीर मांसपेशियों और सभी अंगों को किसी संभावित खतरे के लिए सूचित करता है।
हालांकि, यदि तनाव के पीछे का कारण आपके ऑफिस का काम, पारिवारिक समस्याएं या वित्तीय समस्या के कारण उत्पन्न होने वाला लगातार दबाव है, तो इसके कारण हृदय पर अतिरिक्त दबाव पड़ना निश्चित है। तनाव के कारण होने वाला हाई ब्लड प्रेशर न केवल हृदय को प्रभावित करता है, बल्कि अन्य अंगों को भी प्रभावित करता है, जिसकी वजह से सिरदर्द, दिल की धड़कन का तेज होना और थकान जैसे तनाव के लक्षण दिखाई देते हैं। तनाव का प्रबंधन बहुत ज्यादा अनिवार्य है, अन्यथा यह आपके सेहत के लिए हानिकारक साबित हो सकता है।
अक्सर हम सभी उच्च रक्तचाप और तनाव के लक्षणों को एक ही समझ लेते हैं। उच्च रक्तचाप के लक्षणों में सिरदर्द होना, चक्कर आना और अनियमित दिल की धड़कन शामिल है, जो तनाव की स्थिति में भी उत्पन्न होते हैं। दोनों के लक्षणों में सिर्फ एक ही चीज अलग है और वह है लक्षणों का लगातार बने रहना।
तनाव की स्थिति में यह सारे लक्षण कुछ ही समय में तेजी से बढ़ते हैं और तुरंत कम हो जाते हैं, लेकिन उच्च रक्तचाप की स्थिति में यह लक्षण लगातार बने रहते हैं। यदि तनाव के कारण आपके रक्तचाप में लगातार वृद्धि रहती है, तो यह संकेत देता है कि आपको इलाज की सख्त आवश्यकता है।
लक्षणों के उत्पन्न होते ही, हम आपको सलाह देंगे कि तुरंत एक अच्छे एवं अनुभवी हृदय रोग विशेषज्ञ से परामर्श लें और इलाज के सभी विकल्पों पर विचार करें।
उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने का सबसे प्रभावी तरीका ही तनाव को मैनेज करना है। तनाव को कम करने के लिए आप निम्न उपायों का पालन कर सकते हैं -
कई रिसर्च में सामने आया है कि नियमित व्यायाम न केवल तनाव के लक्षणों को कम करता है, बल्कि हृदय प्रणाली को भी मजबूत करने का कार्य करता है। यदि आप तनाव और उच्च रक्तचाप, दोनों ही स्थिति का सामना कर रहे हैं, तो वेट ट्रेनिंग न करें। ऐसा करने से रक्तचाप में वृद्धि होती है। इसके अतिरिक्त तनाव को कम करने के लिए आप अपने परिजनों के साथ बैठें और अपने दोस्तों के साथ समय व्यतीत करें।
तनाव का प्रबंधन एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे आपके जीवन की गुणवत्ता में सुधार होना निश्चित है। सबसे पहले तो तनाव के कारणों की पहचान करें और फिर इसके इलाज के लिए डॉक्टर से बात करें। डॉक्टर से बात करने से पहले हम आपको सलाह देंगे कि स्वस्थ जीवन शैली का पालन करें और संतुलित आहार को अपनी जीवनशैली में जोड़ें।
इसके अतिरिक्त, यदि आपको भी उच्च रक्तचाप का निदान हुआ है, तो सबसे पहले बिना देर किए हृदय रोग विशेषज्ञ से मिलें और इलाज के विकल्पों पर विचार करें। ब्लड प्रेशर के उच्च स्तर को कम करने के लिए कुछ दवाएं दी जा सकती हैं, जिसके साथ आपको अपने आहार में बदलाव करने को भी कहा जा सकता है। इसके अतिरिक्त नियमित स्वास्थ्य जांच भी आपके लिए महत्वपूर्ण है।
हां, तनाव और डिप्रेशन जैसी स्थितियां भी अस्थायी रूप से ब्लड प्रेशर के स्तर में वृद्धि कर सकती है। यदि ठीक से इसका प्रबंधन नहीं किया गया, तो इसके कारण बहुत सारी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
तनाव के दौरान रक्तचाप को बढ़ाने वाले प्राथमिक हार्मोन एड्रेनालाईन और कोर्टिसोल है, जो शरीर की तनाव की प्रतिक्रिया में मुख्य भूमिका निभाते हैं।
सभी तनाव उच्च रक्तचाप का कारण नहीं बनते है। जो तनाव लगातार बने रहे, सिर्फ वही उच्च रक्तचाप का कारण बनते हैं।
हां, खराब नींद की गुणवत्ता या अपर्याप्त नींद तनाव के स्तर को बढ़ा सकती है, जिससे रक्तचाप बढ़ सकता है। यदि यही ब्लड प्रेशर लंबे समय तक इसी तरह रहता है, तो यह आपके पूरे जीवन को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है।
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