सबसे पहले हमें यह समझना होगा कि दिल का दौरा क्या है? दिल के दौरे को चिकित्सा भाषा में मायोकार्डियल इंफार्क्शन कहा जाता है। यह समस्या तब उत्पन्न होती है, जब हृदय की मांसपेशियों के एक भाग में रक्त प्रवाह में बाधा उत्पन्न हो जाती है। आमतौर पर यह समस्या कोरोनरी धमनियों में रुकावट के कारण उत्पन्न होती है।
खिलाड़ियों का शरीर मजबूत होता है और उनके शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी काफी हद तक मजबूत होती है, लेकिन कुछ दुर्लभ घटनाएं देखी गई हैं, जिसमें एथलीटों में अचानक हार्ट अटैक से मृत्यु के मामले देखे गए हैं। इस स्थिति को समझना और इसका निवारण करना बहुत ज्यादा जरूरी है।
इस ब्लॉग की मदद से एथलीटों में अचानक हार्ट अटैक से मृत्यु के कारण और बचाव के उपायों के बारे में हम बात करने वाले हैं। इससे सभी एथलीट अपने सेहत का खास ख्याल रख सकते हैं। हार्ट की इमरजेंसी में सबसे आवश्यक होता है, समय पर इलाज के लिए आप हमारे हार्ट स्पेशलिस्ट से मिल सकते हैं।
सबसे पहले हमें यह समझना होगा कि दिल का दौरा क्या है? दिल के दौरे को चिकित्सा भाषा में मायोकार्डियल इंफार्क्शन कहा जाता है। यह समस्या तब उत्पन्न होती है, जब हृदय की मांसपेशियों के एक भाग में रक्त प्रवाह में बाधा उत्पन्न हो जाती है। आमतौर पर यह समस्या कोरोनरी धमनियों में रुकावट के कारण उत्पन्न होती है।
यदि किसी भी कारणवश हृदय तक ऑक्सीजन युक्त रक्त नहीं पहुंच पाता है या किसी भी कारण कमी आती है और इसका इलाज नहीं होता है, तो इसके कारण हृदय की मांसपेशियों को अपरिवर्तनीय क्षति पहुंच सकती है। हृदयाघात के मामले में सीने में दर्द या बेचैनी, सांस लेने में तकलीफ, जबड़े, गर्दन, पीठ, हाथ या कंधे तक दर्द और मतली या चक्कर आना जैसे लक्षण उत्पन्न हो सकते हैं।
एथलीटों में हृदय आघात के कारणों को समझने से हम इसके इलाज की योजना भी बना सकते हैं जैसे कि -
इन स्थितियों का पता बिना उत्तम जांच के नहीं चल पाता है। इसलिए सभी एथलीट को समय-समय पर अपने दिल की जांच करानी चाहिए।
खिलाडियों की हृदय आघात से मृत्यु एक दुर्लभ लेकिन विनाशकारी घटना है। सभी खेलों में से भी फुटबॉल और बास्केटबॉल के खिलाड़ी इस जोखिम के दायरे में होते हैं, क्योंकि इसमें अधिक तीव्रता देखी जाती है। इस बात में कोई संदेह नहीं है कि सभी खिलाड़ी स्वस्थ होते हैं और हृदय रोगों से दूर भी रहते हैं, लेकिन हजारों में से एक मामला ऐसा ज़रूर होता है, जिसमें एथलीट में हृदय आघात की समस्या देखी गई है।
पुरुष एथलीट में यह समस्या अधिक आम है, जिसका कोई विशेष कारण नहीं है। इसके अतिरिक्त अफ्रीकी-अमेरिकी एथलीट भी सभी खिलाड़ियों की तुलना में हृदय आघात के खतरे के दायरे में होते हैं।
एथलीटों में दिल के दौरे को रोकने के लिए कुछ आवश्यक सुझावों को हमने नीचे विस्तार से बताया है, जिसका पालन कोई भी कर सकता है, जो किसी भी खेल प्रतियोगिता में भाग लेने वाला है। निम्न सुझावों का पालन करें -
नियमित जांच की मदद से हृदय आघात की संभावनाओं को पहले से ही खत्म करके एक स्वस्थ जीवन जीने में मदद मिल सकता है। यदि आप एक एथलीट हैं और आपको लगता है कि आप किसी भी हृदय रोग के जोखिम के दायरे में आते हैं, तो सबसे पहले तो डॉक्टर से बात करें और अपने स्वास्थ्य के बारे में विचार करें। इसके अतिरिक्त आप हृदय स्वस्थ जीवनशैली को अपनाएं और स्वयं को हृदय आघात से बचाएं। स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए निम्न स्थितियों का आप पालन कर सकते हैं -
यह मानना कि खिलाड़ियों को सडन हार्ट अटैक आ सकता है, यह थोड़ा मुश्किल है। लेकिन हजारों में एक मामला ही सही लेकिन खिलाड़ियों को भी हार्ट अटैक का सामना करना पड़ सकता है। यदि कारण की पुष्टि सही समय पर हो जाए और आप सही समय पर निवारक उपाय कर लें, तो आप मृत्यु की संभावनाओं को भी खत्म कर सकते हैं।
नियमित चिकित्सा जांच, लक्षणों के बारे में जागरूकता और स्वस्थ जीवन शैली बनाए रखने से आपको हृदय आघात के जोखिम से बचने में काफी मदद मिलेगी।
हां, एथलीटों को हृदय की नियमित जांच अवश्य करानी चाहिए, क्योंकि इससे वह कई स्वास्थ्य समस्याओं को आसानी से टाल सकते हैं।
ऐसा बिल्कुल नहीं है कि एथलीट को अचानक हृदयाघात बहुत ज्यादा होता है। हालांकि हर व्यक्ति जो कि हृदय रोग या हार्ट अटैक के जोखिम के दायरे में आते हैं, वही व्यक्ति इस स्थिति के ज्यादा करीब होता है।
हृदयाघात के लक्षण हर व्यक्ति में एक समान ही होते हैं। हालांकि खेलते हुए जमीन पर गिर जाना या चक्कर आना भी इस स्थिति का मुख्य लक्षण है।
एथलीट दिल का दौरा पड़ने के बाद फिर से खेल सकते हैं, लेकिन उन्हे ऐसा नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से पहले कंप्लीट रिकवरी की हम सलाह देंगे और अपने डॉक्टर से नियमित परामर्श ज़रूर करें।
Written and Verified by:
Dr. Raja Dhar has joined as Director & HOD, Department of Pulmonology at The Calcutta Medical Research Institute. Dr Dhar brings with himself more than 27 years of experience in Pulmonology, Critical Medical Management and Interventional Pulmonology. Dr. Dhar is proficient in all disciplines of Respiratory Medicine including airways disease, pulmonary fibrosis, pulmonary hypertension, transplant, lung cancer, sleep medicine, lung infections including TB, and respiratory emergencies. His special interest lies in Interventional Pulmonology including electrocautery, APC, cryotherapy, stent placements and Medical Thoracoscopy. He is passionate about teaching and is an avid researcher and academician.
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