खिलाड़ियों में दिल के दौरे का खतरा: कारण, लक्षण और बचाव के उपाय
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खिलाड़ियों में दिल के दौरे का खतरा: कारण, लक्षण और बचाव के उपाय

Cardiology | by Dr. Raja Dhar on 19/02/2025

Summary

सबसे पहले हमें यह समझना होगा कि दिल का दौरा क्या है? दिल के दौरे को चिकित्सा भाषा में मायोकार्डियल इंफार्क्शन कहा जाता है। यह समस्या तब उत्पन्न होती है, जब हृदय की मांसपेशियों के एक भाग में रक्त प्रवाह में बाधा उत्पन्न हो जाती है। आमतौर पर यह समस्या कोरोनरी धमनियों में रुकावट के कारण उत्पन्न होती है।

खिलाड़ियों का शरीर मजबूत होता है और उनके शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी काफी हद तक मजबूत होती है, लेकिन कुछ दुर्लभ घटनाएं देखी गई हैं, जिसमें एथलीटों में अचानक हार्ट अटैक से मृत्यु के मामले देखे गए हैं। इस स्थिति को समझना और इसका निवारण करना बहुत ज्यादा जरूरी है। 

इस ब्लॉग की मदद से एथलीटों में अचानक हार्ट अटैक से मृत्यु के कारण और बचाव के उपायों के बारे में हम बात करने वाले हैं। इससे सभी एथलीट अपने सेहत का खास ख्याल रख सकते हैं। हार्ट की इमरजेंसी में सबसे आवश्यक होता है, समय पर इलाज के लिए आप हमारे हार्ट स्पेशलिस्ट से मिल सकते हैं।

दिल के दौरे को समझें

सबसे पहले हमें यह समझना होगा कि दिल का दौरा क्या है? दिल के दौरे को चिकित्सा भाषा में मायोकार्डियल इंफार्क्शन कहा जाता है। यह समस्या तब उत्पन्न होती है, जब हृदय की मांसपेशियों के एक भाग में रक्त प्रवाह में बाधा उत्पन्न हो जाती है। आमतौर पर यह समस्या कोरोनरी धमनियों में रुकावट के कारण उत्पन्न होती है।

यदि किसी भी कारणवश हृदय तक ऑक्सीजन युक्त रक्त नहीं पहुंच पाता है या किसी भी कारण कमी आती है और इसका इलाज नहीं होता है, तो इसके कारण हृदय की मांसपेशियों को अपरिवर्तनीय क्षति पहुंच सकती है। हृदयाघात के मामले में सीने में दर्द या बेचैनी, सांस लेने में तकलीफ, जबड़े, गर्दन, पीठ, हाथ या कंधे तक दर्द और मतली या चक्कर आना जैसे लक्षण उत्पन्न हो सकते हैं। 

एथलीटों में दिल के दौरे के कारण

एथलीटों में हृदय आघात के कारणों को समझने से हम इसके इलाज की योजना भी बना सकते हैं जैसे कि - 

  • हाइपरट्रॉफिक कार्डियोमायोपैथी (HCM): यह एक आनुवंशिक विकार है, जिसमें हृदय की मांसपेशियां मोटी हो जाती है, जिसके कारण रक्त प्रवाह में बाधा उत्पन्न हो जाती है। इसकी वजह से हृदय अतालता की समस्या हो सकती है। 
  • कोरोनरी धमनी विसंगतियां: जन्मजात दोष जहां कोरोनरी धमनियां असामान्य रूप से स्थित या संरचित होती है, जो संभावित रूप से तीव्र व्यायाम के दौरान रक्त प्रवाह को बाधित कर सकती है। 
  • मायोकार्डिटिस: यह स्थिति हृदय की मांसपेशियों में सूजन है, जिसके पीछे का कारण वायरल संक्रमण होता है, जिसकी वजह से हृदय की मांसपेशियां कमजोर होने लग जाती है और इसकी लय को बाधित कर देती है।
  • एराइथमॉजेनिक राइट वेंट्रिकुलर कार्डियोमायोपैथी (ARVC): यह एक ऐसी स्थिति है, जिसमें हृदय की मांसपेशी को वसायुक्त या फाइबरस ऊतक द्वारा बदल दिया जाता है, जिससे अतालता की समस्या होती है।
  • लॉन्ग क्यूटी सिंड्रोम: यह एक आनुवंशिक विकार है, जिसकी वजह से दिल की इलेक्ट्रॉनिक सिग्नल प्रभावित होती है, जिससे जान को भी खतरा हो सकता है। 

इन स्थितियों का पता बिना उत्तम जांच के नहीं चल पाता है। इसलिए सभी एथलीट को समय-समय पर अपने दिल की जांच करानी चाहिए। 

युवा एथलीटों में अचानक हृदय की मृत्यु का जोखिम

खिलाडियों की हृदय आघात से मृत्यु एक दुर्लभ लेकिन विनाशकारी घटना है। सभी खेलों में से भी फुटबॉल और बास्केटबॉल के खिलाड़ी इस जोखिम के दायरे में होते हैं, क्योंकि इसमें अधिक तीव्रता देखी जाती है। इस बात में कोई संदेह नहीं है कि सभी खिलाड़ी स्वस्थ होते हैं और हृदय रोगों से दूर भी रहते हैं, लेकिन हजारों में से एक मामला ऐसा ज़रूर होता है, जिसमें एथलीट में हृदय आघात की समस्या देखी गई है। 

पुरुष एथलीट में यह समस्या अधिक आम है, जिसका कोई विशेष कारण नहीं है। इसके अतिरिक्त अफ्रीकी-अमेरिकी एथलीट भी सभी खिलाड़ियों की तुलना में हृदय आघात के खतरे के दायरे में होते हैं। 

एथलीटों में दिल के दौरे को रोकने के लिए सुझाव

एथलीटों में दिल के दौरे को रोकने के लिए कुछ आवश्यक सुझावों को हमने नीचे विस्तार से बताया है, जिसका पालन कोई भी कर सकता है, जो किसी भी खेल प्रतियोगिता में भाग लेने वाला है। निम्न सुझावों का पालन करें - 

  • भागीदारी से पहले जांच: किसी भी प्रतियोगिता से पहले डॉक्टर से मिलें और पूर्ण शारीरिक जांच करवाएं। इसके अतिरिक्त हृदय आघात की फैमिली हिस्ट्री की स्थिति में आपको अपने हृदय की कार्यक्षमता और पहले से मौजूद किसी ब्लॉकेज की जानकारी अवश्य होनी चाहिए। 
  • लक्षणों के बारे में जागरूकता: यदि खेल, प्रैक्टिस या फिर वार्म के दौरान ही सीने में दर्द की समस्या उत्पन्न होती है, तो इसे आपको चेतावनी के संकेत के तौर पर ही देखना चाहिए और तुरंत एक अनुभवी कार्डियोलॉजिस्ट से मिलना चाहिए। सीने में दर्द के साथ सांस लेने में तकलीफ, घबराहट या बार-बार बेहोश होने जैसे लक्षण आपको परेशान कर सकते हैं, जिनका अनुभव होने पर तुरंत डॉक्टर से मिलें। 
  • परफोमेंस एन्हांसर न लें: एनाबॉलिक स्टेरॉयड, या अन्य प्रदर्शन बढ़ाने वाली दवाओं के इस्तेमाल से हृदय आघात का जोखिम बढ़ सकता है। कुछ लोग जिम से पहले प्री वर्क आउट भी अधिक मात्रा में ले लेते हैं, जिससे भी बचने की सलाह दी जाती है। 
  • धीरे-धीरे प्रैक्टिस शुरू करें: प्रयास करें कि किसी भी प्रतियोगिता से पहले ट्रेनिंग सेशन ज़रूर अटेंड करें और ट्रेनिंग सेशन में भी धीरे-धीरे अपने प्रैक्टिस की शुरुआत करें। इससे हृदय खेल के अनुरूप रहता है।
  • आपातकालीन तैयारी: किसी भी टीम में एक इमेंर्जेंसी सुविधा ज़रूर होनी चाहिए, जिसमें हृदय संबंधित आपात स्थिति में सुविधा खिलाडियों तक आसानी से पहुंचाई जा सके।

नियमित जांच और स्वस्थ जीवन शैली का महत्व

नियमित जांच की मदद से हृदय आघात की संभावनाओं को पहले से ही खत्म करके एक स्वस्थ जीवन जीने में मदद मिल सकता है। यदि आप एक एथलीट हैं और आपको लगता है कि आप किसी भी हृदय रोग के जोखिम के दायरे में आते हैं, तो सबसे पहले तो डॉक्टर से बात करें और अपने स्वास्थ्य के बारे में विचार करें। इसके अतिरिक्त आप हृदय स्वस्थ जीवनशैली को अपनाएं और स्वयं को हृदय आघात से बचाएं। स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए निम्न स्थितियों का आप पालन कर सकते हैं - 

  • संतुलित आहार का सेवन करें
  • नियमित व्यायाम करें
  • खुद को हाइड्रेट रखें
  • तनाव को कम करने का प्रयास करें। 
  • धूम्रपान से बचें और शराब का सेवन सीमित करें या बंद करें
  • प्रोसेस्ड फूड से दूरी बनाएं।

निष्कर्ष

यह मानना कि खिलाड़ियों को सडन हार्ट अटैक आ सकता है, यह थोड़ा मुश्किल है। लेकिन हजारों में एक मामला ही सही लेकिन खिलाड़ियों को भी हार्ट अटैक का सामना करना पड़ सकता है। यदि कारण की पुष्टि सही समय पर हो जाए और आप सही समय पर निवारक उपाय कर लें, तो आप मृत्यु की संभावनाओं को भी खत्म कर सकते हैं। 

नियमित चिकित्सा जांच, लक्षणों के बारे में जागरूकता और स्वस्थ जीवन शैली बनाए रखने से आपको हृदय आघात के जोखिम से बचने में काफी मदद मिलेगी।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

 

क्या एथलीटों को नियमित रूप से हृदय की जांच की आवश्यकता होती है?

हां, एथलीटों को हृदय की नियमित जांच अवश्य करानी चाहिए, क्योंकि इससे वह कई स्वास्थ्य समस्याओं को आसानी से टाल सकते हैं। 

क्या एथलीट अचानक हृदयाघात के लिए अधिक प्रवण हैं?

ऐसा बिल्कुल नहीं है कि एथलीट को अचानक हृदयाघात बहुत ज्यादा होता है। हालांकि हर व्यक्ति जो कि हृदय रोग या हार्ट अटैक के जोखिम के दायरे में आते हैं, वही व्यक्ति इस स्थिति के ज्यादा करीब होता है। 

क्या एथलीटों में अचानक हृदयाघात के लक्षण अलग-अलग होते हैं?

हृदयाघात के लक्षण हर व्यक्ति में एक समान ही होते हैं। हालांकि खेलते हुए जमीन पर गिर जाना या चक्कर आना भी इस स्थिति का मुख्य लक्षण है। 

क्या एथलीट दिल का दौरा पड़ने के बाद फिर से खेल सकते हैं?

एथलीट दिल का दौरा पड़ने के बाद फिर से खेल सकते हैं, लेकिन उन्हे ऐसा नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से पहले कंप्लीट रिकवरी की हम सलाह देंगे और अपने डॉक्टर से नियमित परामर्श ज़रूर करें।

Written and Verified by:

Dr. Raja Dhar

Dr. Raja Dhar

Director & HOD, Pulmonology Exp: 27 Yr

Pulmonology

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