मायोकार्डिटिस: हृदय की सूजन को समझना

मायोकार्डिटिस: हृदय की सूजन को समझना

Cardiology |by Dr. Sabyasachi Pal| Published on 06/12/2024

इस बात में कोई संक्षय नहीं है कि हृदय हमारे शरीर का सबसे महत्वपूर्ण अंग है, जो निरंतरता के साथ रक्त को पंप करता है और हमारे जीवन की रक्षा करता है। हालांकि कुछ मामलों में इसे कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है, जिससे हृदय के साथ-साथ पूरे शरीर को भी अच्छा खासा नुकसान उठाना पड़ता है। 

सभी परेशानियों में से एक परेशानी है मायोकार्डिटिस, जिसे अक्सर अनदेखा कर दिया जाता है। इसके पीछे का कारण है, जानकारी का अभाव, जो आपको इस ब्लॉग से मिल जाएगी। हृदय से संबंधित किसी भी प्रकार की समस्या के इलाज के लिए हम आपको सलाह देंगे कि बिना स्थिति को नजरअंदाज किए हमारे या किसी भी अनुभवी एवं सर्वश्रेष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ से मिलें और इलाज के सभी विकल्पों के बारे में जानें।

मायोकार्डिटिस क्या है?

मायोकार्डिटिस (Myocarditis in hindi) वह स्थिति है, जिसमें हृदय की मांसपेशियों (मायोकार्डियम) में सूजन या हार्ट में सूजन आ जाती है। हृदय में यह सूजन रक्त को कुशलता से पंप नहीं करने देता है, जिसके कारण असामान्य हृदय गति, हृदय गति का रुकना या अन्य गंभीर जटिलताएं उत्पन्न हो सकती हैं। 

गंभीर मामलों में, आपका दिल इतना कमजोर हो सकता है कि वह शरीर के बाकी हिस्सों में पर्याप्त रक्त को पंप न कर पाए। इसके कारण हृदय में रक्त का थक्का बन जाता है, जिससे स्ट्रोक और दिल के दौरे जैसी गंभीर समस्याएं उत्पन्न हो सकती है। इस समस्या से कोई भी प्रभावित हो सकता है, लेकिन इसके जोखिम कारक बहुत सारे हैं। हृदय के संबंध में लापरवाही आपके लिए हानिकारक साबित हो सकती है। 

हार्ट में सूजन क्यों होता है?

हृदय में सूजन का सबसे प्रमुख कारण है, बाहरी कारकों की वजह से प्रतिरक्षा प्रणाली का ट्रिगर होना। निम्न कारणों की वजह से हमारे शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली ट्रिगर होती है - 

  • वायरल संक्रमण: कुछ प्रकार के वायरल संक्रमण जैसे कि फ्लू, एडिनोवायरस या यहाँ तक कि COVID-19 जैसे सामान्य वायरस हृदय की मांसपेशियों के मोटे होने का एक मुख्य कारण है। यह शरीर के रोग प्रतिरोधक क्षमता के साथ-साथ हृदय की समस्या के लिए भी जिम्मेदार होता है। 
  • बैक्टीरियल और फंगल संक्रमण: यह कम मामलों में देखा जाता है। कुछ बैक्टीरिया जैसे कि स्टैफिलोकोकस या स्ट्रेप्टोकोकस या फंगल संक्रमण इस समस्या को ट्रिगर कर सकते हैं। 
  • ऑटोइम्यून रोग: ल्यूपस या रुमेटाइड आर्थराइटिस जैसी स्वास्थ्य समस्याएं शरीर के कुछ ऊतकों पर हमला करते हैं, जिसमें हृदय की मांसपेशियां मुख्य ऊतक है।
  • विषाक्त पदार्थ और दवाएं: कुछ दवाएं जैसे कि कैंसर की दवा हृदय की मांसपेशियों को मोटा कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त कोकेन, अधिक शराब और अन्य नशीली पदार्थ के सेवन से भी हृदय की मांसपेशियां मोटी हो जाती हैं। 
  • एलर्जिक प्रतिक्रियाएं: कुछ दवाओं या पदार्थों से एलर्जी हो सकती है। इसमें से एक मुख्य एलर्जी हृदय की मांसपेशियों का मोटा होना। 

मायोकार्डिटिस के लक्षण

मायोकार्डिटिस की स्थिति में अलग-अलग लक्षण उत्पन्न हो सकते हैं। कुछ मामलों में तो हार्ट में सूजन के लक्षण बहुत कम दिखाई देते हैं, वहीं कुछ में यह स्थिति जानलेवा बन जाती है। मायोकार्डिटिस के सामान्य लक्षण इस प्रकार हैं - 

कुछ लोगों में, मायोकार्डिटिस बिना किसी लक्षण के हो सकता है, जिसका पता केवल मेडिकल टेस्ट से ही चल सकता है।

दिल की सूजन किसे प्रभावित करती है?

मायोकार्डिटिस की समस्या किसी भी व्यक्ति को प्रभावित कर सकती है, लेकिन कुछ लोग इस रोग के जोखिम के दायरे में होते हैं - 

  • युवा वयस्क: विशेष रूप से पुरुष, वायरल संक्रमण के कारण होने वाले मायोकार्डिटिस की समस्या के दायरे में आते हैं।
  • ऑटोइम्यून विकार: जिन व्यक्तियों में प्रतिरक्षा प्रणाली अधिक सक्रिय रहती है, उनमें भी हृदय की मांसपेशियों में सूजन की समस्या होती है, जिसके बाद हार्ट में सूजन का इलाज बहुत महत्व रखता है।
  • बच्चे और किशोर: हालांकि दुर्लभ मामलों में यह होता है, लेकिन बच्चों में मायोकार्डिटिस अधिक तीव्र रूप से प्रकट हो सकता है। इसके परिणामस्वरूप बच्चों के स्वास्थ्य पर अधिक प्रभाव देखने को मिलता है।

दिल की सूजन का इलाज कैसे किया जाता है? 

हृदय की सूजन का इलाज इसके कारण और गंभीरता पर निर्भर करता है। इलाज के लिए विभिन्न विकल्प मौजूद है, जिसको एक-एक करके नीचे समझाया गया है - 

  • दवाएं: कुछ दवाएं हैं जो सूजन को कम कर सकती हैं। इसके अतिरिक्ति एंटीवायरल या एंटीबायोटिक थेरेपी का भी उपयोग किया जा सकता है। कुछ मामलों में बीटा-ब्लॉकर्स या एसीई इनहिबिटर जैसी दवाएं भी दी जा सकती हैं। 
  • जीवनशैली में बदलाव: हृदय को स्वस्थ रखने के लिए आराम करना बहुत ज़रूरी है। अक्सर तेज शारीरिक गतिविधि से बचने की सलाह दी जाती है। इसके अतिरिक्त अपने आहार का भी खास ख्याल रखने की सलाह दी जाती है। 
  • अस्पताल में भर्ती: गंभीर मामलों में हृदय के कार्य की निगरानी और ऑक्सीजन या इंट्रावीनस दवाओं से इलाज के विकल्प के लिए आपको अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता होगी। 
  • एडवांस इलाज: इस इलाज के विकल्प की आवश्यकता बहुत ही कम मामलों में पड़ती है। हार्ट फेल्योर की स्थिति में वेंट्रिकुलर असिस्ट डिवाइस (VAD) या हार्ट ट्रांसप्लांट जैसे उपचार विकल्प की आवश्यकता पड़ सकती है। 

निष्कर्ष

मायोकार्डिटिस एक ऐसी स्थिति है, जिसमें ध्यान देने और समय पर हस्तक्षेप की आवश्यकता होती है। हृदय की सूजन के लक्षणों को पहचानना और तुरंत चिकित्सा देखभाल प्राप्त करना जटिलताओं को रोक सकता है। किसी भी प्रकार के लक्षण दिखने पर तुरंत एक अच्छे डॉक्टर से मिलें और इलाज के सभी विकल्पों पर विचार करें। इसके लिए आप हमारे हृदय रोग विशेषज्ञ से भी परामर्श लें सकते हैं।

मायोकार्डिटिस के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न


क्या मायोकार्डिटिस के उपचार के बाद हृदय सामान्य हो सकता है?

हां, कई रोगी समय पर उपचार के साथ पूरी तरह से ठीक हो जाते हैं। हालांकि, कुछ को दीर्घकालिक प्रभाव, जैसे कमजोर हृदय कार्य या पुरानी सूजन का अनुभव हो सकता है।

क्या मायोकार्डिटिस से मृत्यु का जोखिम है?

हालांकि दुर्लभ, गंभीर मायोकार्डिटिस हृदय गति रुकने या अचानक हृदय गति रुकने जैसी जानलेवा जटिलताओं को जन्म दे सकता है, खासकर अगर इसका इलाज न किया जाए।

क्या बच्चों और वयस्कों के बीच मायोकार्डिटिस का प्रभाव अलग-अलग होता है?

हां, बच्चों को अधिक तीव्र लक्षण अनुभव हो सकते हैं और वे तेजी से गंभीर स्थिति में पहुंच सकते हैं। वयस्कों में अक्सर अधिक विविध प्रस्तुतियाँ होती हैं और उपचार के साथ वे अधिक स्थिर रूप से ठीक हो सकते हैं।

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