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अचानक हृदयाघात से मृत्यु: जोखिम कारक, रोकथाम और चेतावनी संकेत

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अचानक हृदयाघात से मृत्यु: जोखिम कारक, रोकथाम और चेतावनी संकेत

Cardiology | by Dr. Ashok B Malpani | Published on 15/10/2024


आपने कभी न कभी हार्ट अटैक के बारे में सुना ही होगा। आप इसे ऐसा समझ सकते हैं कि आपके शरीर के सबसे महत्वपूर्ण मांसपेशियों में अचानक बिजली चली जाए। कल्पना कीजिए कि आपका दिल, जो एक पंप है, अचानक उसे अपना ईंधन न मिले तो इसका परिणाम क्या होगा? दिल की गति रुक जाएगी और अगर इलाज न किया जाए, तो यह पूरी तरह से रुक भी सकता है।

चलिए इस ब्लॉग की मदद से जानते हैं कि हृदयाघात के खतरा को कैसे पहचानें और इससे कैसे बचें। हृदय से संबंधित किसी भी समस्या को कभी भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। इसके लिए एक अनुभवी एवं सर्वश्रेष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ से जरूर मिलें और इलाज लें।

हृदयाघात क्या है?

दिल का दौरा,हार्ट अटैक, हृदयाघात या मायोकार्डियल इंफार्क्शन (myocardial infarction) हृदय संंबंधित समस्या है, जिसमें रक्त का प्रवाह रुक जाता है, जिसके कारण कई सारी समस्याएं उत्पन्न हो सकती है जैसे कि हृदय गति का रुकना, हृदय गति का अनियमित होना, इत्यादि।

इस ब्लॉकेज या रुकावट के कारण कोरोनरी धमनियों में रक्त का थक्का जम जाता है। इस रुकावट के कारण हृदय की मांसपेशियों में ऑक्सीजन वाला रक्त नहीं पहुंच पाता है, जिससे ऊतकों को नुकसान पहुंचाता है या उनकी मृत्यु हो जाती है। 

हाल के वर्षों में भारत में हार्ट अटैक से होने वाली मौतों की संख्या में तेज़ी से वृद्धि हुई है, जो कोविड-19 महामारी के बाद और भी ज्यादा बढ़ी है। 2022 में भारत में हार्ट अटैक से होने वाली मौतों की संख्या में लगभग 12.5% की वृद्धि हुई, जिसमें कुल 32,457 लोगों की जान चली गई। ऐसे में हार्ट अटैक के लक्षणों और उपचार को समझना और भी ज़रूरी हो जाता है।

यदि इस स्थिति का तुरंत इलाज नहीं होता है, तो हार्ट अटैक की वजह से कई स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं, जिसमें अंततः मृत्यु की भी संभावना बनी रहती है। 

अचानक हृदयाघात के लक्षण

हृदयाघात के लक्षण को समय पर पहचानने और त्वरित इलाज प्राप्त करने से सेहत में काफी सुधार हो सकता है, लेकिन इससे व्यक्ति की जान भी बचाई जा सकती है। हार्ट अटैक के कुछ सामान्य लक्षण इस प्रकार हैं - 

  • सीने में दर्द या बेचैनी: हृदयाघात के लक्षणों में से सबसे सामान्य लक्षण यही है जिसमें सीने में दबाव, जकड़न या सिकुड़न की भावना मौजूद होती है, जो बाहों, कंधों, गर्दन या जबड़े तक फैल जाए।
  • सांस फूलना: सांस लेने में कठिनाई होना भी सीने में दर्द के साथ उत्पन्न होने वाली समस्या है।
  • ठंडा पसीना: बिना किसी शारीरिक गतिविधि के बहुत ज़्यादा पसीना आना भी एक मुख्य संकेत है।
  • मतली या उल्टी: खास तौर पर महिलाओं में दिल का दौरा पड़ने पर मतली और चक्कर आने जैसे लक्षण उत्पन्न हो सकते हैं, जिसका समाधान बहुत ज्यादा आवश्यक होता है। 
  • थकान: असामान्य और अत्यधिक थकान, जो कई दिनों तक बनी रहे। इसे आप एक चेतावनी की तरह देख सकते हैं।

यह लक्षण अचानक दिखाई दे सकते हैं, इसलिए इनके होने पर तुरंत चिकित्सा सहायता लेना बहुत ज्यादा जरूरी है।

अचानक हृदयाघात के चेतावनी संकेत

अचानक दिल का दौरा आना बहुत ज्यादा भयावह हो सकता है, जिसे कभी भी नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। यदि आपने नजरअंदाज किया तो यह आपके पूरे जीवन को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है। हृदयाघात के लक्षणों के बारे में आपको ऊपर बताया गया है, लेकिन निम्न लक्षणों का अतिरिक्त ध्यान रखें - 

  • अचानक, तेज सीने में दर्द होना, जिसकी तीव्रता कुछ ही मिनटों में बहुत ज्यादा बढ़ जाए। 
  • बिना किसी कारण दिल की धड़कन का तेज हो जाना। 
  • सांस लेने में ज्यादा तकलीफ होना, जो आराम करने पर भी महसूस हो और ठीक न हो।

इन चेतावनी के संकेतों को पहचानें और समय पर खुद का या अपने जानने वाले लोगों के जीवन की रक्षा करें। 

अचानक हृदयाघात के जोखिम कारक

दिल के दौरे के कारणों और संबंधित जोखिम कारकों को समझने से दिल के दौरे के जोखिम को अच्छे से समझने में बहुत मदद मिल सकती है, जिससे आप हार्ट अटैक के प्रति अधिक जागरुक रहेंगे। अचानक आने वाले दिल के दौरे के जोखिम कारक इस प्रकार हैं - 

  • हाई ब्लड प्रेशर: इससे हृदय और धमनियों पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है, जिससे दिल के दौरे का जोखिम बढ़ जाता है।
  • हाई कोलेस्ट्रॉल: एलडीएल कोलेस्ट्रॉल के बढ़े हुए स्तर की वजह से धमनियों में प्लाक का निर्माण होने लगता है, जिससे रक्त की धमनियों में रुकावट आ सकती है, जो अंततः हृदय गति के रुकने का कारण बन सकता है।
  • धूम्रपान: धूम्रपान के कारण धमनियों की परतों को नुकसान पहुंचाता है, जो हृदय रोग का मुख्य कारण है। 
  • डायबिटीज:डायबिटीज वाले लोगों में हृदय संबंधी स्थितियां विकसित होने की संभावना अधिक होती है, जिसकी वजह से कई स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
  • मोटापा और शारीरिक गतिविधि की कमी: अधिक वजन और गतिहीन जीवनशैली भी हार्ट अटैक का एक और मुख्य कारण है। 

दिल से जुड़ी जटिलताओं को रोकने के लिए जीवनशैली में बदलाव और नियमित स्वास्थ्य जांच बहुत अनिवार्य है।

अचानक हृदयाघात से बचाव के उपाय

अचानक हार्ट अटैक को रोकने का सबसे उत्तम उपाय यही है कि आप एक स्वस्थ आदत अपनाएं और 

दिल के दौरे को रोकने के लिए जीवनशैली में बदलाव और नियमित स्वास्थ्य जांच के संयोजन को शामिल करें। यहां कुछ उपाय दिए गए हैं, जिससे आपको काफी हद तक मदद मिल सकती है जैसे कि - 

  • दिल के लिए स्वस्थ आहार अपनाएं: फलों, सब्जियों, साबुत अनाज और लीन प्रोटीन से भरपूर आहार दिल के स्वास्थ्य को बनाए रखने और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद कर सकते हैं।
  • नियमित शारीरिक गतिविधि: कम से कम 30 मिनट तक मध्यम व्यायाम जैसे कि पैदल चलना या तैरना, दिल को मजबूत बना सकता है। इनको नियमित तौर पर करते रहें।
  • धूम्रपान छोड़े: तम्बाकू का सेवन बंद करने से दिल के दौरे का जोखिम काफी हद तक कम हो जाता है और समग्र हृदय स्वास्थ्य में सुधार होता है।
  • ब्लड प्रेशर और डायबिटीज को नियंत्रित करें: नियमित जांच और निर्धारित दवाएं इन दोनों ही स्थितियों को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने में मदद कर सकते हैं।
  • नियमित स्वास्थ्य जांच: कोलेस्ट्रॉल और ब्लड प्रेशर की जांच के साथ स्ट्रेस टेस्ट दिल की बीमारी के शुरुआती लक्षणों का पता लगाने में मदद कर सकते हैं।

स्वस्थ दिल की शुरुआत तभी संभव है, जब आप स्वयं ही अपनी सेहत को लेकर सोचें और स्वस्थ आदतों को अपनाएं।

निष्कर्ष

इस बात में कोई दो राय नहीं है कि दिल के दौरे के जानलेवा परिणाम होते हैं, लेकिन लक्षणों को समझना और सही समय पर निवारक कदम उठाना, आपके लिए बहुत मददगार साबित हो सकते हैं। दिल के दौरे के लक्षणों और उपचार के बारे में जागरूकता और दिल को स्वस्थ रखने वाली जीवनशैली अपनाना अचानक होने वाली हृदय संबंधी घटनाओं से आपको बचा सकता है। 

हृदय संबंधित किसी भी समस्या या उसके इलाज के लिए हम आपको सलाह देंगे कि आप तुरंत हमारे हृदय रोग विशेषज्ञ से परामर्श लें या उनसे इलाज लें। हार्ट अटैक की स्थिति में इमरजेंसी सेवाओं पर कॉल करें और सहायता लें। 

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)

अचानक दिल का दौरा पड़ने पर तुरंत क्या करना चाहिए?

यदि आपको दिल का दौरा पड़ने का संदेह है, तो तुरंत आपातकालीन सेवाओं को कॉल करें। इस दौरान एस्पिरिन (अगर एलर्जी नहीं है) खाएं और मन को शांत रखें। 

क्या किसी भी उम्र में अचानक दिल का दौरा पड़ सकता है?

आमतौर पर उम्र हार्ट अटैक का एक मुख्य जोखिम कारक है, लेकिन वर्तमान में किसी भी उम्र के बच्चे इस समस्या का सामना कर रहे हैं। धूम्रपान, मोटापा या दिल की अन्य बीमारी की फैमिली हिस्ट्री इस रोग का एक मुख्य जोखिम कारक है। 

अचानक दिल का दौरा और सामान्य हार्ट अटैक में क्या अंतर है? 

दिल का दौरा तब पड़ता है, जब हृदय की मांसपेशियों में रक्त का प्रवाह अवरुद्ध हो जाता है, जबकि अचानक हार्ट अटैक की स्थिति में हृदय अचानक धड़कना बंद कर देता है, जो कई बार मृत्यु का भी कारण बनता है। 

अचानक दिल के दौरे को रोकने के लिए कौन से मेडिकल टेस्ट किए जा सकते हैं?

इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम (ईसीजी), इकोकार्डियोग्राम, स्ट्रेस टेस्ट और ब्लड टेस्ट जैसे परीक्षण हृदय के स्वास्थ्य का आकलन करने में मदद कर सकते हैं। नियमित जांच से हाई कोलेस्ट्रॉल और हाई ब्लड प्रेशर जैसी समस्याओं का जल्द पता लगाने में मदद भी मिल सकती है।