पहचानें साइलेंट हार्ट अटैक की दस्तक
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पहचानें साइलेंट हार्ट अटैक की दस्तक

Cardiology | by Dr. Anjan Siotia on 12/08/2024

Summary

साइलेंट हार्ट अटैक के कई कारण हो सकते हैं, जिसमें से मुख्य कारण है, शरीर में मौजूद धमनियों में कोलेस्ट्रॉल के कारण बनने वाले प्लाक का निर्माण। इसके कारण कोरोनरी आर्टरी जमने लगती है। इसके कारण रक्त के थक्के बन जाते हैं, जिसके कारण ऑक्सीजन और खून हार्ट की मांसपेशियों तक नहीं पहुंच पाते हैं।

साइलेंट हार्ट अटैक की स्थिति में शरीर में किसी भी प्रकार के लक्षण नहीं दिखते हैं और यदि दिखते भी हैं, तो अक्सर उन्हें नजरअंदाज कर दिया जाता है। जितना खतरनाक लक्षणों के साथ आने वाला हार्ट अटैक है, उतना ही खतरनाक होता है, बिना लक्षण वाला हार्ट अटैक। इस स्थिति से निपटने के लिए आपको इस रोग के बारे में जानकारी अवश्य होनी चाहिए, जो आपको इस ब्लॉग से मिल जाएगी। यदि आप हृदय से संबंधित किसी भी बीमारी का सामना कर रहे हैं, तो कोलकाता के बीएम बिरला हार्ट रिसर्च सेंटर के सर्वश्रेष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञों से अवश्य मिलें।

साइलेंट हार्ट अटैक क्या है?

जब बिना किसी भी लक्षण के हार्ट अटैक आता है, तो उस स्थिति को साइलेंट हार्ट अटैक कहा जाता है। हार्ट अटैक के सभी मामलों में से लगभग 45 फीसदी मामलों में कोई भी लक्षण उत्पन्न नहीं होते हैं। यह बात सिर्फ फिल्मों में ही अच्छी लगती है कि हार्ट अटैक पुरुषों को ज्यादा प्रभावित करते हैं। रिसर्च के अनुसार, महिलाओं में हार्ट अटैक की समस्या की संभावना सबसे अधिक होती है। अधिक स्ट्रेस लेने, एकदम से ज्यादा फिजिकल एक्टिविटी करने या फिर ठंड के कारण हार्ट अटैक आ सकता है।

साइलेंट हार्ट अटैक क्यों होता है?

साइलेंट हार्ट अटैक के कई कारण हो सकते हैं, जिसमें से मुख्य कारण है, शरीर में मौजूद धमनियों में कोलेस्ट्रॉल के कारण बनने वाले प्लाक का निर्माण। इसके कारण कोरोनरी आर्टरी जमने लगती है। इसके कारण रक्त के थक्के बन जाते हैं, जिसके कारण ऑक्सीजन और खून हार्ट की मांसपेशियों तक नहीं पहुंच पाते हैं। इस स्थिति में हृदय अपना कार्य नहीं कर पाता है और हार्ट अटैक की स्थिति उत्पन्न होने लगती है। इसके अतिरिक्त साइलेंट हार्ट अटैक के अन्य कारण भी होते हैं जैसे - 

  • अधिक वजन बढ़ना।
  • निष्क्रिय जीवनशैली।
  • ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल हाई होना।
  • डायबिटीज।
  • ज्यादा तम्बाकू का सेवन।
  • शराब और धूम्रपान का अधिक सेवन।

साइलेंट अटैक के लक्षण

यह बात स्पष्ट है कि साइलेंट हार्ट अटैक आने पर कई बार कोई भी लक्षण उत्पन्न नहीं होते हैं। इस दौरान पेशेंट को हल्की असहजता का सामना करना पड़ सकता है। इसके अतिरिक्त कुछ और स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं जैसे कि - 

  • पीठ या फिर छाती के ऊपरी भाग की मांसपेशियों में दर्द होना।
  • पीठ, जबड़े और बांह के ऊपर वाले भाग में दर्द होना। 
  • थकान और बदहजमी की स्थिति उत्पन्न होना। 

इसके अतिरिक्त कुछ और लक्षण होते हैं, जो हार्ट अटैक की स्थिति को दर्शाते हैं जैसे - 

  • सीने में तेज दर्द होना।
  • सांस लेने में समस्या।
  • शरीर के ऊपरी भाग में बेचैनी होना।
  • ठंड लगने के साथ पसीना आना।
  • थकान महसूस होना।
  • उल्टी जैसी महसूस होना।

साइलेंट हार्ट अटैक ट्रीटमेंट

साइलेंट हार्ट अटैक का इलाज तभी हो सकता है, जब आपको इस स्थिति का पता चल जाए। साइलेंट हार्ट अटैक का पता लगाने के लिए इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम (ECG) और इकोकार्डियोग्राम (ECO) आदि जांच का सुझाव दिया जाता है। इसकी मदद से हृदय में आ रहे बदलावों का पता आसानी से चल सकता है। रोग की स्थिति और परीक्षण के परिणाम के आधार पर इलाज की योजना बनाई जाती है, जिससे हृदय तक रक्त संचार फिर से दुरुस्त हो जाता है। साइलेंट हार्ट अटैक के लिए एंजियोप्लास्टी, हार्ट ट्रांसप्लांट, बाईपास हार्ट सर्जरी समेत तमाम कई तरह के इलाज के विकल्पों का सुझाव दिया जाता है। 

साइलेंट हार्ट अटैक से कैसे बचें

साइलेंट हार्ट अटैक से बचाव के लिए व्यक्ति को शुरू से ही कुछ स्वस्थ आदतों का पालन करने का सुझाव दिया जाता है। इनकी मदद से साइलेंट हार्ट अटैक के साथ-साथ हृदय रोग से भी बचाव संभव हो पाता है। इस स्थिति से बचने के लिए निम्न बचाव के टिप्स का पालन करें - 

  • यदि रोगी को पहले से ही कोई भी हृदय रोग है, तो उसे अधिक सावधान रहना चाहिए। 
  • सही खान-पान और पोषण की सख्त सलाह दी जाती है। फाइबर युक्त आहार का सेवन करें और अपने डॉक्टर से बात करें। वह डाइट प्लान बनाने में मदद कर सकते हैं। 
  • बीपी और शुगर की समस्या में रोजाना अपनी जांच कराएं। आवश्यकता पड़ने पर डॉक्टर से बात करें। 
  • नियमित व्यायाम करें और सक्रिय जीवन शैली को अपनाएं। 
  • धूम्रपान व नशे की लत से दूर रहें।

अक्सर अपच, एसिडिटी और अन्य चीजों के लक्षणों के इलाज के लिए हम सब घरेलू उपायों का सहारा ले लेते हैं। लेकिन यह चीजों हृदय रोग की स्थिति में कारगर साबित नहीं होती है। इन उपायों का पालन कर आप हृदय रोग से दूरी बना सकते हैं। लेकिन हृदय रोग की स्थिति में यह सारे उपाय कारगर साबित नहीं होते हैं। इस स्थिति में आपको बिना लक्षणों को नजरअंदाज किए एक अच्छे और अनुभवी डॉक्टर से मिलने की सलाह दी जाती है। 

अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्न

हार्ट अटैक कितनी बार आता है?

हार्ट अटैक किसी भी व्यक्ति को एक या एक से अधिक बार आ सकता है। इस प्रश्न का उत्तर व्यक्ति के स्वास्थ्य और दिल की स्थिति पर निर्भर करता है। पहली बार हार्ट अटैक आने के बाद, फिर से इसके आने का खतरा बना रहता है।

साइलेंट अटैक कैसे आता है?

साइलेंट अटैक में किसी भी प्रकार के लक्षण देखने नहीं मिलते हैं। इसके पीछे का कारण डायबिटीज या तंत्रिका संबंधी समस्याएं भी हो सकती है। इस स्थिति में हार्ट अटैक का कोई भी लक्षण नहीं पता चलता है।

हार्ट अटैक कैसे पता चलता है?

हार्ट अटैक की स्थिति में कुछ सामान्य लक्षण उत्पन्न हो सकते हैं, जैसे छाती में दर्द, सांस लेने में तकलीफ, बांह या गर्दन में दर्द, मतली, और चक्कर आना इत्यादि। लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

Written and Verified by:

Dr. Anjan Siotia

Dr. Anjan Siotia

Director Exp: 12 Yr

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Dr. Anjan Siotia is the Director of Cardiology Department at BM Birla Heart Hospital, Kolkata, with over 12 years of experience. He specializes in complex angioplasty, chronic total occlusion, TAVI, CRT & ICD pacemaker surgery, and radial interventions.

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