हृदय वाल्व रोग: जानिए कारण और बचाव के उपाय
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हृदय वाल्व रोग: जानिए कारण और बचाव के उपाय

Summary

 हृदय वाल्व रोग या हार्ट वाल्व डिजीज एक ऐसी स्थिति है, जिसमें हृदय के एक या एक से अधिक वाल्व ठीक से काम नहीं करते हैं। 

सबसे पहले हृदय के बारे में जानते हैं। हमारे हृदय में चार वाल्व होते हैं, जो रक्त को हृदय के विभिन्न कक्षों के बीच और शरीर के बाकी भाग में सही दिशा में प्रवाहित होने में मदद करते हैं। हृदय वाल्व रोग या हार्ट वाल्व डिजीज एक ऐसी स्थिति है, जिसमें हृदय के एक या एक से अधिक वाल्व ठीक से काम नहीं करते हैं।

जब किसी वाल्व में ब्लॉकेज होती है तो रक्त प्रवाह में बाधा उत्पन्न होती है। इस ब्लॉकेज के कारण हृदय को पूरे शरीर में रक्त को पंप करने में अधिक मेहनत करनी पड़ती है और शरीर के विभिन्न अंगों तक पर्याप्त रक्त नहीं पहुंच पाता है। जिससे एक व्यक्ति को बहुत सारी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। 

हृदय रोग क्या है?

हृदय हमारे शरीर का एक महत्वपूर्ण भाग है, जिसका कार्य हमारे शरीर में रक्त के संचार को लगातार बनाए रखना है। हृदय ऑक्सिजनेटेड ब्लड को हमारे पूरे शरीर में पहुंचाता है, जिससे वह अपना सामान्य काम आसानी से कर पाता है। यदि रक्त संचार में किसी भी प्रकार की बाधा उत्पन्न होती है, तो कई सारी समस्याएं हमारे शरीर में उत्पन्न हो सकती है।

यह समस्याएं मुख्य रूप से रक्त वाहिकाएं और संचार प्रणाली से संबंधित होती है। कुछ मामलों में ऐसा भी देखा गया है कि हृदय संबंधी समस्या अन्य स्वास्थ्य समस्याओं से भी जुड़ी होती हैं।

हृदय वाल्व रोग के लक्षण

हृदय वाल्व रोग के लक्षण बहुत सारे होते हैं और कई मामलों में यह लक्षण अन्य स्वास्थ्य समस्या का संकेत देते हैं। हृदय वाल्व रोग की स्थिति में निम्नलिखित लक्षण उत्पन्न होते हैं -

  • छाती में दर्द
  • सीने में जकड़न
  • सांस लेने में तकलीफ
  • गर्दन, जबड़े, गले, पेट, पैर या बाजुओं में दर्द
  • दिल की धड़कन में उतार चढ़ाव
  • पैर और भुजाओं का सुन्न होना
  • चक्कर आना या बेहोश होना
  • थकान और जी मिचलाना

हृदय वाल्व रोग उपचार

इलाज से पहले डॉक्टर कुछ परीक्षण का सुझाव देते हैं। शारीरिक परीक्षण के अलावा डॉक्टर दिल की बीमारियों का पता लगाने के लिए कुछ ब्लड टेस्ट का सुझाव भी देते हैं। इसके अतिरिक्त कुछ अन्य जांच भी होती है जैसे इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम, इकोकार्डियोग्राम, स्ट्रेस टेस्ट, सीटी स्कैन और हार्ट एमआरआई। इन सभी परीक्षण के परिणाम रोगी के हृदय स्वास्थ्य का पता लगाने में मदद कर सकते हैं।

इन परीक्षण के परिणाम के आधार पर हृदय के स्वास्थ्य के बारे में पूर्ण जानकारी मिल जाती है, जिसके आधार पर कार्डियोलॉजि डॉक्टर इलाज की योजना बनाते हैं। इलाज के लिए निम्नलिखित विकल्पों का सुझाव डॉक्टर देते हैं - 

  • दवाएं: हृदय वाल्व रोग के लक्षणों के इलाज के लिए डॉक्टर कुछ दवाओं का सुझाव देते हैं। इन दवाओं से रक्त के थक्के नहीं जमते हैं और रक्त प्रवाह फिर से बहाल हो जाता है। मुख्य रूप से रक्त को पतला करने वाली दवाओं का सुझाव डॉक्टर देते हैं। 
  • सर्जरी या अन्य प्रक्रियाएं: क्षतिग्रस्त हृदय वाल्व को रिपेयर या फिर रिप्लेस करने के लिए सर्जरी का सुझाव डॉक्टर देते हैं। यदि वाल्व में समस्या है, तो उसे बदलना आपके स्वास्थ्य के लिए सबसे बेहतर विकल्प माना जाता है। इसे करने के लिए दो प्रकार की सर्जिकल प्रक्रियाएं होती हैं जैसे - ओपन-हार्ट सर्जरी या मिनमल इन्वेसिव हृदय सर्जरी। वहीं कुछ अस्पतालों में हार्ट वाल्व रिप्लेसमेंट के लिए रोबोटिक सर्जरी का भी उपयोग किया जा रहा है। 

हार्ट वाल्व रिप्लेसमेंट या फिर रिपेयर के लिए सर्जन निम्नलिखित चरणों का करते हैं -

  • वाल्व में छेद करना।
  • जुड़े हुए वाल्व को अलग करना, जिससे सर्जरी करने में आसानी हो।
  • फटे या फिर कटे हुए वाल्व को बदलना या फिर रिपेयर करना। (आवश्यकता के अनुसार)
  • वाल्व में मौजूद अतिरिक्त ऊतकों को हटा दिया जाता है, जिससे सर्जरी के बाद रक्त हानि की संभावना कम हो। 

हृदय वाल्व रोग से बचाव के उपाय

रोकथाम इलाज से बेहतर है। आप सभी ने यह कहावत कई बार सुनी होगी और सभी इस बात से सहमत भी होंगे कि निश्चित रूप से बचाव इलाज से कई गुना बेहतर है। चलिए कुछ ऐसे उपायों के बारे में जानते हैं, जिससे जोखिम कारकों से बचाव संभव है। यह सारे सुझाव हमारे हृदय रोग विशेषज्ञ के द्वारा प्रमाणित है। नीचे उन युक्तियों के बारे में बताया गया है - 

  • रक्तचाप का स्तर बनाए रखें।
  • ऐसे खाद्य पदार्थ का सेवन करें जिससे कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करने में मदद मिले।
  • योग और मेडिटेशन से स्ट्रेस को कम करें।
  • व्यायाम करें और एक स्वस्थ जीवन शैली को बनाए रखें।
  • उच्च रक्तचाप को बनाने के लिए पौष्टिक और कम सोडियम वाले आहार का सेवन करें।
  • ब्लड शुगर के स्तर को बनाए रखने से दिल से संबंधित जटिलताएं बहुत कम हो जाती हैं।
  • धूम्रपान, शराब और कैफीन के सेवन से दूरी बनाएं।

अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्न

 

हृदय में कितने वाल्व होते हैं?

मुख्यतः हृदय में चार वाल्व होते हैं - 

  • ट्राइकसपिड वाल्व
  • पलमोनिक वाल्व
  • माइट्रल वाल्व
  • एओर्टिक वाल्व

किसकी अधिकता के कारण हृदय रोग होता है?

हृदय वाल्व रोग के होने के कई कारण है जैसे - 

हृदय वाल्व रोग का इलाज कैसे होता है?

हृदय वाल्व रोग का इलाज रोग की गंभीरता पर निर्भर करता है। डॉक्टर हृदय वाल्व रोग के इलाज के लिए निम्नलिखित विकल्पों का सुझाव दे सकते हैं - 

  • दवाएं
  • शल्य चिकित्सा (ओपन सर्जरी और लेप्रोस्कोपिक सर्जरी)

हृदय वाल्व रोग का निदान कैसे होता है?

हृदय वाल्व रोग का निदान कई तरीकों से संभव है जैसे - 

  • शारीरिक परीक्षण और परामर्श के दौरान लक्षणों की पहचान
  • इकोकार्डियोग्राम
  • सीने का एक्स-रे

Written and Verified by:

Dr. Ashok B Malpani

Dr. Ashok B Malpani

Senior Consultant Exp: 34 Yr

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Dr. Ashok B Malpani has been associated with BM Birla as a Senior Consultant – Cardiology with a total experience of 34 years. After completing his MBBS, Dr Malpani did his MD from Government Medical College, Nagpur.

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