Neurosciences | Posted on 01/18/2024 by Dr. Kapil Khandelwal
बहुत कम लोग जानते हैं कि भारत में हर 11 में से 1 व्यक्ति अपने जीवनकाल में कभी न कभी किसी न किसी रूप में डिप्रेशन का सामना करता है? यह संख्या चौंकाने वाला है, लेकिन यह एक दुर्भाग्यपूर्ण सच्चाई है। आसान भाषा में कहा जाए तो डिप्रेशन एक जेल की कोठरी है, जिससे बाहर निकलने की चाभी आपको खुद के पास ही मिलेगी। आज के समय में डिप्रेशन का होना कोई बड़ी बात नहीं है। वर्तमान में इस स्वास्थ्य स्थिति के कई कारण है जैसे - नौकरी से छंटनी, महामारी के दौरान अपनों की मृत्यु, घर में धन की किल्लत, अधिक उधार, रिश्तों में तनाव, इत्यादि।
चलिए इस ब्लॉग से जानते हैं कि डिप्रेशन क्या है और इससे कैसे बाहर निकलें। शुरू करने से पहले हम आपको एक चेतावनी देना चाहते हैं। इस ब्लॉग में मौजूद जानकारी एक सामान्य जानकारी है। डिप्रेशन की स्थिति में जल्द से जल्द एक अच्छे मनोचिकित्सक से मिलें क्योंकि अनुपचारित डिप्रेशन जानलेवा साबित हो सकता है। इस संबंध में आप हमारे अनुभवी एवं श्रेष्ठ तंत्रिका-विज्ञान डॉक्टरों से भी मिल सकते हैं।
डिप्रेशन अंग्रेजी का शब्द है, जिसे हिंदी में अवसाद कहा जाता है। डिप्रेशन एक प्रकार की मानसिक स्वास्थ्य स्थिति है, जो अक्सर चिंता के साथ विकसित होती है। यह स्वास्थ्य स्थिति किसी को भी प्रभावित कर सकती है, लेकिन इसकी तीव्रता अलग-अलग होती है। कई बार ऐसा होता है कि कोई व्यक्ति अपने जीवन काल में डिप्रेशन से एक बार ही पीड़ित होता है, तो वहीं कुछ लोगों को डिप्रेशन बार-बार परेशान करता है।
इस स्थिति का इलाज बहुत ज्यादा आवश्यक है, क्योंकि अवसाद आत्महत्या का कारण बन सकता है। सही समय पर सही इलाज मिलने पर इस स्थिति को नियंत्रित किया जा सकता है। अवसाद से बचने के लिए लोगों को इससे संबंधित जानकारी ज़रूर होनी चाहिए।
चलिए सबसे पहले अवसाद के लक्षण जानते हैं। डिप्रेशन अलग-अलग लक्षण उत्पन्न करता है, जैसे -
इसके अतिरिक्त चिड़चिड़ापन, बेचैनी, पुराना दर्द, सिर दर्द और पाचन संबंधी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं, जो अवसाद के लक्षण है। इन लक्षणों का उत्पन्न होना और लगातार बने रहना बहुत सारी समस्याओं की तरफ इशारा करता है। इन लक्षणों के अनुभव होने पर तुरंत हमारे डॉक्टरों से संपर्क करें और परामर्श लें।
डिप्रेशन के कारणों को समझने के लिए अभी भी कई प्रयास चल रहे हैं। लेकिन कई ऐसे संभावित कारण है, जिसकी वजह से व्यक्ति को डिप्रेशन जैसी परिस्थिति का सामना करना पड़ सकता है जैसे -
इसके साथ-साथ विभिन्न कारक डिप्रेशन की स्थिति को भी बढ़ा सकते हैं। यदि डिप्रेशन की मेडिकल हिस्ट्री है तो डॉक्टर से तुरंत परामर्श लें और उन्हें अपनी स्थिति के बारे में बताएं।
डिप्रेशन कई सारी समस्याओं के साथ आता है। इस स्थिति का इलाज बहुत ज्यादा आवश्यक है, अन्यथा रोगी को बहुत सारी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है जैसे -
लेकिन यहां एक बात समझनी होगी कि कभी-कभी उदास महसूस करना भी जीवन का एक सामान्य भाग है। यदि आप किसी बात को लेकर परेशान है, तो उसका समाधान भी आपको मिल जाएगा। यदि उस परेशानी का इलाज नहीं मिल रहा है, तो इसका अर्थ यह है कि आपको हमारे मनोचिकित्सक से मिलने की आवश्यकता है।
डिप्रेशन से छुटकारा पाने के लिए आपको कुछ बातों का विशेष ध्यान होगा जैसे जीवनशैली और आहार में बदलाव। चलिए दोनों को एक-एक करके समझते हैं।
डिप्रेशन के मामले में उचित खानपान के साथ-साथ उचित जीवन शैली बहुत ज्यादा आवश्यक है। निम्न तरीकों से अवसाद का प्रबंधन संभव है -
सबसे पहले आपको यह समझना होगा कि डिप्रेशन की समस्या कोई आम समस्या नहीं है, जिसे आप नजरअंदाज करें। यदि किसी को भी इस स्थिति की अनुभूति होती है और लगातार प्रयासों के बाद भी स्थिति में कोई भी सुधार नहीं होती है, तो उन्हें जल्द से जल्द अनुभवी और श्रेष्ठ मनोचिकित्सक से मिलना चाहिए। मनोचिकित्सक दिमाग के डॉक्टर होते हैं, जो डिप्रेशन का इलाज करते हैं। अभी अपना परामर्श तंत्रिका-विज्ञान चिकित्सक से बुक करें और स्वस्थ रहें।
डिप्रेशन में स्वस्थ और संतुलित आहार का सेवन बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण है। डिप्रेशन में निम्न खाद्य पदार्थ शामिल कर सकते हैं -
अधिक जानकारी के लिए आप एक आहार विशेषज्ञ से भी मिल सकते हैं।
इस प्रश्न का कोई एक निश्चित उत्तर नहीं है। कुछ लोगों में डिप्रेशन कुछ हफ्तों या महीनों तक रहता है, जबकि दूसरों को यह समस्या कई सालों तक परेशान करती है। डिप्रेशन की अवधि कई कारकों पर निर्भर करती है, जैसे अवसाद का कारण, दिमाग में रसायनों का अंसुतलन, इत्यादि।
डिप्रेशन की दवा की अवधि व्यक्ति और उसके लक्षणों पर निर्भर करती है। कुछ मामलों में, दवा की आवश्यकता केवल कुछ हफ्तों तक होती है। अन्य मामलों में दवा की आवश्यकता कई महीनों या वर्षों तक होती है। जैसे-जैसे स्थिति में सुधार होता है, डॉक्टर डोज कम करते रहते हैं।
डिप्रेशन को रोकने का कोई विशिष्ट तरीका नहीं है। लेकिन कुछ चीजें हैं, जिससे डिप्रेशन की संभावना को कम किया जा सकता है जैसे -