हृदय रोग के साथ जीवन
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हृदय रोग के साथ जीवन

Cardiology | by Dr. Anjan Siotia on 30/01/2025

Summary

हृदय रोग हृदय और रक्त वाहिकाओं को प्रभावित करने वाली एक स्वास्थ्य समस्या है, जिससे कई अन्य स्वास्थ्य समस्या उत्पन्न हो सकती है। सभी हृदय रोगों में से सबसे अधिक लोगों को प्रभावित करने वाली समस्या है, कोरोनरी धमनी रोग, जो प्लाक बिल्डअप के कारण उत्पन्न होती है। इसमें हृदय की मांसपेशियों में रक्त प्रवाह अवरुद्ध हो जाता है। 

मैं एक अनुभवी कार्डियोलॉजिस्ट के रूप में यह समझता हूं कि हृदय रोग के साथ जीवन थोड़ा मुश्किल भरा हो सकता है, लेकिन यह असंभव नहीं है। हृदय रोग के कारण हमारे मन और मस्तिष्क पर गहरा प्रभाव पड़ता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, भारत में होने वाली सभी मौतों में हृदय रोग से मरने वाले लोगों का दर लगभग 27% है, जो कि बहुत अधिक है। इसलिए हमें इस रोग की वर्तमान स्थिति को भी समझना होगा और जानना होगा कि आखिर कैसे हम हृदय रोग के साथ स्वस्थ जीवन कैसे व्यतीत कर सकते हैं। हृदय की स्थिति में थोड़ी भी लापरवाही आपके लिए खतरनाक है, इसलिए हृदय के संबंध में तुरंत एक अनुभवी हृदय रोग विशेषज्ञ से परामर्श लें।

हृदय रोग क्या है?

हृदय रोग हृदय और रक्त वाहिकाओं को प्रभावित करने वाली एक स्वास्थ्य समस्या है, जिससे कई अन्य स्वास्थ्य समस्या उत्पन्न हो सकती है। सभी हृदय रोगों में से सबसे अधिक लोगों को प्रभावित करने वाली समस्या है, कोरोनरी धमनी रोग, जो प्लाक बिल्डअप के कारण उत्पन्न होती है। इसमें हृदय की मांसपेशियों में रक्त प्रवाह अवरुद्ध हो जाता है। 

हृदय रोग की पहचान कई लक्षणों से हो सकती है जैसे कि - 

हृदय रोग की प्रगति और इसकी जटिलताओं को रोकने के लिए लक्षणों को पहचानना और इसका उत्तम इलाज बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण है। 

हृदय की रिकवरी: एक नई शुरुआत की ओर एक कदम

यदि आपको हृदय रोग का निदान हुआ है, तो इसके बाद हार्ट रिकवरी प्रोग्राम आपके लिए बहुत लाभकारी साबित हो सकता है। यही वह समय होता है, जब आप अपने हृदय की उच्चतम देखभाल करके इसकी कार्यक्षमता में सुधार कर सकते हैं।

इसे करने के लिए आपको कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना होगा जैसे कि हृदय स्वस्थ व्यायाम, हृदय-स्वस्थ जीवन शैली, इत्यादि। सही समय पर उत्तम इलाज की मदद से ही आप अपने हृदय की कार्यक्षमता को फिर से दुरुस्त कर सकते हैं और उच्च गुणवत्ता वाला जीवन जीने में सुदृढ़ हो सकते हैं। इन बातों का पालन करके आप भविष्य में हार्ट अटैक या कार्डियक फेल्योर की संभावनाओं को भी कम कर सकते हैं। 

दवाओं का सही उपयोग और उनका महत्व

इस बात में कोई संशय नहीं है कि दवाएं, हृदय रोग के प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इन दवाओं की मदद से ही आप कोलेस्ट्रॉल और ब्लड प्रेशर के उचित स्तर को सही से मेंटेन कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त यह दवाएं रक्त के थक्के और अन्य जोखिम कारकों को भी मैनेज करने में मदद कर सकते हैं। 

हृदय रोग की प्रगति को धीमा करने में दवाएं बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण साबित हो सकती हैं। इसलिए यदि डॉक्टर ने किसी भी दवा के सेवन की सलाह दी है, तो बिना झिझक उनकी सलाह का पालन करें। ऐसा करने से जटिलताओं का जोखिम कम होगा, और धीरे-धीरे आपके जीवन की गुणवत्ता में सुधार भी देखने को मिलेगा। इसके अतिरिक्त मैं अपने सभी पेशेंट को किसी भी दवा का सुझाव देने के साथ-साथ उसे वह सारी जानकारी प्रदान करने का प्रयास करता हूं, जो उन्हें पता होनी चाहिए, जैसे कि कौन सी दवा किस के लिए है और इसे कैसे खाना है। आप भी सवाल ज़रूर पूछें।

स्वस्थ जीवनशैली से होगा आपका दिल मजबूत

यदि आपको अपना दिल मजबूत करना है, तो आपको निम्न जीवनशैली में बदलावों का बहुत ख्याल रखना होगा - 

  • दिल के लिए स्वस्थ आहार: दिल और शरीर को स्वस्थ रखने में आहार एक अहम भूमिका निभाता करता है। प्रयास करें कि आप अपने आहार में हरी सब्जियां, ताजे फल, होल ग्रेन्स और मछली, फलियां, मेवे और बीज को शामिल करें। हानिकारक पदार्थ जो सैचुरेटेड फैट, ट्रांस फैट, नमक और अतिरिक्त चीनी से आपको दूरी बनानी चाहिए। प्रयास करें कि मिलावटी और प्रोसेस्ड फूड से जितना हो सके उतनी दूरी बनाएं। इसके साथ-साथ तली भुनी चीजों से भी दूरी बनाने से आपको निश्चित लाभ मिलने वाला है।
  • नियमित शारीरिक गतिविधि: सप्ताह में कम से कम 150 मिनट हल्के एरोबिक व्यायाम करें। इसमें तेज चलना, साइकिल चलाना या तैराकी करना, आपके लिए लाभदायक साबित हो सकते हैं। प्रयास करें कि उन व्यायाम को करने से बचें, जिसमें आपको अधिक जोर लगाना पड़े। 
  • धूम्रपान बंद करना और शराब को सीमित करना: धूम्रपान और शराब का सेवन आपके लिए हानिकारक साबित हो सकते हैं। धूम्रपान रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचा सकते हैं और हार्ट डिजी की प्रगति को बढ़ा सकते हैं। शराब तो रक्तचाप को बढ़ाता है, जो आपके लिए हानिकारक साबित हो सकता है। 

इन उपायों से आप अपने शारीरिक स्वास्थ्य का अच्छे से ख्याल रख सकते हैं, लेकिन मानसिक स्वास्थ्य का भी ख्याल रखना बहुत ज्यादा आवश्यक होता है। 

मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखना क्यों जरूरी है?

मानसिक स्वास्थ्य का हृदय स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव पड़ता है। स्ट्रेस और डिप्रेशन हृदय रोग का एक मुख्य जोखिम कारक है। इसके कारण डिप्रेशन की समस्या भी उत्पन्न हो सकती है। यदि आप ऊपर बताए गए निर्देशों का पालन करते हैं और आप भावनात्मक रूप से बहुत परेशान है, तो जीवनशैली में बदलाव का कोई सकारात्मक परिणाम आपको देखने को नहीं मिलेगा। 

लगातार तनाव और भावनात्मक समस्याओं को मैनेज करने के लिए आप स्ट्रेस मैनेजमेंट तकनीक का उपयोग कर सकते हैं। प्रयास करें आप अपने दिन की शुरुआत योग और मेडिटेशन से करें। इसके अतिरिक्त नियमित परामर्श और स्ट्रेस सपोर्ट गुप की मदद लें। 

निष्कर्ष 

हृदय रोग के साथ जीवन जीना थोड़ा मुश्किल हो सकता है, लेकिन सही डाइट और नियमित व्यायाम इसमें आपकी मदद कर सकते हैं। अपनी सेहत को ट्रैक करें और कुछ भी समस्या दिखने पर तुरंत परामर्श करना आपके दिल और आपके जीवन के लिए लाभकारी हो सकता है। इससे आप भविष्य में आने वाले हार्ट अटैक से खुद को बचा सकते हैं। 

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

 

हृदय रोग के शुरुआती लक्षण क्या है?

हृदय रोग की स्थिति में कुछ लक्षण होते हैं, जो शुरुआत में ही आपको सचेत कर सकते हैं जैसे कि - सीने में तकलीफ या दर्द (एनजाइना), थकान और धड़कन का बढ़ना। इसके अतिरिक्त कुछ मामलों में शारीरिक गतिविधि या तनाव के दौरान कुछ अतिरिक्त लक्षण उत्पन्न हो सकते हैं, जो आराम करने से ठीक हो जाता है। 

हृदय रोग के रोगी को कितनी नींद की जरूरत होती है?

हृदय रोग की स्थिति में हृदय के स्वास्थ्य के लिए पर्याप्त नींद लेना बहुत अनिवार्य होता है। प्रयास करें कि हर रात 7-9 घंटे की नींद लें। इससे बीपी और शुगर को कम करने में मदद मिल सकती है। 

क्या बच्चे भी हृदय रोग से पीड़ित हो सकते हैं?

हां, बच्चों में हृदय रोग की समस्या हो सकती है। बच्चों को सबसे ज्यादा परेशान करने वाला रोग होता है जन्मजात हृदय दोष या कावासाकी रोग। बेहतर निदान और इलाज के लिए तुरंत एक अच्छे डॉक्टर से मिलें और इलाज लें। 

क्या उच्च रक्तचाप हृदय रोग का संकेत है?

उच्च रक्तचाप या ब्लड प्रेशर स्वयं एक गंभीर समस्या है, जो कि हृदय रोग का एक मुख्य जोखिम कारक है। लेकिन यह हृदय रोग का लक्षण नहीं है। यदि इसके साथ, ब्लड शुगर लेवल भी अधिक है और अन्य लक्षण भी उत्पन्न हो रहे हैं, तो यह हृदय रोग का संकेत देता है। 

हृदय रोग में क्या खाना चाहिए?

हृदय रोग की स्थिति में हरी सब्जियां, ताजे फल, होल ग्रेन्स और मछली, फलियां, मेवे और बीज को अपने आहार में शामिल करें। इसके अतिरिक्त खुद को हाइड्रेट रखें। 

Written and Verified by:

Dr. Anjan Siotia

Dr. Anjan Siotia

Director Exp: 12 Yr

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Dr. Anjan Siotia is the Director of Cardiology at BM Birla Heart Research Centre. For the past 12 years, he has worked as a Cardiologist and gained proficient skills and knowledge in Cardiology. Dr Siotia pursued his MBBS from Calcutta Medical College and completed his MD from the University of Sheffield in the UK.

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