Cardiology | by Dr. Madhumanti Panja | Published on 24/08/2024
वर्तमान में हृदयवाहिका रोग या कार्डियोवैस्कुलर डिजीज एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या के रूप में उभर के सामने आई है। इस बदलते दौर में खराब जीवनशैली, काम का अत्यधिक तनाव, रिश्तों में तनाव, बाहर का खाना-पीना, निष्क्रिय जीवन शैली, इत्यादि दिल के स्वास्थ्य को लगातार नुकसान पहुंचा रहे हैं। दिल की समस्या के कारण न केवल जीवन की गुणवत्ता खराब हो रही है, इसके साथ-साथ यह व्यक्ति के जीवन को भी खतरे के दायरे में डालता है। इस ब्लॉग में हम कार्डियोवैस्कुलर हृदय रोग, इसके कारण, लक्षण, और इससे बचाव के उपायों पर भी बात करेंगे। किसी भी प्रकार के हृदय संबंधित समस्या के इलाज के लिए सर्वश्रेष्ठ हृदय विशेषज्ञ से मिलने की सलाह दी जाती है।
कार्डियोवैस्कुलर हृदय रोग एक मेडिकल स्थिति है, जिसमें हृदय और रक्त वाहिकाओं से संबंधित समस्याएं उत्पन्न होती हैं, जैसे कि - हृदय की धमनियों में ब्लॉकेज, ब्लड प्रेशर में वृद्धि, या हृदय की मांसपेशियों की कमजोरी। हृदयवाहिका रोगों में मुख्यतः कोरोनरी आर्टरी डिजीज (CAD), हार्ट अटैक, स्ट्रोक, हार्ट फेलियर, और एरिथमिया जैसी बीमारियां शामिल है। यह सभी स्थितियां हृदय और रक्त संचार तंत्र को प्रभावित कर सकती हैं, जिसके कारण रक्त संचार प्रभावित होती है। इससे शरीर के दूसरे अंगों तक पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन और पोषक तत्व नहीं पहुंच पाते हैं।
कार्डियोवैस्कुलर हृदय रोग के लक्षण हर व्यक्ति के अनुसार अलग-अलग होते हैं, लेकिन कुछ सामान्य लक्षण इस प्रकार हैं -
कार्डियोवैस्कुलर हृदय रोग का यदि सही समय पर उचित इलाज नहीं होता है, तो इसके कारण व्यक्ति को बहुत सारी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि कुछ ऐसे जोखिम कारक भी हैं, जो इस रोग के जोखिम कारक को कई गुना बढ़ा सकते हैं जैसे कि -
कार्डियोवैस्कुलर हृदय रोग से बचाव के लिए जीवनशैली में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव करने की आवश्यकता होती है। निम्नलिखित उपाय अपनाकर हृदयवाहिका रोगों के खतरे को आसानी से कम किया जा सकता है -
कार्डियोवैस्कुलर हृदय रोग आज के समय की एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है, लेकिन सही समय पर उपचार और जीवनशैली में सुधार के माध्यम से इसे रोका जा सकता है। हृदय की सेहत को बनाए रखने के लिए स्वस्थ आहार, नियमित व्यायाम, और तनाव प्रबंधन बहुत ज्यादा आवश्यक है। यदि आप हृदयवाहिका रोग के किसी भी लक्षण का अनुभव कर रहे हैं, तो तुरंत एक अनुभवी और अच्छे हृदय के डॉक्टर से संपर्क करें। समय पर सही कदम उठाकर आप न केवल अपने हृदय को सुरक्षित रख सकते हैं, बल्कि अपने जीवन को भी स्वस्थ और खुशहाल बना सकते हैं।
हृदय को स्वस्थ रखने के लिए आपको अपने आहार में फल, सब्जियां, होल ग्रेन्स, और मछली जैसी स्वस्थ खाद्य पदार्थों को शामिल करें। नमक, चीनी, और सैचुरेटेड फैट से दूरी बनाएं।
हां, मानसिक तनाव हृदय रोगों का एक प्रमुख कारण है। तनाव से हृदय पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है, जिससे ब्लड प्रेशर के बढ़ने की संभावना बहुत ज्यादा होती है। इससे रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचता है। तनाव को नियंत्रित करने के लिए योग, मेडिटेशन, और नियमित व्यायाम जैसे उपाय अपनाएं।
नियमित स्वास्थ्य जांच इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह आपको समय पर हृदय रोगों के जोखिम कारकों का पता लगाने में मदद करती है। ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल, और ब्लड शुगर की नियमित जांच से किसी भी असामान्यता का समय रहते पता लगाया जा सकता है। इसकी मदद से सही उपचार सही समय पर शुरू हो सकता है।