उच्च रक्तचाप प्रबंधन: रक्तचाप कम करने के लिए सुझाव
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उच्च रक्तचाप प्रबंधन: रक्तचाप कम करने के लिए सुझाव

Cardiology | by Dr. Dhiman Kahali on 09/12/2024

Summary

उच्च रक्तचाप, हाई ब्लड प्रेशर या हाइपरटेंशन एक ऐसी समस्या है, जो कई लोगों को होती है और जिसे गंभीरता से जरूर लेना चाहिए। यदि यह स्थिति अनुपचारित रह जाती है, तो इसके कारण बहुत सारी गंभीर जटिलताएं उत्पन्न हो सकती हैं, जिससे हृदय की गंभीर समस्याएं भी हो सकती हैं। 

उच्च रक्तचाप, हाई ब्लड प्रेशर या हाइपरटेंशन एक ऐसी समस्या है, जो कई लोगों को होती है और जिसे गंभीरता से जरूर लेना चाहिए। यदि यह स्थिति अनुपचारित रह जाती है, तो इसके कारण बहुत सारी गंभीर जटिलताएं उत्पन्न हो सकती हैं, जिससे हृदय की गंभीर समस्याएं भी हो सकती हैं। 

हाई ब्लड प्रेशर वह स्थिति है, जिसमें शरीर की धमनी की दीवारों पर रक्त लगातार दबाव बनाता है, जिससे वह धमनियां कमजोर होने लगती हैं। इस स्वास्थ्य स्थिति को साइलेंट किलर के नाम से जाना जाता है, क्योंकि इसके लक्षण पर्याप्त रूप से नहीं दिखते हैं। यदि इस ब्लॉग में मौजूद लक्षण आपको दिखते हैं या आपको पहले से ही हाई बीपी की समस्या है, तो तुरंत हमारे अनभवी एवं सर्वश्रेष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ से मिलें और इलाज के विकल्पों पर विचार करें। 

उच्च रक्तचाप के लक्षण

हालांकि उच्च रक्तचाप की स्थिति में कोई भी मुख्य लक्षण उत्पन्न नहीं होता है, लेकिन कुछ मामलों में रोगियों को निम्न लक्षणों का अनुभव हो सकता है जैसे कि - 

यदि इसका इलाज नहीं होता है तो इसके कारण दिल का दौरास्ट्रोक और किडनी की समस्या जैसी जटिलताएं भी उत्पन्न हो सकती हैं। इन लक्षणों के दिखने पर हम आपको सलाह देंगे कि एक अनुभवी एवं सर्वश्रेष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ से परामर्श लें और उनसे लगातार जांच करते रहें। 

उच्च रक्तचाप का इलाज

उच्च रक्तचाप के प्रभावी इलाज के लिए कुछ बातों का विशेष ध्यान रखने की ज़रूरत होती है जैसे कि - जीवनशैली में बदलाव, आहार में बदलाव, नियमित शारीरिक गतिविधि और चिकित्सा उपचार। इनमें से किसी एक की मदद से उच्च रक्तचाप का इलाज संभव नहीं है, इसलिए डॉक्टर इनके संयोजन को ही इलाज के लिए विकल्प के रूप में देखते हैं। चलिए इन सभी विकल्पों को एक-एक करके समझते हैं। 

रक्तचाप कम करने के लिए आहार संबंधी सुझाव

आहार उच्च रक्तचाप को कम करने में आपकी बहुत मदद कर सकते हैं जैसे कि - 

  • सोडियम का सेवन कम करें: हाइपरटेंशन को कम करने के लिए हर रोज अधिकतम 2,300 मिलीग्राम सोडियम का सेवन करना चाहिए। यदि आप इससे भी कम खा सकते हैं, तो इससे अंत में आपको ही लाभ होगा। 
  • फाइबर का सेवन बढ़ाएं: ऐसे आहार का चुनाव करें, जिसमें होल ग्रेन्स, फलियां, फल और सब्जियों की मात्रा भरपूर होगी, क्योंकि यह आपके हृदय के स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद कर सकते हैं, जिससे उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने में भी काफी मदद मिलती है। 
  • प्रोसेस्ड फूड से बचें: प्रोसेस्ड फूड में अनहेल्दी फैट और नमक (प्रिजरवेटिव) अधिक मात्रा में होते हैं, जिससे ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है। 
  • खुद को पर्याप्त रूप से हाइड्रेट करें: यदि आप लगातार खुद को हाइड्रेट रखते हैं, तो इससे किडनी अपना सामान्य काम आसानी से कर पाते हैं, जिससे ब्लड प्रेशर भी नॉर्मल ही रहता है। 
  • चीनी का सेवन सीमित करें: यदि आप अधिक मीठे के शौकीन है, तो हम आपको सलाह देंगे कि मीठे के सेवन को कम करें, जिससे आपका वजन नियंत्रण में रहे और उच्च रक्तचाप का जोखिम भी कम हो जाए। 

शारीरिक गतिविधियों का महत्व

किसी भी स्वास्थ्य समस्या की तरह ही उच्च रक्तचाप में भी शारीरिक गतिविधि बहुत महत्वपूर्ण है, लेकिन आपको इसमें कुछ बातों का विशेष ध्यान देना होगा जैसे कि - 

  • निरंतरता: प्रयास करें कि आप सप्ताह में कम से कम पांच दिन एरोबिक और स्ट्रेंथ ट्रेनिंग या इनके मिश्रण की एक्सरसाइज करें। 
  • दैनिक गतिविधि को बढ़ाएं: यदि आपकी नौकरी ऐसी है, जिसमें आपको अधिक समय तक बैठना पड़ता है, तो प्रयास करें कि काम के बीच में ब्रेक लें और ब्रेक में टहलने निकल जाएं। 
  • ध्यान रखें: आपको ध्यान रखना है कि आप ज्यादा परिश्रम भी न करें। यदि आप कोई काम लगातार करते हैं, तो भी आपके रक्तचाप के स्तर के बढ़ने की उम्मीद हो सकती है।

तनाव प्रबंधन

तनाव को मैनेज करने में निम्न गतिविधी आपकी बहुत मदद कर सकते हैं - 

  • माइंडफुलनेस वर्कआउट: तनाव को मैनेज करने के लिए कुछ प्रकार के व्यायाम आपकी मदद कर सकते हैं जैसे कि हैप्पीनेस ग्रुप या ग्रैटिट्यूड एक्सर्साइज। इनकी मदद से आप तनाव को काफी हद तक कम कर सकते हैं। 
  • समय का प्रबंधन: आपका समय भी तनाव को ट्रिगर कर सकता है। यदि आप अपने पूरे दिन और अपने सभी काम को सही से व्यवस्थित कर लेते हैं तो तनाव वैसे ही नहीं होगा। 

धूम्रपान और शराब छोड़ना

धूम्रपान और शराब दोनों ही आपके सेहत के लिए हानिकारक है। निम्न तरीकों से आप इन दोनों से ही छुटकारा आसानी से पा सकते हैं - 

  • निकोटीन रिप्लेसमेंट थेरेपी: धूम्रपान और शराब उच्च रक्तचाप के मुख्य लक्षण है, जिसे रोकना आवश्यक है। इसके लिए पैच, गम या दवाओं का उपयोग आप कर सकते हैं।
  • पेशेवर से मदद लें: बिहेवियर थेरेपी के बहुत बेनिफिट है। यदि आप इसे करते हैं, तो इससे आपको निश्चित रूप से बहुत लाभ मिलेगा। 

डॉक्टरी सहायता

इन सभी विकल्पों के अतिरिक्त या इनके साथ-साथ नीचे बताए गए प्रक्रिया डॉक्टर करते हैं - 

  • रक्तचाप की नियमित जांच: डॉक्टर स्वयं ही रक्तचाप की जांच नियमित तौर पर करने को कहते हैं और वह रीडिंग को ट्रैक भी करने को कहते हैं। 
  • व्यापक जांच: ऐसा हो सकता है कि उच्च रक्तचाप किसी दूसरी बीमारी के कारण हो रही हो, जिसके मूल्यांकन के लिए डॉक्टर अन्य जांच भी करते हैं। 

इन सभी विकल्पों के संयोजन से उच्च रक्तचाप की स्थिति को फिर से दुरुस्त करने में मदद मिलती है। 

निष्कर्ष

उच्च रक्तचाप एक ऐसी स्वास्थ्य स्थिति है, जिसका इलाज एवं प्रबंधन संभव है। इसके लिए आपको बस हृदय स्वस्थ आदतों को अपनाना है, जो अन्य जोखिम और जटिलताओं को उत्पन्न होने से रोकता है। रोकथाम और लगातार निगरानी उच्च रक्तचाप के उत्तम इलाज के लिए बहुत ज्यादा आवश्यक है। 

अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्न


क्या नींद की कमी या स्लीप एपनिया उच्च रक्तचाप का कारण बन सकता है?

हाँ, नींद पूरी न होना या स्लीप एपनिया सामान्य रक्तचाप में बदलाव कर सकता है। इसलिए कहा जाता है कि कम से कम 6-8 घंटे की नींद अवश्य लें। 

बिना दवाइयों के रक्तचाप कैसे कम करें?

स्वस्थ आहार, नियमित व्यायाम, तनाव प्रबंधन और नमक का सेवन कम करने जैसे जीवनशैली में बदलाव की सहायता से रक्तचाप स्वाभाविक रूप से कम हो सकता है। इसके साथ-साथ आप विशेषज्ञों की भी मदद ले सकते हैं।

क्या अधिक नमक का सेवन उच्च रक्तचाप का कारण बनता है?

हाँ, अधिक नमक के सेवन से शरीर में सोडियम का स्तर बढ़ता है, जिससे रक्तचाप भी बढ़ जाता है। अपने आहार में नमक कम करने से उच्च रक्तचाप को प्रबंधित करने में बहुत मदद मिलती है। 

क्या तनाव भी रक्तचाप बढ़ा सकता है?

हां, एक्यूट स्ट्रेस रक्तचाप के स्तर में अस्थायी उछाल का कारण बन सकता है और क्रोनिक स्ट्रेस उच्च रक्तचाप में योगदान दे सकता है। विश्राम तकनीकों के माध्यम से तनाव को प्रबंधित करना आवश्यक है।

हाइपरटेंशन क्यों होता है?

हाइपरटेंशन निम्न कारणों से होता है - 

  • धूम्रपान और शराब
  • अधिक वजन होना
  • शारीरिक गतिविधि का अभाव
  • अत्यधिक सोडियम सेवन
  • तनाव
  • फैमिली हिस्ट्री
  • क्रोनिक किडनी रोग
  • थायराइड विकार
  • स्लीप एप्निया

Written and Verified by:

Dr. Dhiman Kahali

Dr. Dhiman Kahali

Director Exp: 37 Yr

Interventional Cardiology

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