हाई ब्लड प्रेशर (हाइपरटेंशन) का कारण, लक्षण और उपचार
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हाई ब्लड प्रेशर (हाइपरटेंशन) का कारण, लक्षण और उपचार

Summary

हृदय शरीर की चारों ओर रक्त पंप करता है जो रक्त शरीर के महत्वपूर्ण अंगों को ऑक्सीजन पहुंचाता है। कभी-कभी, शरीर में किसी समस्या के कारण हृदय को रक्त पंप करने में कठिनाई होती है। उदाहरण के लिए, यह तब हो सकता है जब कोई धमनी बहुत संकरी हो जाए। लगातार उच्च रक्तचाप धमनियों की दीवारों पर दबाव डाल सकता है। इससे विभिन्न स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं, जिनमें से कुछ जीवन के लिए खतरा हो सकती हैं।

क्या आप जानते हैं कि भारत में हर 3 में से 1 व्यक्ति हाई ब्लड प्रेशर (उच्च रक्तचाप) से पीड़ित है? वर्तमान में यह एक गंभीर समस्या है, जिससे बहुत सारे लोग पीड़ित हैं। हाई बीपी के कारण बहुत सारी समस्याएं उत्पन्न होती हैं, जैसे हृदय रोग, स्ट्रोक, और किडनी की विफलता। चलिए हाई ब्लड प्रेशर के बारे में वह सभी सामान्य जानकारी प्राप्त करते हैं, जिसके बारे में हर व्यक्ति को होनी चाहिए। 

हाई ब्लड प्रेशर क्या है?

संकीर्ण रक्त वाहिकाएं, जिन्हें आर्टरीज भी कहा जाता है, रक्त प्रवाह के लिए अधिक प्रतिरोध पैदा करती हैं। आपकी नसें जितनी संकीर्ण होंगी, प्रतिरोध उतना ही अधिक होगा और आपका ब्लड प्रेशर उतना ही अधिक बढ़ेगा। लंबे समय से हाई ब्लड प्रेशर की समस्या हृदय रोग सहित अन्य स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं पैदा कर सकती है।

आपको बता दें कि उच्च रक्तचाप काफी आम है। आमतौर पर हाई ब्लड प्रेशर की समस्या कई वर्षों के दौरान विकसित होती है। हाई बीपी के कोई लक्षण नजर नहीं आते हैं, जिसके कारण इसे साइलेंट किलर के नाम से भी जाना जाता है। लेकिन लक्षणों के बिना भी, उच्च रक्तचाप आपके रक्त वाहिकाओं और अंगों, विशेष रूप से मस्तिष्क, हृदय, आंखों और गुर्दे को नुकसान पहुंचा सकता है।

हाई ब्लड प्रेशर के कारण

हाई ब्लड प्रेशर की समस्या तब उत्पन्न होती है, जब शरीर की नसों में रक्त का दबाव बढ़ जाता है। यह दबाव धमनियों की दीवारों पर पड़ता है और समय के साथ, यह नसों की दीवारों को नुकसान पहुंचाता है। हालांकि हाई बीपी के कुछ जोखिम कारक होते हैं जैसे -

इन सबके अलावा, जन्मजात स्थितियां, जैसे कि कुशिंग सिंड्रोम, एक्रोमेगाली, या फियोक्रोमोसाइटोमा होना भी एक जोखिम कारक है। कम वसा वाले आहार का सेवन, मध्यम वजन बनाए रखना, शराब का सेवन कम करना, तम्बाकू धूम्रपान बंद करना, उच्च रक्तचाप के जोखिम को कम करने में मदद करते हैं।

हाई ब्लड प्रेशर के लक्षण

उच्च रक्तचाप आमतौर पर एक मूक स्थिति है। बहुत से लोगों को हाई ब्लड प्रेशर में किसी भी लक्षण का अनुभव नहीं होता है। सामान्यतः इस स्थिति के लक्षण नहीं दिखते हैं, लेकिन जब तक इस स्थिति के लक्षण उत्पन्न होते हैं, तब तक बहुत देर हो जाती है। फिर भी, इन लक्षणों को अन्य समस्याओं के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है।

हालांकि, कुछ मामलों में रोगियों को हाई ब्लड प्रेशर के निम्नलिखित लक्षणों का अनुभव हुआ है - 

  • सिरदर्द
  • धुंधली दृष्टि
  • चक्कर आना
  • थकान
  • सांस लेने में तकलीफ

इसके अतिरिक्त घर परिवार में यदि यह समस्या किसी व्यक्ति को है, तो आप भी इस रोग के जोखिम के दायरे में हैं। यदि ऐसा है और आपको ऊपर लिखे हुए लक्षण महसूस होते हैं, तो हम आपको जल्द से जल्द एक अच्छे डॉक्टर से मिलने की सलाह देंगे।

हाई ब्लड प्रेशर से कौन-कौन सी समस्याएं होती हैं?

उच्च रक्तचाप आपके स्वास्थ्य को कई तरह से नुकसान पहुंचा सकते हैं। यह आपके हृदय, मस्तिष्क, किडनी और आंखों जैसे महत्वपूर्ण अंगों को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचा सकता है। अच्छी बात यह है कि, ज्यादातर मामलों में गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं के जोखिम को कम करने के लिए जीवन में कुछ बदलाव की आवश्यकता होती है।

उच्च रक्तचाप को रोकने के उपाय 

उच्च रक्तचाप वाले बहुत से लोग अपने रक्तचाप को नियंत्रित करने के लिए बहुत सारे उपाय करते हैं, जैसे जीवनशैली में बदलाव, चाय-कॉफी से दूरी इत्यादि। लेकिन इन सबसे पहले अपने डॉक्टर से अवश्य परामर्श करें। हालांकि निम्नलिखित निर्देश आपके लिए लाभकारी साबित हो सकते हैं - 

  • प्रत्येक सप्ताह कम से कम 150 मिनट शारीरिक गतिविधि करें 
  • धूम्रपान छोडें
  • नमक का सेवन कम करें
  • स्वस्थ वजन बनाए रखें
  • तनाव से दूरी बनाएं
  • रोजाना 7 से 9 घंटे की नींद लें

जीवन शैली में सकारात्मक बदलाव लाने के अलावा, उच्च रक्तचाप वाले कुछ लोगों को अपने रक्तचाप को प्रबंधित करने के लिए दवा लेने की आवश्यकता होती है। यदि आपको लगता है कि आपको उच्च रक्तचाप है या यदि आपको बताया गया है कि आपको उच्च रक्तचाप है, लेकिन यह नियंत्रण में नहीं है, तो एक विशेषज्ञ से बात करें।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

 

हाइपरटेंशन को कैसे दूर करें?

हाइपरटेंशन को दूर करने के अनेक उपाय है, जिसमें मुख्य रूप से सक्रिय जीवन शैली अपनाना और डाइट में बदलाव करना शामिल है। अतिरिक्त जानकारी के लिए डॉक्टर से परामर्श करें।

हाइपरटेंशन के लिए क्या नहीं खाना चाहिए?

हाइपरटेंशन को कंट्रोल करने के लिए आपको खानपान की कुछ चीजों से परहेज करना चाहिए, जिसमें नमक, चीनी, रेड मीट, फैट, प्रोसेस्ड और डिब्बा बंद खाद्य पदार्थ, अचार, कैफीन, शराब और धूम्रपान आदि शामिल है।

बीपी हाई में क्या खाना चाहिए?

हाई बीपी में निम्नलिखित खाद्य पदार्थों के खाने से लाभ मिलेगा - 

  • कम नमक वाली सब्जियां
  • फल और होल ग्रेन
  • कम वसा वाले प्रोटीन, जैसे मछली, चिकन और टोफू
  • कम वसा वाले डेयरी उत्पाद
  • नट्स और बीज

हाइपरटेंशन किसे कहते हैं?

हाइपरटेंशन, जिसे हिंदी में उच्च रक्तचाप भी कहा जाता है। यह एक ऐसी स्थिति है, जिसमें नसों में रक्त का दबाव सामान्य से अधिक हो जाता है।

बीपी हाई क्यों होता है?

बीपी हाई होने के कई कारण होते हैं जैसे - 

  • बीपी का पारिवारिक इतिहास
  • अधिक वजन या मोटापा
  • नशीली दवाओं का सेवन
  • कुछ स्वास्थ्य स्थितियां जैसे किडनी की बीमारी, मधुमेह और थायरॉयड की समस्याएं
  • नमक का अधिक सेवन
  • शराब और धूम्रपान 
  • तनाव

हाई बीपी कंट्रोल कैसे करें?

हाई बीपी को नियंत्रित करने के लिए निम्नलिखित बातों का खास ध्यान देना होगा - 

  • आहार में बदलाव करें और एक स्वस्थ आहार का पालन करें
  • सप्ताह में कम से कम 150 मिनट व्यायाम करें
  • वजन कम करें
  • धूम्रपान छोड़े
  • तनाव कम करें

यदि आपका हाई बीपी नियंत्रित नहीं है, तो डॉक्टर के द्वारा निर्धारित दवाएं लें। दवाएं हृदय रोग, स्ट्रोक और अन्य जटिलताओं के जोखिम को कम करने में मदद मिलती है।

हाई बीपी तुरंत कैसे ठीक करें?

यदि आपका बीपी बहुत अधिक हो गया है, तो आपको तुरंत चिकित्सा सहायता लेनी चाहिए। डॉक्टर आपको दवाएं दे सकते हैं या अन्य उपचार प्रदान कर सकते हैं, जो आपके हाई बीपी को कम करने में मदद कर सकते हैं।

Written and Verified by:

Dr. Alok Mathur

Dr. Alok Mathur

Director Exp: 26 Yr

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An MCH in Cardio-thoracic and Vascular Surgery from AIIMS (New Delhi), Dr. Mathur has rich experience spanning two decades in various reputed institutions including SMS Medical College and Santokba Durlabhji Memorial Hospital. His areas of special interest include Minimally invasive cardiac surgery, Paediatric cardiac surgery and Heart failure/Transplant surgery. Dr. Mathur has published widely in both national and international medical journals. He was awarded the prestigious Chikitsa Vibhushan by the Medical Practitioners Society.

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