हार्ट अटैक का मुख्य कारण कोरोनरी धमनी रोग है, जिसमें हमारे शरीर की रक्त वाहिकाओं में फैट जम जाता है। यह फैट कोलेस्ट्रॉल या फिर अन्य पदार्थों के संचय से बनता है। समय के साथ यह जमाव बढ़ जाता है, जिससे रक्त वाहिकाएं फट भी सकती है।
हार्ट अटैक कितनी बड़ी समस्या है, इस बात का अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि हर वर्ष लगभग 16 लोग इस समस्या के कारण अपनी जान गंवाते हैं। यदि आपको पहला हार्ट अटैक आ चुका है, तो इस बात की अधिक संभावना है कि दूसरा हार्ट अटैक भी जल्दी आ जाए।
यही कारण है कि हार्ट अटैक आने के बाद कुछ टिप्स को फॉलो करके आप एक स्वस्थ जीवन व्यतीत कर सकते हैं और हार्ट अटैक की संभावनाओं को भी दूर कर सकते हैं। चलिए समझते हैं कि हार्ट अटैक आने के बाद किन बातों का आपको खास ध्यान रखना होगा, जिससे भविष्य में आने वाले दिल के दौरे से आप आसानी से बच सकते हैं। इसके अतिरिक्त दिल के दौरे के लक्षणों की जानकारी अवश्य रखें और लक्षण दिखने पर तुरंत एक अच्छे, अनुभवी एवं सर्वश्रेष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ से परामर्श ज़रूर लें।
हार्ट अटैक का मुख्य कारण कोरोनरी धमनी रोग है, जिसमें हमारे शरीर की रक्त वाहिकाओं में फैट जम जाता है। यह फैट कोलेस्ट्रॉल या फिर अन्य पदार्थों के संचय से बनता है। समय के साथ यह जमाव बढ़ जाता है, जिससे रक्त वाहिकाएं फट भी सकती है।
इसके अतिरिक्त वैरिएंट एनजाइना या कोरोनरी धमनी में ऐंठन भी शरीर की धमनियों को प्रभावित कर सकती है, जिसके कारण वह धमनियां फट भी सकती है।
कई जीवन शैली कारक भी हैं, जो दिल के दौरे के जोखिम को बढ़ाते हैं, जिनमें धूम्रपान, सैचुरेटेड फैट, नमक और चीनी से भरपूर अस्वास्थ्यकर आहार, शारीरिक निष्क्रियता, उच्च रक्तचाप, उच्च कोलेस्ट्रॉल, मधुमेह और मोटापा शामिल है।
जैसे ही हार्ट अटैक आता है, लोगों के मन में कई प्रश्न उठने लगते हैं जैसे कि हार्ट अटैक आने पर तुरंत क्या करना चाहिए या हार्ट अटैक आने पर क्या करना चाहिए? चलिए इस प्रश्न के उत्तर को जानते हैं -
अंत में हम बस इतना कहेंगे कि जैसे हमारे न जाने कितने ही पेशेंट्स ने हार्ट अटैक के बाद भी अपने डेली रूटीन में एक्सरसाइज, योग, अच्छी नींद, स्ट्रेस से छुटकारा, और स्वस्थ भोजन को शामिल कर हृदय की समस्याओं के छुटकारा पाया है। आप भी ऐसा कर सकते हैं। इसके लिए अभी अपना अपॉइंटमेंट बुक कराएं और अपने हृदय को मजबूत बनाने की ओर पहला कदम उठाएं।
पहले और दूसरे हार्ट अटैक के लक्षण एक समान ही होते हैं। पहले हार्ट अटैक के बाद भी यदि आपको सीने में दर्द, सांस लेने में तकलीफ, हाथ, पीठ या जबड़े में तकलीफ, पसीना आना, चक्कर आना और मतली जैसे लक्षण दिखे, तो इसे चेतावनी के रूप में भी आप देख सकते हैं और तुरंत एक अनुभवी हृदय रोग विशेषज्ञ से मिलकर इलाज लें।
किसी भी चीज की अति आपके लिए सही नहीं है। यदि आप शराब का सेवन डॉक्टर की सलाह के बाद ही हल्की मात्रा में करते हैं, तो ही आपके लिए शराब पीना सुरक्षित माना जा सकता है, अन्यथा नहीं। अधिक शराब के सेवन से रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल के स्तर में वृद्धि होती है, जिससे हमारे हृदय पर भी दबाव पड़ता है।
हल्की गतिविधियां जैसे कि सीढ़ियां चढ़ना आप कर सकते हैं, लेकिन अटैक के बाद भारी सामान उठाना आपके लिए बिल्कुल भी सुरक्षित नहीं है।
इस प्रश्न का उत्तर आपके स्वास्थ्य और हृदय की स्थिति के आधार पर निर्भर करता है। अपने डॉक्टर से सलाह लें और फिर उसी के अनुसार ही आप गाड़ी चलाने के निर्णय की तरफ आगे बढ़ें।
दिल का दौरा पड़ने पर आपको ट्रांस फैट, नमक, और अतिरिक्त चीनी वाले खाद्य पदार्थों से दूरी बनाने की सलाह दी जाती है। प्रोसेस्ड फूड और मांसाहार भी आपके लिए सुरक्षित नहीं है।
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