उम्र के अनुसार कोलेस्ट्रॉल लेवल कितना होना चाहिए?
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उम्र के अनुसार कोलेस्ट्रॉल लेवल कितना होना चाहिए?

Table of Contents
  1. नार्मल कोलेस्टेरॉल का लेवल
  2. उम्र और लिंग के अनुसार नार्मल कोलेस्टेरॉल का लेवल 
    1. नार्मल टोटल कोलेस्टेरॉल का लेवल 
    2. नार्मल एलडीएल लेवल
    3. नार्मल एचडीएल लेवल 
  3. कोलेस्टेरॉल के लेवल को मापना
  4. कोलेस्टेरॉल के स्तर को कम करने के लिए जीवनशैली में बदलाव
  5. निष्कर्ष
  6. अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
    1. कौन से फैक्टर कोलेस्टेरॉल के लेवल को प्रभावित कर सकते हैं?
    2. मैं अपने कोलेस्टेरॉल के लेवल की जांच कैसे करवा सकता हूं?
    3. अगर मेरा कोलेस्टेरॉल 270 है तो क्या होगा?
    4. एलडीएल कोलेस्टेरॉल कितना होना चाहिए?
    5. उम्र के हिसाब से कोलेस्टेरॉल कितना होना चाहिए?
    6. कोलेस्टेरॉल कितने प्रकार के होते है?
    7. कोलेस्टेरॉल बढ़ने पर क्या न खाएं?
    8. vldl कोलेस्टेरॉल कितना होना चाहिए?

Summary

कोलेस्ट्रॉल एक वसा जैसा पदार्थ है, जो हमारे शरीर के लिए बहुत ज्यादा आवश्यक है। हालांकि, उच्च कोलेस्ट्रॉल हृदय रोग के जोखिम को बढ़ा सकता है। यह हार्ट अटैक, स्ट्रोक और अन्य गंभीर स्थितियों का कारण भी बन सकता है।

हृदय हमारे शरीर का सबसे महत्वपूर्ण अंग है। हृदय का कार्य रक्त को हमारे पूरे शरीर में पंप करना है, जो ऑक्सीजन और पोषक तत्वों को शरीर के सभी अंगों तक पहुंचाता है। कोलेस्टेरॉल एक वसा जैसा पदार्थ है, जो हमारे शरीर के लिए बहुत ज्यादा आवश्यक है। हालांकि, उच्च कोलेस्टेरॉल हृदय रोग के जोखिम को बढ़ा सकता है। 

यह हार्ट अटैक, स्ट्रोक और अन्य गंभीर स्थितियों का कारण भी बन सकता है। इस स्थिति से निपटने में हमारे हृदय रोग विशेषज्ञ आपकी मदद कर सकते हैं, इसलिए किसी भी प्रकार का संदेह होने पर तुरंत हमारे विशेषज्ञों से परामर्श लें। इसके अतिरिक्त आप इस ब्लॉग के द्वारा आप समझ सकते हैं कि उम्र के अनुसार कोलेस्टेरॉल लेवल कितना होना चाहिए। यह जानकारी आपको अपने कोलेस्टेरॉल के स्तर को नियंत्रित करने और हृदय रोग के जोखिम को कम करने में मदद कर सकती है।

नार्मल कोलेस्टेरॉल का लेवल

दिल के स्वास्थ्य का आकलन करने के लिए कोलेस्टेरॉल के लेवल का आकलन बहुत महत्वपूर्ण है। ब्लड टेस्ट के दौरान कोलेस्टेरॉल के लेवल को टोटल कोलेस्टेरॉल लेवल (Total Cholesterol level), खराब कोलेस्टेरॉल (एलडीएल), और अच्छे कोलेस्टेरॉल (एचडीएल) के लेवल के रूप में मापा जाता है। ब्लड में कोलेस्टेरॉल का ऑप्टिमम लेवल व्यक्ति की उम्र और लिंग के अनुसार अलग-अलग होता है। कोलेस्टेरॉल टेस्ट नार्मल रेंज इस प्रकार हैं - 

  • टोटल कोलेस्टेरॉल: 200 मिलीग्राम/डिली या उससे कम
  • एलडीएल कोलेस्टेरॉल (बैड कोलेस्टेरॉल): 100 मिलीग्राम/डिली या उससे कम
  • एचडीएल कोलेस्टेरॉल (गुड़ कोलेस्टेरॉल): 60 मिलीग्राम/डिली या उससे अधिक
  • नॉन एचडीएल कोलेस्टेरॉल: 130 mg/dL से कम

यदि इस रेंज में आपका कोलेस्टेरॉल का स्तर नहीं है, तो आपको तुरंत एक अच्छे हृदय रोग विशेषज्ञ से मिलना चाहिए। नियमित परामर्श और जांच कोलेस्टेरॉल के स्तर को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है।

उम्र और लिंग के अनुसार नार्मल कोलेस्टेरॉल का लेवल 

डॉक्टर जब कोलेस्टेरॉल के स्तर की जांच करते हैं, तो वह कई कारकों को देखते हैं, जैसे वह पुरुष है या महिला या फिर उनकी उम्र कितनी है। अधिकतर लोगों को यह पता नहीं होता है कि ldl कोलेस्टेरॉल कितना होना चाहिए, hdl कोलेस्टेरॉल कितना होना चाहिए या फिर vldl कोलेस्टेरॉल कितना होना चाहिए। 

अलग-अलग उम्र के पड़ाव पर कोलेस्टेरॉल का स्तर अलग-अलग ही होता है। यदि रक्त में कोलेस्टेरॉल की मात्रा नार्मल रेंज में नहीं है, तो हाई ब्लड प्रेशर और हार्ट से जुड़ी बीमारियों का खतरा बढ़ जाएगा। उम्र के अनुसार कोलेस्टेरॉल के लेवल से संबंधित जानकारी आपको नीचे दिए गए टेबल से मिल जाएगी - 

उम्र

लिंग

टोटल कोलेस्टेरॉल लेवल

एलडीएल लेवल

(खराब कोलेस्टेरॉल)

एचडीएल लेवल

(अच्छा कोलेस्टेरॉल)

19 साल या उससे कम

पुरुष

170 mg/dl से कम

100 mg/dl से कम

45 mg/dl से ज्यादा

19 साल या उससे कम

महिला

170 mg/dl से कम

100 mg/dl से कम

45 mg/dl से ज्यादा

20 या अधिक

पुरुष

125–200 mg/dl के बीच

100 mg/dl से कम

40 mg/dl या इससे ज्यादा

20 या अधिक

महिला

125–200 mg/dl के बीच

100 mg/dl से कम

50 mg/dl या उससे ज्यादा

नार्मल टोटल कोलेस्टेरॉल का लेवल 

कोलेस्टेरॉल के नार्मल रेंज (cholesterol normal range in hindi) की बात करें, तो रक्त में टोटल कोलेस्टेरॉल का लेवल जितना कम होगा, उतना ही अच्छा होगा। कोलेस्टेरॉल के टेस्ट में नार्मल टोटल कोलेस्टेरॉल रेंज को नीचे एक टेबल के द्वारा बताया गया है - 

कोलेस्टेरॉल लेवल (Cholesterol Level)

परिणाम

< 200 mg/dL

वांछित (Desirable) कोलेस्टेरॉल लेवल

200 – 239 mg/dL

थोड़ा बढ़ा हुआ कोलेस्टेरॉल लेवल

> 240 mg/dL

अधिक कोलेस्टेरॉल लेवल

नार्मल एलडीएल लेवल

एलडीएल कोलेस्टेरॉल, जिसे "खराब" या “बैड” कोलेस्टेरॉल भी कहा जाता है, आपके शरीर के अधिकांश कोलेस्टेरॉल का निर्माण करता है। रक्त में एलडीएल का लेवल जितना कम होगा, उतना आपकी सेहत के लिए अच्छा होगा। एलडीएल कोलेस्टेरॉल नार्मल लेवल को समझना मुश्किल कार्य नहीं है। चलिए इसे नीचे दिए गए टेबल से समझने का प्रयास करते हैं - 

खराब कोलेस्टेरॉल लेवल (Bad Cholesterol Level)

परिणाम

< 100 mg/dL

सामान्य एलडीएल कोलेस्टेरॉल लेवल

100 – 129 mg/dL

नियर ऑप्टीमल एलडीएल कोलेस्टेरॉल लेवल

130 – 159 mg/dL

बॉर्डरलाइन कोलेस्टेरॉल लेवल

160 – 189 mg/dL

हाई कोलेस्टेरॉल लेवल

> 190 mg/dL

वैरी हाई कोलेस्टेरॉल लेवल

यदि ब्लड टेस्ट में पुष्टि हो गई है कि एलडीएल कोलेस्टेरॉल नार्मल रेंज से हाई या वेरी हाई है, तो तुरंत इलाज लें। कुछ मामलों में तो > 190 mg/dL एलडीएल कोलेस्टेरॉल नार्मल लेवल से बहुत ज्यादा ऊपर माना जाता है, जिसे इमरजेंसी स्थिति के रूप में भी देखा जाता है।

नार्मल एचडीएल लेवल 

रक्त में एचडीएल का स्तर जितना ज्यादा होगा, व्यक्ति के लिए उतना अच्छा होगा। एचडीएल गुड कोलेस्टेरॉल होता है, जिससे मेटाबॉलिज्म में बहुत मदद मिलती है। नीचे एक टेबल है, जो बताता है कि hdl कोलेस्टेरॉल कितना होना चाहिए - 

पुरुषों के लिए अच्छा कोलेस्टेरॉल लेवल (Good Cholesterol Level for Men)

महिला के लिए अच्छा कोलेस्टेरॉल लेवल (Good Cholesterol Level for Women)

परिणाम

> 40 mg/dL

> 50 mg/dL

ऑप्टिमम रेंज 

> 60 mg/dL

> 60 mg/dL

उच्च एचडीएल लेवल्स 

< 40 mg/dL

< 50 mg/dL

निम्न एचडीएल लेवल्स

नॉन-एचडीएल कोलेस्टेरॉल एक और कारक है, जिससे रक्त में कोलेस्टेरॉल के स्तर को मापा जाता है। यहां पर एक और प्रश्न उठता है कि non hdl कोलेस्टेरॉल कितना होना चाहिए? नॉन-एचडीएल कोलेस्टेरॉल का ऑप्टिमम रेंज 130 मिलीग्राम प्रति डेसीलीटर (मिलीग्राम/डीएल) से कम है। अधिक संख्या का मतलब दिल की बीमारियों का अधिक जोखिम है।

कोलेस्टेरॉल के लेवल को मापना

कोलेस्टेरॉल नॉर्मल रेंज का पता लगाने के लिए लिपिड प्रोटीन पैनल नाम का एक ब्लड टेस्ट कराया जाता है। कोलेस्टेरॉल की जांच में निम्नलिखित पैरामीटर शामिल है -

  • टोटल कोलेस्टेरॉल: इस परीक्षण में रक्त में मौजूद टोटल कोलेस्टेरॉल के स्तर का पता चलता है। 
  • एलडीएल कोलेस्टेरॉल: एलडीएल कोलेस्टेरॉल का स्तर 100 mg/dl से कम होना चाहिए। यदि एलडीएल कोलेस्टेरॉल का लेवल इससे अधिक होता है, तो धमनियां ब्लॉक हो सकती है। 
  • एचडीएल कोलेस्टेरॉल: एचडीएल कोलेस्टेरॉल का हाई लेवल बताता है कि आप हृदय रोग से बहुत दूर हैं।
  • नॉन -एचडीएल: रक्त में मौजूद अच्छे कोलेस्टेरॉल की मात्रा को हटा कर जो कोलेस्टेरॉल होते हैं, उनके बारे में जानकारी नॉन -एचडीएल कोलेस्टेरॉल से मिलती है। 
  • ट्राइग्लिसराइड्स: कोलेस्टेरॉल के टेस्ट रिपोर्ट में ट्राइग्लिसराइड्स भी होता है। यह एक प्रकार का फैट है, जिसका बढ़ा हुआ स्तर दर्शाता है कि आप हृदय रोग के जोखिम के दायरे में आते हैं और आपको अपनी जीवनशैली में बदलाव करने की आवश्यकता है। 

इन सभी कारकों की पुष्टि के बाद ही डॉक्टर स्थिति का आकलन कर इलाज के विकल्पों पर बात करते हैं। इलाज के लिए आप हमारे विशेषज्ञ डॉक्टरों से मिल कर परामर्श भी ले सकते हैं।

कोलेस्टेरॉल के स्तर को कम करने के लिए जीवनशैली में बदलाव

कोलेस्टेरॉल की स्थिति को मैनेज करने के लिए आपको कुछ बातों का खास ख्याल रखने की सलाह दी जाती है जैसे कि - 

  • हृदय-स्वस्थ आहार अपनाएं: अपने आहार में ऐसे खाद्य पदार्थों को शामिल करें, जिससे हृदय का स्वास्थ्य बेहतर होता जाता है। अपने आहार में ओट्स, फल, सब्जियां और फलियां जैसे फाइबर से भरपूर खाद्य पदार्थों को शामिल करें। इसके अतिरिक्त सैल्मन जैसी मछली को शामिल करें क्योंकि इसमें ओमेगा-3 फैटी एसिड होता है। 
  • शारीरिक गतिविधि: प्रयास करें कि आप रोजाना कम से कम 30 मिनट तक व्यायाम करें। 30 मिनट तक वॉकिंग और साइकिल चलाना भी आपके लिए लाभकारी साबित हो सकता है। 
  • स्वस्थ वजन बनाए रखें: अतिरिक्त वजन कम करने से एलडीएल कोलेस्टेरॉल और ट्राइग्लिसराइड्स को बढ़ा सकता है। स्वस्थ वजन बनाए रखने से आपको बहुत लाभ मिल सकता है। वयस्कों और बच्चों दोनों को ही अपने वजन का खास ख्याल रखने की आवश्यकता होती है। 
  • धूम्रपान और शराब से बचें: धूम्रपान और शराब के कारण रक्त वाहिकाएं और हृदय स्वास्थ्य को अच्छा खासा नुकसान पहुंचता है। धूम्रपान और शराब से दूरी आपके हृदय स्वास्थ्य को बचा सकता है।
  • प्रारंभिक जांच: बच्चों में कोलेस्टेरॉल की निगरानी, विशेष रूप से जोखिम वाले कारकों वाले बच्चों में, समस्याओं को जल्दी हल करने में मदद मिल सकती है। डॉक्टर से सलाह लेने से स्थिति को नियंत्रित करने में बहुत मदद मिलती है।

यह सारे परिवर्तन न केवल वयस्कों के लिए फायदेमंद है, बल्कि बच्चों में कोलेस्टेरॉल के प्रबंधन के लिए भी उतने ही अधिक महत्वपूर्ण है, खासकर यदि उनके परिवार में उच्च कोलेस्टेरॉल या मोटापे की फैमिली मेडिकल हिस्ट्री है।

निष्कर्ष

यह वैज्ञानिकों के द्वारा प्रमाणित है कि कोलेस्टेरॉल का ऑप्टिमम लेवल उम्र और लिंग के अनुसार अलग-अलग होता है। बढ़ती उम्र के साथ कोलेस्टेरॉल का स्तर भी बढ़ता रहता है। कोलेस्टेरॉल का बढ़ता स्तर स्ट्रोक और हार्ट अटैक के रिस्क को बढ़ा सकता है। उम्र के अनुसार टोटल कोलेस्टेरॉल, एचडीएल और एलडीएल कोलेस्टेरॉल की ऑप्टिमम रेंज की जानकारी सबको होनी चाहिए, जिससे आप अपनी मेडिकल रिपोर्ट का आकलन कर पाएं और सही समय पर उत्तम इलाज प्राप्त कर पाएं। 

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

कौन से फैक्टर कोलेस्टेरॉल के लेवल को प्रभावित कर सकते हैं?

कोलेस्टेरॉल के लेवल को प्रभावित करने वाले कई कारक हैं, जैसे - 

  • आहार में सैचुरेटेड फैट, ट्रांस फैट और कोलेस्टेरॉल की मात्रा रक्त में कोलेस्टेरॉल के लेवल को प्रभावित कर सकती है। इसलिए अपने आहार का खास ध्यान रखें। 
  • व्यायाम की कमी, धूम्रपान और अधिक वजन या मोटापा कोलेस्टेरॉल के लेवल को प्रभावित कर सकता है। 
  • कोलेस्टेरॉल एक जेनेटिक रोग है। यदि आपके परिवार में से किसी को कोलेस्टेरॉल की समस्या है तो आप भी इस रोग के जोखिम के दायरे में है। 

मैं अपने कोलेस्टेरॉल के लेवल की जांच कैसे करवा सकता हूं?

कोलेस्टेरॉल के लेवल की जांच करने के लिए डॉक्टर एक ब्लड टेस्ट का सुझाव देते हैं। इस टेस्ट को लिपोप्रोटीन पैनल (lipid profile) कहा जाता है। इस टेस्ट से टोटल कोलेस्टेरॉल, एलडीएल (खराब) कोलेस्टेरॉल, एचडीएल (अच्छा) कोलेस्टेरॉल और ट्राइग्लिसराइड्स के स्तर का पता चलता है।

अगर मेरा कोलेस्टेरॉल 270 है तो क्या होगा?

यदि आपका कोलेस्टेरॉल 270 है या इससे ज्यादा है, तो यह बहुत अधिक है। हाई कोलेस्टेरॉल हृदय रोग, स्ट्रोक और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के जोखिम को बढ़ाता है। इसलिए, यदि आपका कोलेस्टेरॉल 270 है, तो आपको अपने डॉक्टर से बात करनी चाहिए और तुरंत इलाज की योजना पर कार्य करना चाहिए। 

एलडीएल कोलेस्टेरॉल कितना होना चाहिए?

एलडीएल कोलेस्टेरॉल अलग-अलग लोगों के अनुसार, अलग-अलग हो सकता है। 100 mg/dL से कम और 130 mg/dL से अधिक एलडीएल कोलेस्टेरॉल होना चाहिए। 

उम्र के हिसाब से कोलेस्टेरॉल कितना होना चाहिए?

उम्र के अनुसार, कोलेस्टेरॉल की नॉर्मल रेंज अलग-अलग होती हैं, जैसे - 

20-39 उम्र के लोगों में

  • टोटल: 200 mg/dL से कम
  • एलडीएल: 100 mg/dL से कम
  • एचडीएल: 40 mg/dL या अधिक

40-59 उम्र के लोगों में

  • कुल: 200 mg/dL से कम
  • एलडीएल: 130 mg/dL से कम
  • एचडीएल: 40 mg/dL या अधिक

60+ उम्र के लोगों में: 

  • टोटल: 200 mg/dL से कम, 
  • एलडीएल: 130 mg/dL से कम
  • एचडीएल: 40 mg/dL या अधिक

कोलेस्टेरॉल कितने प्रकार के होते है?

मुख्य रूप से कोलेस्टेरॉल तीन प्रकार के होते हैं - 

  • एलडीएल कोलेस्टेरॉल (खराब या बैड कोलेस्टेरॉल)
  • एचडीएल कोलेस्टेरॉल (अच्छा या गुड कोलेस्टेरॉल)
  • VLDL जो ट्राइग्लिसराइड्स को ले जाने में मदद करता है
  • ट्राइग्लिसराइड्स जो ऊर्जा का स्टोर हाउस होता है।

कोलेस्टेरॉल बढ़ने पर क्या न खाएं?

कोलेस्टेरॉल बढ़ने पर निम्न खाद्य पदार्थों से दूरी बनाएं - 

  • सैचुरेटेड फैट
  • ट्रांस फैट
  • रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट
  • अधिक चीनी वाले पेय

vldl कोलेस्टेरॉल कितना होना चाहिए?

यह स्तर भी अलग-अलग लोगों में अलग-अलग होती हैं। सामान्य तौर पर 30 mg/dL से कम vldl कोलेस्टेरॉल का स्तर बेहतर होता है।

Written and Verified by:

Dr. Sabyasachi Pal

Dr. Sabyasachi Pal

Senior Consultant Exp: 11 Yr

Cardiology

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