एनजाइना एक ऐसी स्थिति है, जिसे दोनों इमरजेंसी और नॉन इमरजेंसी स्थिति में गिना जाता है। एनजाइना की स्थिति में पेशेंट को सीने में दर्द या बेचैनी का सामना करना पड़ता है, जिसके पीछे का कारण रक्त प्रवाह में कमी है। एनजाइना को अक्सर हृदय रोग के लक्षण के रूप में देखा जाता है, लेकिन आपको यह समझना पड़ेगा कि यह स्थिति आपके लिए खतरनाक साबित हो सकती है, इसलिए इसे समझना बहुत आवश्यक है।
एनजाइना एक ऐसी स्थिति है, जिसे दोनों इमरजेंसी और नॉन इमरजेंसी स्थिति में गिना जाता है। एनजाइना की स्थिति में पेशेंट को सीने में दर्द या बेचैनी का सामना करना पड़ता है, जिसके पीछे का कारण रक्त प्रवाह में कमी है। एनजाइना को अक्सर हृदय रोग के लक्षण के रूप में देखा जाता है, लेकिन आपको यह समझना पड़ेगा कि यह स्थिति आपके लिए खतरनाक साबित हो सकती है, इसलिए इसे समझना बहुत आवश्यक है।
मुख्य रूप से एनजाइना दो प्रकार के होते हैं - स्थिर एनजाइना (स्टेबल एनजाइना) और अस्थिर एनजाइना (अनस्टेबल एनजाइना)। दोनों पर ही ध्यान देना बहुत ज़रूरी है। हृदय की स्थिति में थोड़ी भी लापरवाही आपके लिए खतरनाक है, इसलिए हृदय के संबंध में तुरंत एक अनुभवी हृदय रोग विशेषज्ञ से परामर्श लें।
स्थिर या स्टेबल एनजाइना एक प्रकार का सीने का दर्द है, जिसमें हृदय रोग के कारण हृदय की मांसपेशियों तक पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाता है। इस प्रकार की समस्या तब उत्पन्न होती है, जब बाहर बहुत ज्यादा ठंड हो या फिर आप उस ठंड में व्यायाम कर रहे हो, जिससे आपको सांस लेने में तकलीफ होे। स्टेबल एनजाइना की स्थिति में कुछ लक्षण उत्पन्न हो सकते हैं जैसे कि -
अस्थिर एनजाइना, अनस्टेबल एनजाइना या एक्यूट कोरोनरी सिंड्रोम, सीने में दर्द या बेचैनी का एक प्रकार है, जो अक्सर तब ट्रिगर होती है, जब कोई व्यक्ति आराम कर रहा होता है। यह एक मेडिकल इमरजेंसी स्थिति है, जिसमें लोगों को अस्थिर एनजाइना के लक्षण दिखने पर तुरंत चिकित्सा सहायता लेने की सलाह दी जाती है। अनस्टेबल एनजाइना की स्थिति में निम्न लक्षण उत्पन्न हो सकते हैं -
हम आपको यह बार-बार बता रहे हैं कि यह एक गंभीर स्थिति है, जिसके इलाज के लिए आपको तुरंत एक अनुभवी विशेषज्ञ से मिलना चाहिए और परामर्श करना चाहिए।
स्टेबल और अनस्टेबल एनजाइना के बीच के अंतर को आसानी से समझने के लिए हमने नीचे एक टेबल बनाया है।
स्टेबल एनजाइना |
अनस्टेबल एनजाइना |
|
ट्रिगर कारक |
यह स्थिति किसी व्यायाम या फिर कोई काम करने के कारण उत्पन्न हो सकती है। |
अधिकतर मामलों में यह आराम के दौरान ही उत्पन्न होती है। |
संभावना |
इस स्थिति के बारे में पहले से पता चल सकता है, क्योंकि इसका एक विशिष्ट पैटर्न भी होता है। |
इसका कोई पैटर्न नहीं है, कभी भी यह उत्पन्न हो सकता है। |
समय-सीमा |
यह थोड़े समय के लिए ही उत्पन्न होता है और आराम करने से ठीक हो सकता है। |
लंबे समय तक परेशान करती है और लक्षण दिखने पर तुरंत इलाज के लिए डॉक्टर से परामर्श लें। |
दवा |
नाइट्रोग्लिसरीन जैसे दवाओं से ठीक हो सकती है। |
नाइट्रोग्लिसरीन इस स्थिति में प्रभावशाली नहीं होती है। |
जोखिम |
हार्ट अटैक का जोखिम कम होता है। |
हार्ट अटैक का जोखिम अधिक होता है। |
स्थिर और अस्थिर एनजाइना का इलाज व्यक्ति के वर्तमान स्वास्थ्य स्थिति के आधार पर भिन्न होता है। हालांकि दोनों स्थिति के कुछ संभावित इलाज के विकल्प होते हैं, जिनका सुझाव एक अनुभवी और विशेषज्ञ डॉक्टर दे सकते हैं -
स्टेबल एनजाइना का इलाज
सभी हृदय रोगों की तरह ही एनजाइना में भी समय पर निदान और उपचार बहुत आवश्यक है। समय पर पहचान के लिए भी आपको स्टेबल एनजाइना और अस्थिर एनजाइना के बीच अंतर को समझना होगा।
हालांकि कुछ सकारात्मक बदलावों और इलाज के सही विकल्पों की मदद से आप अपने हृदय का ख्याल अच्छे से रख सकते हैं। अस्थिर एनजाइना के इलाज में बिल्कुल भी देरी न करें और तत्काल प्रभाव से डॉक्टर से परामर्श लें। हमारे पास अनुभव डॉक्टरों की टीम है, जो ऐसे गंभीर मामलों को ठीक करने में विशेष अनुभव रखती है।
नहीं, एनजाइना की स्थिति में रक्त प्रवाह कम होता है, वहीं दिल के दौरे में रक्त प्रवाह पूर्ण रूप से बाधित हो जाता है।
45 से अधिक उम्र के लोगों में एनजाइना के होने का खतरा अधिक होता है। विशेष रूप से मेनोपॉज के बाद महिलाएं इस रोग के जोखिम के दायरे में अधिक होती हैं।
नहीं, एनजाइना का दर्द सीने से हाथ, गर्दन, जबड़े या पीठ में दर्द के साथ अन्य लक्षण उत्पन्न होते हैं जैसे कि - मतली और थकान।
एनजाइना के सभी मामलों में सर्जरी की आवश्यकता नहीं होती है। एनजाइना ट्रीटमेंट के तौर पर सर्जरी की आवश्यकता तब होती है, जब स्थिति बहुत ज्यादा गंभीर हो जाती है। जब तक सर्जरी की आवश्यकता नहीं होती जब तक दवा और जीवनशैली में बदलाव से लक्षणों से राहत मिल रही है। अनस्टेबल एनजाइना की स्थिति में एंजियोप्लास्टी या बाईपास सर्जरी जैसी प्रक्रियाओं की आवश्यकता पड़ती है।
Written and Verified by:
Dr Dhiman Kahali is associated with BM Birla Heart Research Centre as the Director of Interventional cardiology. With a total experience of 37 years, he is known as an expert in performing Angioplasties, Mitral Balloon Dilations, Peripheral Vascular and Carotid Interventions. Dr Kahali is the Ex Chairman of National Intervention Council, CSI, Ex Convenor of STEMI Council, CSI and Vice President of CSI. Being a National Scholar, he has several publications in National and International Journals and delivers more than 125 lectures every year in various forums across the globe.
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