जब भी हम मेजर हार्ट अटैक की बात करते हैं, तो लोगों के मन में एक ही तस्वीर उभर कर आती है, जिसमें एक व्यक्ति अचानक अपना सीना पकड़ता है और जमीन पर गिर जाता है। फिल्मों में ऐसे दृश्य दिखना आम है, हालांकि वास्तविकता इससे बिल्कुल उलट है। दिल का दौरा या मेजर हार्ट अटैक कई प्रकार के होते हैं, लेकिन आज हम इस ब्लॉग में मेजर हार्ट अटैक के बारे में ही बात करने वाले हैं।
लेकिन एक बात आपको यहां समझनी होगी कि चाहे माइनर हार्ट अटैक हो या मेजर यह दोनों ही आपकी स्थिति के लिए जानलेवा साबित हो सकते हैं। इसलिए हार्ट अटैक के लक्षण दिखने पर तुरंत एक अच्छे कार्डियोलॉजिस्ट से संपर्क करें।
हार्ट अटैक के बहुत सारे प्रकार होते हैं, जिनमें से मुख्य दो ही प्रकार होते हैं - मेजर हार्ट अटैक और माइनर हार्ट अटैक। मेजर हार्ट अटैक में हृदय की मांसपेशियों का एक बड़ा हिस्सा प्रभावित होता है। आसान भाषा में आप यह कह सकते हैं कि बड़ी मात्रा में हृदय क्षति मेजर हार्ट अटैक का प्रमुख कारण बन सकती है।
मेजर हार्ट अटैक की स्थिति तब उत्पन्न होती है जब हृदय की पास की नसों में रुकावट आती है जिसके कारण हृदय तक रक्त की आपूर्ति होने में समस्या आती है। इसके कारण रक्त के प्रवाह में बाधा उत्पन्न होती है, जिसका प्रभाव स्वास्थ्य पर भी देखने को मिलता है।
मेजर हार्ट अटैक के कारण स्थायी हृदय क्षति, कार्डियक अरेस्ट या मृत्यु की भी संभावना बनी रहती है। इसके कारण अन्य हृदय संबंधित समस्याएं भी उत्पन्न हो सकती हैं जैसे - हार्ट फेलियर, हृदय की गति में उतार चढ़ाव, इत्यादि।
इस ब्लॉग में मुख्य रूप से हम मेजर हार्ट अटैक की बात करेंगे, लेकिन सभी को मेजर और माइनर दोनों हार्ट अटैक के प्रकार के लक्षणों के बारे में जानकारी होनी चाहिए। इससे उन्हें सही समय पर उचित चिकित्सा सहायता लेने में मदद मिल सकती है। चलिए सबसे पहले मेजर हार्ट अटैक के लक्षणों को जानते हैं -
यह सारे लक्षण मेजर हार्ट अटैक के हैं। यदि आपको मेजर हार्ट अटैक के लक्षण दिखते हैं, तो हम आपको सलाह देंगे कि तुरंत एक अच्छे कार्डियोलॉजिस्ट से परामर्श लें। हालांकि कुछ लक्षणों का संबंध माइनर हार्ट अटैक से होता है। चलिए पहले माइनर हार्ट अटैक के लक्षणों को जान लेते हैं -
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि माइनर हार्ट अटैक के लक्षण भी गंभीर हो सकते हैं। यदि आपको हार्ट अटैक का संदेह है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। हालांकि दोनों ही हार्ट अटैक के लक्षण एक जैसे होते हैं। इसलिए लक्षण दिखने पर स्वयं डॉक्टर न बनें और तुरंत चिकित्सा सहायता लें।
दिल के दौरे के कारण बहुत सारी स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न होती हैं। लेकिन कुछ जोखिम कारक है, जिसके कारण दिल के दौरे का खतरा बहुत ज्यादा बढ़ जाता है जैसे -
इसके अतिरिक्त कुछ स्वास्थ्य समस्याएं भी होती हैं, जो मेजर हार्ट अटैक के जोखिम कारक बन सकते हैं जैसे -
इन सभी जोखिम कारकों में से अधिकतर को नियंत्रित किया जा सकता है, लेकिन कुछ कारकों पर आप चाहकर भी नियंत्रण नहीं रख सकते हैं जैसे आपकी उम्र और हार्ट अटैक की फैमिली हिस्ट्री। इसके अतिरिक्त तीन और मुख्य जोखिम कारक हैं, जिनके बारे में एक व्यक्ति को ज़रूर पता होना चाहिए जैसे -
मेजर हार्ट अटैक के कारण हृदय मुख्य रूप से क्षतिग्रस्त हो जाता है। हार्ट अटैक के बाद रोगी को अपने दैनिक जीवन में बहुत सारे बदलाव करने की आवश्यकता होती है, जिससे वह सभी कारकों को मैनेज कर पाएंगे। यदि आपको दिल का दौरा पड़ा है, तो आप निम्नलिखित कदमों का पालन करके भविष्य में होने वाली समस्याओं से खुद को बचा सकते हैं जैसे -
हार्ट अटैक के संबंध में पैनिक करने की आवश्यकता नहीं है। जैसे ही लक्षण दिखे, तुरंत डॉक्टर से संपर्क करने की सलाह दी जाती है। चलिए सबसे पहले हार्ट अटैक के लक्षणों के बारे में बात करते हैं।
मेजर हार्ट अटैक के लक्षण और कारण के आधार पर इलाज के विकल्प पर विचार कर सकते हैं। जैसे ही आप मेजर हार्ट अटैक के संबंध में डॉक्टर के पास जाते हैं, तो वह सबसे पहले नाइट्रोग्लिसरीन और एस्पिरिन का डोज देते हैं। इन दवाओं की मदद से शरीर के रक्त प्रवाह को फिर से बहाल किया जाता है।
जैसे ही आप डॉक्टर के पास जाते हैं, वह निम्न चरणों में से एक या फिर सभी चरणों का चुनाव कर सकते हैं -
मेजर हार्ट अटैक के लक्षणों का अनुभव होते ही तुरंत एंबुलेंस को कॉल करें और दिल के डॉक्टर के पास जाएं और त्वरित इलाज लें।
निश्चित रूप से इस प्रश्न का उत्तर देना मुश्किल है, क्योंकि यह कई कारकों पर निर्भर करता है, जैसे -
आमतौर पर मेजर हार्ट अटैक के लक्षण कुछ मिनटों से लेकर घंटों तक बने रह सकते हैं। यदि आपको संदेह होता है कि आप हार्ट अटैक के शिकार हो रहे हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
मेजर हार्ट अटैक की स्थिति तब उत्पन्न होती है, जब दिल तक ऑक्सिजनेटेड रक्त पहुंचाने वाली नसों में ब्लॉकेज आ जाती है। इसके कारण हृदय की कार्यक्षमता में समस्या आ जाती है।
हृदय रोग पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए ही खतरनाक है। इसके साथ-साथ यह रोग एक व्यक्ति को किसी भी उम्र में प्रभावित कर सकता है। जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, हृदय रोग का खतरा भी बढ़ता जाता है।
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