खुशी के हर पल में मिठाई का होना हमारी परंपरा का एक अभिन्न भाग रहा है। दिवाली हो या होली, लोग मीठे से बिल्कुल भी परहेज नहीं करते हैं। लेकिन आज के भागदौड़ भरे जीवन में यह मीठा धीरे-धीरे कई बीमारियों का कारण बन रहा है, जिनमें से सबसे प्रमुख है मधुमेह या डायबिटीज। यह एक ऐसी बीमारी है, जो एक बार हो जाए तो जीवन भर साथ रहती है। कोई मित्र या रिश्ता जीवन भर साथ रहे या न रहे, यह रोग एक व्यक्ति को जीवन भर परेशान कर सकता है।
चलिए आसान भाषा में समझते हैं कि डायबिटीज क्या है और इसके कारण कौन सी समस्याएं उत्पन्न होती हैं। पहले समझते हैं कि हमारा पाचन तंत्र कैसे कार्य करता है। हम जो भी खाना खाते हैं, वह अंदर जाकर टूटता है और ग्लूकोज और शर्करा का निर्माण करता है। जैसे ही यह शर्करा रक्त में प्रवेश करता है, पैंक्रियास एक हार्मोन (इंसुलिन) छोड़ता है। इंसुलिन, ग्लूकोज को रक्त से शरीर की कोशिकाओं तक पहुंचाता है, जो ऊर्जा प्रदान करते हैं। यह एक अद्भुत प्रक्रिया है जो हर बार भोजन करने के बाद होता है।
लेकिन, जब पैंक्रियास पर्याप्त इंसुलिन का निर्माण नहीं कर पाता है या इंसुलिन ठीक से काम नहीं करता है तो ग्लूकोज रक्त में जमा होने लगता है। इस स्थिति को डायबिटीज कहा जाता है।
अनियंत्रित मधुमेह हृदय रोग, स्ट्रोक, नर्व डैमेज, गुर्दे की बीमारी और अंधापन जैसी गंभीर समस्याओं को जन्म दे सकता है। इसलिए, अपने मधुमेह को प्रबंधित करने और अपने रक्त शर्करा स्तर को नियंत्रण में रखने का सबसे अच्छा तरीका है कि आप अपने डॉक्टर के साथ परामर्श करें या हमारे एंडोक्राइनोलॉजिस्ट डॉक्टरों से बात करें।
डायबिटीज के दो मुख्य प्रकार होते हैं। चलिए दोनों को एक-एक करके समझते हैं -
डायबिटीज के सभी प्रकारों में टाइप 1 डायबिटीज एक साधारण प्रकार है। यह स्थिति तब उत्पन्न होती है जब पैंक्रियाज इंसुलिन का उत्पादन नहीं कर पाता है। डायबिटीज का यह प्रकार जेनेटिक है, जिसकी पहचान बचपन में ही हो जाती है और बचपन से ही इसका बचाव संभव होता है। सामान्यतः इस प्रकार के मधुमेह में कम उम्र के लोगों को इंसुलिन की जरूरत पड़ती है। फिलहाल इस स्थिति का कोई उपचार उपलब्ध नहीं है, लेकिन इसको सही समय पर पहचान कर इस स्थिति का इलाज संभव है।
टाइप 2 डायबिटीज को सबसे आम प्रकार का डायबिटीज माना जाता है। मुख्यतः यह डायबिटीज किशोरों को सबसे ज्यादा प्रभावित करता है। इस प्रकार के डायबिटीज में पैंक्रियाज पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन का निर्माण नहीं कर पाता है, जिसके कारण रक्त में ग्लूगोज की मात्रा बढ़ती जाती है। मुख्य रूप से इस रोग के कारण मोटापा और अधिक मीठा भोजन खाना है।
इसके अतिरिक्त अन्य दो और प्रकार के डायबिटीज होते हैं, जिनके बारे में नीचे बताया गया है -
मधुमेह के लक्षण मधुमेह के प्रकार के आधार पर भिन्न होते हैं, लेकिन कुछ सामान्य लक्षण होते हैं जैसे -
मधुमेह का इलाज कई कारकों पर आधारित होता है, जैसे मधुमेह के प्रकार और आयु, समग्र स्वास्थ्य और रक्त शर्करा के स्तर। डायबिटीज के कुछ सामान्य उपचार इस प्रकार है -
मधुमेह के प्रबंधन के लिए स्वस्थ और संतुलित आहार बहुत महत्वपूर्ण है। मधुमेह में स्वस्थ भोजन के लिए कुछ सामान्य दिशा-निर्देश दिए जाते हैं जैसे -
कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले फल, जैसे जामुन, चेरी, सेब और नाशपाती, आमतौर पर मधुमेह वाले लोगों के लिए अनुशंसित होते हैं। हालांकि, एक बात पर विचार अवश्य करें कि कितना आपको खाना चाहिए।
रक्त में मौजूद ग्लूकोज (Glucose) की मात्रा को शुगर कहते हैं। यह शरीर के लिए ऊर्जा का मुख्य स्रोत होता है, वहीं दूसरी तरफ मधुमेह एक ऐसी स्थिति है, जिसमें रक्त में शुगर की मात्रा लगातार अधिक रहती है।
मधुमेह वाले लोगों को शक्कर और प्रोसेस्ड फूड, ट्रांस फैट, उच्च सोडियम खाद्य पदार्थ और अत्यधिक शराब की खपत को सीमित करना चाहिए या उन्हें टालना चाहिए।
मधुमेह होने के अलग-अलग कारण होते हैं। टाइप 1 मधुमेह में, शरीर का इम्यून सिस्टम पैंक्रियाज को इंसुलिन के निर्माण से रोक देता है। वहीं टाइप 2 डायबिटीज में शरीर इंसुलिन के प्रभावों के प्रति प्रतिरोधी हो जाता है, और पर्याप्त इंसुलिन का उत्पादन नहीं कर पाता है। इसके अतिरिक्त आनुवांशिकी, मोटापा, एक गतिहीन जीवन शैली और कुछ चिकित्सीय स्थितियां या दवाएं इस रोग का मुख्य कारण है।
मधुमेह में शरीर रक्त शर्करा के स्तर को ठीक से नियंत्रित करने में असमर्थ होता है, या तो यह पर्याप्त इंसुलिन का उत्पादन नहीं करता है या यह इंसुलिन के लिए प्रतिरोधी हो जाता है। अनियंत्रित रहने पर यह कई समस्याओं को जन्म दे सकता है।
हां, आप सादी दही खा सकते हैं। दही में चीनी न डालें, क्योंकि इससे दुष्प्रभाव देखने को मिल सकता है।
डायबिटीज में दर्द शरीर के कई हिस्सों में हो सकता है, जिनमें से डायबिटीज में पैर दर्द होना एक आम समस्या है। इसके अतिरिक्त डायबिटीज के कारण हाथ में भी दर्द होता है। दर्द के साथ रोगी को शरीर के विभिन्न अंगों में झुनझुनी और जोड़ों में दर्द और ऐंठन का सामना करना पड़ता है।
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