क्या आप अपने ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल की जांच हर कुछ समय में करवाते हैं। यदि हां तो अच्छी बात है। ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि कोलेस्ट्रॉल में ट्राइग्लिसराइड नाम का एक कारक होता है जिसका उच्च स्तर हृदय रोग के खतरे को दर्शाता है, इसलिए इस कारक की निगरानी अवश्य करनी चाहिए।
क्या आप अपने ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल की जांच हर कुछ समय में करवाते हैं। यदि हां तो अच्छी बात है। ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि कोलेस्ट्रॉल में ट्राइग्लिसराइड नाम का एक कारक होता है जिसका उच्च स्तर हृदय रोग के खतरे को दर्शाता है, इसलिए इस कारक की निगरानी अवश्य करनी चाहिए।
जैसे कि हमने आपको बताया है कि रक्त में ट्राइग्लिसराइड्स का उच्च स्तर हृदय रोग की संभावनाओं को बढ़ाता है। लेकिन जीवनशैली में बदलाव और आदतों में बदलाव से ट्राइग्लिसराइड्स के बढ़ते स्तर को आसानी से नियंत्रित किया जा सकता है। इसे नियंत्रित करने के लिए आपको इसके स्तर के बारे में पता होना चाहिए। ट्राइग्लिसराइड के स्तर की जांच के लिए कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर ट्राइग्लिसराइड टेस्ट का सुझाव देते हैं।
डॉक्टरों का मानना है कि वयस्कों को हर पांच साल में कम से कम एक बार ट्राइग्लिसराइड टेस्ट कराना चाहिए। इस टेस्ट की सहायता से ट्राइग्लिसराइड के उच्च स्तर की जांच हो सकती है, जो डायबिटीज, हृदय रोग और स्ट्रोक जैसे खतरनाक रोगों से बचाने में आपकी मदद कर सकता है। इस टेस्ट का सुझाव डॉक्टर उन लोगों को देते हैं -
टेस्ट से पहले कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना महत्वपूर्ण है। इस टेस्ट से पहले कम से कम 8 से 12 घंटे की फास्टिंग की आवश्यकता होती है। इस दौरान आप पानी तो पी सकते हैं, लेकिन इसके सिवाय किसी दूसरे पदार्थ के सेवन की सलाह नहीं दी जाती है। यदि आप शराब या कैफीन का सेवन अधिक करते हैं, तो एक रात पहले इनके सेवन से बचें क्योंकि इससे ट्राइग्लिसराइड टेस्ट के परिणाम में बहुत ज्यादा उतार चढ़ाव आ सकता है। इसके साथ-साथ अपने डॉक्टर को वर्तमान में ली जा रही दवाओं के बारे में सारी जानकारी दें। यह सारी दवाएं भी परिणामों को प्रभावित कर सकती हैं।
वहीं कुछ दवाओं को टेस्ट से पहले अस्थायी रूप से रोकने की सलाह भी दी जाती है, लेकिन यह सिर्फ कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर के निर्देश पर ही करना चाहिए। बिना डॉक्टर के निर्देश के किसी भी दवा का सेवन आपके लिए हानिकारक साबित हो सकता है, इसलिए ऐसा करने से बचें।
टेस्ट के दौरान आपका ब्लड सैंपल लिया जाएगा। इस प्रक्रिया में थोड़ा ही समय लगता है और इसमें दर्द भी नहीं होता है। सैंपल कलेक्शन के दौरान आपके बांह पर एक बैंड लगाया जाता है, जिससे सैंपल कलेक्टिंग एजेंट या फ्लेबोटोमिस्ट को नस सही तरीके से दिखे। इसके बाद वह नस में सुई डालकर ब्लड सैंपल ले लेते हैं। सुई लगने से थोड़ी तकलीफ हो सकती है, लेकिन सैंपल ले लेने के बाद इंजेक्शन वाले क्षेत्र पर बैंडेज लगा दी जाती है।
इसके पश्चात कुछ दिनों के भीतर ही आपको टेस्ट के परिणाम मिल जाएंगे। डॉक्टर पहले रिपोर्ट्स का विश्लेषण करते हैं और ट्राइग्लिसराइड के स्तर की जानकारी देते हैं।
ट्राइग्लिसराइड का सामान्य स्तर 150 मिलीग्राम प्रति डेसीलीटर (mg/dL) से कम होता है। 151 से 199 mg/dL ट्राइग्लिसराइड का नार्मल रेंज होता है, जबकि 200 से 499 mg/dL को उच्च माना जाता है। 500 mg/dL या उससे अधिक का स्तर बहुत अधिक माना जाता है और यह स्तर स्वास्थ्य संबंधी गंभीर जोखिमों का संकेत देता है।
ट्राइग्लिसराइड के स्तर को कम करने के लिए हमेशा स्वस्थ जीवन शैली को अपनाने की सलाह दी जाती है। निम्नलिखित तरीकों से आप एक स्वस्थ जीवनशैली को अपना सकते हैं -
ट्राइग्लिसराइड्स 400 से अधिक हो तो सबसे पहले डॉक्टर से मिलें और उनकी बातों को ध्यान से सुनें। हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि इसके कारण -
ट्राइग्लिसराइड के स्तर को अलग-अलग करके नीचे विस्तार से बताया गया है -
ट्राइग्लिसराइड को कम करने के लिए हम आपको निम्नलिखित विकल्पों का साथ लेने की सलाह देंगे -
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