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ट्राइग्लिसराइड टेस्ट क्या है?

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ट्राइग्लिसराइड टेस्ट क्या है?

Cardiology | by Dr. Ashok B Malpani | Published on 10/04/2024


क्या आप अपने ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल की जांच हर कुछ समय में करवाते हैं। यदि हां तो अच्छी बात है। ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि कोलेस्ट्रॉल में ट्राइग्लिसराइड नाम का एक कारक होता है जिसका उच्च स्तर हृदय रोग के खतरे को दर्शाता है, इसलिए इस कारक की निगरानी अवश्य करनी चाहिए। 

जैसे कि हमने आपको बताया है कि रक्त में ट्राइग्लिसराइड्स का उच्च स्तर हृदय रोग की संभावनाओं को बढ़ाता है। लेकिन जीवनशैली में बदलाव और आदतों में बदलाव से ट्राइग्लिसराइड्स के बढ़ते स्तर को आसानी से नियंत्रित किया जा सकता है। इसे नियंत्रित करने के लिए आपको इसके स्तर के बारे में पता होना चाहिए। ट्राइग्लिसराइड के स्तर की जांच के लिए डॉक्टर ट्राइग्लिसराइड टेस्ट का सुझाव देते हैं। 

ट्राइग्लिसराइड टेस्ट क्यों किया जाता है?

डॉक्टरों का मानना है कि वयस्कों को हर पांच साल में कम से कम एक बार ट्राइग्लिसराइड टेस्ट कराना चाहिए। इस टेस्ट की सहायता से ट्राइग्लिसराइड के उच्च स्तर की जांच हो सकती है, जो डायबिटीज, हृदय रोग और स्ट्रोक जैसे खतरनाक रोगों से बचाने में आपकी मदद कर सकता है। इस टेस्ट का सुझाव डॉक्टर उन लोगों को देते हैं - 

  • जिनकी जीवन शैली स्वस्थ नहीं होती जैसे - अत्यधिक शराब का सेवन, निष्क्रिय जीवन शैली, धूम्रपान और अत्यधिक वसा युक्त भोजन का सेवन।
  • जिन्हें डायबिटीज है। 
  • जिनका वजन अधिक है।
  • जो अधिक मोटापा का सामना कर रहे हैं। 
  • जो जेनेटिक डिजीज का सामना कर रहे होते हैं जैसे - फेमिलियल कंबाइंड हाइपरलिपिडिमिया और फेमिलियल हाइपरट्राइग्लिसरीडेमिया।
  • जो थायराइड, किडनी रोग या लिवर के रोग जैसे विकार से पीड़ित होते हैं।
  • जिन्हें हाइपरटेंशन या उच्च रक्तचाप की समस्या होती है। 

ट्राइग्लिसराइड टेस्ट से पहले

टेस्ट से पहले कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना महत्वपूर्ण है। इस टेस्ट से पहले कम से कम 8 से 12 घंटे की फास्टिंग की आवश्यकता होती है। इस दौरान आप पानी तो पी सकते हैं, लेकिन इसके सिवाय किसी दूसरे पदार्थ के सेवन की सलाह नहीं दी जाती है। यदि आप शराब या कैफीन का सेवन अधिक करते हैं, तो एक रात पहले इनके सेवन से बचें क्योंकि इससे ट्राइग्लिसराइड टेस्ट के परिणाम में बहुत ज्यादा उतार चढ़ाव आ सकता है। इसके साथ-साथ अपने डॉक्टर को वर्तमान में ली जा रही दवाओं के बारे में सारी जानकारी दें। यह सारी दवाएं भी परिणामों को प्रभावित कर सकती हैं। 

वहीं कुछ दवाओं को टेस्ट से पहले अस्थायी रूप से रोकने की सलाह भी दी जाती है, लेकिन यह सिर्फ डॉक्टर के निर्देश पर ही करना चाहिए। बिना डॉक्टर के निर्देश के किसी भी दवा का सेवन आपके लिए हानिकारक साबित हो सकता है, इसलिए ऐसा करने से बचें। 

ट्राइग्लिसराइड टेस्ट के दौरान

टेस्ट के दौरान आपका ब्लड सैंपल लिया जाएगा। इस प्रक्रिया में थोड़ा ही समय लगता है और इसमें दर्द भी नहीं होता है। सैंपल कलेक्शन के दौरान आपके बांह पर एक बैंड लगाया जाता है, जिससे सैंपल कलेक्टिंग एजेंट या फ्लेबोटोमिस्ट को नस सही तरीके से दिखे। इसके बाद वह नस में सुई डालकर ब्लड सैंपल ले लेते हैं। सुई लगने से थोड़ी तकलीफ हो सकती है, लेकिन सैंपल ले लेने के बाद इंजेक्शन वाले क्षेत्र पर बैंडेज लगा दी जाती है। 

इसके पश्चात कुछ दिनों के भीतर ही आपको टेस्ट के परिणाम मिल जाएंगे। डॉक्टर पहले रिपोर्ट्स का विश्लेषण करते हैं और ट्राइग्लिसराइड के स्तर की जानकारी देते हैं। 

ट्राइग्लिसराइड टेस्ट के परिणाम और नॉर्मल रेंज

ट्राइग्लिसराइड का सामान्य स्तर 150 मिलीग्राम प्रति डेसीलीटर (mg/dL) से कम होता है। 151 से 199 mg/dL ट्राइग्लिसराइड का नार्मल रेंज होता है, जबकि 200 से 499 mg/dL को उच्च माना जाता है। 500 mg/dL या उससे अधिक का स्तर बहुत अधिक माना जाता है और यह स्तर स्वास्थ्य संबंधी गंभीर जोखिमों का संकेत देता है।

ट्राइग्लिसराइड के स्तर को कम करने के लिए हमेशा स्वस्थ जीवन शैली को अपनाने की सलाह दी जाती है। निम्नलिखित तरीकों से आप एक स्वस्थ जीवनशैली को अपना सकते हैं - 

  • स्वस्थ वजन बनाए रखें क्योंकि मोटापा ट्राइग्लिसराइड के स्तर को बढ़ा सकता है।
  • नियमित व्यायाम भी ट्राइग्लिसराइड को कम करने और एचडीएल (गुड कोलेस्ट्रॉल) को बढ़ाने में मदद करता है। 
  • अपने आहार में बदलाव करें और इसमें ट्रांस फैट और चीनी की मात्रा को कम करें।
  • अपने आहार में फल, सब्जियां, और होल ग्रेन्स जैसे स्वस्थ खाद्य पदार्थों का अधिक सेवन करें। 
  • धूम्रपान छोड़ना।

ट्राइग्लिसराइड से संबंधित अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्न


यदि आपका ट्राइग्लिसराइड्स 400 से अधिक हो तो क्या होता है?

ट्राइग्लिसराइड्स 400 से अधिक हो तो सबसे पहले डॉक्टर से मिलें और उनकी बातों को ध्यान से सुनें। हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि इसके कारण - 

  • हृदय रोग और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है।
  • पैंक्रियल में सूजन हो जाती है।
  • फैटी लीवर की समस्या हो सकती है।
  • रक्त वाहिकाओं को नुकसान हो सकता है।

ट्राइग्लिसराइड कितना होना चाहिए?

ट्राइग्लिसराइड के स्तर को अलग-अलग करके नीचे विस्तार से बताया गया है - 

  • सामान्य स्तर: 150 mg/dL से कम
  • नॉर्मल रेंज: 151-199 mg/dL
  • उच्च स्तर: 200-499 mg/dL
  • बहुत उच्च: 500 mg/dL या उससे अधिक

ट्राइग्लिसराइड को कम करने के लिए क्या करें?

ट्राइग्लिसराइड को कम करने के लिए हम आपको निम्नलिखित विकल्पों का साथ लेने की सलाह देंगे - 

  • स्वस्थ वजन बनाए रखें।
  • नियमित रूप से व्यायाम करें।
  • स्वस्थ आहार खाएं।
  • धूम्रपान छोड़ना।
  • शराब का सेवन सीमित करें।